10.1 संक्षिप्त विवरण

वैसे तो क्लियरिंग और सेटलमेंट बहुत ही सैधान्तिक विषय है लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है।  एक ट्रेडर या निवेशक के तौर पर आपको ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती कि आपका सौदा कैसे क्लियर या सेटल हो रहा है, क्योंकि एक अच्छा इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ ये काम कर रहा होता है और आपको ये पता भी नहीं चलता। 

लेकिन अगर आप इसको नहीं समझेंगे तो आपकी जानकारी अधूरी रहेगी इसलिए हम विषय को समझने की कोशिश करेंगे कि शेयर खरीदने से लेकर आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में आने तक क्या होता है। 

10.2 क्या होता है जब आप शेयर खरीदते हैं?

दिवस 1/ पहला दिन-  सौदे का दिन (T Day), सोमवार

मान लीजिए आपने 23 जून 2014 (सोमवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर 1000 रुपये के भाव पर खरीदे। आपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं। 

दिन के अंत होने तक आपका ब्रोकर एक लाख रुपये और जो भी फीस होगी, वो आपसे ले लेगा। मान लीजिए आपने ये सौदा ज़ेरोधा पर किया, तो आपको निम्नलिखित फीस  या चार्जेज देनी होगी:

 

क्रमांक कितने तरह के चार्जेज कितना चार्ज रकम
1 ब्रोकरेज 0.03% या 20 रुपये- इनमें से जो भी इंट्राडे ट्रेड के लिए कम हो 0
2 सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन चार्ज टर्नओवर का 0.1% 100/-
3 ट्रांजैक्शन चार्ज टर्नओवर का 0.00325% 3.25/-
4 GST ब्रोकरेज का 18% + ट्रांजैक्शन चार्ज 0.585/-
5 SEBI चार्ज 10 रुपये प्रति एक करोड़ के ट्रांजैक्शन पर 0.1/-
कुल 103.93/-

 

तो एक लाख रुपये के साथ 103.93 रुपये की फीस आपको देनी पड़ेगी, यानी कुल 100,103.93 रुपये की रकम आपके ट्रेडिंग अकाउंट से निकल जाएगी। याद रखिए कि पैसे निकल गए हैं लेकिन शेयर अभी आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में नहीं आए हैं।

उसी दिन ब्रोकर आपके लिए एक कॉन्ट्रैक्ट नोट (Contract Note) तैयार करता है और उसकी कॉपी आपको भेज देता है। ये नोट एक तरह का बिल है, जो आपके सौदौं की पूरी जानकारी देता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और भविष्य में काम आता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में आमतौर पर उस दिन हुए सभी सौदे अपने ट्रेड रेफरेंस नंबर (Trade Reference Number) के साथ दिए गए होते हैं। साथ ही आपसे ली गई सभी फीस की जानकारी उसमें होती है। 

 

दिवस 2/दूसरा दिन- ट्रेड डे + 1 (T+ Day), मंगलवार

जिस दिन आपने सौदा किया उसका अगला दिन टी+1 डे (T+1 Day) कहलाता है। T+1 day को आप अपने शेयर बेच सकते हैं, जो आपने पिछले दिन खरीदे हैं। इस तरह के सौदे को BTST-Buy Today, Sell Tomorrow या ATST- Acquire Today, Sell Tomorrow कहते हैं। याद रखिए कि शेयर अभी भी आपके डीमैट अकाउंट में नहीं आए हैं। इसका मतलब आप ऐसे शेयर बेच रहे हैं, जो अभी तक आपके हुए नहीं है। इसमें एक रिस्क है। वैसे हर BTST सौदे में रिस्क नहीं होता, लेकिन अगर आप बी ग्रुप के शेयर या ऐसे शेयर जिनकी खरीद-बिक्री बहुत कम होती है, उनका सौदा कर रहे हैं, तो आप मुसीबत में फंस भी सकते हैं। अभी इस पूरे मसले को यहीं छोड़ देते हैं। 

अगर आप बाज़ार में नए हैं, तो आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप BTST से दूर रहें क्योंकि आप उसके रिस्क को पूरे तरह से नहीं जानते। 

इसके अलावा आपके नजरिए से T+1 day का कोई खास महत्व नहीं है, हालांकि शेयर खरीदने के लिए दिए गए पैसे और सारी फीस सही जगह पहुंच रही होती है। 

 

