वॉल्यूम टेक्निकल एनालिसिस में बहुत जरूरी भूमिका निभाता है क्योंकि यह हमें रुझानों (ट्रेंड) और पैटर्न की पुष्टि करने में मदद करता है। बाजार के कारोबारी, बाजार के बारे में क्या सोच रहे हैं ये जानने के लिए वॉल्यूम पर नज़र रखना जरूरी होता है।  

वॉल्यूम संकेत देते हैं कि किसी एक समय अवधि में कितने शेयर खरीदे और बेचे गए हैं। कोई शेयर जितना अधिक सक्रिय होगा, उसका वॉल्यूम उतना ही अधिक होगा। उदाहरण के लिए, आप अमारा राजा बैटरी के 100 शेयर 485 पर खरीदने का फैसला करते हैं, और मैं 485 पर अमरा राजा बैटरी के 100 शेयर बेचने का फैसला करता हूं। यहाँ कीमत और वॉल्यूम का मैच है, जिसके परिणामस्वरूप एक व्यापार होता है। आपने और मैंने मिलकर 100 शेयरों का वाल्यूम बनाया है। कई लोग वॉल्यूम काउंट को 200 (100 खरीदे + 100 बेचे) मान लेते हैं, जो वॉल्यूम को देखने का सही तरीका नहीं है। निम्नलिखित काल्पनिक उदाहरण से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि किसी एक दिन में वॉल्यूम कैसे बढ़ता है:

क्रम सं समय खरीद संख्या बिक्री संख्या कीमत वॉल्यूम बढ़ता कुल वॉल्यूम
1 9:30 AM 400 400 62.2 400 400
2 10.30 AM 500 500 62.75 500 900
3 11:30 AM 350 350 63.1 350 1,250
4 12:30 PM 150 150 63.5 150 1,400
5 1:30 PM 625 625 63.75 625 2,025
6 2:30 PM 475 475 64.2 475 2,500
7 3:30 PM 800 800 64.5 800 3,300

सुबह 9:30 बजे 62.20 की कीमत पर 400 शेयरों की खरीद-बिक्री हुई। एक घंटे बाद, 500 शेयरों का कारोबार 62.75 पर हुआ। इसलिए सुबह 10:30 बजे यदि आप दिन के लिए कुल वॉल्यूम को देखते हैं, तो यह 900 (400 + 500) होगा। इसी तरह सुबह 11:30 बजे, 63.10 पर 350 शेयरों की खरीद-बिक्री हुई । अब 11:30 बजे तक वॉल्यूम 1,250 (400 + 500 + 350) हो जाएगा। इसी तरह आगे भी चलता रहेगा। यहाँ कुछ शेयरों के लिए वॉल्यूम को बताने वाला लाइव बाजार से एक स्क्रीन शॉट नीचे है। इस स्क्रीन शॉट को 5 अगस्त 2014 को अपराह्न/दोपहर 2:55 बजे लिया गया।

आप ध्यान दें कि, कमिंस इंडिया लिमिटेड (Cummins India Limited) का वॉल्यूम 12,72,737 शेयर है, इसी तरह नौकरी (इन्फो एज इंडिया लिमिटेड) का वॉल्यूम 85,427 शेयर है। वॉल्यूम जानकारी जो आप यहां देख रहे हैं वह कुल वॉल्यूम (cumulative) है। मतलब, 2:55 बजे, 634.90 (लो) और 689.85 (हाई) से लेकर विभिन्न मूल्य बिंदुओं पर कमिंस के कुल 12,72,737 शेयरों का कारोबार हुआ। बाजार बंद होने के 35 मिनट बचे होने के समय, वॉल्यूम में बढोत्तरी तर्कसंगत है (बेशक यह मानते हुए कि कारोबारी बाकी बचे हुए समय में भी स्टॉक में ट्रेड करना जारी रखेंगे)। वास्तव में यहां एक और स्क्रीन शॉट है जो उसी शाम 3:30 बजे उन्हीं स्टॉक के लिए लिया गया है।

