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बढ़ते डिस्क्लोज़र और ट्रांसपेरेंसी में सुधार 

December 14, 2022

मैं पिछले कुछ दिंनो से चार्ली मंगर को पढ़ और सुन रहा हूँ, और इन्हें पढ़ते हुए मैं खुद के बारे में और Zerodha को कैसा होना चाहिए सिखता हूँ। इस सीख़ का संछेप इस लिस्ट में दिए गए चार्ली मंगर की कुछ कहावतों से कर सकते है :

  • One of the greatest ways to avoid trouble is to keep it simple… the system often goes out of control.
  • I would argue that passion is more important than brainpower.
  • Remember that reputation and integrity are your most valuable assets and can be lost in a heartbeat.
  • To get what you want, you have to deserve what you want. The world is not yet a crazy enough place to reward a whole bunch of undeserving people.
  • Is there such a thing as a cheerful pessimist? That’s what I am.
  • The best thing a human can do is to help another human being know more.
  • Assume life will be really tough, and then ask if you can handle it. If the answer is yes, you’ve won.

हमने शुरुवात से ही हर अवसर पर स्टॉक मार्केट पर पारदर्शिता लाने की कोशिश की, लोगों को इसके रिस्क से पहचान कराया और इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स के लिए हर महत्वपूर्ण जानकारी बांटी है। क्योंकी हमारे बिज़नेस की सफलता का कारण आपका भरोसा रहा है, हम बिज़नेस और आपके प्रति और प्रयास करना चाहते है। उदाहरण के लिए, हमने रेगुलेटरी टेक्निकल ग्लिच की रिपोर्ट को दिखाया। इन टेक्निकल इशू रिपोर्ट्स को एक्सचेंज पे फाइल करना के लिए स्टॉक ब्रोकर्स को कई सख़्त नियमों का पालन करना पड़ता है। जब भी कोई इशू होती है, तो उसे ब्रोकर्स को रेगुलेटर्स के के पास रिपोर्ट करना होता है लेकिन हमने इन रिपोर्ट्स की जानकारी को पब्लिक कर दिया है।
अब से हर 6 महींनों में, हम अपने बिज़नेस परफॉरमेंस और फाइनेंशियल पर अपडेट को पब्लिश करेंगे। साथ में एक ब्रोकर की तरह हम जिन रिस्क का सामना करते हैं, हायर-रिस्क प्रोडक्ट पर ट्रेड करने वाले कस्टमरों का परफॉरमेंस, किसी भी प्रकार के टेक्निकल इशू की रिपोर्ट, कस्टमर सपोर्ट परफॉरमेंस पर हमारे इंटरनल मैट्रिक्स और क्वालिटी और भी बहुत कुछ बातों पर अपडेट देंगे।

बिज़नेस

मार्च 2020, जबसे कोविड आया है, मैंने अपनी टीम को एक ईमेल भेजा जिसमे मैंने कहा कि हम ऐसे समय में जा रहे हैं जहाँ हमारे बिज़नेस पर फर्क पड़ सकता है और इस समय हमें बिज़नेस पर काफी ध्यान देने की जरुरत है। जैसा कि ग्राफ में दिखाया गया है, मैं इस बारे में भविष्यवाणी करने में गलत था। और तबसे हमारे कस्टमर, रेवेन्यू और प्रॉफिट में 5 गुना की बढ़ोतरी हुयी है।

हमारे रेवेन्यू में, ~25% एक्सचेंज ट्रांसक्शन चार्जेस होते हैं, जिन्हें हम कस्टमर्स से लेते हैं और सीधे एक्सचेंजेस को दे देते हैं। इसलिए यह हमारा रेवेन्यू नहीं है और इसे हटाने पर, हमारी मार्जिन्स(PBT/Revenue) ~70% हो जाती है। आज हमारे बिज़नेस का नेटवर्थ किसी भी समय क्लाइंट के रखे हुए फंड्स का ~30% है। क्लाइंट के कुल फंड्स का 30% कैपिटल रखने का मतलब यह है कि हम कैपिटल के मामले में शायद विश्व में सबसे सुरक्षित ब्रोकर्स में से एक हैं। शुरवात से ही हमारे ऊपर कोई क़र्ज़ नहीं है। हमारे इस सफर में हम कई बार सही समय पर सही जगह पर थे, जिसके कारण हमारे प्रॉफ़िट्स बढे और हमारा नेटवर्थ बढ़ा। इस वजह से ब्रोकर्स के लिए नए नियम (higher working capital) आने के बाद भी हमें कैपिटल की कमी नहीं पड़ी।