दिवस 3/तीसरा दिन- ट्रेड डे + 2 (T+2 Day),  बुधवार

तीसरे दिन यानी T+2 day को दिन में करीब 11 बजे जिस आदमी ने आपको शेयर बेचे हैं उसके अकाउंट से शेयर निकल कर आपके ब्रोकर के अकाउंट में आ जाते हैं, और ब्रोकर यही शेयर शाम तक आपके अकाउंट में भेज देता है। इसी तरह जो पैसे आपके अकाउंट से निकले थे, वो उस इंसान के अकाउंट में पहुंच जाता है जिसने शेयर आपको बेचे। 

अब शेयर आपके डीमैट अकाउंट में दिखेंगे। आपके पास अब रिलायंस के 100 शेयर होंगे।

इस तरह T Day को खरीदे गए शेयर आपके अकाउंट में T+2 Day को आएंगे और T+3 Day को उनका सौदा फिर से कर पाएंगे। 

 

10.3 आप जब शेयर बेचते हैं, तब क्या होता है? 

जिस दिन आप शेयर बेचते हैं, वो ट्रेड डे (Trade Day ) कहते हैं, और इसे T Day लिखा जाता है। शेयर बेचते ही उतने शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ब्लॉक हो जाते हैं। T+2 Day के पहले ये शेयर एक्सचेंज को दे दिए जाते हैं और T+2 Day को उन शेयरों की बिक्री से मिलने वाले पैसे, फीस और चार्जेज कट कर, आपके अकाउंट में आ जाते हैं। 


इस अध्याय की काम की बातें

  1. जिस दिन आप सौदा करते हैं, उसे ट्रेड डेट (Trade date) कहते हैं, और उसे T Day लिखा जाता है। 
  2. T Day के दिन जितने भी सौदे आप करते हैं, उसके लिए उस दिन के अंत में ब्रोकर आपको एक कॉन्ट्रैक्ट नोट देता है, या जारी करता है। 
  3. जब आप शेयर खरीदते हैं, तो आपके डीमैट अकाउंट में वो T+2 डे (T+2 Day) के अंत में आएगा। 
  4. भारत में सभी इक्विटी/स्टॉक सेटलमेंट T+2 के आधार पर होता है। 
  5. जब आप शेयर बेचते हैं, तो वो शेयर तुरंत ब्लॉक हो जाता है और राशि आपको T+2 डे (T+2 Day) को मिलेगी। 



611 comments

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  1. Gogy singh says:

    Sir kya foreign exchange me bhi T+2 time lagta h ?

  2. Ratankumar says:

    1). Regarding Amount
    CNC se Jo bhi share kharida jata Hain to agar use same day par bech diya Jaye *Tab bhi receiving amount T+2 din ke baad aayega?

    2). Regarding Exit Position
    CNC mein agar same day par sale Kar diya tab bhi *Exit Position* tick karke exit hona hota Hain?
    Tick Karne par phir se Buy/Sale ka window khulta Hain…

    Please review and let me know the accurate things

  3. Nitesh says:

    Sir agar me abhi pnb ka share buy kru or usko kitni der bad sell kr skta hu

    • Kulsum Khan says:

      आप इंट्राडे प्रोडक्ट टाइप की मदद से आज हे सेल्ल कर सकते हैं।

  4. Nitesh says:

    Agar aaj sell ni kr ske to kal ho jayega kya?

  5. TUKARAM P JONDHALE says:

    डिअर सर ,
    मैंने पिचले गुरुवार को होल्डिंग में से १० शेयर सेल किये थे |लेकिन ओ position में आये , फिर मैंने उसमेसे exit लिया तब फिर ओ शेअर होल्डिंग में आये दुसरे दिन मुझे ईमेल आया की आपके शेअर की डेलिवर हो चुके है | सोमवार तक आपके demat account में amount आ जायेगा |
    but अब तक amount credit नहीं हुवा |मै मार्केट में नया हु please मेरी हेल्प करो, कब तक मेरी demat account में amount credit होगा?

    • Kulsum Khan says:

      Hi Tukaram, पिछले हफ्ते शुक्रवार को छुट्टी होने की वजह से शायद क्रेडिट नहीं मिला होगा क्यूंकि शेयर्स की डिलीवरी होने में और अमाउंट क्रेडिट होने में T+2 वर्किंग दिन लगते हैं आपको कल या परसों तक अमाउंट क्रेडिट होजाना चाहिए अगर नहीं होता है तोह कृपया हमारे सपोर्ट पर टिकट बनायें आपको सपोर्ट टीम से सहायता मिलेगी। https://support.zerodha.com/

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