2.1 – कॉन्ट्रैक्ट 

MCX पर जिस कमोडिटी का सबसे ज्यादा कारोबार होता है वो है क्रूड ऑयल यानी कच्चा तेल। MCX पर हर दिन इस कमोडिटी में कुल मिलाकर (सभी कॉन्ट्रैक्ट) औसतन 3000 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार होता है यानी करीबकरीब 8500 बैरल कच्चे तेल का कारोबार हर दिन होता है। कच्चे तेल के इस कारोबार में कंपनियां और ट्रेडर दोनों हिस्सा लेते हैं। तकरीबन हर दिन अपस्ट्रीम कंपनियां (जैसे ओएनजीसी, रिलायंस और केर्न) और डाउनस्ट्रीम कंपनियां (जैसे IOC, BPCL, HPCL) MCX पर अपने आर्डर देती हैं। मुझे लगता है कि यह कंपनियां मुख्य तौर पर स्पॉट मार्केट में पोजीशन को हेज (hedge) करने के लिए अपने ऑर्डर MCX पर ट्रेड करते हैं जिससे कि वह स्पॉट बाजार में उठापटक से बच सकें। जबकि ट्रेडर सिर्फ स्पेकुलेशन करते हैं जिससे कि वह कच्चे तेल से कुछ कमाई कर सकें। 

मेरी सलाह यह होगी कि आप MCX की भाव कॉपी को देखें। इससे आपको किसी भी कॉन्ट्रैक्ट की लिक्विडिटी और वॉल्यूम के बारे में पता चल सकेगा। 

MCX पर मुख्यतः दो कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेडिंग होती है 

  1. क्रूड ऑयल ( बिग क्रूड या मेन क्रूड कॉन्ट्रैक्ट)
  2. क्रूड ऑयल मिनी (The Baby Version)

इस अध्याय में हम देखेंगे कि इ कॉन्ट्रैक्ट में किस तरीके की शर्तें होती हैं – एक्सपायरी से लेकर मार्जिन और प्रति टिक P&L तक

12.2 – क्रूड आयल (बिग क्रूड या मेन क्रूड कॉन्ट्रैक्ट)

दिन के औसत करीब 2500 करोड़ के कारोबार के साथ बिग क्रूड ऑयल कॉन्ट्रैक्ट MCX पर ट्रेड होने वाला सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट है। चलिए इस कॉन्ट्रैक्ट पर नजर डालते हैं –

कीमत-प्राइस कोट (Price Quote) – प्रति बैरल 

लॉट साइज – 100 बैरल 

टिक साइज –

प्रति टिक P&L 100 

एक्सपायरी – हर महीने की 19 या 20 तारीख 

डिलीवरी यूनिट – 50,000 बैरल 

फिजिकल डिलीवरी – मुंबई/ JNPT पोर्ट 

इस जानकारी को जरा बेहतर तरीके से समझते हैं। MCX पर कच्चा तेल प्रति बैरल के हिसाब से कोट (Quote) होता है। (एक बैरल करीब 42 गैलन या 159 लीटर के बराबर होता है) नीचे हमने क्रूड ऑयल के मार्केट डेप्थ का चित्र दिखाया है 

जैसा कि आप देख सकते हैं कि 19 दिसंबर 2016 को एक्सपायर होने वाला क्रूड ऑयल का कॉन्ट्रैक्ट 3197 पर है। हमें पता ही है कि यह कीमत प्रति बैरल कीमत है। 

लॉट साइज 100 बैरल का है, इसका मतलब है कि अगर आप इस कॉन्ट्रैक्ट को खरीदना चाहते हैं तो कॉन्ट्रैक्ट की कीमत होगी 

लॉट साइज * कीमत

= 100 * 3198 (लॉन्ग जाने की ऑफर कीमत)

Rs.319,800/-

तो यह तो हुई कॉन्ट्रैक्ट की कीमत लेकिन मार्जिन का क्या? कच्चे तेल में मार्जिन दूसरी किसी भी कमोडिटी के मुकाबले ज्यादा होती है। अगर अपने पोजीशन को अगले दिन के लिए रखना चाहते हैं तो फिर करीब 9% का मार्जिन आपको देना पड़ सकता है। 

