15.1 – पारंपरिक तरीका
हमने फ्यूचर्स ट्रेडिंग के मॉड्यूल के अध्याय 10 में कैलेंडर स्प्रेड्स पर बात की थी। आमतौर पर कैलेंडर स्प्रेड्स कीमत के आधार पर बनाए जाते हैं। आइए देखते हैं यह कैसे किया जाता है –
- मौजूदा महीने या करंट मंथ के कॉन्ट्रैक्ट की फेयर वैल्यू क्या है उसको निकाल लीजिए
- मिड मंथ के कॉन्ट्रैक्ट में शेयर वैल्यू क्या है उसको निकालिए
- फिर दोनों कॉन्ट्रैक्ट के बीच के रिलेटिव अंतर को देखिए
दोनों कॉन्ट्रैक्ट के कीमत में जो अंतर दिखाई पड़े उसके आधार पर या तो आप करंट या मौजूदा मंथ का कॉन्ट्रैक्ट खरीदते और मिड मंथ का कॉन्ट्रैक्ट बेचते हैं या फिर मौजूदा या करंट मंथ का कॉन्ट्रैक्ट बेचते हैं और मिड मंथ का कॉन्ट्रैक्ट खरीदते हैं। कैलेंडर स्प्रेड के एक उदाहरण पर नजर डालते हैं
- 28 जून को एक्सपायर हो रहे TCS फ्यूचर्स को खरीदें @ 1846
- 28 जुलाई को एक्सपायर हो रहे TCS फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट को बेचें @ 1851
यहां आप एक ही स्टॉक के फ्यूचर को खरीदते और बेचते हैं। लेकिन यह कॉन्ट्रैक्ट अलग-अलग एक्सपायरी के होते हैं। जैसा कि आप ऊपर भी देख सकते हैं। इन दोनों कॉन्ट्रैक्ट के बीच का अंतर ही आपकी कमाई कराता है। कैलेंडर स्प्रेड पर आमतौर पर रिस्क बहुत ही कम होता है, इसीलिए इससे होने वाली कमाई भी कम होती है। अगर आप ऐसे ट्रेडर हैं जिसको ज्यादा रिस्क पसंद नहीं है तो उसके लिए यह एक अच्छी चीज है।
कैलेंडर स्प्रेड को बनाने का यह एक अच्छा तरीका है।
अगर आप को ये नहीं समझ में आ रहा है कि मैं यहां पर किस बात की चर्चा कर रहा हूं तो आपके लिए यह बेहतर होगा कि आप फ्यूचर्स ट्रेडिंग मॉड्यूल के अध्याय 10 को एक बार फिर से पढ़ लें। इससे आपको कैलेंडर स्प्रेड के बारे में जरूरी जानकारी मिल जाएगी। उसके बाद कैलेंडर स्प्रेड के अलग-अलग तरीकों को समझना और जानना आपके लिए आसान हो जाएगा।
15.2 – कैलेंडर स्प्रेड के पीछे का तर्क
आपने अगर पेयर ट्रेडिंग के अध्यायों को ठीक से पढ़ा है तो कैलेंडर स्प्रेड के पीछे का तर्क समझना आपके लिए आसान होगा। इस तरीके में आमतौर पर यह माना जाता है कि फ्यूचर्स बाजार में स्टॉक की मौजूदा कीमत में, बाजार में मौजूद हर जानकारी शामिल है। मतलब कि इस कीमत में स्टॉक से जुड़ी सारी खबरें, कॉरपोरेट एक्शन, डिस्काउंट, प्रीमियम, फेयर वैल्यू जैसी हर चीज शामिल है।
अगर यह अवधारणा सच है तो फिर हम इस कीमत का इस्तेमाल कैलेंडर स्प्रेड के मौके के ट्रिगर के तौर पर कर सकते हैं। इससे ये पूरा तरीका आसान हो जाता है। कैलेंडर स्प्रेड में रिस्क कम होता है इसलिए इसमें आप ज्यादा पैसे कमाने की उम्मीद ना करें। आप यहां पर एक साथ, एक ही एसेट को खरीद और बेच दोनों रहे हैं इसलिए आप डायरेक्शन से जुड़े रिस्क से मुक्त होते हैं। ऐसे में आप ज्यादा लेवरेज ले सकते हैं। यह भी ध्यान रखें कि पेयर ट्रेडिंग के विपरीत कैलेंडर स्प्रेड काफी कम समय के लिए किया जाता है। आमतौर पर कैलेंडर स्प्रेड उसी दिन बंद कर दिए जाते हैं। मैं आपको कैलेंडर स्प्रेड का उदाहरण दूं इसके पहले मैं एक बार फिर से बता दूं कि इसे कैसे किया जाता है।
सबसे पहले किसी एक स्टॉक के फ्यूचर्स कीमत के करंट मंथ और नेक्स्ट मंथ के कॉन्ट्रैक्ट की क्लोजिंग कीमतें डाउनलोड कर लीजिए।
