4.1- संक्षिप्त सार

पिछले अध्याय में TCS के उदाहरण से हमने सीखा कि फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे काम करती है। उस उदाहरण में हमने इस उम्मीद पर TCS के शेयर खरीदे थे कि आगे जा कर उनकी कीमत बढ़ेगी। लेकिन कॉन्ट्रैक्ट करने के अगले ही दिन हमने मुनाफे के लिए उस पोजीशन को स्क्वेयर ऑफ कर दिया था। 

वहां पर हमने एक सवाल भी पूछा था। सवाल यह था कि मैंने फ्यूचर्स में वह सौदा करने का फैसला क्यों किया और TCS का शेयर स्पॉट बाजार में क्यों नहीं खरीदा? 

आपको पता ही है कि फ्यूचर ट्रेड करते समय हम एक शेयर के लिए एक निश्चित समय के लिए एग्रीमेंट करते हैं। अगर उस समय अवधि में आपकी राय सही नहीं निकली और शेयर की कीमत उल्टी दिशा में चली गई तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है जबकि स्पॉट बाजार में आप सीधे शेयर खरीदकर उसको अपने डीमैट अकाउंट में रख सकते हैं। वहां पर समय की कोई सीमा नहीं होती और ना ही किसी एग्रीमेंट को पूरा करने का कोई दबाव होता है। तो फिर स्पॉट बाजार के बजाय फ्यूचर बाजार में शेयर क्यों खरीदा जाए?

इन सवालों का जवाब है फाइनेंशियल लेवरेज जो कि फाइनेंशियल डेरिवेटिव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आपको पता ही है कि फ्यूचर भी फाइनेंशियल डेरिवेटिव का ही एक हिस्सा है।

लेवरेज वित्तीय कारोबार की एक नई पद्धति है। लेवरेज का इस्तेमाल करके काफी संपत्ति बनाई जा सकती है। आइए देखते हैं कि लेवरेज क्या होता है।

4.2- लेवरेज क्या है?

हम अपनी जिंदगी के बहुत सारे हिस्सों में लेवरेज का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उस समय हम यह नहीं जानते कि यह लेवरेज है। खासकर जब इसे आंकड़ों के नजरिए से नहीं देखा जाए तो इसे समझना थोड़ा मुश्किल भी होता है।

इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मेरा एक दोस्त रियल स्टेट का कारोबार करता है। फ्लैट, बिल्डिंग और ऐसी तमाम चीजें खरीदता है, कुछ समय उन्हें अपने पास रखता है और बाद में मुनाफे पर बेच देता है। 

पिछले दिनों यानी नवंबर 2013 में उसने एक फ्लैट खरीदा। यह फ्लैट उसने बेंगलुरु के एक मशहूर बिल्डर प्रेस्टीज बिल्डर से खरीदा। प्रेस्टीज बिल्डर ने दक्षिण बेंगलुरू के एक हिस्से में एक लग्जरी अपार्टमेंट बनाने का ऐलान किया था। यह फ्लैट इसी में 9वें फ्लोर पर था। दो बेडरूम के इस फ्लैट की कीमत थी 10,000,000 रुपए। इस प्रोजेक्ट की बस अभी घोषणा ही हुई थी। इसे 2018 में पूरा होना था। इस पर कोई काम भी नहीं शुरू हुआ था। इसलिए खरीदार को सिर्फ 10% बुकिंग अमाउंट देना था बाकी 90% पैसा काम शुरू होने के बाद दिया जाना था।

यानी नवंबर 2013 में उसे ₹10,000,000 का 10% यानी सिर्फ ₹10,00,000 ही निवेश करना था और उसे 10,000,000 रुपए का फ्लैट मिल रहा था। वह अपार्टमेंट इतनी ज्यादा तेजी से बिका कि 2 महीने में ही सारे फ्लैट बिक गए। 

1 साल बाद यानी दिसंबर 2014 में मेरे दोस्त को उस फ्लैट के लिए खरीदार मिला। उस समय तक उस इलाके में फ्लैट की कीमत 25% बढ़ चुकी थी यानी मेरे दोस्त को अब उस फ्लैट की कीमत 12,500,000 तक पहुंच चुकी थी। मेरे दोस्त ने 12,500,000 पर वह फ्लैट बेच दिया। जरा एक नजर डालिए इस सौदे पर।