हम जिस प्रकार इस बिज़नेस को चलाते हैं और हमारे प्रोडक्ट और फिलॉसोफिएस हमारी सफलता का कारण है, इन बातों ने हमारे और इस इंडस्ट्री के बढ़ने में मदद की है। इसका एक और कारण भारत का बुल मार्केट है। eKYC, ऑनलाइन डिजिटल सिग्नेचर और UPI जैसे डेवलपमेंट्स ने बहुत बड़ी मात्रा में ऑफलाइन इंडस्ट्री को ऑनलाइन, पेपर-लेस में बदल दिया, जिससे बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और खासकर हमारे कस्टमरों ने हमें वर्ड- ऑफ़-माउथ(word-of-mouth) के द्वारा हमें चुना।

हमारे हायर ग्रॉस मार्जिन का कारण हमारा सही निर्णय और दृष्टिकोण है।

  • हम कोई भी पैसा मार्केटिंग या एडवरटाइजिंग पर खर्च नहीं करते हैं।
  • हमारा टेक इंफ्रास्ट्रक्चर high quality Free and open source software (FOSS) का बना है जिसे हमारी खुद की टीम मेन्टेन करती हैं।
  • हम बाहर के SaaS/वेंडर और लॉक-इन और सेल्फ-होस्ट सिस्टम पर निर्भर नहीं है और इनके उपयोग से बचते हैं।
  • हमने इंडस्ट्री के ट्रेंड के विपरीत खुद को सही तरीके से धीरे धीरे आगे बढ़ाया है।
  • हम इस मामले में काफी सावधान रहें है कि जब बिज़नेस अच्छा हो तब हम बड़े बड़े कमिटमेंटस ना लें क्योंकि शॉर्ट टर्म के बूम के बाद रेवेर्सन और करेक्शंस (reversions and corrections) हो सकता है।

हम अपनी सफलता के बाद क्या कर रहे हैं?

एक बिज़नेस की तरह हमने पिछले कुछ सालों में अच्छी तरक्की करने का सौभाग्य प्राप्त किया। शुरुवात के दिनों से ही हमने हमारे पास उपलब्ध साधनों से बहुत सारी सामाजिक समस्यााओं को सपोर्ट किया। लेकिन, पिछले 2 सालों ने हमें सबसे ज्यादा फाइनेंसियल सफलता दी। इसके बावजूद हम यह मानते हैं कि पैसे का एक ही जगह पर रहना भी एक बड़ी सामाजिक समस्या है। उसके बाद जलवायु परिवर्तन (climate change) की समस्या है जिससे सिर्फ मनुष्यों पर ही नहीं बल्कि इस धरती की हर प्रजाति पर फर्क पड़ेगा।

हमने इसी समस्या ,जो मानवता के लिए एकमात्र खतरा हैं, पर फोकस करने के लिए 2020 में Rainmatter Foundation की स्थापना की, जो कि एक नॉन-प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन है। यह संस्था जलवायु परिवर्तन (climate change), इकोलॉजिकल रेस्टोरेशन (ecological restoration) पर फोकस करवाता है और यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके बारे में बात नहीं की जाती है। हमने Rs 750 करोड़ में से मुख्य रूप से इन कारणों में इन्वेस्ट करने का संकल्प लिया था, और लगभग Rs 300 करोड़ पहले ही दिए जा चुके हैं। जलवायु परिवर्तन ऐसी समस्या है जिसे कोई टेक्नोलॉजी या कोई संस्था नहीं सुलझा सकती है लेकिन यह हमारा विश्वास है कि जो साधन हमने इकट्ठे किये है, उनका सही इस्तेमाल तभी होता है, जब हम समाज के इस हिस्से में भी योगदान देते हैं। यह सिर्फ हमारा सोचना ही नहीं है बल्कि यही एक सही सोच(common sense) है। यदि समाज ही नहीं है तो बिज़नेस कैसे होगा ! यहां कुछ आर्गेनाईजेशन की लिस्ट है जिस पर Rainmatter Foundation काम कर रहा है।

