1.1 – एक नया मौका

जेरोधा वैर्सिटी/वार्सिटी के इस नए मॉड्यूल में हम दो चीजों के बारे में बात करेंगे – रिस्क मैनेजमेंट और मनोविज्ञान/साइकॉलजी (Psychology) के बारे में। रिस्क मैनेजमेंट तो आपको समझ में आ गया होगा लेकिन हो सकता है कि साइकॉलजी यानी मनोविज्ञान को लेकर आपके दिमाग में सवाल उठें। लेकिन मेरी बात पर भरोसा कीजिए, दोनों ही मुद्दे बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है और आपको ट्रेडिंग में काफी काम आएंगे। उदाहरण के तौर पर, रिस्क मैनेजमेंट में केवल पोजीशन या स्टॉप लॉस या लेवरेज जैसी बातें नहीं बताई जाएंगी जो कि आमतौर पर बतायी जाती हैं बल्कि इससे ज्यादा बहुत कुछ जानने समझने को मिलेगा, जबकि साइकॉलजी या मनोविज्ञान के हिस्से में आपको समझ में आएगा कि आपने जो फैसला किया था वह क्यों सही या गलत हुआ, क्यों आपको नफा या नुकसान हुआ और आपको उस ट्रेड या निवेश में क्या करना चाहिए था। 

जब मैं इस मॉड्यूल को तैयार कर रहा था, तो मैंने काफी रिसर्च की ये जानने के लिए कि इस मॉड्यूल को आपके सामने कैसे पेश करूं। उस दौरान मुझे यह जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि इन मुद्दों पर कहीं भी, कोई भी बात पूरी तरह से नहीं की गई है। आपको काफी जानकारी मिलेगी लेकिन वो एक जगह पर ना होकर टुकड़ों-टुकड़ों में होगी और खासकर भारतीय माहौल या भारतीय पृष्ठभूमि के लिए तो बिल्कुल भी नहीं होगी। इसलिए हमारे और आपके ऊपर ये जिम्मेदारी है हम इस विषय की जानकारी को बेहतर बनाएं। मैं इन अध्यायों में ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने की कोशिश करूंगा और आपको उस पर अपने विचार दे कर उसे और बेहतर बनाने में मदद करनी होगी।

1.2 – क्या उम्मीद करें

आइए अब नजर डाल लेते हैं कि इस मॉड्यूल में आप किन चीजों को सीख पाएंगे और किन बातों के बारे में आपको जानकारी मिलेगी। 

मुख्य तौर पर हम दो विषयों पर बात करेंगे 

  1. रिस्क मैनेजमेंट
  2. ट्रेडिंग मनोविज्ञान/साइकॉलजी (Psychology)

रिस्क मैनेजमेंट के लिए कौन सी तकनीक अपनाई जाए ये इस बात पर निर्भर करती है कि बाजार में आप की पोजीशन कैसी है? उदाहरण के तौर पर, अगर बाजार में आपकी एक ही यानी सिंगल पोजीशन है तो आप रिस्क मैनेजमेंट अलग तरह से करेंगे लेकिन अगर आपकी बाजार में कई यानी मल्टीपल पोजीशन है तो आपको रिस्क मैनेजमेंट का दूसरा तरीका अपनाना पड़ेगा। इसी तरह से, अगर बाजार में आपने एक पोर्टफोलियो बना रखा है तो पोर्टफोलियो के लिए रिस्क मैनेजमेंट एकदम ही अलग होगा। 

इसी वजह से हम रिस्क मैनेजमेंट को कई अलग-अलग दृष्टिकोणों से देखेंगे 

  1. एक पोजीशन के लिए रिस्क मैनेजमेंट (रिस्क मैनेजमेंट फ्रॉम सिंगल ट्रेडिंग पोजिशन- Risk Management from a single trading position
  2. कई पोजीशन के लिए रिस्क मैनेजमेंट (रिस्क मैनेजमेंट फ्रॉम मल्टीपल ट्रेडिंग पोजिशन- Risk management from multiple trading positions
  3. एक पोर्टफोलियो के लिए रिस्क मैनेजमेंट (रिस्क मैनेजमेंट फॉर ए पोर्टफोलियो- Risk management for a portfolio