विवरण
व्याख्या
अपार्टमेंट की शुरूआती कीमत Rs. 10,000,000/-
खरीद की तारीख   नवंबर  2013
शुरूआती निवेश @ अपार्टमेंट की कीमत का 10%  Rs.10,00,000/-
बिल्डर का बचा हुआ भुगतान Rs.90,00,000/-
अपार्टमेंट की कीमत में बढ़ोत्तरी 25%
दिसंबर 2014 में अपार्टमेंट की कीमत  Rs.12,500,000/-
नए खरीदार ने बिल्डर को भुगतान किया Rs.90,00,000/-   
खरीदार ने मेरे दोस्त को दिया 12,500,000 – 9000000 = Rs.35,00,000/-
मेरे दोस्त का मुनाफा Rs.35,00,000/- – Rs.10,00,000/- = Rs.25,00,000/-
रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट 25,00,000 / 10,00,000 = 250%

 

इस सौदे में खास क्या है 

  1. सिर्फ 10% रकम होने के बावजूद मेरा दोस्त एक बहुत बड़ा सौदा कर सका। 
  2. उसने इस सौदे के लिए कुल कीमत का 10% रकम ही अदा की। 
  3. उसने जो 10,00,000 रुपए दिए उसे आप फ्यूचर एग्रीमेंट में दिए जाने वाले मार्जिन अमाउंट या टोकन मनी के तौर पर देख सकते हैं। 
  4. एसेट की कीमत में आया थोड़ा सा भी बदलाव रिटर्न को कई गुना बढ़ा देता है। 
  5. इस मामले में एसेट की कीमत में 25% बदलाव से रिटर्न 250 गुना बढ़ गया। 
  6. इस तरह के सौदों को लेवरेज ट्रांजैक्शन या लेवरेज सौदा कहते हैं 

आप इस उदाहरण को अच्छे से समझ लीजिए क्योंकि फ्यूचर सौदों में ऐसा ही होता है। फ्यूचर्स के सारे सौदे लेवरेज होते हैं। इस उदाहरण पर नजर रखते हुए अब हम एक बार फिर से TCS के उदाहरण पर लौटते हैं।

4.3 लेवरेज सौदे

फ्यूचर्स ट्रेडिंग के TCS वाले उदाहरण की कुछ जानकारियों पर फिर से नजर डालते हैं। आसानी के लिए हम यह मान लेते हैं कि TCS का सौदा 15 दिसंबर को ₹2362 प्रति शेयर पर हुआ और स्क्वेयर ऑफ करने का मौका 23 दिसंबर 2014 को ₹2519 प्रति शेयर पर आया। यह भी मान लेते हैं कि फ्यूचर और स्पॉट कीमत में कोई अंतर नहीं है।

विवरण

व्याख्या

अंडरलाइंग

TCS लि.

कीमत पर राय

बुलिश यानी तेजी की

एक्शन

खरीद

ट्रेड यानी सौदे के लिए उपलब्ध पूंजी

Rs.100,000/-

सौदे का प्रकार

शार्ट टर्म

टिप्पणी

अगले कुछ दिनों में कीमत बढ़ने की उम्मीद

खरीद की तारीख

15th दिसंबर 2014

खरीद के समय कीमत

Rs.2362/- प्रति शेयर

बेचने की तारीख

23 दिसंबर 2014

बेचने के समय कीमत

2519 रुपये/- प्रति शेयर

तो TCS के शेयरों में तेजी के नजरिए और निवेश करने के लिए ₹100000 की पूंजी के साथ हमारे सामने सौदे के दो विकल्प हैं। विकल्प 1– TCS के शेयर स्पॉट बाजार में खरीदे जाएं। विकल्प 2 TCS के शेयर फ्यूचर में डेरिवेटिव बाजार में खरीदे जाएं। अब इन दोनों विकल्पों का मूल्यांकन करते हैं।

विकल्प 1 TCS का शेयर स्पॉट बाजार में खरीदा जाए 

स्पॉट बाजार में TCS का शेयर खरीदने के लिए हमें उसकी कीमत पता करना होगा। यह देखना होगा कि हम अपनी पूंजी से कितने शेयर खरीद सकते हैं। शेयर खरीदने के बाद हमें 2 दिन(T+2) का इंतजार करना होगा ताकि शेयर हमारे डीमैट अकाउंट में आ सके। डीमैट अकाउंट में शेयर आने के बाद हमें सही मौके का इंतजार करना होगा जिससे हम शेयर को बेच सकें। स्पॉट बाजार में डिलीवरी वाले सौदे की कुछ खास बातों पर नजर डालते हैं 