जैसा कि आप देख सकते हैं, कमिंस इंडिया लिमिटेड का वॉल्यूम 12,72,737 से बढ़कर 13,49,736 हो गया है। इसलिए, कमिंस इंडिया के लिए दिन का वॉल्यूम 13,49,736 शेयर है। नौकरी (Naukri)  के लिए कुल वॉल्यूम  86,712 हुए, यानी नौकरी के शेयर का वॉल्यूम 85,427 से बढ़कर 86,712 हो गया है। आपके लिए यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यहां दिखाए गए वॉल्यूम दिन के कुल वॉल्यूम का जोड़ हैं यानी हर ट्रेड का वॉल्यूम जोड़ कर बनने वाली संख्या। 

12.1 – वॉल्यूम ट्रेंड तालिका (The Volume trend table) 

अपने आप में वॉल्यूम की जानकारी का कोई खास उपयोग नहीं है। उदाहरण के लिए, हम जानते हैं कि कमिंस इंडिया पर वॉल्यूम 13,49,736 शेयर है। तो अलग से सिर्फ यह जानकारी कितनी उपयोगी है? वास्तव में इसका कोई मतलब नहीं होगा। हालाँकि जब आप आज की वॉल्यूम की जानकारी को – पहले की कीमत और वॉल्यूम के ट्रेंड के साथ देखते हैं, तो फिर वॉल्यूम की जानकारी बहुत अधिक काम की हो जाती है। 

नीचे दी गई तालिका में आपको वॉल्यूम जानकारी का उपयोग करने का एक सारांश मिलेगा:

क्रम सं कीमत वॉल्यूम आगे की उम्मीद
1 बढ़त बढ़त बुलिश
2 बढ़त गिरावट सावधान-खरीदारी में दम नहीं
3 गिरावट बढ़त बेयरिश
4 गिरावट गिरावट सावधान-बिकवाली में दम नहीं

ऊपर दी गई तालिका में पहली पंक्ति कहती है, जब कीमत में बढ़त के साथ-साथ वॉल्यूम बढ़ता है, तो उम्मीद तेजी की (बुलिश) होती है।

इससे पहले कि हम ऊपर दी गई तालिका को समझें, इस बारे में सोचें – हम ‘वॉल्यूम में बढ़ोतरी’ के बारे में बात कर रहे हैं। इसका वास्तव में क्या मतलब है? इसक संदर्भ यहां क्या है? क्या यहाँ पिछले दिन के वॉल्यूम की बात हो रही है या पिछले सप्ताह के कुल वॉल्यूम की? वृद्धि कहाँ होनी चाहिए? 

कारोबारी आमतौर पर पिछले 10 दिनों के वॉल्यूम के औसत की तुलना आज के वॉल्यूम से करते हैं। आमतौर पर वाल्यूम को ऐसे परिभाषित किया जाता है : 

हाई वॉल्यूम = आज का वॉल्यूम > पिछले 10 दिनों का औसत वॉल्यूम

लो वॉल्यूम = आज का वॉल्यूम  < पिछले 10 दिनों का औसत वाल्यूम 

एवरेज वॉल्यूम = आज का वॉल्यूम = पिछले 10 दिनों का औसत वॉल्यूम

पिछले 10 दिन का औसत वॉल्यूम जानने के लिए, आपको केवल वॉल्यूम बार पर एक मूविंग एवरेज लाइन खींचनी होगी।  हम अगले अध्याय में मूविंग एवरेज पर चर्चा करेंगे।

ऊपर दिए गए चार्ट में, आप देख सकते हैं कि वॉल्यूम नीले रंग के बार के रूप (चार्ट के नीचे) में दिखाए गए हैं। वॉल्यूम बार पर खींची गई लाल रेखा 10 दिन के औसत को दर्शाती है। जैसा कि आप देख सकते हैं, 10 दिनों के औसत से अधिक और ऊपर वाले सभी वॉल्यूम बार को ज्यादा वॉल्यूम का दिन माना जा सकता है। इन दिनों पर कुछ संस्थागत गतिविधि (Institutional activity )या बड़ी भागीदारी हुई है। 

