7.1 – ये ग्रॉफ याद रखें
पिछले कुछ अध्यायों में हमने ऑप्शन के दोनों तरीकों- कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन- को जाना है। हमने इस पर आधारित 4 तरीके के ऑप्शन देखे हैं
- कॉल ऑप्शन को खरीदना
- कॉल ऑप्शन को बेचना
- पुट ऑप्शन को खरीदना
- पुट ऑप्शन को बेचना।
इन 4 तरीकों के जरिए ट्रेडर कई तरह की रणनीति बना सकता है और पैसे कमा सकता है। इन रणनीतियों को “ऑप्शन स्ट्रैटेजीस- Option Strategies” कहते हैं। मुनाफा कमाने के लिए आपको थोड़ा दिमाग लगाना होगा और ट्रेड के नए-नए मौके निकालने होंगे। हम रणनीतियों पर आगे बढ़ें इसके पहले एक बार जरूरी है कि हम इन चारों प्रकार के ट्रेड को फिर से समझ लें इसलिए एक बार इनको संक्षेप में देखते हैं। सबसे पहले इन चारों ऑप्शन के पे ऑफ ग्राफ ( pay off diagrams) को देखते हैं-
इन चार ग्राफ को इस तरीके से एक साथ रखने से कुछ चीजें बेहतर समझ में आएंगी। देखते हैं कि वो कौन सी चीजें हैं-
- सबसे पहले बाएं तरफ से शुरू करते हैं- आपको दिखेगा कि कॉल ऑप्शन को खरीदने का और कॉल ऑप्शन को बेचने का ग्राफ एक दूसरे के ऊपर नीचे लगाया क्या है। अगर आप ध्यान से देखेंगे तो आपको दिखेगा कि यह दोनों एक दूसरे के शीशे में दिखने वाले प्रतिबिंब की तरह नजर आते हैं। जिससे पता चलता है कि ऑप्शन के बेचने वाले और ऑप्शन को खरीदने वाले के रिस्क और रिवॉर्ड एक दूसरे से विपरीत दिशा में चलते हैं। कॉल ऑप्शन के खरीदार का अधिकतम घाटा और कॉल ऑप्शन के बेचने वाले का अधिक मुनाफा बराबर होता है। साथ ही, कॉल ऑप्शन खरीदने वाले का मुनाफा असीमित है और इसी के प्रतिबिंब के तौर पर कॉल ऑप्शन को बेचने वाले का नुकसान भी असीमित है।
- हमने कॉल ऑप्शन खरीदने वाले और पुट ऑप्शन बेचने वाले का ग्रॉफ एक दूसरे के बगल में रखा है। इससे दिखता है कि दोनों ही स्थितियों में पैसे तब बनते हैं जब बाजार ऊपर जाता है। इसका मतलब यह है कि कॉल ऑप्शन तब तक नहीं खरीदना चाहिए और पुट ऑप्शन तब तक नहीं बेचना चाहिए जब तक आपको लगता हो कि बाजार नीचे जाएगा। क्योंकि ऐसी परिस्थिति में आप पैसे कमाएंगे नहीं, गंवाएंगे। हालांकि यहां पर वोलैटिलिटी (volatility) यानी उठा-पटक की भी अपनी भूमिका होती है, लेकिन उस पर हम आगे चलते हुए चर्चा करेंगे अभी मैं वोलैटिलिटी की बात सिर्फ इसलिए कर रहा हूं क्योंकि इसकी वजह से ऑप्शन के प्रीमियम पर असर पड़ता है।
- दाएं तरफ, पुट ऑप्शन को बेचने वाले और पुट ऑप्शन के खरीदने वाले के ग्रॉफ एक दूसरे के ऊपर नीचे रखे गए हैं। ये दोनों भी एक दूसरे के प्रतिबिंब जैसे दिखते हैं। इसकी वजह से यह भी साफ होता है कि पुट ऑप्शन खरीदने वाले का अधिकतम नुकसान पुट ऑप्शन बेचने वाले के फायदे के बराबर ही होगा। पुट ऑप्शन को खरीदने वाले का असीमित फायदा हो सकता है और इसके प्रतिबिंब की तरह पुट ऑप्शन बेचने वाले को असीमित नुकसान हो सकता है।
नीचे दिए गए टेबल में भी हमने ऑप्शन की पोजीशन को संक्षेप में दिखाया है
बाजार पर राय | ऑप्शन का प्रकार | पोजीशन का नाम | दूसरे विकल्प | प्रीमियम |
---|---|---|---|---|
तेजी | कॉल ऑप्शन (खरीद) | लाँग कॉल | फ्यूचर्स या स्पॉट में खरीद | देना होगा |