  1. जब हम स्पॉट बाजार में डिलीवरी वाले स्टॉक्स खरीदते हैं तो हमें उसके हमारे डीमैट एकाउंट में आने के लिए 2 दिन का इंतजार करना पड़ता है। इसका मतलब है कि अगर खरीदने के अगले दिन कोई मौका आ जाए जहां पर हम उसे बेच कर मुनाफा कमा सकते हैं तो हम उस मौके का फायदा नहीं उठा सकते। 
  2. हम केवल उतने ही शेयर खरीद सकते हैं जितने हमारे पास पैसे हों। मतलब हमारे पास  ₹100000 हैं तो हम ₹100000 से ज्यादा के शेयर नहीं खरीद सकते। 
  3. समय का कोई दबाव नहीं होता हम जब तक चाहें तब तक शेयरों को अपने पास रख सकते हैं और अपने लिए सही मौके का इंतजार कर सकते हैं।

हमारे पास 15 दिसंबर 2014 को अगर एक लाख रुपए हैं तो हम कितने शेयर खरीद सकते हैं

= 100,000 / 2362

= 42 

अब, अगर 23 दिसंबर को हम इस स्क्वेयर ऑफ करते हैं, जब TCS के शेयर की कीमत 2519/-है, तो हमें मिलेगा

= 42× 2519

= 105,798

इसका मतलब है कि 14 दिसंबर 2014 को ₹100,000 में खरीदे गए TCS के शेयर 23 दिसंबर को ₹105,798 पर पहुंच जाएंगे यानी हमें ₹5798 का फायदा होगा। देखते हैं हमें कितने प्रतिशत रिटर्न मिला 

= [5798/100,000]×100

= 5.79%

9 दिन में 5.79% का रिटर्न कमाना अच्छी बात है। अगर आप इसको सालाना रिटर्न के तौर पर देखना चाहे तो यह 235% सालाना आता है जो कि बहुत ही अच्छा रिटर्न है। अब इसकी तुलना करते हैं अपने दूसरे विकल्प से।

विकल्प 2 TCS के शेयर फ्यूचर में डेरिवेटिव बाजार में खरीदे जाएं

अब आपको पता है कि फ्यूचर बाजार में सौदे की शर्तें पहले से निर्धारित होती हैं। उदाहरण के तौर पर आप TCS के कम से कम 125 शेयर ही खरीद सकते हैं या 125 के लॉट में खरीद सकते हैं। लॉट साइज को कीमत से गुणा करने पर हमें कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू मिल जाती है। अगर शेयर की कीमत 2362 प्रति शेयर है तो कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू होगी 

125×2362

= 295,250 रुपये

क्या इसका मतलब है कि फ्यूचर बाजार में TCS का एक लॉट खरीदने के लिए ₹295250 चाहिए? नहीं!!! अगर कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू 295250 रुपये है तो हमें सिर्फ मार्जिन अमाउंट ही देना है। TCS के लिए यह मार्जिन 14% है। 295,250 का 14% हुआ 41,335 रुपये। इस सौदे के लिए के लिए बस यही रकम देनी है। अब कुछ सवाल आ सकते हैं

  1. मार्जिन के बाद की बाकी रकम (253,915 रू) का क्या होगा? (295,250- 41,335 = 253,915)
  • वास्तव में ये रकम कभी अदा नहीं की जाती
  1. कभी अदा नहीं की जाती का क्या मतलब?
  • इसको हम सेटेलमेंट मार्क टू मार्केट के अध्याय में समझेंगे
  1. क्या हर सौदे के लिए मार्जिन 14% ही होता है?
  • नहीं, हर कंपनी के शेयर के लिए ये अलग अलग होता है।

अब अपने फ्यूचर ट्रेड में आगे बढ़ते हैं। हमारे पास है ₹100,000 जबकि हमें मार्जिन मनी की जरूरत है ₹41335 इसका मतलब है कि हम TCS के एक नहीं दो लॉट भी खरीद सकते हैं यानी ₹82670 में 250 शेयर। दोनों लॉट के लिए मार्जिन मनी ₹ 82670 रुपए देने के बाद भी हमारे पास नगद में ₹17330 बचेंगे। इससे हम और शेयर नहीं खरीद सकते क्योंकि कम से कम एक लॉट खरीदना जरूरी है। अब इस सौदे का विवरण देखते हैं 