इन सब मुद्दों को समझाने के लिए मैं निम्न विषयों पर बात करूंगा 

  1. रिस्क और इसके प्रकार – Risk and its many forms
  2. पोजीशन का आकार यानी पोजीशन साइजिंग – Position sizing
  3. सिंगल पोजिशन रिस्क- Single position risk
  4. मल्टीपल पोजिशन रिस्क और हेजिंग – Multiple position risk and hedging
  5. ऑप्शन के साथ हेजिंग- Hedging with options
  6. पोर्टफोलियो के गुण और इसके रिस्क का अनुमान- Portfolio attributes and risk estimation
  7. रिस्क पर कीमत – वैल्यू ऐट रिस्क/Value at Risk  
  8. ऐसेट एलोकेशन और रिस्क (और मुनाफे) पर इसका असर Asset allocation and its impact on risk (and returns)
  9. पोर्टफोलियो इक्विटी कर्व/वक्र से मिलने वाली जानकारीInsights from the portfolio equity curve

मुझे उम्मीद है कि इन विषयों से आपको रिस्क के बारे में एकदम नया नजरिया बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही, आपको समझ में आएगा कि रिस्क को मैनेज कैसे करना चाहिए। 

इसके अलावा हम ट्रेडिंग साइकॉलजी यानी ट्रेडिंग के मनोविज्ञान पर भी चर्चा करेंगे, एक ट्रेडर के नजरिए से और एक निवेशक के नजरिए से भी। इस चर्चा में हम कॉग्निटिव बायस (cognitive biases), मेंटल मॉडल (mental models) और कॉमन पिटफॉल (common pitfalls) यानी आम गलतियों पर चर्चा करेंगे और यह भी जानेंगे कि किन वजहों से आप यह गलतियां करते हैं। इस दौरान हम जिन विषयों पर चर्चा करेंगे वो हैं – 

  1. एंकरिंग बायस (Anchoring Bias) 
  2. रीजेंसी बायस (Regency Bias)
  3. कन्फर्मेशन बायस (Confirmation Bias)
  4. बैंडवैगन एफेक्ट (Bandwagon effect)
  5. लॉस एवर्जन (Loss Aversion)
  6. इल्यूजन ऑफ कंट्रोल (Illusion of Control)
  7. हाइंडसाइट बायस (Hindsight Bias)

हम जैसे-जैसे आगे बढ़ेंगे, इन सब पर और जानकारी जुटाते जाएंगे। इन मुद्दों पर चर्चा करना काफी फायदेमंद होगा।





22 comments
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    this types of modules helpful of all hindi learner as easly understand the stock market

  2. Lerner' says:

    Sir tankyou
    Hindi translate ke liye

  3. satish says:

    its request to you please translate lesson \”Innerworth — Mind over markets\” in hindi. Hindi walo k liye bahut helpful rahega.🙏🙏

  4. Yuvraj says:

    Thank\’s sir and zerodha team such a valuable information 🙏🙏

  5. Sopan sudam chavan says:

    AAP me hindi ka options kab aayaga

  6. JAY SINGH YADAV says:

    Mujhe professional trader babanana hai

    • Kulsum Khan says:

      इसकी शुरुआत आप वर्सिटी पढ़ने से शुरू कर सकते हैं।

  7. Md vanish ansaris says:

    Sir aap ne hamara khayal rakha thank you sir

  8. sunil says:

    dhanywad zeroda team and kulsum khan ji

  9. GULHASAN SHAH says:

    Thanks for sharing with us in Hindi …

  10. Balkrishna Kadam says:

    Thank you very much sir.

  11. Sachin chauhan says:

    Thank you sir 🙏

  12. super learner says:

    tq zerodha team

  13. Mahesh Kumar Gupta says:

    Sir very very thankful to you 🙏🙏🙏👍👍👍👍 I m so glad . I m waiting from a lot of time in Hindi.

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