6.1- स्पिनिंग टॉप (The Spinning Top)

स्पिनिंग टॉप एक बहुत ही रोचक कैंडलस्टिक है। यह मारूबोज़ू की तरह ट्रेडर को बाजार में घुसने और वहां से निकलने यानी एंट्री (Entry) और एग्जिट (Exit) के लिए सही सिग्नल तो नहीं देता है, लेकिन स्पिनिंग टॉप बाजार की मौजूदा हालत के बारे में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी देता है, इस जानकारी के आधार पर ट्रेडर के लिए बाजार में अपनी पोजीशन बनाना आसान हो जाता है।

स्पिनिंग टॉप का कैंडल नीचे दिखाया गया है इसको ध्यान से देखिए और बताइए कि आपको इसमें क्या खास दिख रहा है?

आप देखेंगे कि

  • इन कैंडल में रियल बॉडी (Real Body) काफी छोटी है। 
  • आपको यह भी दिखेगा कि अपर और लोअर शैडो (Upper and Lower Shadow) एक बराबर हैं।

आपको क्या लगता है दिन में बाजार में ऐसा क्या हुआ होगा कि स्पिनिंग टॉप कैंडल बना? दिखने में स्पिनिंग टॉप बहुत ही सीधासादा सा, छोटी रियल बॉडी वाला कैंडल दिखता है, लेकिन वास्तव में, दिन में हुई कई घटनाओं के संकेत इसमें छुपे होते हैं।

आइए इन घटनाओं पर नजर डालते हैं:

 

  1. छोटी रियल बॉडी (Small Real Body)-  यह बताता है कि ओपन कीमत और क्लोज कीमत एक दूसरे के काफी करीब हैं। उदाहरण के तौर पर ओपन कीमत ₹210 और क्लोज कीमत ₹213 हो सकती है या फिर ओपन कीमत ₹210 और क्लोज कीमत ₹207 हो सकती है। इन दोनों ही हालात में स्मॉल रियल बॉडी बनना एक आम बात है क्योंकि एक ₹200 की कीमत वाले शेयर के लिए ₹3 का बदलाव ज्यादा मायने नहीं रखता है। क्योंकि ओपन कीमत और बंद यानी क्लोज कीमत एक दूसरे के इतने करीब हैं इसलिए ऐसे में कैंडल के रंग का भी कोई बहुत मतलब नहीं रह जाता है। कैंडल नीले रंग का हो या लाल रंग का इससे कोई अंतर नहीं पड़ता, मतलब की बात ये होती है कि ओपन कीमत और क्लोज कीमत एक दूसरे के काफी करीब हैं।
  2. अपर शैडो (Upper Shadow)–  अपर शैडो रियल बॉडी को दिन के उच्चतम स्तर से जोड़ता है। अगर यह लाल कैंडल है तो हाई और ओपन एक दूसरे से जुड़ते हैं और अगर यह नीला कैंडल है तो हाई और क्लोज एक दूसरे से जुड़ते हैं। अगर आप लोअर शैडो को कुछ समय के लिए भूल जाएं, और सिर्फ छोटे रियल बॉडी और अपर शैडो पर ही ध्यान दें तो आपको क्या समझ में आता है, बाजार में क्या हुआ होगा? अपर शैडो का वहां होना यह बताता है कि बाजार में बुल्स यानी तेजी करने वालों ने बाजार को ऊपर ले जाने की कोशिश की लेकिन वह अपनी इस कोशिश में सफल नहीं हुए। अगर वो अपनी इस कोशिश में सफल हुए होते तो रियल कैंडल नीले रंग का एक लंबा कैंडल होता एक छोटा कैंडल नहीं। इसका मतलब है कि बुल्स ने कोशिश की लेकिन वह अपनी कोशिश में सफल नहीं हुए।
  3. लोअर शैडो (Lower Shadow) –  लोअर शैडो रियल बॉडी को दिन के लो प्वाइंट यानी सबसे निचली कीमत से जोड़ता है। अगर यह लाल कैंडल है तो लो और क्लोज एक साथ जुड़ते हैं और अगर यह नीला कैंडल है तो लो और ओपन आपस में जुड़ते हैं। अगर आप रियल बॉडी और लोअर शैडो को एक साथ देखें और अपर शैडो की ओर ध्यान ना दें, तो आपको क्या दिखता है, क्या हुआ होगा? एक दम वैसा ही जैसा बुल्स के साथ भी हुआ था, लोअर शैडो का वहां होना ये बताता है कि बेयर्स यानी मंदी वालों ने बाजार का कंट्रोल लेने की और बाजार को नीचे खींचने की कोशिश की लेकिन वह अपनी इस कोशिश में सफल नहीं हुए।  अगर बेयर्स अपनी कोशिश में सफल होते तो रियल बॉडी लंबी होती और लाल रंग की होती और एक छोटी कैंडल नहीं होती इसलिए इसको मंदी वालों की एक कोशिश भर ही माना जाएगा।

