1.1- शुरूआत

हम ये मान कर चल रहे हैं कि इस अध्याय को पढ़ने वाले इंसान ने ऑप्शन सौदे कभी नहीं किए हैं और ये उसके लिए एक नया विषय है। इसलिए हम यहां एकदम मूल बातों से शुरूआत करते हैं।

भारत में डेरिवेटिव में होने वाले कारोबार का एक बड़ा हिस्सा ऑप्शन ट्रेडिंग से आता है। ये कहना गलत नहीं होगा कि 80% कारोबार ऑप्शन में और बाकी फ्यूचर में होता है। दुनिया भर में ऑप्शन बाजार काफी समय से चल रहा है। इसके बारे में कुछ बातें जान लेते हैं:

  • ओवर द काउंटर (Over the counter) तौर पर ऑप्शन 1920 से उपलब्ध रहे हैं। मुख्यतः इनका उपयोग कमोडिटीज के लिए होता था।
  • इक्विटी में ऑप्शन ट्रेडिंग का उपयोग 1972 में शिकागो बोर्ड ऑप्शन एक्सचेंज में शुरू किया गया। 
  • मुद्रा (करेंसी) और बाँड की ट्रेडिंग में ऑप्शन का उपयोग 70 के दशक के आखिरी हिस्से में शुरू हुआ। ये भी OTC यानी ओवर द काउंटर ट्रेड थे। 
  • करेंसी में एक्सचेंज ट्रेडेड ऑप्शन 1982  में फिलाडेल्फिया स्टॉक एक्सचेंज में शुरू हुआ।
  • इन्टरेस्ट रेट ऑप्शन 1985 में CME में शुरू हुआ।

दुनिया भर में इस बाजार में OTC कारोबार के बाद से काफी बदलाव और सुधार होते रहे हैं। इधर हमारे देश में ऑप्शन कारोबार शुरू से ही एक्सचेंज के जरिए होता है। वैसे भारत में भी “बदला कारोबार” के जरिए ऑप्शन उपलब्ध था। बदला कारोबार को डेरिवेटिव का अनाधिकारिक बाजार (grey market) मान सकते हैं। अब बदला कारोबार बंद हो चुका है। आइए भारतीय डेरिवेटिव बाजार के इतिहास पर एक नजर डालते हैं। 

  • 12 जून 2000 – इंडेक्स फ्यूचर्स की शुरूआत
  • 4 जून 2001- इंडेक्स ऑप्शन की शुरूआत
  • 2 जुलाई 2001- स्टॉक ऑप्शन शुरू
  • 9 नवंबर 2001-सिंगल स्टॉक फ्यूचर्स की शुरूआत

वैसे तो ऑप्शन बाजार 2001 से चल रहे थे लेकिन इसने तेजी पकड़ी 2006 में, और इसमें लिक्विडिटी भी तभी बढ़ी। 2006 में अंबानी भाइयों के बीच में एक बंटवारा हुआ और दोनों ने अपनी कंपनियों को बाजार में अलग-अलग लिस्ट कराया। इस तरह से बाजार में शेयर होल्डर की पूंजी बढ़ी गई। मेरी राय में इस घटना के बाद बाजार में काफी ज्यादा लिक्विडिटी आने लगी। हालांकि लिक्विडिटी के मामले में भारतीय वायदा बाजार दुनिया के दूसरे बाजारों की तुलना में अभी भी काफी पीछे हैं।

1.2- विशेष समझौता

ऑप्शन दो तरीके के होते हैं, कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन। आप इन ऑप्शन को खरीद सकते हैं या बेच सकते हैं। आपके P&L  की रूपरेखा इस बात पर निर्भर करती है कि आप ऑप्शन के खरीदार हैं या बिकवाल हैं। इस पर हम बाद में चर्चा करेंगे फिलहाल यह समझते हैं कि कॉल ऑप्शन क्या होता है? कॉल ऑप्शन को समझने के लिए एक आम जीवन का उदाहरण लेते हैं। 

मान लीजिए कि दो अच्छे दोस्त हैं अजय और वेणु। अजय वेणु से 1 एकड़ जमीन खरीदना चाहता है। इस जमीन की कीमत ₹500000 है। अजय को पता चला है कि अगले 6 महीने में उस इलाके में एक नया हाईवे बनने वाला है, जिससे वेणु के जमीन की कीमत काफी बढ़ जाएगी। इसीलिए अजय इस जमीन में निवेश करके पैसे कमाना चाहता है। लेकिन अगर यह हाईवे बनने की खबर गलत निकलती है तो अजय वेणु से जमीन लेकर फंस जाएगा। अगर वहां पर कोई हाईवे नहीं आता तो जमीन की कीमत नहीं बढ़ेगी और उस जमीन से अजय को कोई फायदा नहीं होगा।

ऐसे में अब अजय को क्या करना चाहिए? आप समझ ही सकते हैं कि अजय के लिए यह काफी दुविधा की स्थिति है। उसे यह समझ नहीं आ रहा कि वह वेणु से जमीन खरीदे या ना खरीदे। उधर वेणु इस मामले को लेकर बिल्कुल साफ है कि अगर अजय जमीन खरीदना चाहे तो वह अपनी जमीन को बेचने के लिए तैयार है। 

अजय अभी ऐसा रास्ता निकालना चाहता है जिससे उसका निवेश सुरक्षित रहे। इसके लिए एक खास तरीके का समझौता तैयार करता है। अजय का मानना है कि ये समझौता उसे और वेणु दोनों के लिए फायदे का सौदा है। इस समझौते के का विवरण इस प्रकार हैं