नॉन-प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन और इनके कारणों को सपोर्ट करने के आलावा, हम इन छेत्रों में एंटरप्रेन्योरशिप (entrepreneurship) को भी सपोर्ट करते हैं। हमने फॉर-प्रॉफिट इन्वेस्टमेंट को इस तरह से बनाया है कि हमारा होने वाला प्रॉफिट फाउंडेशन को 100% जाये। इसके अलावा, हम Zerodha के हर साल के प्रॉफिट का कम से कम 15% फाउंडेशन को देते हैं।

पूरे इकोसिस्टम में एक थीसिस के साथ इन्वेस्ट करने का विचार Rainmatter Fintech के साथ 2016 में आया, जहाँ हमने उन स्टार्टअप को सपोर्ट करने की कोशिश की, जो कैपिटल मार्केट के इकोसिस्टम को बढ़ा सकते थे और भारतीय इन्वेस्टर्स को उनके पैसे को बढ़ाने में मदद कर सकते थे। यहाँ उन स्टार्टअप की लिस्ट है, जिनकी मदद फिनटेक के फण्ड से हुयी है।

हमारे बिज़नेस के प्रॉफिटेबल होने का एक मतलब यह भी है कि हम देश को इनकम टैक्स के द्वारा मदद कर रहे हैं। March 2019 से लेकर अब तक हमने Rs 1800 करोड़ का कॉर्पोरेट टैक्स दिया है।

रिस्क

हाई बीटा बिज़नेस

लोग सोचते हैं कि हर बुल मार्केट की ऊंचाई पर ब्रोकरेज फर्म जैसे बिज़नेस अच्छा पैसा कमाते हैं और हमेशा के लिए कैश जेनेरेट करके रख सकते हैं। लेकिन यह सच नहीं है, हमारा बिज़नेस मार्केट (हाई बीटा) और उतार-चढाव पर काफी निर्भर करता है। जब बुल मार्केट एक स्तर पर रूक जाता है या मार्केट्स का ट्रेंड नीचे होता है तो हमारे फाइनेंसियलस पर तुरंत फर्क पड़ता है। चाहे वह सन 2000 की शुरुवात हो, 2008 का ग्लोबल फाइनेंसियल क्राइसिस हो या US (2022) में अभी का समय हो। ब्रोकरेज फर्म का रेवेन्यू तुरंत गिरता है जैसी ही बुल (bulls) ट्रेड करना बंद करते हैं।

जैसा कि आप पहले ग्राफ में देख सकते हैं, हमने जनवरी से लेकर अब तक खुलने वाले अकाउंट में हर महीने लगभग 50% की गिरावट देखी है और यही ट्रेंड इंडस्ट्री में सभी के लिए है। नए अकाउंट खुलने में कमी आयी है लेकिन इंडस्ट्री में रेवेन्यू में कोई कमी नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योकि हम (all-time highs) सबसे ऊपर के स्तर में है। यदि मार्केट्स अच्छे से परफॉर्म नहीं करते हैं, तो रेवेन्यू में काफी कमी आती है। इसके साथ ही अकाउंट खुलने के कमी के साथ रेवेन्यू में भी कमी देखने को मिलता है।

हम इस साल भी उतना ही रेवेन्यू और प्रॉफिट करना चाहते थे, जितना हमने पिछले साल किया था। लेकिन अब हमें लगता है कि हम अगले फाइनेंसियल वर्ष से कुछ और वर्षों के लिए मौजूदा रेवेन्यू और प्रोफिटेबिल्टी की बराबरी नहीं कर पाएंगे। ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं है क्योंकि हमने नया अकाउंट कम खोले है और bull मार्केट के मोमेंटम में गिरावट देखने को मिला हैं, बल्कि इसलिए भी है क्योंकि हमें लगता है कि हमने अस्थायी रूप से टारगेट मार्केट को हिट कर दिया हैं और साथ ही ऐसे कस्टमर्स भी जिनके पास मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए काफ़ी सेविंग्स है और और ब्रोकरेज फर्म के लिए रेवेन्यू जेनेरेट कर सकते है, उनको भी हिट कर दिया है। रेगुलेटरी नियम जो बदलते रहते है उसके कारण भी बिज़नेस पर असर देखने को मिलेगा। काफ़ी सारे बदलाव जो हो रहे है उसमे हम देख सकते है कि working capital requirements की आवश्यकताएं तेजी से बढ़ रही हैं।