अब स्पिनिंग टॉप के सारे हिस्सों -रियल बॉडी,  अपर शैडो और लोअर शैडो- तीनों को एक साथ जोड़ कर उनके बारे में अनुमान लगाइए । बुल्स ने एक कोशिश की बाजार को ऊपर ले जाने की जो सफल नहीं हुई, बेयर्स ने कोशिश की बाजार को नीचे ले जाने की, जो कि सफल नहीं हुई। तेजी के खिलाड़ी और मंदी के खिलाड़ी यानी बुल्स और बेयर्स दोनों ने बाजार को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की, लेकिन उनकी ये कोशिश सफल नहीं हुई। छोटी रियल बॉडी यही दिखाती है। इसीलिए स्पिनिंग टॉप का मतलब है कि बाजार में अभी अनिश्चितता है और बाजार में कोई एक दिशा तय नहीं हो पा रही है।

अगर आप सिर्फ और सिर्फ स्पिनिंग टॉप को देखेंगे तो ये आपको बहुत कुछ नहीं बताता, सिर्फ इतना बताता है कि बुल्स और बीयर्स दोनों बाजार को अपने कब्जे में नहीं कर पाए। लेकिन जब आप स्पिनिंग टॉप को एक चार्ट पर देखेंगे तो यह आपको बहुत मजबूत तरीके से बताएगा कि बाजार में क्या हो रहा है और उसके आधार पर आप बाजार में अपनी पोजीशन बना पाएंगे

 

6.2  मंदी में स्पिनिंग टॉप का मतलब 

जब शेयर में मंदी चल रही हो तब अगर स्पिनिंग टॉप कैंडल बने तो क्या होगा? जब मंदी चल रही होती है तो बाजार में बेयर्स का कब्जा होता है। स्पिनिंग टॉप बनने के समय हो सकता है कि बेयर्स बिकवाली के नए दौर की तैयारी कर रहे हों। जबकि बुल्स कोशिश कर रहे होते हैं कि बाजार में गिरावट को थाम सके इसके लिए वह अपनी पोजीशन बना रहे होते हैं, लेकिन उनकी कोशिश सफल नहीं हो रही होती है। अगर बुल्स की कोशिश सफल होती तो यह एक नीले कैंडल वाला दिन होता ना कि एक स्पिनिंग टॉप वाला। ऐसे में स्पिनिंग टॉप को देखते हुए आप क्या फैसला करेंगे? फैसला करते हुए आपको देखना होगा कि आगे क्या होने वाला है। आगे दो चीजें हो सकती हैं: 

  1.  या तो बाजार में और बिकवाली आएगी
  2. या फिर बाजार संभलेगा और ऊपर की तरफ जाने लगेगा 

जब तस्वीर साफ ना हो तो ट्रेडर को दोनों तरफ की पोजीशन की तैयारी बनाकर रखना चाहिए यानी नीचे जाने और ऊपर जाने दोनों की तैयारी।