  1. अजय ₹100000 की फीस वेणु के पास अभी तुरंत जमा करता है। यह वह फीस है जो उसे वापस नहीं मिलेगी और इसे इस समझौते की फीस माना जाना चाहिए। 
  2. इस फीस के बदले में वेणु 6 महीने बाद अजय को जमीन बेचने के लिए तैयार हो जाता है। 
  3. 6 महीने बाद बिक्री के लिए जमीन की कीमत आज ही तय कर दी जाती है ₹500000
  4. चूंकि अजय ने ₹100000 की एक फीस दी है इसलिए उसे ये अधिकार मिलता है कि 6 महीने बाद अगर वो चाहे तो समझौता रद्द कर सकता है। लेकिन वेणु ऐसा नहीं कर सकता। 
  5. अगर 6 महीने बाद अजय इस समझौते को रद्द करता है तो वेणु को ₹100000 की दी गई फीस को अपने पास रखने का हक होगा। 

तो आपको क्या लगता है यह विशेष समझौता कैसा है? अजय और वेणु में ज्यादा स्मार्ट कौन है? ऐसा समझौता बनाने वाला अजय ज्यादा स्मार्ट है या फिर वेणु जो कि इस समझौते को मान रहा है? इन सवालों का जवाब आसान नहीं है। जवाब को पाने के लिए आपको इस समझौते के विवरण को अच्छी तरह से समझना होगा। अगर आप इस समझौते के उदाहरण को ध्यान से पढ़ेंगे और समझेंगे तो आपको ऑप्शन के बारे में भी समझ में आएगा। अजय ने एक बहुत ही चालाकी भरा समझौता किया है। इस समझौते के कई पहलू हैं। 

आइए इस समझौते को समझने की कोशिश करते हैं:

  • ₹100000 की एग्रीमेंट फीस देकर अजय ने वेणु पर एक बंदिश लगा दी है। वेणु इस जमीन को अगले 6 महीने तक अजय के अलावा किसी और को नहीं बेच सकता। 
  • अजय ने ये भी तय कर दिया है कि उसे जमीन आज की कीमत पर ही यानी ₹500000 पर मिलेगी। भले ही जमीन की कीमत अगले 6 महीने में कुछ भी हो जाए। इसके लिए उसने ₹100000 अलग से देने का फैसला किया है
  • 6 महीने बाद अगर अजय जमीन को ना खरीदने का फैसला करता है तो वह वेणु को इस समझौते के लिए मना कर सकता है लेकिन चूंकि वेणु ने समझौते की फीस अजय से ली है इसलिए वेणु अजय को ना नहीं कह सकता। 
  • समझौते की फीस में कोई बदलाव नहीं हो सकता, ना ही यह फीस वापस मिलने वाली है। 

इस समझौते को करने के बाद अब अजय और वेणु को अगले 6 महीने तक इंतजार करना है यह जानने के लिए कि आगे क्या होगा। जमीन की कीमत ऊपर जाएगी या नीचे ये इस पर निर्भर करेगा कि हाईवे बनने का फैसला सामने आता है या नहीं। लेकिन हाईवे के बारे में फैसला कुछ भी हो इस मामले में अब 3 सिर्फ तीन परिणाम ही निकल सकते हैं

  1. अगर हाईवे बनने का फैसला हो जाता है तो जमीन की कीमत काफी ऊपर जा सकती है और कीमत ₹1000000 भी पहुंच सकती है। 
  2. अगर हाईवे नहीं बनता है तो लोग निराश होंगे और जमीन की कीमत गिरकर ₹300000 तक भी पहुंच सकती है।
  3. दोनों में से कुछ भी नहीं होता है और जमीन की कीमत ₹500000 पर भी बनी रह सकती है।

इन 3 परिणामों के अलावा और कोई परिणाम नहीं हो सकता। 

अब हम यह समझने की कोशिश करते हैं कि इन तीनों अलग-अलग परिस्थितियों में अजय क्या करेगा।

परिस्थिति 1 कीमत ₹10,00,000 तक ऊपर चली जाती है 

अजय की उम्मीद के मुताबिक हाईवे प्रोजेक्ट शुरू हो जाता है और जमीन की कीमत बढ़ जाती है। हालांकि अजय के पास यह विकल्प है कि वह इस सौदे को निरस्त यानी रद्द कर दे लेकिन क्योंकि जमीन की कीमतें ऊपर चली गई है इसलिए अजय अब इस सौदे को जारी रखेगा क्योंकि अब उसको फायदा मिलेगा। 

जमीन की मौजूदा कीमत = ₹1000000 

समझौते के मुताबिक जमीन की कीमत = ₹500000 

इसका मतलब यह हुआ कि अजय के पास एक ऐसी जमीन है जिसे वह ₹500,000 में खरीद सकता है जबकि बाजार में उसी जमीन की कीमत ₹10,00,000 है। इसका मतलब है कि अजय को बहुत ज्यादा फायदा हो रहा है। इसलिए अजय अब वेणु से कहेगा कि वह जमीन अजय को बेच दे। वेणु के पास अजय को जमीन बेचने के अलावा कोई रास्ता नहीं है क्योंकि उस समझौते के तहत वह 6 महीने पहले ही अजय से ₹100,000 ले चुका है।

तो अजय ने कितने पैसे बनाए?