रेवेन्यू के लिए डे ट्रेडिंग और F&O समुदाय पर भरोसा करना

हम अभी भी इन्वेस्टर्स से कोई ब्रोकरेज चार्ज नहीं करते है, कहने का मतलब, हम इंट्राडे इक्विटी और F&O ट्रेडर्स से रेवेन्यू को जेनेरेट करेंगे। इसमें काफ़ी रिस्क भी होता है।

लीवरेज्ड ट्रेडों को बढ़ावा देना एक ब्रोकर के लिए रिस्की होता है; यह लगभग एक इन्शुरेन्स चलाने जैसा है। आप इसके लिए बहुत कम चार्ज करते हैं और कस्टमर को लेवरेज समेत ट्रेड करने की अनुमति देते हैं, लेकिन समय-समय पर, एक black swan घटना होती है जिसमें कस्टमर्स का एक ग्रुप अपने कैपिटल से ज़्यादा अमाउंट को खो देते है। अगर कस्टमर फंड्स को नहीं ला पातें है, तब ये उनके लिए लायबिलिटी बन सकता है। उदाहरण के लिए, अप्रैल 2020 में, जब Crude oil का प्राइस -37 डॉलर जो की एक नेगेटिव वैल्यू था उसपर आ गया था, तब इसकी कल्पना दुनिया भर में किसी भी रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम ने नहीं किया होगा। हमें उस दिन ~12 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और कई इंटरनेशनल ब्रोकरों को करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ था। हमने बिज़नेस के शुरुआत से ही Crude oil में काफ़ी ब्रोकरेज कमाया था, हमने उस दिन उसे खो दिया था। अलग-अलग स्क्रिपों पर इस तरह की कई घटनाएँ हुई हैं, हाल ही में जब GBPINR एक दिन में ~4% बढ़ रहा था जब मार्जिन की ज़रूरत ~2% थी। इस रिस्क से बचने का कोई रास्ता नहीं है, और हम किसी भी दिन एक बड़ी घटना के साथ जाग सकते हैं जो पूरे मार्केट या इंडिविजुअल स्क्रिप को 20% से ज़्यादा या कम तक ले जा सकता है। अगर क्लाइंट यहाँ defaulter हो जाता है, तब ब्रोकर पर पूरी लायबिलिटी आ जाती है। हम अपने बिज़नेस की शुरुवात से ही अपने प्रॉफिट का 10% एक वॉर चेस्ट में allocate कर रहे रहे हैं, ताकि जब भी कोई black swan होता है, तब उसे कवर करने के लिए ये मदद करे।

कोई भी रेगुलेटरी बदलाव, चाहे वह F&O ट्रेडिंग के लिए प्रोडक्ट चुनना हो, ज़्यादा मार्जिन, STT में बढ़ोतरी, या फिर मार्केट के उतार-चढ़ाव में गिरावट, एक्टिव ट्रेडिंग वॉल्यूम और हमारे रेवेन्यू में गिरावट का कारण बन सकता है। मैं अपनी टीम से हमेशा कहता रहता हूँ कि हम रेवेन्यू में 30% की गिरावट से सिर्फ एक सर्कुलर दूर हैं। जिस तरह से हम काम करते है और हमने शुरुआत से जो प्रॉफिट कमाया है उसका बहुत धन्यवाद क्योंकि इसके वजह से हमारे पास 15 वर्षों से ज़्यादा का रेवेन्यू है। इसलिए भले ही हमें अपने बिज़नेस मॉडल को बदलने के लिए मजबूर किया गया हो, हमारे पास इस पर सोचने के लिए पर्याप्त समय होगा।