अगर ट्रेडर बाजार में तेजी करने का मौका ढूंढ रहा हो तो शायद उसके लिए ये सही अवसर हो सकता है, लेकिन उसे थोड़ा सावधान रहने की जरूरत होगी। इसलिए ऐसी स्थिति में उसे अपनी कुल पूंजी का आधा ही इस समय लगाना चाहिए। मतलब अगर उसका इरादा 500 शेयर खरीदने का था तो उसे इस समय सिर्फ 250 शेयर ही खरीदने चाहिए, और इंतज़ार करना चाहिए। यह देखना चाहिए कि बाजार का रुख क्या होता है और बाजार किधर जाता है? अगर बाजार ऊपर की तरफ जाता है तो वह बाकी बचे हुए 250 शेयर भी खरीद सकता है और कीमत में एवरेजिंग (Averaging) कर सकता है। अगर बाजार वास्तव में ऊपर की तरफ जाने लगता है तो ट्रेडर को शेयर सबसे नीची कीमत पर मिल चुके होंगे। 

लेकिन मान लीजिए उल्टा होता है और शेयर की कीमतें और गिरने लगती है तो भी ट्रेडर को आधा ही नुकसान होगा क्योंकि उसने आधे शेयर खरीदे हैं, पूरे नहीं।

यहां नीचे एक चार्ट में दिखाया गया है कि जब मंदी के समय स्पिनिंग टॉप बनता है तो क्या होता है इस उदाहरण में शेयर ने स्पिनिंग टॉप के बाद तेजी पकड़ ली थी।

अब एक और चार्ट देखते हैं, इस चार्ट में स्पिनिंग टॉप के बाद मंदी का दौर बना रहता है।

यह कहा जा सकता है की स्पिनिंग टॉप तूफान के पहले की शांति है। यह तूफान तेजी या मंदी किसी को भी बढा सकता है। ये तूफान ट्रेंड में बदलाव भी ला सकता है। बाजार किधर जाएगा यह तो नहीं पता चलता लेकिन यह जरूर पता चलता है कि बाजार को दिशा मिलने वाली है और आप को उसके लिए तैयार रहना है।

6.3 – तेजी में स्पिनिंग टॉप का मतलब

तेजी के समय के स्पिनिंग टॉप का असर भी वैसा ही होता है जैसा मंदी के समय का। बस हम इसे थोड़ा अलग तरीके से देखते हैं। आप नीचे के चार्ट को देखिए और बताइए कि आप को क्या लग रहा है।

यहाँ बहुत साफ साफ दिख रहा है कि बाजार तेजी में है, इसका मतलब है कि बाजार पूरी तरीके से बुल्स के कब्ज़े में हैं। लेकिन स्पिनिंग टॉप बनने के बाद से थोड़ी असमंजस की स्थिति आ चुकी है।

  1. बुल्स की बाजार पर पकड़ कमजोर हो गयी है, ऐसा नहीं होता तो स्पिनिंग टॉप नहीं बनता। 
  2. स्पिनिंग टॉप बनने का मतलब है कि बाजार में मंदी वाले खिलाड़ी यानी बेयर्स का प्रवेश हो चुका है। हालांकि अभी वो सफल नहीं हुए हैं लेकिन बुल्स ने उन्हें घुसने की जगह तो दे ही दी है।

अब आप क्या करेंगे? इस स्थिति का मतलब क्या है? आपको क्या लगता है आपको कैसी पोजीशन लेनी चाहिए?