लॉट साइज – 125

कुल लॉट – 2

खरीद कीमत ₹2362 प्रति शेयर

कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू = लॉट साइज× कुल लॉट × कीमत

= 125 × 2 × 2362

= 590,500 

मार्जिन मनी 82670

बिक्री कीमत ₹2519

कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू = 125 × 2 × 2519

= ₹629,750

इस तरह हमें मुनाफा हुआ ₹39250 (629750-590500= 39250)।

अब आपको अंतर समझ में आ गया होगा। शेयर की कीमत कोई ₹2361 से बढ़कर ₹2519 हुई। जिससे स्पॉट बाजार में मुनाफा हुआ था 5798 जबकि फ्यूचर बाजार में उसी से मुनाफा हुआ ₹39250 । याद रहे कि हमने यहां ₹ 82670 का निवेश किया है इसलिए हमें अपना रिटर्न भी इसी रकम पर देखना होगा।

[39250 / 82670 ] × 100 = 47%

9 दिनों में 47% का रिटर्न बहुत ही ज्यादा अच्छा है। अब जिसकी तुलना कीजिए स्पॉट मार्केट में मिले रिटर्न से जो कि 5.79% था। अगर फ्यूचर मार्केट से मिले सालाना रिटर्न को देखें तो वह बनता है 1925%। अब आपको बिल्कुल समझ में आ गया होगा कि शॉर्ट टर्म ट्रेडर के लिए फ्यूचर मार्केट क्यों बहुत फायदे का सौदा होता है। 

फ्यूचर मार्केट में आप स्पॉट मार्केट के सीधे-साधे सौदों के मुकाबले कई गुना बड़ा सौदा कर सकते हैं सिर्फ मार्जिन के आधार। आपको उसी पूंजी में ज्यादा बड़े सौदे करने का मौका मिलता है और अगर कीमत को लेकर आपकी राय सही साबित होती है तो आप काफी पैसा कमा सकते हैं।

मार्जिन की वजह से हम कम पैसों में बड़ा सौदा कर सकते हैं इसीलिए इसे लेवरेज कहते हैं। लेवरेज को लेकर एक बात हमेशा याद रखिए यह दोधारी तलवार है। ये बड़ा फायदा तो करा सकती है लेकिन यह बड़ा नुकसान भी करा सकती है। 

हम आगे बढ़ें इससे पहले स्पॉट और फ्यूचर के इस सौदे की तुलना देख लेते हैं।

जानकारी

स्पॉट बाजार फ्यूचर्स बाजार

उपलब्ध

पूंजी 

Rs.100,000/- Rs.100,000/-

खरीद की तारीख

15 दिसंबर 2014 15 दिसंबर 2014

खरीद की कीमत

2362 रुपये प्रति शेयर 2362 रुपये प्रति शेयर

कुल संख्या

100,000 / 2362 = 42 शेयर लॉट साइज के मुताबिक
लॉट साइज लागू नहीं

125

मार्जिन लागू नहीं

14%

हर लॉट की कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू लागू नहीं

125 * 2362 = 295,250/-

हर लॉट के लिए मार्जिन लागू नहीं

14% * 295,250 = 41,335/-

कितने लॉट खरीद सकते हैं

लागू नहीं 100,000/41,335= 2.4 या 2 लॉट

मार्जिन डिपॉजिट

लागू नहीं 41,335 * 2 = 82,670/-

खरीदे गए शेयरों की संख्या

42 (जैसा कि ऊपर निकाला गया) 125 * 2 = 250

खरीद कीमत (कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू)