अब इन दोनों कॉन्ट्रैक्ट की कीमत में दिख रहे हिस्टोरिकल अंतर को एक टाइम सीरीज के तौर पर तैयार कर लीजिए। फिर इस टाइम सीरीज का मीन और स्टैंडर्ड डेविएशन निकाल लीजिए। इससे आपको कीमत के अंतर का रेंज या दायरा पता चल जाएगा। इसके बाद ट्रेड करने का ट्रिगर तब होगा जब दोनों कॉन्ट्रैक्ट के बीच का अंतर मीन से +1 या मीन से -1 स्टैंडर्ड डेविएशन पर चला जाए। इस ट्रेड को बंद तब किया जाएगा जब यह अंतर वापस मीन पर लौट जाए।
उम्मीद है कि अब आपको यह बात समझ में आ गई होगी।
15.3 – कैलेंडर स्प्रेड का उदाहरण
कैलेंडर स्प्रेड को समझाने के लिए मैंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBIN) का उदाहरण लिया है। मैंने जेरोधा पाई से फ्यूचर्स का 200 दिनों का डेटा डाउनलोड किया है। मैंने इन सभी क्लोजिंग कीमतों को एक एक्सेल शीट पर ले लिया है, देखिए-
अब हमें दोनों कॉन्ट्रैक्ट की कीमतों के बीच का अंतर निकालना है। इसके लिए नियर मंथ के कॉन्ट्रैक्ट में से करंट मंथ के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत को घटाया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि नियर मंथ के कॉन्ट्रैक्ट की फ्यूचर कीमत हमेशा पिछले मंथ के कॉन्ट्रैक्ट से ऊपर होती है क्योंकि इस कीमत में कॉस्ट ऑफ कैरी (Cost of carry) भी शामिल होता है। फ्यूचर्स के हमारे मॉड्यूल के अध्याय 10 में यह बात ज्यादा विस्तार से बताई गई है।
दोनों के बीच का अंतर निकाल लिया गया है और उससे बना टाइम सीरीज डेटा अब ऐसा दिख रहा है-
अब मैं इस टाइम सीरीज का मीन और स्टैंडर्ड डेविएशन निकालूंगा। मीन से मुझे अनुमान मिल जाएगा कि आमतौर पर दोनों के बीच का कितना दैनिक अंतर मान्य है जबकि स्टैंडर्ड डेविएशन से मुझे दोनों की कीमत में अंतर आने वाले वेरिएशन का पता चलेगा। इस चित्र पर नजर डालिए
मीन और स्टैंडर्ड डेविएशन निकालने के लिए आप एक्सेल के ‘=Average()’ और ‘=stdev()’ फंक्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मीन का 1.227 पर होना मुझे बताता है कि इन दोनों कॉन्ट्रैक्ट के बीच का अंतर 1.227 या इसके आसपास होना चाहिए। इसका यह मतलब है कि अगर दोनों कॉन्ट्रैक्ट के बीच का अंतर 1.227 या इसके आसपास है तो वहां पर ट्रेड का कोई मौका नहीं बनता है।
अब हम स्टैंडर्ड डेविएशन और मीन की वैल्यू को साथ में रख कर देखेंगे कि इस स्प्रेड की रेंज क्या है-
- ऊपर की रेंज = 1.227 0.4935 = 1.7205
- नाचे की रेंज = 1.227 – 0.4935 = 0.7335
मैंने अभी ऊपर यह बताया था कि स्प्रेड 1.227 के आसपास रह सकता है लेकिन मैंने यह नहीं बताया था कि आसपास का मतलब कितना है, लेकिन ये बताना काफी महत्वपूर्ण है। रेंज निकाल कर हम यही पता करते हैं। यह हमें बताता है कि स्प्रेड हर दिन आम तौर पर कितना बदल सकता है। अगर स्प्रेड कभी भी इस रेंज के बाहर जाता है तो वह कैलेंडर स्प्रेड बनाने का एक मौका होता है।
अगर स्प्रेड ऊपर के रेंज यानी 1.7205 से ऊपर चला गया है तो इसका मतलब यह है कि या तो नियर मंथ के कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू बढ़ गई है या करंट मंथ के कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू घट गई है।
आर्बिट्राज के किसी भी मामले में हमेशा सस्ते एसेट को खरीदा जाता है और उसी एसेट को महंगे बाजार में बेचा जाता है। इसलिए एक ट्रेडर यहां पर करंट मंथ के कॉन्ट्रैक्ट को खरीदेगा और नियर मंथ के कॉन्ट्रैक्ट को बेचेगा।
इसी तरीके से, अगर स्प्रेड नीचे के रेंज यानी 0.7335 से नीचे चला गया तो इसका मतलब यह है कि करंट मंथ ज्यादा महंगा हो गया है और नियर मंथ सस्ता हो गया है। ऐसे में ट्रेडर करंट मंथ को बेचेगा और नियर मंथ के कॉन्ट्रैक्ट को खरीदेगा।