दिशाहीन बाजार या तेजी | पुट ऑप्शन (बिक्री) | शॉर्ट पुट | फ्यूचर्स या स्पॉट में खरीद | मिलेगा |
दिशाहीन या मंदी | कॉल ऑप्शन(बिक्री) | शार्ट कॉल | फ्यूचर्स बेचना | मिलेगा |
मंदी | पुट ऑप्शन (खरीद) | लाँग पुट | फ्यूचर्स बेचना | देना होगा |
यहां यह बात याद रखनी चाहिए कि जब आप एक ऑप्शन खरीदते हैं तो आप एक लाँग पोजीशन-Long Position बनाते हैं। इस वजह से कॉल ऑप्शन के खरीदने को लाँग कॉल और पुट ऑप्शन के खरीदने को लाँग पुट पोजीशन कहते हैं।
इसी तरीके से जब आप एक ऑप्शन बेचते हैं तो शॉर्ट पोजीशन- Short Position बनाते हैं। कॉल ऑप्शन को बेचने को शॉर्ट कॉल और पुट ऑप्शन के बेचने को शॉर्ट पुट पोजीशन कहते हैं।
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि आप दो परिस्थितियों में ऑप्शन को खरीदते हैं
- आप इसलिए खरीदते हैं क्योंकि आप एक नई फ्रेश ऑप्शन पोजीशन बनाना चाहते हैं,
- आप अपनी पुरानी शॉर्ट पोजीशन को छोड़ना या बंद करना चाहते हैं, इसलिए ऑप्शन खरीदते हैं।
अगर आप नई फ्रेश पोजीशन बना रहे हैं तभी उसको लाँग ऑप्शन कहते हैं। अगर आप अपनी पुरानी शार्ट पोजीशन को बंद करने/छोड़ने के लिए ऑप्शन खरीद रहे हैं तो उसको स्क्वेयर ऑफ पोजीशन – Square Off Position कहते हैं।
इसी तरीके से आप दो परिस्थितियों में ऑप्शन बेचते हैं
- आप एक नई शॉर्ट पोजीशन बनाने के लिए ऑप्शन बेचते हैं
- आप अपनी पुरानी लाँग पोजीशन को बंद करने या छोड़ने के लिए शॉर्ट ऑप्शन को बेचते हैं।
यहां भी शॉर्ट ऑप्शन तभी कहा जाता है जब आप नई बेचने की पोजीशन बनाते हैं। अगर आप अपनी पुरानी लाँग पोजीशन को छोड़ने के लिए या बंद करने के लिए ऑप्शन बेच रहे हैं तो इसको स्क्वेयर ऑफ पोजीशन कहते हैं
7.2- ऑप्शन खरीदार: संक्षेप
अब तक आपको कॉल और पुट ऑप्शन के बारे में बेचने वाले और खरीदने वाले के नजरिए से सब कुछ पता चल चुका है। लेकिन मुझे लगता है कि इनमें से कुछ महत्वपूर्ण चीजें फिर से दोहरा लेनी चाहिए।
किसी भी ऑप्शन को खरीदना तब मायने रखता है जब आपको उम्मीद होती कि बाजार एक निश्चित दिशा मे मजबूती के साथ बढ़ेगा। किसी भी ऑप्शन के खरीदार के मुनाफा कमाने के लिए यह जरूरी है कि बाजार और उसके स्ट्राइक प्राइस में दूरी बढ़ती जाए।। इसीलिए बाजार में पैसे कमाने के लिए सबसे जरूरी चीज यह है कि आप सही स्ट्राइक प्राइस को चुनें। यह काम कैसे किया जाता है इसको हम आगे सीखेंगे। लेकिन अभी के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण चीजें याद रखनी चाहिए-
- एक्सपायरी पर लाँग कॉल का P&L निकालने के लिए फॉर्मूला है: P&L = Max [0,(स्पॉट कीमत – स्ट्राइक कीमत)] – दिया गया प्रीमियम
P&L = Max [0, (Spot Price – Strike Price)] – Premium Paid
- एक्सपायरी पर लाँग पुट का P&L निकालने के लिए फॉर्मूला है: P&L = [Max (0,स्ट्राइक कीमत– स्पॉट कीमत)] – दिया गया प्रीमियम
P&L = [Max (0, Strike Price – Spot Price)] – Premium Paid
- ऊपर के फार्मूले तभी काम आते हैं जबकि ट्रेडर अपने लाँग ऑप्शन को एक्सपायरी तक होल्ड करें।
- पिछले अध्याय में हमने इंट्रिन्सिक वैल्यू निकालने का जो फार्मूला देखा था वो भी एक्सपायरी के दिन ही काम करता है। यह फार्मूला सीरीज के दौरान काम नहीं करता है।