42 * 2362 = 100,000/- 2 * 125 * 2362 = 590,500/-

बेचने की तारीख

23 दिसंबर 2014 23 दिसंबर 2014
ट्रेड कितने दिन चला 9 दिन

9 दिन

बिक्री कीमत 2519 रुपये प्रति शेयर

2519 रुपये प्रति शेयर

बिक्री का मूल्य 42 * 2519 = 105,798

250 * 2519 = 629,750/-

मुनाफा 105798 – 100000 = 5798/-

629750 – 590500 = 39,250/-

9 दिन का रिटर्न 5798 / 100,000 = 5.79 %

39250 / 82670 = 47%

% सालाना रिटर्न 235%

1925%

हमने फ्यूचर सौदों के फायदे के बारे में तो बात कर ली, लेकिन इसका रिस्क क्या है? अगर हम जैसी उम्मीद कर रहे हैं कीमत उस दिशा में नहीं गई तो? यह समझने के लिए हमें जानना होगा कि अगर हमारी राय सही नहीं निकलती है तो हम कितना पैसा गंवा सकते हैं। इसे फ्यूचर्स पे ऑफ (फ्यूचर्स भुगतान) कहते हैं।

4.4 लेवरेज की गणना

जब लेवरेज के बारे में बात होती है तो सबसे पहला सवाल यही पूछा जाता है कि आपके पास कितना लेवरेज हो? जितना ऊँचा लेवरेज होगा उतना ही ज्यादा रिस्क होगा और मुनाफे की भी उतनी ही ज्यादा संभावना होगी। 

लेवरेज की गणना करना काफी आसान है

लेवरेज = [कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू / मार्जिन] 

Leverage = [Contract Value/Margin]

मतलब TCS के ट्रेड के लिए लेवरेज हुआ

= [295,250 / 41,335]

= 7.14 इसे 7.14 गुना लेवरेज कहते हैं अनुपात में देखें तो 1:7.14

इसका मतलब है कि हर एक रुपए से आप ₹7.14 के TCS के शेयर खरीद सकते हैं। यह अनुपात ठीक है। लेकिन अगर यह अनुपात बढ़ता है, तो रिस्क ज्यादा बढ़ता है। एक उदाहरण से समझते हैं। 7.14 गुना लेवरेज होने पर TCS के शेयर को 14% गिरना होगा और तब आपकी पूरी मार्जिन मनी चली जाएगी। इसकी गणना ऐसे होती है – 

1 / लेवरेज

= 1/ 7.14

= 14%

अब मान लीजिए कि मार्जिन ₹41,335 की जगह सिर्फ ₹7000 होता। इसका मतलब है कि लेवरेज होता

= 295,250 / 7000

= 42.17 गुना

यह लेवरेज काफी ऊंचा है ऐसे में अगर TCS का शेयर थोड़ा भी गिरता है आपकी सारी पूंजी चली जाएगी। देखिए:

1 / 42.17

= 2.3%

मतलब TCS के शेयर में आई 2.3% की गिरावट ही आपकी मार्जिन मनी गंवाने के लिए काफी है।  जितना ऊंचा लेवरेज उतना ही ज्यादा रिस्क। लेवरेज ऊपर होने पर अंडरलाइंग एसेट की कीमत में थोड़ा सा बदलाव भी पूरे मार्जिन डिपॉजिट को उड़ा सकता है।  

लेकिन इसका ये भी मतलब यह हुआ कि 42 गुना लेवरेज होने पर 2.3 प्रतिशत की बढ़त ही आपके पैसे को डबल कर सकती है।

व्यक्तिगत तौर पर मैं बहुत ऊंचा लेवरेज पसंद नहीं करता हूं। मैं वैसे ही ट्रेड करता हूं जहां लेवरेज 1: 10 या अधिक से अधिक 1:12 तक हो, इससे ऊपर नहीं।

4.5 फ्यूचर्स पेऑफ

मैंने जब TCS का फ्यूचर्स खरीदा था तो हमें उम्मीद थी कि TCS के शेयर की कीमत ऊपर जाएगी और इससे मुझे फायदा होगा। लेकिन अगर TCS के शेयर की कीमत ऊपर जाने के बजाय नीचे चली जाए तो मुझे नुकसान होगा। फ्यूचर्स सौदे में जैसे-जैसे कीमत बदलती है वैसे वैसे आपका नफा या नुकसान बदलता रहता है। पेऑफ ढांचा यही बताता है कि कीमत के हर स्तर पर आपको कितने पैसे का नफा या कितने पैसों का नुकसान हो रहा है। पेऑफ को अच्छे से समझने के लिए TCS के इस सौदे क्या एक पे ऑफ ढांचा बना कर देखते हैं। याद रखिए कि एक लॉन्ग ट्रेड है जो कि 2362 रुपए पर किया गया है। यह सौदा करने के बाद 23 दिसंबर को TCS की कीमत किसी तरफ भी जा सकती है और उस कीमत के हिसाब से मेरा फायदा या नुकसान होगा। कीमत के हर स्तर के  हिसाब से मुझे अपना P&L बनाना होगा और उसका विश्लेषण करना होगा। नीचे के टेबल में देखिए