अब इसी तर्क के आधार पर हम SBI पर नजर डालते हैं और देखते हैं कि वहां पर पिछले 200 दिनों में कोई मौका मिल रहा है या नहीं।
15.4 – मौके को पहचानना
ऊपर के तर्कों के आधार पर हम यह मान सकते हैं कि
- हमें स्प्रेड को बेचना है जब स्प्रेड 1.7205 के ऊपर चला जाए, स्प्रेड को बेचने से यहां पर मतलब है कि हमें नियर मंथ के कॉन्ट्रैक्ट को बेचना है और करंट मंथ के कॉन्ट्रैक्ट को खरीदना है।
- हमें स्प्रेड को खरीदना है जब यह 0.7335 के नीचे चला जाए। इसका मतलब यह है कि हम नियर मंथ के कॉन्ट्रैक्ट को खरीदेंगे और करंट मंथ के कॉन्ट्रैक्ट को बेचेंगे।
अगर आपको यह समझने में दिक्कत हो रही है कि किस कॉन्ट्रैक्ट को खरीदना है और किस कॉन्ट्रैक्ट को बेचना है, तो इसको नियर मंथ के कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से देखिए। स्प्रेड को बेचने का मतलब यह होता है कि हमें नियर मंथ को बेचना है (यानी करंट बंद को खरीदना होगा)। स्प्रेड को खरीदने का मतलब होता है कि हमें नियर मंथ के कॉन्ट्रैक्ट को खरीदना है (इसलिए करंट बंद को बेचना होगा)।
इस एक्सेल शीट में अब मैं हिस्टोरिकल मौकों ( historical opportunities) की तलाश करूंगा। पहले मैं इस स्प्रेड को बेचने के मौके देखता हूं। इसके लिए मुझे सिर्फ एक फिल्टर लगाना होगा कि जो भी वैल्यू 1.7205 से नीचे है वो मुझे नहीं दिखे। फिल्टर लगाने के बाद एक्सेल शीट से नतीजा यह मिला
जैसा कि आप देख सकते हैं कि 6 बार ऐसे मौके आए हैं जब स्प्रेड 1.7205 के ऊपर चला गया है या यूं कहें कि स्प्रेड पहले स्टैंडर्ड डेविएशन से ऊपर चला गया है। इसमें से हर एक को बेचने के ट्रिगर के तौर पर देखा जा सकता है, इसका मतलब यह है कि स्प्रेड वापस मीन पर लौटेगा।
अब एक देखते हैं कि स्प्रेड में वास्तव में क्या हुआ
संकेत की तिथि | स्प्रेड बेचने की वैल्यू | ट्रेड बंद करने की तिथि | स्प्रेड खरीदने की वैल्यू | P&L |
---|---|---|---|---|
31-08-2017 | 2.45 | 1-09-2017 | 1.35 | 1.1 |
28-092017 | 2.6 | 29-09-2017 | 1.15 | 1.45 |
30-11-2017 | 2.35 | 01-12-2017 | 1.55 | 0.8 |
28-12-2012 | 3.8 | 29-12-2017 | 1.45 | 2.35 |
22-02-2018 | 2.5 | 23-03-2018 | 1.3 | 1.2 |
26-04-2018 | 1.85 | 27-04-2018 | 0.6 | 1.25 |
जैसा कि आप देख सकते हैं कि सिग्नल हमेशा महीने के अंत की तरफ मिलता है क्योंकि शायद एक्सपायरी की चीजें काम करने लगती हैं। आपको यह भी दिखेगा कि करीब-करीब हर ट्रेड में मुनाफा हुआ है भले ही छोटा हुआ हो और यह सब ट्रेड अगले दिन ही बंद हो गए।
अब स्प्रेड के खरीदने (buy) पर नजर डालते हैं। मैंने 0.7335 के नीचे की हर वैल्यू को हटा दिया है और उसके बाद यह नतीजे मिले
यहां पर हमें करीब 28 ट्रेड मिले हैं और उसमें से ज्यादातर ट्रेड सफल नहीं रहे हैं। लेकिन हां, नुकसान कम हुआ है–मुनाफे के जितना ही। आप यह कैलकुलेशन खुद कर सकते हैं जैसे हमने शॉर्ट ट्रेड के लिए किया था।
मुझे उम्मीद है कि इस उदाहरण से आपको यह समझ में आ गया होगा कि कैलेंडर स्प्रेड कैसे किया जाता है। मुझे यह लगता है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि कैलेंडर स्प्रेड करने का यह तरीका ज्यादा आसान और अच्छा है।
अब मैं कैलेंडर स्प्रेड से जुड़े अपने विचार यहां रख रहा हूं और यही इस अध्याय के लिए मुख्य बातें भी होंगी –
- कैलेंडर स्प्रेड में मुनाफा और नुकसान दोनों कम होने की उम्मीद रहती है।
- क्योंकि इसमें डायरेक्शन का रिस्क हटा दिया जाता है इसलिए आप लेवरेज बढ़ा सकते हैं।