खरीद कीमत = ₹500,000 

एग्रीमेंट की फीस = ₹100,000 

कुल खर्च = 500,000 + 100,000

= ₹600000 

जमीन की मौजूदा कीमत = ₹1000000

अजय का मुनाफा = 10,00,000- 600,000

= 400,000

अगर दूसरे तरीके से देखें तो अजय ने ₹100000 के के अपने निवेश पर चार गुना पैसे कमा लिए हैं। उधर वेणु को यह पता है कि बाजार में इस जमीन की कीमत अब काफी ज्यादा है लेकिन उसे यह जमीन कम कीमत पर अजय को बेचनी पड़ रही है और इस पूरे सौदे में अजय को जितना मुनाफा हो रहा है वेणु को उतना ही नुकसान हो रहा है।

परिस्थिति 2कीमत ₹300,000 तक नीचे चली जाती है

यह पता चलता है कि हाईवे प्रोजेक्ट केवल एक अफवाह था और वहां पर कोई प्रोजेक्ट नहीं आ रहा है। लोग निराश हो जाते हैं और वहां पर जमीन बेचने की होड़ लग जाती है जिसकी वजह से जमीन की कीमत ₹300,000 तक नीचे पहुंच जाती है। आपको क्या लगता है अजय ऐसे में क्या करेगा? साफ है कि ऐसे में जमीन खरीदना बहुत नुकसान का सौदा होगा इसलिए अजय इस सौदे से निकल जाएगा। यह सौदा नुकसान वाला क्यों है इसका गणित देखते हैं-

आपको याद ही है कि इस जमीन की कीमत ₹500,000 तय की गई थी। इसको खरीदने के लिए अजय  ₹500,000 देने होंगे इसके पहले भी अजय अलग से ₹100000 एग्रीमेंट की फीस के तौर पर दे चुका है। इसका मतलब है कि अजय को इस जमीन के लिए कुल ₹600,000 देने होंगे जबकि जमीन की कीमत तीन लाख तक पहुंच चुकी है। तो साफ है कि और ज्यादा नुकसान से बचने के लिए अजय को इस सौदे से निकलना होगा। उसके पास यह अधिकार भी है। ऐसे में अजय को सिर्फ ₹100,000 का नुकसान होगा क्योंकि उसने यह रकम पहले ही एग्रीमेंट की फीस के तौर पर दे दी है।

परिस्थिति 3 कीमत 500,000 पर ही रुकी रहती है अगर किसी वजह से 6 महीने बाद भी जमीन की कीमत 500,000 पर ही टिकी रहती है और उसमें कोई बदलाव नहीं होता। तो अजय क्या करेगा? वास्तव में अजय इस जमीन को नहीं खरीदेगा क्योंकि उसे इस सौदे में कोई फायदा नहीं होगा। आइए देखते हैं

जमीन की कीमत = ₹500,000 

एग्रीमेंट फीस = ₹100,000 

कुल ₹600,000 

जमीन की बाजार में कीमत = ₹500,000 तो यह साफ है कि जिस चीज की कीमत ₹500,000 है उसके लिए ₹600,000 देना बुद्धिमानी का सौदा नहीं है। अजय ने ₹100,000 की एग्रीमेंट फी दे दी है तो अब वह जमीन खरीदता है तो उसे ₹600,000 देने पड़ेंगे। इसलिए बुद्धिमानी इसी में है कि अजय ₹100,000 को जाने दे और जमीन को ना खरीदे। 

अब आपको समझ में आ गया होगा कि यह सौदा कैसे काम कर रहा है। आपको यह जानकर खुशी होगी कि ऑप्शन का सौदा बिल्कुल ऐसे ही काम करता है। लेकिन शेयर बाजार में यह कैसे काम करता है यह जानने के पहले इसी उदाहरण के साथ कुछ और चीजें जानते हैं।

आइए कुछ सवाल और उनके जवाब पर नजर डालते हैं जिससे आपको इस चीजों को समझने और ऑप्शन को समझने में और सहायता मिलेगी 

  1. आपको क्या लगता है अजय ने यह सौदा क्यों किया जबकि उसे पता था कि अगर जमीन की कीमत नहीं बढ़ी या जमीन की कीमत अपनी जगह से नीचे चली गई तो उसको ₹100,000 का नुकसान होगा? 
    1. यह सही है कि अजय को ₹100,000 का नुकसान होगा लेकिन अजय को पता है कि उसे अधिकतम नुकसान ₹100,000 का ही होगा और इसके बाद नुकसान की कोई और गुंजाइश नहीं है। लेकिन अगर जमीन की कीमत बढ़ गई तो उसका मुनाफा कई गुना हो सकता है और अगर यह ₹10,00,000 तक पहुंच गई तो उसे ₹400,000 का फायदा होगा जबकि उसने सिर्फ ₹100,000 का निवेश किया है। इसका मतलब है कि उसे 400% का फायदा होगा।
  2. किन परिस्थितियों में अजय के लिए ऐसा सौदा फायदेमंद होगा? 
    1. सिर्फ उस स्थिति में जब जमीन की कीमतें बढ़ेंगी
  3. किस स्थिति में यह सौदा वेणु के लिए फायदेमंद होगा? 
    1. उस स्थिति में जब जमीन की कीमतें या तो गिरेगी या अपनी जगह पर स्थिर रहेंगी 
  4. वेणु यह रिस्क क्यों ले रहा है अगर जमीन की कीमतें 6 महीने बात बढ़ जाती हैं तो उसे काफी नुकसान हो सकता है।
    1.  जरा सोचिए यहां पर सिर्फ तीन परिस्थितियां हो सकती हैं और उन तीन में से दो परिस्थितियां वेणु के लिए फायदेमंद है। इसका मतलब है कि वेणु को इस सौदे से 66.66% फायदे की उम्मीद है जबकि अजय को फायदा होने के सिर्फ 33.33% संभावना है।