सम्बंधित रिस्क

अपने खुद के फंड से, हम बैंक FDs, गवर्नमेंट बॉन्ड में इन्वेस्ट करते हैं और एक लॉन्ग-टर्म स्टॉक पोर्टफोलियो होल्ड करते है। हम ना तो लेवरेज लेते हैं (पैसे उधार लेकर ज़्यादा ट्रेड करते हैं) और ना ही F&O जैसे किसी भी लीवरेज्ड प्रोडक्ट्स में ट्रेड करते हैं, जिसमें कैपिटल के मुक़ाबले हम ज़्यादा पैसे खो सकते है। हम ऐसा इसलिए करते है, ताकि हमारे ट्रेज़री ऑपरेशन्स के कारण बिज़नेस को कोई रिस्क ना पहुंचे। हमारे पोर्टफोलियो में अभी फ़िलहाल, बैंक FDs में 33 प्रतिशत, स्टॉक में 32 प्रतिशत, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़ में 13 प्रतिशत, टैक्स-फ्री बॉन्ड में 9 प्रतिशत और गोल्ड बॉन्ड में 13 प्रतिशत का एक्सपोज़र है।

Zerodha Capital, जो की Zerodha के NBFC का भाग है, लोन अगेंस्ट सिक्योरिटीज़ (LAS) प्रदान करता है। इसके माध्यम से, हमने अब तक लगभग 70 करोड़ रुपये तक का लोन प्रदान किया है। NBFC गाइडलाइन्स के अनुसार किसी भी सिक्योरिटीज़ पर मिनिमम हेयरकट या मैक्सिमम लोन 50% ही होता है। हम केवल स्टॉक के पोर्टफोलियो के खिलाफ़ उधार देते हैं और फ़िलहाल ये 50 लाख रुपये से कम है। इसलिए, इस बिज़नेस में बहुत कम रिस्क है। कस्टमर्स जो स्टॉक होल्ड करते, उन्हें ज़्यादा इंटरेस्ट रेट ना देना पड़े इस इरादे से हमने LAS शुरुवात कि थी। चूंकि LAS सेफ है, हम फ़िलहाल 10.5% पर उधार देते हैं।

हमने अपने प्लेटफॉर्म पर मार्जिन फंडिंग कि शुरुवात नहीं कि है क्योंकि हम मानते ​​है कि यह रिटेल कस्टमर्स के लिए सही प्रोडक्ट नहीं है। रिटेल कस्टमर यह सोचकर स्टॉक खरीदतें है कि कीमत बढ़ जाएगी और इसी लालच के चलते जब वह इन्वेस्ट करते है वह उधार लेकर, लेवरेज के साथ इन्वेस्ट करते है, भले ही ऐसा करने का सोचा ना हो। लेवरेज में बहुत रिस्क होता है और सभी को इससे बचना चाहिए, ख़ासकर रिटेल इन्वेस्टर्स को इससे दूर रहना चाहिए। लेकिन मार्केट में कम्पटीशन के दबाव को देखते हुए, हमें हो सकता है कि आने वाले समय में MTF लॉन्च करना पड़े। अगर हम ऐसा करते भी है, तब ये एक hidden फीचर (जैसे LAS) के तरह होगा, जहाँ हम लोगों को लालच नहीं प्रदान करेंगे जिससे जब ज़रूरत नहीं भी हो वह उधार लेकर ट्रेड करे।

Zerodha की पूरी टीम ESOPs के माध्यम से बिज़नेस में महत्वपूर्ण हिस्सेदार है। ज़्यादातर के लिए, यह उनके इंडिविजुअल नेटवर्थ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। इसका मतलब यह भी है कि टीम में हर किसी को यह ज़िम्मेदारी होगी की कस्टमर्स के साथ किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाए।

Disclosure – टेक्निकल इशू

कोई भी टेक प्लेटफॉर्म 100% अप-टाइम और 0% टेक्निकल इशू की गारंटी नहीं दे सकता, भले ही वे दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियां हों। ख़ास तौर पर स्टॉक ब्रोकरेज रीयल-टाइम सिस्टम की एक बहुत ही मुश्किल सीरीज़ है, जो एक दूसरे को प्रभावित करते है, जिसमें काफ़ी रिस्क होता है। छोटी सी छोटी समस्या भी बड़ी बन सकती है और बहुत सारी अनचाही समस्याएँ पैदा कर सकती है। हमने हमेशा काफ़ी मेहनत की है, ताकि हमारे सिस्टम को कम से कम टेक्निकल इशू का सामना करना पड़े और इसे हम जारी रखेंगे। जिस तरह से हमने अपने सिस्टम को आर्किटेक्चर (architecture) किया है वह यह है कि जितने भी हमारे कस्टमर्स है उन्हें हमने पूरी तरह से “silos” में बाँट दिया है, ताकि जब कोई समस्या हो, तब हमारे पुरे क्लाइंट्स ये सहना ना पड़े।