23 दिसंबर को संभावित कीमत

खरीदार का P&L (23 दिसंबर को कीमतखरीद कीमत)

2160 (202)
2180 (182)
2200 (162)
2220 (142)
2240 (122)
2260 (102)
2280 (82)
2300 (62)
2320 (42)
2340 (22)
2360 (2)
2380 18
2400 38
2420 58
2440 78
2460 98
2480 118
2500 138
2520 158
2540 178
2560 198
2580 218
2600 238

 

अगर आपने ₹2362 पर शेयर खरीदा है और 23 दिसंबर को TCS की कीमत ₹2160 है, तो आप देख सकते हैं कि टेबल के मुताबिक आप ₹202 प्रति शेयर का नुकसान उठा रहे हैं। 

इसी तरीके से, अगर TCS की कीमत ₹2600 तक पहुंच जाती है तो आपको ₹238 प्रति शेयर का फायदा होगा। 

आपको याद होगा कि हमने कहा था कि अगर खरीदार को ₹ x का फायदा हो रहा है तो बेचने वाले को एक ₹ x का ही नुकसान होगा। इसलिए अगर 23 दिसंबर को TCS की कीमत ₹2600 प्रति शेयर है तो खरीदने वाले को ₹238 प्रति शेयर का फायदा होगा और बेचने वाले को ₹238 प्रति शेयर का नुकसान होगा।

इसको देखने का दूसरा तरीका यह हो सकता है कि बेचने वाले की जेब से पैसे निकल कर खरीदने वाले के जेब में आ जाते हैं। एक तरह से यहां सिर्फ पैसे का ट्रांसफर हो रहा है।

पैसे का ट्रांसफर और पूंजी का बनना दो अलग-अलग चीजें हैं। पूंजी तब बनती है जब TCS का शेयर आपके पास लंबे समय तक हो, बिजनेस अच्छा कर रहा हो, बिजनेस के प्रॉफिट और उसका मार्जिन लगातार बढ़ रहा हो, जिसकी वजह से शेयर होल्डर को फायदा हो रहा हो। क्योंकि फ्यूचर्स के सौदे में ऐसा नहीं होता, पैसे एक जेब से निकलकर दूसरे जेब में चले जाते हैं, इसीलिए कई बार फ्यूचर्स को जीरो सम गेम – Zero Sum Game” कहते हैं। 

अब एक ग्राफ पर नजर डालिए। ये 23 दिसंबर की TCS की कीमत की संभावनाओं के आधार पर खरीदने वाले के P&L के हिसाब से बनाया गया है। इसे पे ऑफ स्ट्रक्चर Payoff Structure” कहते हैं।

 

आप देख सकते हैं कि खरीद कीमत के ऊपर की कोई भी कीमत फायदा बनाती है और खरीद की कीमत के नीचे की कोई भी कीमत नुकसान बताती है। क्योंकि यह सौदा दो लॉट यानी 250 शेयरों का हुआ है इसलिए एक प्वाइंट की बढ़ोतरी से ₹250 का फायदा होता है 1 प्वाइंट की गिरावट से ₹250 का नुकसान होता है। यह बहुत ही सीधे अनुपात में चलती है और इसी वजह से यह लाइन सीधी होती है और इसे लीनियर पेऑफ ऑफ इंस्ट्रूमेंट –  Linear Payoff Instrument”. कहते हैं।

इस अध्याय की खास बातें

  1. फ्यूचर्स सौदों में लेवरेज की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
  2. छोटी सी मार्जिन का भुगतान करके हम बड़ी रकम के सौदे कर सकते हैं।
  3. मार्जिन आमतौर पर कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू का एक निश्चित प्रतिशत होता है।
  4. स्पॉट बाजार के सौदे लेवरेज वाले नहीं होते। जितनी रकम है उतने के ही सौदे किए जा सकते हैं।
  5. लेवरेज की वजह से अंडरलाइंग की कीमत में छोटा बदलाव भी बड़ा फायदा या नुकसान बन जाता है।
  6. खरीदने वाले का नफा बेचने वाले के नुकसान के बराबर और और नुकसान बेचने वाले के फायदे के बराबर होता है।
  7. लेवरेज जितना ज्यादा होगा रिस्क भी उतना ही ज्यादा होगा और पैसा बनाने की संभावना भी।
  8. फ्यूचर सौदों में सिर्फ पैसों का एक जेब से दूसरी जेब में ट्रांसफर होता है इसीलिए इसे जीरो सम गेम कहते हैं।
  9. फ्यूचर इंस्ट्रूमेंट का पेऑफ ढांचा लीनियर होता है।