- जब ट्रेडर अपनी पोजीशन को एक्सपायरी के पहले स्क्वेयर ऑफ करता है तो P&L की गणना बदल जाती है।
- ऑप्शन के खरीदार के लिए रिस्क सीमित होता है उतना ही जितना कि उसने प्रीमियम दिया है लेकिन उसे मुनाफा असीमित हो सकता है
7.3- ऑप्शन बिकवाल (बेचने वाला): संक्षेप
ऑप्शन (कॉल या पुट दोनों) बेचने वाले को ऑप्शन राइटर कहते हैं। ऑप्शन को बेचने और खरीदने वालों के P&L एक दूसरे के एकदम विपरीत होते हैं। ऑप्शन को बेचने का फायदा तभी होता है जब बाजार या तो अपनी जगह पर ही रहे और या तो वह आपकी स्ट्राइक कीमत से नीचे चला जाए (कॉल ऑप्शन के लिए) या स्ट्राइक कीमत के ऊपर चला जाए (पुट ऑप्शन के लिए)
आपको यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि बाजार में ऑप्शन बेचने वाले के लिए फायदे की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि ऑप्शन बेचने वाले को मुनाफा कमाने के लिए बाजार में कई बार ज्यादा कोई ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं होती है अगर बाजार एक जगह पर बना भी रहे तो भी ऑप्शन बेचने वाले को मुनाफा हो सकता है जबकि ऑप्शन खरीदने वाले के मुनाफा कमाने के लिए बाजार को एक निश्चित दिशा में बढ़ना जरूरी है। हांलाकि ऑप्शन बेचने वाले के मुनाफे लिए भी कई बार ऐसा होना जरूरी होता है। इस तरह से बेचने वाले को मुनाफा दो स्थितियों में होता है जबकि खरीदने वाले को सिर्फ एक स्थिति में। लेकिन सिर्फ इस वजह से ऑप्शन को बेचना अच्छी रणनीति नहीं है।
ऑप्शन को बेचने के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जो आपको याद रखनी चाहिए-
- एक्सपायरी पर शॉर्ट कॉल ऑप्शन का P&L निकालने के लिए फॉर्मूला है: P&L = प्राप्त प्रीमियम -Max[0,(स्पॉट कीमत– स्ट्राइक कीमत)]
P&L = Premium Received – Max [0, (Spot Price – Strike Price)]
- एक्सपायरी पर शॉर्ट पुट ऑप्शन का P&L निकालने के लिए फॉर्मूला है: P&L = प्राप्त प्रीमियम -Max (0, स्ट्राइक कीमत – स्पॉट कीमत)]
P&L = Premium Received – Max (0, Strike Price – Spot Price)
- ये फार्मूले तभी लागू होते हैं जब ट्रेडर अपनी पोजीशन को एक्सपायरी तक होल्ड करें।
- जब आप ऑप्शन बेचते हैं तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट से मार्जिन ब्लॉक हो जाता है
- ऑप्शन बेचने वाले के लिए रिस्क असीमित होता है लेकिन मुनाफे की संभावना सीमित होती है (मिलने वाले प्रीमियम के बराबर)
इसकि मतलब है कि ऑप्शन राइटर की कमाई छोटी होती है लेकिन जब नुकसान होता है तो काफी ज्यादा हो जाता है।
अब मुझे लगता है कि आपके लिए आप कॉल और पुट ऑप्शन कैसे काम करते हैं इसके बारे में काफी कुछ समझ चुके हैं। अब हम इनसे जुड़ी बहुत सारी दूसरी चीजों जैसे ऑप्शन के प्रीमियम ऑप्शन की प्राइसिंग ऑप्शन ग्रीक्स (option Greeks), स्ट्राइक कीमत के बारे में जानेंगे। उसके बाद आप कॉल और पुट ऑप्शन को नए तरीके से देख सकेंगे और ट्रेड करना सीख सकेंगे।
7.4 – प्रीमियम से जुड़ी कुछ बातें
इस चित्र पर नजर डालिए –