अब कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को संक्षेप में देखते हैं 

  • अजय वेणु को एक शुरुआती पेमेंट करके यह सुनिश्चित करता है कि उसके पास इस सौदे को स्वीकार करने या रद्द करने का अधिकार है साथ ही, वेणु का दायित्व है कि उसको अजय की बात माननी होगी। 
  • इस समझौते का परिणाम इस बात पर आधारित होगा कि 6 महीने बाद जमीन की कीमत क्या रहती है। बिना जमीन के इस समझौते की कोई कीमत नहीं है।
  • इसलिए जमीन को अंडरलाइंग कहा जाएगा और इस समझौते को एक डेरिवेटिव कहा जाएगा। 
  • इस तरह के समझौते को ऑप्शन एग्रीमेंट यानी ऑप्शन समझौता कहते हैं।
  • चूंकि वेणु को अजय से शुरुआती एडवांस मिला है इसलिए वेणु को एग्रीमेंट्स बेचने वाला या राइटर कहा जाएगा और अजय एग्रीमेंट का खरीदार होगा।
  • दूसरे शब्दों में, क्योंकि यह एक ऑप्शन एग्रीमेंट है इसलिए अजय को ऑप्शन बायर (खरीदार) और वेणु को ऑप्शन सेलर (बिकवाल) या राइटर कहा जाएगा।
  • यह समझौता ₹100,000 देने के बाद हुआ है इसलिए इस ₹100,000 की कीमत को ऑप्शन एग्रीमेंट की कीमत कहा जाएगा। इसे प्रीमियम भी कहते हैं।
  • एग्रीमेंट या समझौते में जमीन की कीमत, जमीन का माप,बिक्री की तारीख सब कुछ तय है।
  • ऑप्शन एग्रीमेंट में खरीदार को हमेशा ऑप्शन या अधिकार होता है जबकि बेचने वाले यानी बिकवाल के पास दायित्व होता है। 

 मेरी सलाह है कि आप इस उदाहरण को अच्छे से समझ ले और अगर नहीं समझ पाए हैं तो एक बार फिर से पढ़ कर समझने  की कोशिश कीजिए क्योंकि ये उदाहरण आगे के अध्यायों में भी आपके काम आएगा। अब इस उदाहरण के आधार पर हम आगे बढ़ते हैं और शेयर बाजार के नजरिए से इस समझौते को देखते हैं।

1.3 – कॉल आप्शन 

स्टॉक मार्केट में कॉल ऑप्शन कैसे काम करता है इसको ऊपर के उदाहरण के जरिए समझने की कोशिश करते हैं। मैं जानबूझ कर ऑप्शन ट्रेडिंग के कई जानकारियों को यहां पर नहीं बता रहा हूं क्योंकि मैं यह चाहता हूं कि अभी उन लोगों को यह बात समझ में आए जो इसके बारे में बिल्कुल भी नहीं जानते हैं।

मान लीजिए कि एक शेयर ₹67 पर बिक रहा है और आपको यह वह शेयर 1 महीने बाद ₹75 पर खरीदने का अधिकार मिलता है और आपको ये अधिकार भी है कि आप ये शेयर तभी खरीदें जब शेयर की बाजार कीमत 75 से अधिक हो। अब क्या आप शेयर को खरीदेंगे? आप जरूर खरीदेंगे क्योंकि आपको एक महीने बाद आपको ये शेयर ₹75 खरीदने का मौका मिल रहा है भले ही बाजार में ये शेयर ₹85 पर हो

एक महीने बाद इस शेयर को ₹75 पर खरीदने का अधिकार पाने के लिए अगर आपको ₹5 की फीस देनी पड़ेगी। अगर यह  शेयर ₹75 के ऊपर चला जाता है तो आप अपने इस अधिकार का इस्तेमाल करते हुए शेयर को ₹75 पर खरीद सकते हैं। लेकिन अगर शेयर की कीमत ₹75 पर ही रहे या उसके नीचे चली जाए तो आप अपने इस अधिकार का इस्तेमाल नहीं करेंगे और आपके लिए शेयर खरीदना जरूरी नहीं होगा। आपको सिर्फ ₹5 का नुकसान होगा। इस तरह के समझौते को ऑप्शन कांट्रैक्ट कहते हैं या एकदम सही नाम लें तो कॉल ऑप्शन कहते हैं।

अगर आप ऐसा समझौता करते हैं तो सिर्फ तीन संभावनाएं होती हैं– 

  1. शेयर की कीमत ऊपर जा सकती है, मान लीजिए 85 तक।
  2. शेयर की कीमत नीचे जा सकती है, मान लीजिए 65 तक। 
  3. शेयर की कीमत अपनी जगह पर टिकी रह सकती है, यानी 75 पर।

संभावना 1 अगर शेयर की कीमत ऊपर जाती है तो आपको अपने अधिकार का उपयोग करते हुए शेयर खरीद लेना चाहिए ।

अब आपका  P&L ऐसा दिखेगा 

जिस कीमत पर शेयर खरीदा गया = ₹75

दिया गया प्रीमियम = ₹5 

कुल खर्च = ₹80 

शेयर की बाजार में कीमत = ₹85 

मुनाफा हुआ = ₹5 

संभावना 2 अगर शेयर की कीमत नीचे जाती है मान लीजिए 65 तक, तब इस शेयर को ₹75 पर खरीदने का कोई फायदा नहीं है। तब आप ₹80 (75+5) खर्च कर रहे होंगे ऐसे शेयर के लिए जो बाजार में ₹65 पर मिल रहा है। 