जब भी कोई टेक्निकल समस्या आती है (15 मिनट से ज़्यादा समय के लिए ट्रेड को असर करता हो), तब हमें ये आदेश दिया जाता है की हम इसकी रिपोर्ट 2 घंटे के अंदर एक्सचेंजों को करें, इसके बाद अगले दिन preliminary रिपोर्ट और 21 working दिनों के अंदर इसके सही कारण की जांच की जाती है। ट्रैन्स्पेरन्सी जो हमारी पहचान है उसको ध्यान में रखते हुए, हमने अब इंटरनल रेगुलेटरी रिपोर्ट्स को अपने वेबसाइट में पब्लिश करते है। हम इन disclosures के माध्यम से जिन कस्टमर्स को टेक्निकल इशू का सामना करना पड़ता है, उनकी लिस्ट को यहाँ शेयर करेंगे। इस खुलासे से आप अच्छे से समझ सकते है कि ब्रोकरेज फर्म में पर्दे के पीछे क्या होता है और मार्केट में ट्रेड करते समय कितना टेक्निकल रिस्क होता है, आप उसका अनुमान लगा सकते है।

कस्टमर्स का टोटल प्रोफिटेबिलिटी

कई कस्टमर्स रिस्की प्रोडक्ट्स में ट्रेड करना का निर्णय लेते हैं, जिसमें लेवरेज के साथ ट्रेड करते है और ये उम्मीद करते है कि पैसे आसानी से और जल्दी से कमाए जा सकते है। सोशल मीडिया पर मुनाफा कमाने का दावा करने वाले कई लोगों द्वारा इस समस्या को और बढ़ा दिया गया है। हमने हमेशा लोगों को यह बताना ज़रूरी समझा है कि लॉन्ग रन (3-वर्ष की अवधि) में, मार्केट में जो एक्टिव रूप से इक्विटी फ्यूचर्स और ऑप्शंस में ट्रेड करते हैं, उनमें से 1% से भी कम लोग बैंक FDs की तुलना में ज़्यादा रिटर्न जेनेरेट करते हैं या 7% annually रिटर्न जेनेरेट करते हैं। हम अगले कुछ महीनों में इनके बारे में और भी ज़्यादा जानकारी को आपके साथ बांटेंगे। एक्टिव ट्रेड करके प्रॉफिट कमाना उतना ही मुश्किल है जितना कि किसी बिज़नेस में प्रॉफिट कमाना। अगर मुश्किल नहीं है, तब कोई भी ट्रेडिंग कर सकता है और हर कोई बिज़नेस शुरू नहीं कर सकता है। एक्टिव रूप से ट्रेड करते समय कामयाब होने के चान्सेस बहुत कम होते है। जब हम जीवन में कोई भी काम हम करते है, उसमें हुनर, मेहनत और किस्मत की ज़रूरत होती है, इसी तरह इसमें भी कामयाबी हासिल करने के लिए इन सब कि ज़रूरत होती है। बिज़नेस चलाने से लेकर स्पोर्ट्स को खेलना हो या फिर जीने के लिए संगीत भी निर्भर होना हो।

पिछले कई वर्षों में हमने देखा है कि लेवरेज जितना ज़्यादा होता है, प्रोफिटेबिलिटी की संभावना उतनी ही कम हो जाती है और ये करीब-करीब सभी कस्टमर्स के साथ होता है। इक्विटी F&O के केस में प्रोफिटेबिल्टी की संख्या बहुत कम होती है क्योंकि ज़्यादातर ट्रेडिंग ऑप्शन में किए जाते है, ख़ासकर जब ऑप्शन को खरीदा जाता है, तब प्रॉफिट कम देखने को मिलता है। ये ऑप्शन काफ़ी रिस्की होते है और इनमें लेवरेज भी ज़्यादा प्रदान किए जाते है। हमने पिछले साल इस पोस्ट को शेयर किया था और लोगों को ये बताने कि कोशिश की थी उन्हें किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए जब वे ऑप्शन को खरीदतें हैं।