यह चित्र दिखाता है कि BHEL का प्रीमियम 30 अप्रैल 2015 को इंट्राडे में किस तरीके से रहा है। यह प्रीमियम 230 स्ट्राइक कॉल के लिए है और यह यूरोपियन कॉल ऑप्शन पर आधारित है। इस जानकारी को लाल रंग के बॉक्स से हाईलाइट किया गया है। इसके नीचे मैंने नीले रंग के बॉक्स से कीमत की जानकारी को हाईलाइट किया है। आपको दिखेगा कि 230 CE का प्रीमियम ₹2.25 पैसे पर खुला, ₹8 तक ऊपर गया दिन के अंत में ₹4.05 पर बंद हुआ।
इस तरह से इस पूरे दिन में प्रीमियम में ₹2.25 से ₹8 तक 350% का उतार चढाव हुआ। प्रीमियम बंद हुआ 180% ऊपर। बाजार में इस तरह की उठापटक आपको चौंका सकती है लेकिन ऑप्शन बाजार में इस तरह की उठापटक आम बात है।
जरा सोचिए इस भारी उठापटक में अगर आप केवल 2 प्वाइंट का भी फायदा उठा सकें तो आप इस ऑप्शन ट्रेड से आपको ₹2000 का मुनाफा हो सकता है, क्योंकि इस स्टॉक का लॉट साइज हजार का है। वास्तव में ऑप्शन सौदों में ऐसा ही होता है, ट्रेडर आमतौर पर केवल प्रीमियम के लिए ही ट्रेड करते हैं। आमतौर पर कोई भी ट्रेडर ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को एक्सपायरी तक होल्ड नहीं करता। ज्यादातर कारोबारी सौदा करने के कुछ देर बाद ही अपनी पोजीशन को स्क्वेयर ऑफ कर देते हैं और प्रीमियम में बदलाव का फायदा उठा लेते हैं।
आपको यह जानकर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि ऑप्शन सौदों में 100% तक की कमाई हो सकती है। लेकिन ज्यादा लालच में मत आइए। लगातार ऐसी कमाई करने के लिए आपको ऑप्शन को बहुत ही ज्यादा अच्छे तरीके से समझना होगा। इस चित्र पर नजर डालिए-
ये आइडिया सेल्यूलर लिमिटेड का ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट है, जिसकी स्ट्राइक प्राइस 190 की है और एक्सपायरी 30 अप्रैल 2015 की है। यह यूरोपियन कॉल ऑप्शन है। इस सारी जानकारी को नीले रंग के बक्से में हाईलाइट किया गया है। इसके नीचे आप OHLC डेटा को देख सकते हैं जो कि काफी ज्यादा रोचक है।
190 CE का प्रीमियम ₹8.25 पर खुला और इसने ₹0.30 का लो बनाया। मान लीजिए यहां भी आपने सिर्फ 2 प्वाइंट उतार-चढ़ाव का फायदा उठाया तो आप ₹4000 का मुनाफा कमा सकते थे क्योंकि यहां लॉट साइज 2000 का है। दिन के लिए ₹4000 कम नहीं होते।
मैं सिर्फ यह बताने की कोशिश कर रहा हूं कि ऑप्शन में ट्रेड करने वाले ट्रेडर आमतौर पर प्रीमियम के इस उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने के लिए ही ट्रेड करते हैं। वह एक्सपायरी का इंतजार नहीं करते। लेकिन मैं यह नहीं कह रहा हूं कि ऑप्शन को एक्सपायरी तक होल्ड नहीं करना चाहिए। मैं खुद कई बार ऑप्शन को एक्सपायरी तक होल्ड करता हूं। आमतौर पर ऑप्शन को बेचने वाले ऑप्शन को एक्सपायरी तक होल्ड करते हैं जबकि खरीदने वाले आमतौर पर ऐसा नहीं करते हैं ऐसा इसलिए क्योंकि अगर ऑप्शन बेचने वाले ने ₹8 के प्रीमियम के लिए ऑप्शन बेचा है तो उसे अधिकतम प्रीमियम यानी ₹8 तभी मिलेगा जब वह ऑप्शन को एक्सपायरी तक होल्ड करे।
अगर यह सच है कि ट्रेडर केवल प्रीमियम के लिए ही ऑप्शन को खरीदते हैं तो आप कुछ सवाल पूछ सकते हैं। प्रीमियम इतना ज्यादा ऊपर नीचे क्यों होते हैं? प्रीमियम बदलता क्यों है? मैं प्रीमियम में बदलाव को पहले से कैसे जान सकता हूं? किसी ऑप्शन का प्रीमियम कौन तय करता है?