संभावना 3  अगर शेयर की कीमत अपनी जगह यानी ₹75 पर स्थिर रहती है तो इसका मतलब है कि आप ₹80 खर्च कर रहे होंगे ऐसे शेयर को खरीदने के लिए जो ₹75 पर बाजार में मिल रहा है। ऐसे में फिर से इस शेयर को खरीदने का कोई मतलब नहीं रह जाता आप खरीदने के अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

तो ऑप्शन इस तरह से काम करता है। अब आपको यह बात समझ में आ गई होगी। इससे जुड़ी हुई बाकी बातें भी समझना जरूरी हैं। लेकिन उनको हम आगे सीखेंगे।

अभी इस जगह पर आपके लिए यह समझना जरूरी है कि जब किसी शेयर की कीमत बढ़ने की उम्मीद होती है तो ऐसे में कॉल ऑप्शन खरीदना एक बेहतर विकल्प होता है। 

एक नजर डालते हैं ऑप्शन से जुड़े कुछ सिद्धान्तों और शब्दों पर 

 

परिवर्ती आधार अजय वेणु सौदा शेयर उदाहरण टिप्पणी
अंडरलाइंग 1 एकड़ जमीन स्टॉक याद रखिए कि ऑप्शन में लॉट साइज का सिद्धांत काम करता है जैसे जमीन के समझौते में जमीन एक एकड़ थी ना कम ना ज्यादा,उसी तरह ऑप्शन समझौते में लॉट साइज होगा
एक्सपायरी 6 महीने 1 महीना फ्यूचर्स बाजार की तरह तीन एक्सपायरी मौजूद
तय कीमत Rs.500,000/- Rs.75/- इसे स्ट्राइक कीमत कहते हैं
प्रीमियम Rs.100,000/- Rs.5/- याद रखिए कि शेयर बाजार में प्रीमियम हर मिनट बदलता है। आगे इस पर बात करेंगे।
नियामक कोई नहीं, विश्वास पर आधारित स्टॉक एक्सचेंज सभी ऑप्शन का कैश सेटेलमेंट होता है। आज तक कोई डिफॉल्ट नहीं हुआ

 

इस अध्याय को खत्म करने के पहले मैं आपको कॉल ऑप्शन की औपचारिक परिभाषा बताता हूं

कॉल ऑप्शन के खरीदार के पास अधिकार होता है, लेकिन उसका दायित्व नहीं होता कि वो समझौते में तय की गयी वस्तु (कमोडिटी, शेयर, जमीन आदि) की तय मात्रा को तय समय (एक्सपायरी) पर, तय कीमत (स्ट्राइक कीमत) पर ऑप्शन बेचने वाले से खरीदे। बेचने वाले का ये दायित्व है कि वो तय वस्तु की तय मात्रा को तय कीमत पर खरीदार को बेचे। खरीदार इस अधिकार के लिए एक फीस (प्रीमियम) देता है।

अगले अध्याय में हम कॉल ऑप्शन के बारे में और बातें जानेंगे।

इस अध्याय की मुख्य बातें 

  1. भारतीय बाजारों में ऑप्शन की खरीद-बिक्री पिछले 15 सालों से हो रही है लेकिन इसमें लिक्विडिटी 2006 के बाद से बढ़ी है।
  2. ऑप्शन ट्रेडिंग का एक ऐसा तरीका है जिससे आप अपनी पोजीशन को बचाते हैं और अपने रिस्क को कम करते हैं।
  3. कॉल ऑप्शन के खरीदार के पास अधिकार होता है और बेचने वाले का दायित्व होता है कि वो डिलीवरी दे। 
  4. किसी भी ऑप्शन समझौते में सिर्फ एक पार्टी को ही ऑप्शन (यानी अधिकार) मिलता है जो कि खरीदार होता है उसे।
  5. ऑप्शन बेचने वाले को ऑप्शन राइटर भी कहते हैं।
  6. समझौते के समय ऑप्शन का खरीदार ऑप्शन सेलर यानी बेचने वाले को एक निश्चित रकम देता है इसे प्रीमियम कहते हैं।
  7. ऑप्शन समझौता एक निश्चित कीमत के लिए होता है, इस कीमत को स्ट्राइक प्राइस कहते हैं।
  8. ऑप्शन खरीदने वाले को मुनाफा तब होता है जब एसेट की कीमत स्ट्राइक प्राइस के ऊपर चली जाती है।
  9. अगर एसेट की कीमत स्ट्राइक प्राइस के नीचे रहती है या अपनी जगह पर टिकी रहती है तो खरीदार को फायदा नहीं होता है, इसीलिए ऑप्शन तभी खरीदना चाहिए जब आपको उम्मीद हो कि एसेट की कीमत ऊपर जाएगी।
  10. आंकड़ों के हिसाब से देखें तो ऑप्शन बेचने वाले को समझौते में फायदा होने की उम्मीद ज्यादा होती है।
  11. कीमत किधर जाएगी इस पर आपका अनुमान एक्सपायरी के दिन तक सही निकलना चाहिए। अगर उस दिन तक आपकी राय सही साबित नहीं हुई तो ऑप्शन का समझौता बेकार हो जाता है।




189 comments
  1. Dheeraj says:

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  2. Avinash seth says:

    Excellent way of teaching Call option.. thanks

  3. N.H.Niikumbhe says:

    Very nice simple example , & excellent explanation,thanks

  4. Kundan Kumar says:

    Thanks

  5. Mahaveer nama says:

    One word for this analysis…….