इस बात को ध्यान में रखते हुए,  अब आप कीमत वॉल्यूम तालिका देखें। 

12.2 – वॉल्यूम ट्रेंड चार्ट (तालिका) के पीछे की सोच 

जब संस्थागत निवेशक खरीद या बिक्री करते हैं, तो वे स्पष्ट रूप से छोटे सौदे नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए, भारत के LIC के बारे में सोचें, वे भारत में सबसे बड़े घरेलू संस्थागत निवेशकों में से एक हैं। अगर वे कमिंस इंडिया के शेयर खरीदेंगे, तो क्या आप सोचेंगे कि वे 500 शेयर खरीदेंगे? जाहिर है, वे शायद 500,000 शेयर या इससे भी अधिक खरीदेंगे। अब, अगर वे खुले बाजार से 500,000 शेयर खरीदने वाले थे, तो यह वॉल्यूम में दिखने लगेगा। इसके अलावा, क्योंकि वे शेयरों का एक बड़ा हिस्सा खरीद रहे हैं, शेयर की कीमत भी बढ़ जाती है। आमतौर पर संस्थागत धन को “स्मार्ट मनी” कहा जाता है। यह माना जाता है कि स्मार्ट मनी बाजार में छोटे कारोबारियों की तुलना में हमेशा समझदारी से निवेश करता है। इसलिए स्मार्ट मनी का अनुसरण करना एक बुद्धिमानी का काम है। 

यदि कीमत और वॉल्यूम दोनों में बढ़ोतरी हो रही है तो इसका केवल एक ही मतलब है – एक बड़ा खिलाड़ी स्टॉक में दिलचस्पी दिखा रहा है। ऐसे में स्टॉक को खरीदना चाहिए क्योंकि ये धारणा है कि स्मार्ट मनी हमेशा स्मार्ट निवेश करती है। 

या कह सकते हैं कि, जब भी आप खरीदने का फैसला करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि वॉल्यूम पर्याप्त हैं। इसका मतलब है कि आप स्मार्ट मनी के साथ खरीद रहे हैं।

यही बात ऊपर वॉल्यूम ट्रेंड तालिका की पहली पंक्ति भी बता रही थी- जब कीमत और वॉल्यूम दोनों बढ़ जाते है तो तेजी की उम्मीद बन जाती है। 

लेकिन दूसरी पंक्ति में संकेत के अनुसार जब मूल्य बढ़ता है और वॉल्यूम घट जाता है, तब आपको क्या लगता है? 

निम्नलिखित बातों के आधार पर इसके बारे में सोचें: 

  • क्यों बढ़ रही है कीमत? 

क्योंकि बाजार में खरीदारी हो रही है।

  • क्या कोई संस्थागत खरीदार कीमत बढ़ने के लिए जिम्मेदार हैं?

 कम संभावना है।

  • आप कैसे जानेंगे कि संस्थागत निवेशकों द्वारा कोई खास खरीद नहीं की जा रही है?

  आसान है, यदि वे खरीद रहे थे तो वॉल्यूम में वृद्धि होती, कमी नहीं।

  • तो घटते वॉल्यूम और साथ में कीमत बढ़ने का क्या अर्थ है?

 इसका मतलब है कि एक छोटी खुदरा भागीदारी के कारण कीमत बढ़ रही है, बड़ी संस्थागत खरीद से नहीं। इसलिए आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि यह एक बुल ट्रैप हो सकता है और आप फंस सकते हैं।

आगे बढ़ते हैं, ऊपर की तालिका की तीसरी पंक्ति कहती है, वॉल्यूम में वृद्धि के साथ कीमत में कमी – एक मंदी की उम्मीद जगाती है। आप ऐसा क्यों सोचते हैं? मूल्य में कमी से संकेत मिलता है कि बाजार कारोबारी स्टॉक बेच रहे हैं। वॉल्यूम में वृद्धि स्मार्ट मनी की उपस्थिति को इंगित करती है। एक साथ होने वाली दोनों घटनाओं (मूल्य में कमी + वॉल्यूम में वृद्धि) का मतलब यह होना चाहिए कि स्मार्ट मनी स्टॉक बेच रहा है। चूंकि स्मार्ट मनी हमेशा स्मार्ट विकल्प चुनती है, इसलिए स्टॉक में बिक्री के अवसर को तलाशना चाहिए। 