आपकी यह सारे सवाल सही हैं और अगर इन सवालों के जवाब आप ठीक से समझ लें तो आप ऑप्शन ट्रेडिंग को समझ जाएंगे और आप ऑप्शन को अच्छे से ट्रेड कर सकेंगे।
अभी आप ये जान लीजिए कि इन सवालों का जवाब चार ऐसी ताकतों में छुपा है जो एक साथ ऑप्शन के प्रीमियम के ऊपर असर डालती हैं जिसकी वजह से ऑप्शन ऊपर या नीचे होता है। इसको समझने के लिए आप समुद्र में नाव को उदाहरण के तौर पर देख सकते हैं। नाव (इसे ऑप्शन का प्रीमियम जैसा मान लीजिए) किस रफ्तार से चलेगी यह बहुत सारी चीजें पर निर्भर करता है- जैसे हवा की गति क्या है, पानी कितना गहरा है, पानी का घनत्व क्या है, पानी का दबाव क्या है और उस नाव के इंजन की ताकत कितनी है? इनमें से कुछ चीजें जहाज की गति को बढाती हैं और कुछ जहाज की गति को कम करती हैं। इन्हीं ताकतों के आपसी बैलेंस से यह तय होता है कि नाव की सही गति क्या होगी।
इसी तरीके से ऑप्शन का प्रीमियम कुछ ताकतों पर निर्भर करता है जिन्हें ऑप्शन ग्रीक्स (Option Greeks) कहते हैं। इनमें से कुछ ऑप्शन ग्रीक्स ऑप्शन की प्रीमियम को बढ़ाने की कोशिश करते हैं जबकि कुछ प्रीमियम को घटाने की। एक फार्मूला जिसे “ब्लैक एंड स्कोल्स ऑप्शन प्राइसिंग फार्मूला- Black & Scholes Option Pricing Formula” कहते हैं इन्हीं ताकतों के आधार पर बनाया गया है। ये फार्मूला इन ताकतों को एक संख्या के रूप में दिखाता है और वही संख्या ऑप्शन का प्रीमियम होता है।
यहाँ ये जानना भी जरूरी है कि ऑप्शन ग्रीक्स ऑप्शन के प्रीमियम को तय करते हैं लेकिन ऑप्शन ग्रीक्स खुद बाजार की उठापटक से बदलते हैं। बाजार जैसे-जैसे हर मिनट ऊपर नीचे होता है उसी के साथ ऑप्शन ग्रीक्स भी बदलते रहते हैं और इसी वजह से ऑप्शन का प्रीमियम भी बदलता रहता है।
इस मॉड्यूल में आगे हम इन सारी चीजों को अच्छे से समझाने की कोशिश करेंगे और यह जानेंगे कि यह ताकतें किस तरह से काम करती हैं। किस तरह से बाजार ऑप्शन ग्रीक्स को प्रभावित करते हैं ऑप्शन ग्रीक्स कैसे प्रीमियम को प्रभावित करते हैं।
यानी हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि-
- ऑप्शन ग्रीक्स किस तरीके से प्रीमियम को प्रभावित करते हैं
- ऑप्शन ग्रीक्स और उनके प्रभाव की वजह से प्रीमियम की रकम कैसे तय होती है
- ग्रीक्स और कीमत के आधार पर हम यह देखेंगे कि सही स्ट्राइक प्राइस किस तरीके से चुना जाए
ऑप्शन ग्रीक्स को समझने के लिए हमें एक और चीज को समझना होगा जिसे मनीनेस ऑफ ऐन ऑप्शन (Moneyness of an Option) कहते हैं। इस पर हम अगले अध्याय में नजर डालेंगे।
हो सकता है कि अगले कुछ अध्याय आपको कठिन लगें। लेकिन हम कोशिश करेंगे कि इनको आपके लिए सरल बनाया जा सके। लेकिन इसके लिए आपने जो कुछ सीखा है उसको आपको बहुत अच्छे से ध्यान में रखना होगा।
इस अध्याय की मुख्य बातें
- कॉल ऑप्शन की खरीद या पुट ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको यह उम्मीद हो कि बाजार ऊपर जाएगा।
- एक पुट ऑप्शन की खरीद या कॉल ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको उम्मीद हो कि बाजार नीचे जाएगा।
- ऑप्शन को खरीदने वाले का मुनाफा असीमित होता है जबकि उसका रिस्क सीमित होता है (उतना ही जितना उसने प्रीमियम दिया है)।
- ऑप्शन को बेचने वाले का रिस्क असीमित होता है और उसको होने वाला मुनाफा सीमित (जितना उसको प्रीमियम मिला है)।