  1. स्पिनिंग टॉप बता रहा है कि बाजार में असमंजस की स्थिति है और ना तो बुल्स और ना ही बेयर्स, दोनों में कोई भी बाजार पर पूरी तरीके से अपनी पकड़ नहीं बना पा रहा है।
  2. तेजी के समय के इस माहौल को देखते हुए हमें दो चीजें पता चलती हैं 
  • बुल्स अपनी पोजीशन को पकड़ कर बैठे हैं और एक नई तेजी की शुरुआत की तैयारी कर रहे हैं।
  • बुल्स थक गए हैं और अब वो बेयर्स को बाजार में घुसने का मौका दे सकते हैं इसका मतलब है कि बाजार में एक करेक्शन आने वाला है।
  •  बाजार में इन दोनों की संभावना 50-50% यानी आधी-आधी है।

अब आप क्या करेंगे दोनों तरफ की संभावनाएं बराबर हैं ऐसे में आपका अगला कदम क्या होगा? वास्तव में, आपको दोनों तरफ की तैयारी रखनी चाहिए।

मान लीजिए आपने शेयर बाजार की रैली शुरू होने के पहले शेयर खरीदा था, ये आपके लिए मौका है कि आप कुछ प्रॉफिट बुक कर ले। लेकिन ऐसे में आपको अपना पूरा प्रॉफिट बुक नहीं करना चाहिए मान लीजिए आपके पास 500 शेयर हैं आप इसमें से 50% यानी 250 शेयर बेच सकते हैं। आपके ऐसा करने के बाद दो चीजें हो सकती हैं:

  1. मंदी वाले (बेयर्स) बाजार में आ जाएं–  बाजार में मंदी आ जाए और बेयर्स बाजार में घुस जाएं अगर ऐसा हुआ तो बाजार नीचे की तरफ जाने लगेगा। आपने तो 50% शेयर बेच कर फायदा उठा लिया है अब आप बाकी बचे हुए 50% से भी जो फायदा मिल रहा है उसे निकाल सकते हैं। आपका जो फायदा अब होगा वो भी बाजार के करंट मार्केट प्राइस यानी सीएमपी(CMP) से ऊपर का होगा।
  2.  तेजी वाले (बुल्स) बाजार में आ जाएंअगर बाजार में वापस तेजी आ जाए यानी अगर वास्तव में बुल्स सुस्ता रहे थे और नई रैली की तैयारी कर रहे थे, तो भी आप पूरी तरीके से बाजार से नहीं निकले हैं तो अभी भी आपके पास 50% शेयर हैं और आप आने वाले समय में और फायदा कमा सकते हैं। 

इस तरह का फैसला आपको दोनों तरफ के फायदे दिला सकता है।

नीचे के चार्ट में तेजी के बाद एक स्पिनिंग टॉप बना है और उसके बाद बाजार ने और भी तेजी पकड़ ली है। ऐसे में अगर आपका 50% शेयर निवेश अभी भी बाजार में है तो आप इस रैली का फायदा उठा सकते हैं।

कुल मिलाकर स्पिनिंग टॉप कैंडल बाजार की असमंजस और अनिश्चितता को बताता है। यह बताता है कि दोनों तरफ बराबर की संभावनाएं हैं यह बाजार ऊपर भी जा सकता है और नीचे भी। जब तक माहौल साफ ना हो तब तक ट्रेडर को थोड़ा सा सावधान रहना चाहिए और अपनी पोजीशन कम से कम रखनी चाहिए।

6.4  – दोजी (The Dojis)

दोजी भी एक सिंगल कैंडल पैटर्न है। ये भी करीब-करीब स्पिनिंग टॉप की तरह ही होते हैं, लेकिन इनमें रियल बॉडी बिल्कुल भी नहीं होती।  रियल बॉडी ना होने का मतलब है कि यहाँ पर ओपन और क्लोज कीमतें बराबर होती हैं। दोजी हमें बाजार के मूड और माहौल की सूचना देता है और इस लिहाज से ये एक महत्वपूर्ण पैटर्न है।

 

दोजी की परिभाषा यह है कि ओपन कीमत और क्लोज कीमत बराबर हो और रियल बॉडी बिल्कुल भी ना हो। अपर और लोअर शैडो कितने भी बड़े हो सकते हैं। 