हालांकि एक ब्रोकरेज फर्म के CEO से जो रेवन्यू के लिए एक्टिव ट्रेडिंग पर डिपेंड करता है, उससे यह सुनना अजीब लग सकता है। मुझे लगता है कि कस्टमर्स जो कई वर्षों तक एक्टिव रहते है और ट्रेडिंग भी अच्छा करते है, भले ही शॉर्ट टर्म में रेवेन्यू जेनेरेट नहीं करते हो, वह ब्रोकरेज फर्म के लिए उन कस्टमर्स की तुलना में काफ़ी फायदेमंद साबित होते है जो गलत उम्मीद के साथ काफ़ी सारे ट्रेड करते हैं और फिर इनएक्टिव हो जाते हैं। इसलिए जब हम अपने बिज़नेस को देखते हैं, तब हमें लगता है कि अपने कस्टमर्स कि हमें मदद करनी चाहिए जो लंबे समय तक उनके काम आए। इसके चलते भले ही शॉर्ट टर्म के लिए हमें अपना रेवेन्यू कम करना पड़े। हम उन्हें बताना चाहते है कि स्टॉक मार्केट में आसानी से और जल्द पैसे नहीं कमाए जा सकते है। हम उन्हें रिस्क लेने से बचा सकते हैं, जिसके चलते वे पैसे से जुड़े सही निर्णय ले सके।

Disclosure – कस्टमर रेटिंग्स

अगस्त 2021 के आसपास रेटिंग में काफ़ी सुधार तब हुआ जब हमने अपनी इनबाउंड सेल्स टीम को सपोर्ट में ट्रांसफर किया था।

हम कॉल और टिकट दोनों के लिए आपकी रेटिंग को गंभीरता से लेते हैं और इसका इस्तेमाल हमारे इंटरैक्शन की ओवरॉल क्वालिटी को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए करते हैं। हम लगातार सुधार करने के लिए काम कर रहे हैं, और आपकी रेटिंग से हमें काफी मदद मिलेगी।

आपकी निरंतर सराहना और सपोर्ट के लिए एक बार फिर से धन्यवाद। अगर आपके पास कोई प्रश्न हैं, तब आप tradingqna.com पर जा सकते हैं, जहाँ हम हर तरह के प्रश्नों का उत्तर देते हैं, चाहे वह Zerodha से जुड़ा हो या फिर कोई आम प्रश्न हो जो मार्केट से जुड़ा हो।

शुभकामनाएं,

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Founder & CEO @ Zerodha


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46 comments
  1. Syed Jawaid Anwar says:

    Very good treading platform. I am using it since January 2020 and faced no problem ever.

  2. Mahaveer says:

    hello Sir no receive password using please send your password using please request

  3. Mahendar Pratap says:

    Mera Account abhi tak open nahi hua Please

  4. साहिल अली says:

    मुझे जीरोधा में अकाउंट खोले अभी एक हफ्ते ही हुआ है ,मुझे ट्रेडिंग के बारे में कुछ ज्यादा पता नही है लेकिन jeerodha के वीडियो कोर्स से मैने काफी कुछ सीखा । ये वाकई बहुत सहायक है।

  5. Dalip Khanna says:

    Sir/Madam
    I m also a member of Zarodha family. Mujhe kucch shikyat hai Hamare daily transactions mein difference q hota hai means Daily P& L plus or minus hota hai but previously overall P&L and current mein difference hota hai aur ye daily ka routine hai. Hume 100-200 ka loss daily hota hai aisa q hai. Reply must

  6. Rajnish says:

    सच कहूं तो मुझे zerodha अपना परिवार जैसा लगता है 😌। जो कंपनी के अंदर और बाहर हो रहे सारी घटनाओं को बेबाक कस्टमर के समक्ष रखता है । ” विश्वास एक ऐसी चीज है जिसे कमाया जाता है” और मुझे पूरा यकीन है एक दिन zerodha पूरे इंडिया की नंबर वन choice होगी।।
    We all with you Zerodha team😇…Best for your bright future…🤘🤘

  7. Kakasaheb desai says:

    Zerodha is no 1 brokers in India becoz their kite app very easy use for trading it so fast and chart IQ new features BETA it is very usefull for intraday i sugest new begginer pl open ac in zerodha I have last 3 years use of kite app no mistake for technically so i am satisfied with zerodha thanks

  8. Sunny kumar tibrewak says:

    Good service but some issuie

  9. Siddharth says:

    mai jab bhi option mai trade karta hu nrml order pe to banknifty mai 300 point se dur ki strike price pe trade nahi kar sakta hu aur pass ki strike pe trade lena padta hai to mera risk badh jata hai har baar mujeh position 2-3 tak hold karni hoti hai to mis bhi use nahi kar sakta

    • Shubham says:

      Hi Siddharth, we allow buying options of any strike for hedging purposes if you hold a short option position. The restriction is for naked long options due to the member-level OI limit. We’ve explained this here.