- ज्यादातर ट्रेडर ऑप्शन में ट्रेड केवल प्रीमियम में बदलाव से मुनाफा कमाने के लिए करते हैं।
- ऑप्शन प्रीमियम में उतार-चढ़ाव बहुत ज्यादा होता है और एक ऑप्शन ट्रेडर के तौर पर आप इसे हर दिन होता देख सकते हैं।
- प्रीमियम ऑप्शन ग्रीक्स के चार तत्वों के आधार पर तय होता है।
- ब्लैक एंड स्कोल्स ऑप्शन प्राइसिंग फार्मूला इन्हीं चार तत्वों पर आधारित होता है।
- ऑप्शन ग्रीक्स में बदलाव बाजार के उतार चढाव की वजह से होता है।
let suppose expiry ke din ya pahle ko bhi OTM option sell karta hu to ish condition me kya hoga
jaisa simply pta chal raha h OTM expiry ke dinn 0 hone ke chances jyada h to kya mujhe premium ka profit milega
यदि यह OTM कॉन्ट्रैक्ट है, तो आप पूरा प्रेमुयम का लाभ उठा सकते हैं, बाकि चार्जेस को घटाकर।
Ok to jaise ki mene expiry ke dinn 9:15 pr OTM Sell kiya aur maan lijiye expiry khatam hone se pahle mere trade ka buyer milega, kya mera trade complete hoga?
Kahi short trade hone se exchange penalty to nhi laga dega
Thanka your sir
Sir,BHEL wale example me LTP 7.80 hai,fir closing price 4.05 kyo h.
Agar mene CE 230 ko 3:29 par sell ya buy karta to mujhe soda 7.80 ya uske aas pass ki price ke hisab se milta.lekin closing price to 4.05 h.yani mujhe kuch hi samay me 3.75 ka profit ya loss ho gaya.
Please clear my doubt.
LTP और Closing price दोनों अलग अलग प्राइस होते हैं लतप उस मिनट का आखरी ट्रेडेड प्राइस हो सकता है लेकिन क्लोजिंग प्राइस पूरे ट्रेडिंग समय का आखरी प्राइस हैः।
Described Very nicely.
(1) Sir, you have written in your Lesson that “European Method Option Contract can only be exercise at expiry Date”
(2) you have also written that “we can buy and sell Option Contract in the same Trading Day to get Profit from Premium Price Changing Movement ” then what is meaning of your First Lesson ?.
Exercising the option is different from trading the premium. You can trade the premium whenever or however you want i.e. buy now and sell it anytime before expire and profit from the change of premium. However, if you want the delivery of the stock then you will have to exercise the option, which can be done only on the expiry day.
Iv volitility kitni honig chaiye call buy & put buy
हमने वोलैटिलिटी का एक अलग से अध्याय बनाया है आप उसको पढ़ें आपको समझ अजना चाहिए।
Ek jagah aap keh rhe ho ki options ko expiry se pehle nahi bech sakte, aur ek jagah bol rhe ho ke jyadatar traders expiry tak hold nahi krte pehle he square off kr lete h. Ye baat to contradiction hain.
ज़्यादातर ट्रेडर्स एक्सपायरी से पहले इसलिए बेचते हैं क्यूंकि एक्सपायरी आने पर कॉन्ट्रैक्ट्स की कीमत गिर सकती है और ज़्यादा लोस्स में जा सकता है आपका ट्रेड, इसलिए आपको जब भी अच्छा लाभ कमाने का अवसर मिले आपको अपना कॉन्ट्रैक्ट स्क्वायर ऑफ करदेना चाहिए।
If the premium price of the call option is higher than the buy price and the strike price is less, is there a profit booking?