    GREAT…..

  6. Sandeep says:

    pls upload all module in hindi downloadeble format so that we can save and read any time easily

  7. Ghanshyam says:

    bahut achha

  8. Rajiv says:

    Excellent

  9. DINESH RAWAT says:

    APKA BHI

  10. Rajesh Kumar Sahu says:

    Wow it\’s good Enformation Very good Explain with Example Thank you Very much for Team !

  11. Avinash Rathod says:

    Very good theory well mentain hindi translate and exclusive experience

  12. Manjeet Gupta says:

    Please provide pdf of Hindi version

  13. Divyanshu says:

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  14. Gajendra says:

    Thank you so much

  15. deepak thakur says:

    bahut bahut dhanyabad zarodha team

  16. Vinay Bhati says:

    Bahut achchi jankari hindi me dil

  17. Narayan Pradhan says:

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  18. Rakesh Chaudhary says:

    How to to option Trade in Kite is not explained

  19. RAJESH OGANIYA says:

    मान लिजीये मैंने कोल ओप्शन तय कर लीया है। और आगे शेयर की कींमत 75/₹ से बढ कर 100/₹ हो गई। मगर मेरे पास सही वक्त पर शेयर खरीदने के लीये 75/ ₹ नहीं है तो एसे समय पर मुजे क्या करना चाहिये ?

  20. RAJESH OGANIYA says:

    मान लिजीये मैने काल ओप्शन ले लीया है ! जीस शेयर को खरीदने का ओप्सन लीया है उसकी किंमत 75/ ₹ से आगे 100/₹ हो गई है। मगर मुजे केवल 75/₹ किमत चुकानी है। अगर मेरे पास इस शेयर को खरीदने के लीये 75/₹ न हो तो में का

  21. Me says:

    Very well explained my first option lesson it was amazing

  22. Anand Shah says:

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  23. Danish Gouri says:

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  24. Shailendra A. Lohate says:

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  25. Sunil Maurya says:

    Thanks 🙏

  26. Manju sharma says:

    Thank you sir

  27. Jeetendra Kumar says:

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    Thankx Yours Team

  28. Narsing More says:

    Iska hindi pdf kaise download kare

  29. Aparnav Sharma says:

    Zerodha अगर इसकी किताब होती तो अच्छा होता जिसमे सारे मॉड्यूल होते पर ये भी बहुत अच्छा है

  30. Ashish Kumar says:

    Option righter ko kisi expriy se pahle option radd kar sakta h ?

  31. Harish says:

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  32. Gaurav Kushwaha says:

    Thank you zerodha team for this .

  33. Pawwn says:

    Thanks

  34. Joshi Pranav Devshankar says:

    very well explaiend in hidi

  35. ATUL KUMAR SINGH says:

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  36. Kuldeep singh says:

    Bhut bhut dhanyavaad apka

  37. Vishal bhardwaj says:

    it very simple language

  38. Vikrant says:

    hindi me PDF download krne ka option kyu nhi mil rha ??

    • Kulsum Khan says:

      हम उस पर काम कर रहे हैं जल्द ही उपलध कराया जायेगा।

  39. Balram kumawat says:

    Very good explanation

  40. Sanjiv says:

    PDF FILE MIL SAKTI HE ?

    • Kulsum Khan says:

      हम उस पर काम कर रहे हैं जल्द ही उपलब्ध कराया जायेगा।

  41. Tuntun says:

    Hindi pdf sir

  42. Harsh Bhatnagar says:

    Why strike price of manappuram call option of 200 is less than strike price of call option of 215 as on date. Pl explain.

  43. Vikas Kumar says:

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  44. Sachin says:

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  45. Saurabh gadhave says:

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  46. Amir Kumar says:

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  47. Umesh says:

    Sir maine aaj 15800ce Nifty50 45rski rate mai 8july expirypurchase kiya and sell karni ki bid 60rs par lagayi thi jo ki cancell ho gyi. Ab kya hoga kindly explain. Kya 8july ko apne aap sell hoga ya Monday ko market khulne par sell kar sakta hu.

    • Kulsum Khan says:

      मंडे मार्किट खुलने पर आप इसको बेच सकते हैं।

  48. Suresh joshi says:

    Very much convincing

  49. Suresh Chandra Varshne says:

    Learners / New comers in trading can understand easily ia a systematic way.

    Thanks for this.

  50. Rupesh says:

    Right sir, muze bhi aisa hi lag Raha tha ki \”kimat\” iss shabd ki bajaye \”sthan\” ye shabd uchit lagega.

    • Kulsum Khan says:

      हमने हमारे ब्लॉग बोहत ही सरल भाषा का उपयोग किया है, कीमत शब्द सबको समझ आ सकता है।

  51. Harshal Ashok Patil says:

    Thank you so much for such a valuable information

  52. Anil says:

    Please… provide PDF in Hindi

  53. DHRUVESHKUMAR says:

    Option Trading explanation in very easy language

  54. Bhanwar Lal Bayer says:

    ऑप्शन, स्ट्राइकिंग प्राइस, प्रिमियम, दायित्व के साथ अनुबंध में होने वाले वास्तविक कुल भुगतान या लाभ को बहुत अच्छे से समझाया गया है। कॉल खरीदने पर एक निश्चित प्रिमियम का ही नुकसान हो सकता है जबकि फायदा असीमित है।
    धन्यवाद ।

  55. Ranjeet dey says:

    kindly upload valuable book n start free online class on tech.ana.and option trading.