हालांकि हमें कैंडलस्टिक के दूसरे नियमहमें अपने विचार में थोड़ा लचीलापन रखना चाहिए और पैटर्न या चार्ट को जांच लेना चाहिए को ध्यान में रखकर, कई बार पतले कैंडल वाले पैटर्न को भी दोजी मान सकते हैं। हमेशा बिना रियल बॉडी वाला दोजी तलाशने की जरूरत नहीं है।

ऐसे में, कैंडल के रंग का कोई महत्व नहीं रह जाता है, महत्व सिर्फ एक चीज का है, कि ओपन और क्लोज कीमतें बराबर हो।

दोजी का असर भी स्पिनिंग टॉप की तरह का ही होता है। जो कुछ हमने स्पिनिंग टॉप के बारे में जाना है, वह सब दोजी पर भी लागू होता है। वास्तव में, दोजी और स्पिनिंग टॉप अक्सर एक साथ, एक ही समूह में, एक जगह पर दिखाई देते हैं और बाजार के असमंजस को बताते हैं।

नीचे के चार्ट पर नजर डालेंगे तो आपको दिखेगा कि एक मंदी के बाजार में दोजी कैसे बनता है और बाजार की अगली चाल के पहले के असमंजस को कैसे बताता है। 

 

अब इस चार्ट को देखिए, यहाँ दोजी एक अच्छी तेजी के बाद बना और उसके बाद बाजार की दिशा बदल गयी और गिरावट आ गयी।

तो अब आप अगर एक दोजी या स्पिनिंग टॉप को अलग अलग या एक साथ देखें तो याद रखिए कि बाजार दिशाहीन है यानी असमंजस में है। ऐसे में, बाजार किसी भी तरफ जा सकता है और आपको अपना ट्रेड ऐसा रखना चाहिए कि दोनों तरफ का फायदा मिल सके।


इस अध्याय की खास बातें

  1. स्पिनिंग टॉप में बहुत छोटी रियल बॉडी होती है, साथ ही, अपर और लोअर शैडो करीब करीब बराबर होते हैं।
  2. स्पिनिंग टॉप में कैंडल के रंग का कोई महत्व नहीं होता। महत्व होता है तो इस बात का कि ओपन और क्लोज कीमतें एक दूसरे के काफी करीब होती हैं।
  3. स्पिनिंग टॉप बाजार के असमंजस को बताता है। बुल्स और बेयर्स बराबरी पर होते हैं बाजार नयी दिशा तलाश रहा होता है।
  4. किसी रैली में उपर की तरफ में स्पिनिंग टॉप के बनने का मतलब है कि या तो बुल्स सुस्ता रहे हैं और बाजार को फिर से ऊपर ले जाने की तैयारी में हैं या तो बेयर्स बाजार में घुसने की तैयारी में हैं और तेजी पर रोक लगने वाली है। जो भी हो ऐसे में ट्रेडर को संभल कर रहना चाहिए, अपनी कुल खरीद का आधा हिस्सा ही खरीदना चाहिए और बाजार की दिशा देखनी चाहिए।
  5. किसी रैली के निचली तरफ बनने वाले स्पिनिंग टॉप का मतलब है कि बेयर्स थक गए हैं या फिर वह सुस्ता रहे हैं। अगर वह थक गए हैं तो बुल्स बाजार में घुस जाएंगे और ट्रेंड बदल जाएगा और बाजार ऊपर जाएगा। दोनों ही स्थितियों में ट्रेडर को संभल कर रहना चाहिए और अपना आधा सौदा ही करना चाहिए।
  6. दोजी भी स्पिनिंग टॉप की तरह ही होते हैं। ये भी बताते हैं कि बाजार दिशाहीन है। परिभाषा के हिसाब से दोजी में रियल बॉडी न के बराबर होती है। लेकिन काफी पतली बॉडी वाले कैंडल को भी दोजी माना जा सकता है।
  7. एक ट्रेडर की रणनीति दोजी और स्पिनिंग टॉप में एक समान ही होती है। 

 




61 comments

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