Yes, you can book profit and close out the position.
SUPPOSE MEINE aaj sbioctce 260 loya jiska primium 0.50 h to agar strike prise badhega 200 ke as pas gya to m isko kabhi bhi sell ker sakta hu na
जी हाँ आप कर सकते हैं।
7.1 के बिंदु 1 में ‘ जिससे पता चलता है कि ऑप्शन बेचने वाले और ऑप्शन खरीदने वाले के रिस्क और “रिकॉर्ड” एक दूसरे के विपरीत चलते हैं।’ यहां “रिकॉर्ड” शब्द के स्थान पर “रिवॉर्ड” शब्द लिखिए ताकि पाठक कंफ्यूज ना हो।🙏
सूचित करने के लिए धन्यवाद हमने इसको सही करदिया है।
earlier you said that we can not execute the option order until expiry date, now we read that option buyer and seller both can execute the order for premium. how?
Can you please highlight where it is mentioned that an option cannot be executed until expiry? We will have this checked.
जब पुट और कॉल की बिक्री में मुनाफा सीमित हे है और रिस्क असीमित तो इन्हे लोग कब करते हे व केसे फायदा मिलता है वह चाहे तो पुट भी लेे सकते हे या कॉल भी रिस्क बढ़कर शॉर्ट selling kyu krte h
यह हमने इसी मॉड्यूल में समझाया है, कृपया इसको पूरा पढ़ें।
Please inform me what is call put options in Nifty percentage shown in brackets and outside the bracket. What is its meaning
Sir aapne is topic main middle main likha hain ki ek or mahatvapurn baat :aap option liye buy krte hain taaki new fresh position bnaye
And aap apni purani short position ko band ya chhodna chahte hain
In dono baato ka matalab shi se samajh nhi aa paya please explain me
sir guru purnima ki hardik abhinandan 🙏🙏🙏
हमने कॉल ऑप्शन खरीदने वाले और पुट ऑप्शन बेचने वाले का ग्रॉफ एक दूसरे के बगल में रखा है। इससे दिखता है कि दोनों ही स्थितियों में पैसे तब बनते हैं जब बाजार ऊपर जाता है। इसका मतलब यह है कि कॉल ऑप्शन तब तक नहीं खरीदना चाहिए और पुट ऑप्शन तब तक नहीं बेचना चाहिए जब तक आपको लगता हो कि बाजार नीचे जाएगा
Kya isme koi sudhar ki jarurat hai …..
यह ठीक ही ट्रांसलेट हुआ है अगर आपको लगता है इसमें कुछ बदलना चाहिए तोह कृपया हमें बताएं।
Kya F/O ka call ya put same day me buy karke same day me sell kar sakte hai
Bina expiry tak ruke
जी हाँ कर सकते हैं।
Jis din option trading buy karte hai kay usi din bechana compulsary hai ya hold Kat sakte hai?
उसी दिन बेचना ज़रूरी नहीं है आप एक्सपायरी से पहले कभी भी बेच सकते हैं।
Its very good for learning & trading to new investor so you continue your teaching 🙏🙏🙏🎊💐🎁💐
Happy learning 🙂
Bahut saral bhasha me samjaya he , kya saral bhasha me samaj a sake ase vidio kaha dekh sakte he
वीडियो फ़िलहाल अंग्रेजी में उपलब्ध हैं।
Option writer को क्या फायदा होता है प्रीमियम बदलने पर? क्या वह भी आप्शन राइट करने के बाद प्रीमियम में बदलाव से लाभ कमा सकता है?
हमने इसको इसी अध्याय में समझाया है कृपया इसको पूरा पढ़ें।
Sir mane call option ka 32500 ka stick price kridhah to muje marjen kitne pe hoga 400 ke price ka lota h
अकाउंट सहित जानकारी के लिए आप हमें सपोर्ट पर कांटेक्ट कर सकते हैं।
pe -102 ho jata h to kya hota h
हमने इसको इसी अध्याय में समझाया है कृपया इसको पूरा पढ़ें।
Sir Jab market Up Jane ke chance hote he tab , kisi Ek share ke call or put options me kisko Lena chachiye , Please example Diteil send
हमने इसको इसी अध्याय में समझाया है कृपया इसको पूरा पढ़ें।
Sir abki baar expire wale din Kan sa traide lgaye jisme profit nikal sake
call or put kitne dino tk valid rahte hai ya same day khatm ho jaata hai
उसकी एक्सपायरी तक।
Maan lijyea maine koi put me option buy kiya 78 ke rate pr. uske baad agar wo option 78 se uper jayega tab muje profit hoga ya neeche jayega tab profit hoga? same in call ke case me bhi ecplain kar dijyea
हमने विस्तार में सब इसी अध्याय में समझाया है कृपया इसको पूरा पढ़ें आपको समझ आजायेगा।
Sir maine agar bajar bd rha hai aur option put buy Kiya hai to loss hi hoga but wo profit krne ke liye kya karna padega..plz ….