  56. Sagar says:

    बहुत-बहुत धन्यवाद, यूट्यूब पर कुछ भी समझ नहीं आ रहा था

  57. Ravindra Chandel says:

    Thank you explain in simple words

  58. rohit says:

    इंग्लिश module की पीडीएफ़ तो डाउनलोड कर सकते है पर हिन्दी module की पीडीएफ़ डाउनलोड नहीं हो रही है
    please sabhi hindi module ki pdf bhi provide karwa dijiye

    • Kulsum Khan says:

      हम उस पर काम कर रहे हैं जल्द ही उपलब्ध कराया जायेगा।

  59. Girish Joshi says:

    मान लीजिए आज निफ़्टी 14000 पर है और मैं 14200 की कॉल खरीदता हूँ। अब अगर एक्सपायरी तक या उससे पहले भी निफ़्टी 14100 पर जाता है, तो क्या मेरी स्ट्राइक प्राइस ना आने के बावजूद मुझे फायदा होगा या नुकसान????

  60. Mahesh Barot says:

    Bahot hi achi aur mahatvapurna jankri itane ache tarike se samjane k liye bahot bahot dhanyavad. 🙏

  61. RAJU DUTTA says:

    में काफी समय से यह प्रयास कर रहा था ऑप्शन ट्रेडिंग सुरु करू लेकिन कोई सही दिशा नहीं मिल पाया, आज बहत ज्यादा उत्साहित हु आपका यह पुस्तक पड़के सिखनेको बहत कुछ मिल रहा है आपका बहत बहत धन्यवाद।

  62. Gourav Sharma says:

    Bahut shandaar sir dhanyawad

  63. amar kumar says:

    good work by zerodha

  64. Ranjeet sandhu says:

    Excellent job well explained

  65. Virendra Bora says:

    kya isme khariddar liye huve shares ko tay kiye huve tarikh se pehle bech sakta he? ya fir jo tarikh tay ki gayi he ussi din ka price samza jata he?

  66. Satya Beer says:

    hindi me pdf plz. not showing in hindi pdf?

    • Kulsum Khan says:

      हम उस पर काम कर रहे हैं, वह भी जल्द ही उपलब्ध कराया जायेगा।

  67. Jeetendra Kumar Yadav says:

    sir ji itna badiya samjhaya gaya hai ki bilkul naya trader bhi samjh sakta hai. apko babut bahut thanks

  68. JITENDRA GAUTAM says:

    सर हिंदी वर्जन को भी PDF में डाउनलोड करने की सुविधा प्रदान करें तो बहुत अच्छा होगा |

  69. Amar Chand Jain says:

    Well explained in simple language Thanks

  70. bhushan khobragade says:

    very nicely and briefly explained

  71. SANDEEP PUNWATKAR says:

    Good explanation about call options. Thanks

  72. Ajay Chafle says:

    Example to samaz gaya hai, par zerodha me option buy ka trading kaise karte hai, aur kis me karna chahiye ? ( Normal, MIS) ?

    • Kulsum Khan says:

      आपको F&O सेगमेंट एक्टिवेट करवाना होगा, आप किसी भी प्रोडक्ट टाइप को इस्तेमाल करके ट्रेड कर सकते हैं।

  73. rakesh kumar says:

    good basic knowledge about option trading

  74. tunu says:

    nice explane

  75. Ravi says:

    sir, if i purchases any stock xyz 9800 CE at LTP Rs.5.00 at 10 am. and my strike price is 10000. At. 3.00PM its LTP is Rs. 10.00 but strike is 9900. if i sell it without reaching the target strike price 10000. should i get the profit?

    • Karthik Rangappa says:

      You can book the profit, there is no problem with that. This is as good as buying and selling a stock.

  76. D.D.dahariya says:

    sir mere id me weekly option ( nifty ,banknifty, ) watchlist me add nahi ho raha hai , kya karan hai?

    • Kulsum Khan says:

      आपने शायद F&O सेगमेंट एक्टिवटे नहीं किया होगा कृपया चेक करें ।

  77. VINAY PATEL says:

    pdf mill jae to sikhne me aasani hogi..

  78. Saksham mahashaya says:

    Sir kya mein options ko aaj buy karun Or parso sell karun lekin expiry 15 din baad hai kya mei aisa kr sakta hun

  79. pruthvi says:

    article very helpful in hindi
    thanks sir

  80. Mohapatra gatikrushna sahoo says:

    Hindi mai anubad kar dal nae dil sae DHANYABAD

  81. Somya says:

    Example mai samjhaana , its amazing.. Nd video se jyaada behtar hai, ismay humm concentrate jyada achay se kartay hai, i just wanna know 2 simple and small question, agr zameen ki keemat kisi kaaran vash bohat jyada barr jaati hai, lets take example 15lakh tohh bhi ajay kaa us pr puraa adhikaar hoga!? Nd another is 6mahinay ki fix agreement se pehlay agr keemt barr jaati hai tohh bhi ajay ko puraa adhikaar hogaa kisi bhi time soudaa lenay kaa!??nirdharit samay se pehlay!??

    • Kulsum Khan says:

      आपका धन्यवाद।
      1. जी हाँ अजय का उस पर पूरा अधिकार होगा।
      2. जी हाँ जितनी भी कीमत बढ़ जाये कॉन्ट्रैक्ट वैसा ही रहता है।

  82. Kuldeep Singh says:

    Very good

  83. AMIT POTDAR says:

    SIR , FOR NEW MEMBERS IT IS VERY USEFUL INFORMATION . THEY WILL GET UNDERSTAND SOON, IF YOU UPLOAD THIS INFORMATION IN VIDEO FORMAT IT WILL GET MORE EASY TO UNDERSTAND SO PLEASE UPLOAD THIS INFORMATION IN VIDEO FORMAT

    THANK YOU SIR

  84. sanjay mohite says:

    वाकई बहुतही बेहतरीन तरीके से समझाया है.
    दिल से धन्यवाद.