70 comments

  1. Amit sharma says:

    धन्यवाद सर

  2. Intended singh says:

    आप लोगों की यह किया गया कार्य बहुत ही सहरिणीय है, में एक नया ट्रेडर हु आपकी इस हिंदी version ने मेरी बहुत ही मदद की है, अंग्रेजी में पढ़ने बहुत समय लगता था और समझने में भी, पर अप्पके द्वारा हिंदी और अंग्रेजी में बहुत ही सरलता से समझाया है।। कृपया आप के किताब बनाये हिंदी में पीडीएफ में।

    🙏🙏🙏👌👌👍👍

    • Kulsum Khan says:

      Hi, आपके कृपालु शब्दों के लिए धन्यवाद। हम अभी बाकी मॉडल्स पर काम कर रहे हैं, पीडीऍफ़ भी जल्द ही उपलब्ध कराया जायेगा। 🙂

  3. उमेंद्र सिंह says:

    आप लोगों की यह किया गया कार्य बहुत ही सहरिणीय है, में एक नया ट्रेडर हु आपकी इस हिंदी version ने मेरी बहुत ही मदद की है, अंग्रेजी में पढ़ने बहुत समय लगता था और समझने में भी, पर अप्पके द्वारा हिंदी और अंग्रेजी में बहुत ही सरलता से समझाया है।। कृपया आप एक किताब बनाये हिंदी में पीडीएफ में।
    आपका बहुत बहुत धन्यवाद

    सादर,
    उमेंद्र सिंह

    🙏🙏🙏👌👌👍👍

    • Kulsum Khan says:

      आपके कृपालु शब्दों के लिए धन्यवाद। हम अभी बाकी मॉडल्स पर काम कर रहे हैं, पीडीऍफ़ भी जल्द ही उपलब्ध कराया जायेगा।

  4. Ansar Khan says:

    Thanks… to understand in mother tongue…

  5. Sandeep says:

    Hello sir ,
    Please provide pdf in Hindi also

  6. jatin says:

    agr age jakr shre ki velu gir jati h , or hum n jo marjn pay kra h us s bi jada lose hota h .
    to kya hume jita lose or huwah h wo pay krna pdega ?

    • Kulsum Khan says:

      जी हाँ लोस्स रियल टाइम होता है उसको भुगतना ही पड़ेगा इसलिए सोच समझ कर निवेश करें।

  7. Mukund says:

    Sir how to check konse sher me kitna leverage milega

  8. Mukund says:

    Or sir plz future bhi hum stop-loss ke sath kam kar sakte hena

  9. Tauseef Reza says:

    Can we read hindi version on the App?

  10. Manoj Sharma says:

    Agar hum galat jaate hai to nuksaan sirf jo margin block hai utne tak hi hota hai ya usse jayada kripya bataye

  11. snehal says:

    one graph missing near Zero sum game.

  12. Akhilesh Shukla says:

    Agar hum galat jaate hai to nuksaan sirf jo margin block hai utne tak hi hota hai ya usse jayada kripya bataye

  13. YOGRAJ THAKUR says:

    one question: ager future trading me loss hota h to kya future contract ki full amount ka payment kerna hoga ya sirf margin amount ka hi loss hoga,please reply

    • Kulsum Khan says:

      लोस्स सिर्फ मार्जिन तक सीमित होता है , यह सिर्फ कुछ कॉन्ट्रैक्ट्स में ऐसा होता है।

  14. YOGRAJ THAKUR says:

    mam my self yograj,8279976487 its my number please contract,

  15. Yograj Thakur says:

    Mam I know but it’s urgent please contact,

    • Kulsum Khan says:

      Hi Yograj, please create a ticket on our support portal with your query our team will get in touch with you.

  16. Shrikant Adhao says:

    PDF available hai kya..
    Agar hai to use download kaise kare..
    Please contact me..