Explain otm atm and itm please
हमने इसको इसी अध्याय में समझाया है कृपया इसको पूरा पढ़ें।
Agr m aaj koi option buy krta hu or 3:30 tk usee sell nhi krta.. to kya wo automatically square off ho jayga ya next day bhi continue rhega?
अगर आपने इंट्राडे पोजीशन ली है तो स्क्वायर ऑफ होजायेगा वरना नहीं होगा।।
Hello kya aap hme sayar markit ke bare me vistar se samja sake ho aap ki bhut mehrbani hogi ram ram bai ka svi kar krna
हमने बोहत ही सरल भाषा में समझाया है, आप मॉड्यूल्स में दिए गए उदाहरणों को पढ़ें आशा करते हैं आपको समझ आजायेगा ।
Kya option buying m same day entry exit kar sakte h
जी हाँ।
Mam hum koi strike price ka call buy kare or wo us strike price Tak chala jata h ya us se jyda ho jata hai tu Kiya Hume wo contract ko buy kerna padega
Bank nifty ka put by kiya or expiry ho gyi pr sell nahin kr paya ab kya penalty lgega ya<
अकाउंट सहित जानकारी के लिए हमें सपोर्ट पोर्टल पर संपर्क कर सकते हैं।
sir maine aaj 12 baje call option buy kiya aur mera profit 350 ho gya aur maine sell kar diya .
fir mujhe ek aur trade mile jo ki 3 baje thA fir maine same option again buy kiya to wo mera pichle profit se start hua 350 ke baad se ?
aisa kyu ?
usko start to naya hona chahiye
Aapko padhne ke bad kisi course ki jarurat nhi hei
Happy learning 🙂
Mene 19300 me put kiya lekin order pending me he esa kyu
Hi..
Mene put option maanlo 18000 strike price pe liya, if uska primium 20rs he and mene one lot liya toh total value 1000 huyi..
Ab market girke 17950 strike price huyi and mere premium 20 se leke 14 ho gaya to Meri total value ho gyi 700..
Then put options buy Kiya fir to market girne se muje profit hona chahiye tha? To fir muje loss kyu hua?
Plz reply
हमने इसी अध्याय में इसको विस्तार से समझाया है कृपया इस पूरे मॉड्यूल को पढ़ें।
Mera option ka position apne aap trade ho gaya 3.25 pm aisa kyu hua
hau sir/ mam /mako pta karna hai market put me kab jata hai maket call me kab jata hai
हमने इसको इसी अध्याय में समझाया है कृपया इसको पूरा पढ़ें।
How to start share market
Please start from reading Varsity 🙂
AGER MERI POSITION EXPIRY KE DIN QUARE NHI HOTI HAI OR MARGIN MERE PASS HAI TO KYA HOGA
Agar hum Intraday day mai, Call and Put Option ( same trick Price) buy kart hai to loss hoga ya Profit?
ya dono ITM lene chahiiye?
Mujhe ek baat samajh mein nahin a Rahi option mein prajection police hone per bhi option select premium niche kyon aati hai
Nifty acche khase moment per trade kar rahi aur mera option bye Kiya hua premium kyon nahin badhta
agar hum derivetives mai call r put option dono ko baoich dai for example 15 days kai baad expiry hai r ajj callki kimat 600 hai r put ki kimat 1200 expiry aatai aatai yai call ka premium r put ka premium kam ho jaata hai like call expiry walai din 200 ki hoti hain r put 400 ki reh jati hai
agar hum dono pair ki selling ki baat karai to vo 600+1200=1800 so value hui but exipry walai din iski value 400+200=800 hi reh gayi matlab yai ki humnai 1600 ki sell kar di r last mai expiry kai time 800 mai wapas kar di to ismai koi risk ya nuksan hai to mere ko batao mujhai lagta hai acha tarika hai