  85. Sachin waghmare says:

    Zerodha Varsity कन्सेप्ट बहोत अच्छा लगा. आसान भाषा का उपयोग किया हैं और समजनेकेलिये उदाहरण भी बहुत अच्छा दिया है.

  86. ankit says:

    well elaborated and explained

  87. sharad havale says:

    Sir,agar aap ye video me upload karte to aur best ho sakta hai………Muje aise lagta hai padhne se jyda video se jyada fyda hoga aur jaldi uderstanding hogi……

  88. Hemant says:

    Nice sar

  89. Ramnaresh Rathour says:

    इतने अच्छे से समझाने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद, मै इतने दिन से यूट्यूब से नहीं समझ पाया जितने अच्छे से आपने समझा दिया .

  90. ganeshbazarh.com says:

    very nice info

  91. Ganeshbazarh says:

    hi

  92. Rohit Sharma says:

    bhai seriously salaam hai .. jis topic ko etne traders aaj tk sahi se nahi samjha paye .. aapne examples se etne achche se fir kr diya .. thank you 🙂

  93. Bhavesh says:

    thanks

  94. ARUN BHUTADA says:

    Dear sir
    from your article about OPTION TRADING all concept and misunderstanding about option trading clear
    thanks

    • Karthik Rangappa says:

      Happy to note that, Arun!

    • Kulsum Khan says:

      अगर आपको हिंदी में कांसेप्ट नहीं समझ आरहा है तोह आप अंग्रेजी में पढ़ सकते हैं।

  95. Aman kumar says:

    PDF file of this module in english version is available but hindi version not. Can you tell me, from where i can download Pdf file in hindi version? Plz

  96. Vinod rawat ji says:

    ऑप्शन समझौता निश्चित समय और निश्चित किमत दोनो के लिये होता है।

  97. kuldeep says:

    thank you sir
    hindi me lane ke liye

  98. Bijay says:

    Thanks hindi version .

  99. Jalindar Shinde says:

    very usefull and got it information

  100. Gohel Ayub says:

    Very good explanation

  101. Ajay Prajapati says:

    Kya samjaya he ei dam asani se nd example to ek nomber diye ho .. gooj job team zerodha

  102. Prithviraj Ambade says:

    Thank you sir.

  103. उमेंद्र सिंह says:

    आपने बहुत कुशल तरीके से समझाया है। पिछले मॉड्यूल में भी काफी मज़ा आया बढ़ने में। आपके उदाहरण काफी सरल और बढ़िया है। बहुत बहुत धन्यवाद।
    🙏🙏🙏

  104. Dk saha says:

    Sir,
    Call option can be sell on expiry only or in-between it can be sell when it is in profit

  105. yashveer singh says:

    apka bhut bhut denyavad hindi me option dene ke liye app sebhi jankari hindi me bhi avsya dene ki kirpa kre.

    • Kulsum Khan says:

      Hi Yashveer, वर्तमान में, एप्लिकेशन केवल अंग्रेजी में उपलब्ध है, हम निश्चित रूप से आपको बताएंगे कि क्या हम भविष्य में हिंदी की सुविधा के लिए आते हैं।

  106. ketan maru says:

    sir mobile me sabhi lecture nahi he or hindi me e bhi nahi he or sir computer me versity me singup nahi ho raha he

    • Kulsum Khan says:

      Hi Ketan, हम उन पर काम कर रहे हैं। हिंदी मॉडल सिर्फ वेब पर अवेलेबल हैं। अगर भविष्य में हम इसको लेकर आते हैं निश्चित रूप से आपको बताएंगे।

  107. Lalit says:

    Jaise jameen ke example mein agar jameen ki keemat 8,00,000 ho jaati hain to Ajay ko jameen milegi. Lekin option mein ye Jameen kya cheez hain ? Option buyer ko kya milega jameen ki tarah ?

    • Kulsum Khan says:

      जब आप एक ऑप्शन बेचते हैं, तो आप सबसे अधिक लाभ ले सकते हैं जो एकत्र किए गए प्रीमियम की कीमत है, लेकिन अक्सर असीमित नकारात्मक संभावनाएं होती हैं। कृपया करके पूरा मॉडल पढ़ें, उम्मीद है आपको समझ आजायेगा।

  108. Dilip savaliya says:

    Hindi me anuvad karke bahut accha kiya,thanks

  109. Sandeep Pandey says:

    wow it\’s good information. Nicely explained with example..Thank You Team !

  110. ASHISH PATIL says:

    Bahot bahetarin samjaya hey thanks team zerodha

  111. Shyam yadav says:

    Plz upload a video on you tube

  112. sudesh says:

    Thanks .Well explained in Hindi

  113. VINOD RAWAT says:

    ऑप्शन समझौता एक निश्चित कीमत के लिए होता है, इस कीमत को स्ट्राइक प्राइस कहते हैं।
    सर इस वाक्य पर एक नज़र डालें, मेरे हिसाब से या तो कीमत के स्थान पर समय आएगा या फिर के लिए के स्थान पर \”पर \”आना चाहिए।
    बहुत समय से ऑप्शन की नॉट का हिंदी में आने का इंतजार कर रहा था जो आज समाप्त हो गया, उक्त नॉट उपलब्ध कराने हेतु बहुत 2 धन्यवाद।

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