    • Kulsum Khan says:

      उपलब्ध नहीं है , हम उस पर काम कर रहे हैं , जल्द ही उपलब्ध कराया जायेगा।

  17. Saki says:

    मैं अपना 65% अमाउंट गवांए जाने के बाद निश्चय किया कि थोड़ी बहुत जानकारी लेने के बाद ही ट्रेड करूँगा । बहुत ही बढ़िया ढंग से समझाया गया है ।

    Q- अगर हम स्पॉट मार्किट में T+1 दिन में ही अपना स्टॉक सेल कर देते हैं तो क्या क्या नुकसान हो सकता है । कृपया विस्तार पूर्वक बताएं ।

    • Kulsum Khan says:

      हमने इस मॉड्यूल में बाकि के अध्यायों में इसे विस्तार से समझाया है ,कृपया इसको पूरा पढ़े।

  18. Vishesh says:

    Mam varsity ka hindi version kb launch ho raha hai

  19. Sikandar Khan says:

    विषय वस्तु का प्रस्तुतीकरण प्रभावी ह , अधिगम काफ़ी आसान ह , व्यावहारिक उदाहरणों से अधिगम काफ़ी आसान
    आपका शुक्रिया – अधिगम में सहायता के लिए

  20. chandan kumar says:

    wow, Zerodha varsity rocks……..

  21. Vidhya Khetre says:

    Dear Sir/Madam,
    Thanks for the models on stock markets. It is very helpful in learning and understanding the concepts.

    It will be greateful if you forwad pdf files in hindi language for these modules.

    Thanks with regards.

    Vidhya Khetre
    8149390710

  22. JAA8 SAAB says:

    A Lot(Gold ka) of Thanks 😊…..
    To Kulsum Khan and Her colleagues…..
    For providing such valueable content..
    🙏🙏

  23. JAA8 G says:

    A Lot(Gold ka) of Thanks 😊…..
    To Kulsum Khan and Her colleagues…..
    For providing such valueable content..
    🙏🙏

  24. Nik Mishra says:

    Sir Hindi thanks
    Sir Hindi pdf bhi provide kra dijiye…

  25. Anil saini says:

    Thanks for giving information

  26. ranvijay kumar says:

    Bahut bahut dhanywad sir aapka maind aur tej ho aur aap ham logo ko aisi hi rochak jankari batate rahe

  27. Sunil says:

    How to calculate 235% annual return??

    • Kulsum Khan says:

      हमने इसका कैलकुलेशन इसी अध्याय में समझाया है कृपया इसको पूरा पढ़ें।

  28. Sri says:

    In the 2nd table in 1.1 , ” Why should one invest “, in the column “Retained Cash Invested @12%” , how is the amount 20,67,063, in the first year itself ?

    • Kulsum Khan says:

      हमने इसका कैलकुलेशन इसी अध्याय में समझाया है कृपया इसको पूरा पढ़ें।

  29. Pratik says:

    नए खरीदार ने बिल्डर को भुगतान किया – this seems confusing

  30. vishal says:

    Bahut achha samanaya hai thanku

  31. Swapnil says:

    How to say thanks to u people for making me understand this in such an easy way…great work..hats off.

  32. Sunil Maurya says:

    Thanks to zerodha versity and to kushum khan Mam

  33. varsha says:

    sir
    supose i buy sbi futures contract for 45000 as margin money.on the day of buying sbi stock falls and margin money become zero. can i add extra margin money to stay in the position hoping that market will go up.and lot of time remaing for expiry

  34. Rajesh says:

    जब लेवरेज के बारे में बात होती है तो सबसे पहला सवाल यही पूछा जाता है कि आप कितना लेवरेज हो?
    Aap kitana levrej ho

    • Kulsum Khan says:

      सूचित करने के लिए धन्यवाद हमने इसको सही करदिया है।

  35. Sanjay Mohite says:

    Very nicely described

  36. shravan says:

    very deep knowledge thanks zerodha.

  37. Rajveer says:

    Mam , kya iska Hindi PDF mil jayega abi?

  38. Sunil says:

    Nifty, c.e.option future ko delivery m sell krne per same day sqare off kr sakthe h kya sir ,please reply

  39. Himanshu Bhardwaj says:

    payoff structure ka liner payoff instrument ka graph missing hai.

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