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर ज्यादातर शॉर्ट ट्रेड फायदेमंद रहे थे लेकिन लॉन्ग ट्रेड नहीं- इसका मतलब यह है कि मैं SBI में शॉर्ट ट्रेड के मौके ही तलाशूंगा। इसका मतलब यह भी है कि आपको हर फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के P&L को बैक टेस्ट करना चाहिए और उसके हिसाब से देखना होगा कि आप किस कॉन्ट्रैक्ट पर लॉन्ग जाना चाहते हैं और किस कॉन्ट्रैक्ट पर आप शार्ट जाना चाहते हैं।
- P&L छोटा है इसलिए आपको ट्रेडिंग की कॉस्ट यानी कीमत कम रखनी होती है, इसलिए जेरोधा जैसे डिस्काउंट ब्रोकर के जरिए ही इस तरह के सौदों को करना सबसे अच्छा होगा।
- इस तरह के ट्रेड एक या 2 दिन में बंद कर दिए जाते हैं।
- आमतौर पर ऐसे ट्रेड एक्सपायरी के आसपास होते हैं क्योंकि इस पर एक्सपायरी से जुड़ी बातें असर डाल रही होती है।
अगर आप इक्विटी और कमोडिटी फ्यूचर्स से जुड़े हुए हर कॉन्ट्रैक्ट इस तरह से बैक टेस्ट कर लें तो आपको करीब-करीब हर दिन ट्रेड के एक या दो सिग्नल जरूर मिलेंगे।
इस बारे में आपके विचार और सवाल नीचे लिखिए।
एक्सेल शीट को यहाँ से डाउनलोड करें
How P&L calculated using just differentiate the two spreads, we neutralized the lot size but the price of both stocks are not same then P&L will be different.
We have explained it in the same module, please read it till the end 🙂
expiry wale din to current month ka contract expire ho jayega to phir usme position bna k next day kaise trade band kar di mere ko samaz mai nhi aeya, or current month or next month k closing price ka difference to us din end of the day pta chlega ki woh apne upper range k upper chla giya to phir us din position kaise bn gayi please thora detail mai bataeye ?
हमने इसको इसी अध्याय में समझाया है, कृपया इसको पूरा पढ़ें।
Me kuch din se nifty aur July future nifty ko track kr rha hu monday se le kr Wednesday tak nifty future nifty sopt se 15 point niche trade kr rha h aur ye ek opportunity milti h to hume buy kr lena chaiye.
Nifty spot aur nifty future expire wale din ek hi price pe band hote h ya nhi ?
SIR
AAPKE YE COURSE KO PADHA. AUR SMJHA BHI BUT MUJHE FUTURE KA DATA KHA SE DOWNLOAD KRE MUJHE YHI BTA DIJIYE.
आप एक्सचैंजेस की वेबसाइट पर जा कर उसको डाउनलोड कर सकते हैं।
maine es tarike ko follow kar k hdfc bank mai postion bnayi thi, 24/04/2024 ko hdfc bank k spot price ki closing hai 1511.70, hdfc april future( current month) closing price 1515.20 and hdfc may future(next month) closing price hai 1507.60 mera lose show kar raha hai 4427.50 rs. may month k future ka price april month k contract se below chl raha hai how it is possible kus samaz mai nhi aeya.
maine es tarike ko follow kar k Hfdc bank mai position bnayi thi,:- hdfc bank april fut sell 1 lot @1544.50, hdfc bank may fut buy 1 lot @1544.95, 24/04/2024 ko Hdfc bank k spot ka closing price hai 1511.70, Hdfc bank april fut closing price hai 1515.20, hdfc may fut closing price hai 1507.60 mera 4427.5 rs ka lose show kar raha hai, may ka fut price april k fut price se etna below kaise trade kar raha hai jb ki 25/04/2024 ko contract ki expiry hai how it is possible mari to kus samaz mai nhi aeya.