      If you want to trade without strike price restrictions, we have an alternative solution for this. More details here.

  10. Ravindra says:

    If we trade wrong side than blink information need, so some development & support to clients.

  11. Ruchir Mandwe says:

    Dear Zerodha Team,

    Zerodha is a Good platform for trading investments platform in INDIA.
    appreciate to all Zerodha team.
    Good going on for make in India start up.
    Best of luck.

  12. Dinesh Kumar Kewat says:

    Zerodha is Best platform for treding
    For my best experience

  13. Rupesh says:

    Very good all zerodha team,
    Hind me
    Apki (App) aur (online ) loging bahut acha hai . Apke isme (order) lagana bahut asan hai aur app kuch kuch nya( udate) late ho.
    Thank all zerodha team.

  14. Ankit jaiswal says:

    Excellent

  15. Geeta says:

    I am using zerodha platform since 2020…I’m quite satisfied.I also a online trader I want to know wat is the carrier apportunity in zerotha for as trader or something elas office work as I want to work with
    Zerotha.

  16. Jagdish wadhwa says:

    Sir,
    Intraday & future options ki brokerage bahut jyada ho jati he.
    Per day aprox 30-40 order yani 600 se 700 rs daily.
    Small retailers ko bahut jyada ho jata he.
    Is baat par jarur doche sir.
    Thanks

  17. TUSHAR says:

    HI
    VERY WELL DESCRIBED ARTICLE THOUGH THERE IS MUCH MUCH ROOM FOR ENHANCEMENT & IMPROVEMENT…
    LIKE WE CANNOT BE AS FAST AS ODIN NETWORK,NEED TO COVER MORE CLEAR SYMBOLS(NSE+BSE) NATIONAL & INTERNATIONAL,ACTIVATE INTERNATIONAL TRADING AND MUCH MORE…HOPE SOME ACTION MAY TAKEN IN NEAR FUTURE…

  18. Lilo Mahto says:

    Zerodha is the number 1 trading and investment App,,

  19. Atharv Ganesh Kachare says:

    Best ever trading platform
    Zerodha is no. 1 brokrage company
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  20. Ajay Kumar Amarwanshi says:

    best ever trading platform those i uses

  21. Ranjeet says:

    Zerodha is the number one brokerage company in India.

  22. Pradip kumar says:

    Very very good services

  23. Md. Akbar says:

    Please add option chain data and SGX nifty market segment in dashboard like paytm money.

  24. Mahendra Kumar says:

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  25. CHIRANJIT SAHA says:

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  26. dk thakur says:

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    i would like to request you to give paper trading facility in your zerodha app platform. so that traders can learn more accuracy and skill by developing paper trading with vitual money before trading with real money. and i think this would be a very revolutionary step.
    thanks

  27. GIRISH PAWAR says:

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  28. JAYANT says:

    Please allow us to buy far OTMs to sell options…other brokers allow it but we don’t want to open multiple accounts…we want it from our Zerodha

  29. Karan mandloi says:

    Sir your service is very good but ek problem ko apko update Krna chaiye zerodha pr option buying jyada lot me sl and target hit or execute nhi hote h please aap use shi kriyega. Gtt me .

  30. Omnath mainali says:

    Zerodha. I really thank you because i got a such a user-friendly trading platform like you i really appreciate
    Keep moving ahead by doing best of the best work which you are doing already..
    Thank you mr nithin kamath sir

  31. Jeevan gurav says:

    F&O me GTA order target trigger hone ke bad bhi execute nahi hota.ise profit hone ke baujud bhi order execute nahi hone ke karan loss ho jata hai.GTA order trigger hone pe usi amount pe execute ho jaye aisa kuch kijiye .reply me

  32. HARISH KAMBLE says:

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  37. उमाकांत काळे says:

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