या दूसरे ढंग से कहें तो, जब भी आप बेचने का फैसला करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि वॉल्यूम अच्छे हैं। इसका मतलब है कि आप भी स्मार्ट मनी के साथ बेच रहे हैं। 

आगे बढ़ते हैं, आपको क्या लगता है कि चौथी पंक्ति में, जहां, वॉल्यूम और कीमत दोनों में कमी आती है, वहाँ क्या संकेत हैं? निम्नलिखित बातों पर ध्यान दीजिए: 

  • क्यों घट रही है कीमत? 

क्योंकि बाजार के सहभागी बेच रहे हैं। 

  • क्या कोई संस्थागत विक्रेता कीमत में कमी के साथ जुड़े हैं? 

कम संभावना है।

  • आपको कैसे पता चलेगा कि संस्थागत निवेशकों की तरफ से बिक्री के कोई आदेश नहीं हैं?

सरल है, यदि वे बेच रहे थे तो वॉल्यूम बढ़ता और घटता नहीं। 

  • तो आप कीमत और वॉल्यूम में गिरावट से क्या अनुमान लगाएंगे? 

इसका मतलब है कि छोटे कारोबारियों की बिकवाली के कारण कीमत कम हो रही है, और संस्थागयत निवेशक (स्मार्ट मनी के रूप में पढ़ें) नहीं बेच रहे है। इसलिए आपको सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि यह एक बेयर ट्रैप हो सकता है।

12.3 चेकलिस्ट को फिर से देखें

आइए हम चेकलिस्ट को फिर से देखें और वॉल्यूम के परिप्रेक्ष्य में इसको समझें। एक स्टॉक में इस काल्पनिक टेक्निकल स्थिति की कल्पना करें: 

  1. बुलिश एनगल्फिंग (Bullish engulfing) पैटर्न का बनना – पहले चर्चा किए गए कारणों की वजह से ये एक लांग ट्रेड का सुझाव देता है। 
  2. बुलिश एनगल्फिंग के लो के पास सपोर्ट – सपोर्ट एक स्टॉक में मांग को दिखाता है। इसलिए सपोर्ट के पास एक बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न बनने से पता चलता है कि वास्तव में स्टॉक की मजबूत मांग है और इसलिए करोबारी स्टॉक खरीदने पर गौर कर सकता है।
  1. एक जानापहचाना कैंडलस्टिक पैटर्न और स्टॉपलॉस के पास सपोर्ट, ये दोनों मिल कर कारोबारी को लांग जाने के लिए दोहरी पुष्टि देते हैं। 

अब लो के पास सपोर्ट के साथ, बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न के दूसरे दिन यानी P2 (नीली कैंडल) पर हाई वॉल्यूम की कल्पना करें। आप इससे क्या अनुमान लगा सकते हैं? अनुमान काफी हद तक स्पष्ट है – हाई वॉल्यूम के साथ-साथ कीमत बढ़ने से हमें पुष्टि होती है कि बड़े पार्टिसिपेंट शेयर खरीदने के लिए तैयार हो रहे हैं। 

तो तीन संकेत यानी कैंडलस्टिक्स, S&R, और वॉल्यूम एक साथ एक ही कार्रवाई यानी लांग करने का सुझाव देते हैं। एस तरह यहाँ एक बात की तीन तरह से पुष्टि हो रही है। 

जिस बात पर मैं यहाँ जोर देना चाहता हूं यह है कि वॉल्यूम बहुत शक्तिशाली हैं क्योंकि ये ट्रेडर को पुष्टि करने में मदद करता है। इस कारण यह एक महत्वपूर्ण चीज है और इसलिए इसे चेकलिस्ट में शामिल किया जाना चाहिए। 

इसको जोड़ कर अब नई चेकलिस्ट ऐसी दिखती है: 

  1. स्टॉक में एक जाना पहचाना कैंडलस्टिक पैटर्न बनना चाहिए।
  2. S&R को व्यापार की पुष्टि करनी चाहिए। स्टॉपलॉस भी S&R के आसपास होना चाहिए।
    1. एक लांग ट्रेड के लिए, पैटर्न का लो सपोर्ट के आसपास होना चाहिए। 
    2. एक शॉर्ट ट्रेड के लिए, पैटर्न का हाई रेजिस्टेंस के आसपास होना चाहिए।
  3. वॉल्यूम को ट्रेड की पुष्टि करनी चाहिए।
    1. खरीदने के दिन और बेचने के दिन वॉल्यूम एवरेज से अधिक होना चाहिए।
    2. लो वॉल्यूम उत्साहजनक नहीं है और इसलिए जहां वॉल्यूम कम हो वहाँ ट्रेड करने से बचें।

इस अध्याय से मुख्य बातें 

  1. किसी ट्रेंड की पुष्टि के लिए वॉल्यूम का उपयोग किया जाता है।
  2. 100 शेयर खरीदने और 100 शेयर बेचने से कुल वॉल्यूम 100 होता है, 200 नहीं।
  3. दिन के अंत का वॉल्यूम पूरे दिन के हर ट्रेड का कुल संयुक्त वॉल्यूम दिखाता है।
  4. हाई वॉल्यूम स्मार्ट मनी की उपस्थिति को बताता है।
  5. लो वॉल्यूम से खुदरा यानी रिटेल भागीदारी का संकेत मिलता है।
  6. जब आप किसी लांग या शॉर्ट ट्रेड की शुरुआत करते हैं तो हमेशा सुनिश्चित करें कि वॉल्यूम उसकी पुष्टि करे। 
  7. लो वॉल्यूम के दिनों में व्यापार करने से बचें।

 




59 comments

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  1. Digesh Patel says:

    शेयर बाजार से सम्बंधित जानकारी को हिंदी में साझा करने के लिए बहुत बहुत साधुवाद!!! यह प्रयास लाखों हिंदी भाषियों को शेयर बाजार की जानकारी देकर उन्हें आकर्षित करेगा। कुछ सुझाव—
    01. Zerodha Varasity के मोबाइल app में भी हिंदी भाषा की सुविधा दी जाए।
    02. Zerodha kite का user manual विशेषकर चार्ट तकनीक पर वृहत जानकारी हिंदी में दिया जाए।
    धन्यवाद

    • Kulsum Khan says:

      सुझाव देने के लिए धन्यवाद। हम इस पर नज़र डालेंगे अगर भविष्य में इसे उपलब्ध कराया गया तोह हम निश्चित रूप से आपको आघा करेंगे। 🙂

  2. dipak pundir says:

    sir, ye badta volume or ghatta volume, market depth ko dekh kr ya volume bar ko dekh kr faisla krna hai.

    • Kulsum Khan says:

      Hi Dipak, आप मार्किट डेप्थ और वॉल्यूम बार के माध्यम से वॉल्यूम की जांच कर सकते हैं।

  3. Prajyot says:

    Sir please give name of indicator which can drawn on Volume bar for moving average. Varsity is fantastic. I am learning mostly here. Thanks Zerodha.

    • Kulsum Khan says:

      Moving Average itself, instead of plotting it in the price charts you plot it in the volume bars. Happy learning 🙂

  4. Vikram says:

    sir,
    Volume pettern chart or every day volume or last ten day volumes kaha per dekhe ja sakte ha.
    Pls help me

    • Kulsum Khan says:

      आप वॉल्यूम और चार्ट्स kite एप्लीकेशन में kite चार्ट्स पर देख सकते हैं।

  5. Bhuwanesh Jain says:

    kaise dekh sakte hai…..kya process hai uske liye

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