इसका मतलब है कि कच्चे तेल के एक लॉट के लिए आपको जो मार्जिन डिपॉजिट देना होगा, वह है – 

9% * 319800

= Rs.28,782/-

वैसे आप चाहें तो जेरोधा के मार्जिन कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं और मार्जिन का अनुमान लगा सकते हैं। नीचे उसका ही चित्र है

अगर इस समय कच्चे तेल की कीमत 3253 है तो NRML सौदे (ओवरनाइट पोजीशन) के लिए 29,114 के मार्जिन की जरूरत पड़ेगी। लेकिन अगर आप इंट्राडे ट्रेड (MIS) करना चाहते हैं तो मार्जिन की जरूरत करीब करीब 4.5% की ही रह जाएगी। जैसा कि आप ऊपर के चित्र में देख सकते हैं कि MIS के लिए मार्जिन करीब 14,557 रुपए है। 

12.3 – ट्रेडिंग के लिए कच्चे तेल के सही कॉन्ट्रैक्ट को कैसे चुनें (एक्सपायरी का तर्क)

कच्चे तेल के कॉन्ट्रैक्ट हर महीने में जारी होते हैं। अभी जारी होने वाले कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी 6 महीने के बाद होगी। उदाहरण के तौर पर नवंबर 2016 में जारी हो रहे कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी 6 महीने बाद यानी मई 2017 में होगी। MCX इसकी जानकारी लगातार अपने सर्कुलर जारी करके देता रहता है। लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मुझे कभी-कभी उस जानकारी को समझने में मुश्किल होती है जो कि एक्सपायरी टेबल में दी जाती है। MCX हमें ये बताना चाहता है – 

मौजूदा महीना कॉन्ट्रैक्ट जारी एक्सपायरी
नवंबर 2016 मई 2017 19th मई
दिसंबर 2016 जून 2017 19th जून
जनवरी 2017 जुलाई 2017 19th जुलाई
फरवरी 2017 अगस्त 2017 21st अगस्त
मार्च 2017 सितंबर 2017 19th सितंबर
अप्रैल 2017 अक्टूबर 2017 18th अक्टूबर
मई 2017 नवंबर 2017 17th नवंबर

लेकिन MCX का सर्कुलर जो बताता है वो ये  है 

तो नवंबर 2016 का कॉन्ट्रैक्ट मई 2016 में जारी हुआ होगा। 

खैर, यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि 

  1. हर महीने एक नया कॉन्ट्रैक्ट होता है जो 6 महीने पहले जारी हुआ होता है 
  2. ये कान्ट्रैक्ट 6 महीने बाद एक्सपायर होते हैं उस महीने की 19 तारीख के करीब 
  3. इस तरह से हर कॉन्ट्रैक्ट 6 महीने तक चलते हैं 

ट्रेडिंग करने के लिए हमेशा पास के महीने वाला कॉन्ट्रैक्ट यानी नियर मंथ का कॉन्ट्रैक्ट चुनना चाहिए। मान लीजिए कि आज नवंबर 5, 2016 है, तो मैं उस कॉन्ट्रैक्ट को चुनुंगा जो कि 19 नवंबर 2016 एक्सपायर हो रहा है। साथ ही, नवंबर 15 या 16 को जब एक्सपायरी में कुछ ही दिन बचेंगे तो मैं दिसंबर 2016 के कॉन्ट्रैक्ट में चला जाऊंगा। इसके पीछे की वजह बहुत सीधी है, मौजूदा महीने के कॉन्ट्रैक्ट (इस उदाहरण में नवंबर 2016) में हमेशा लिक्विडिटी ज्यादा होती है और जब मौजूदा महीने का कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायर होने वाला होता है तो अगले महीने के कॉन्ट्रैक्ट (इस उदाहरण में दिसंबर 2016) में लिक्विडिटी बढ़ने लगती है।

बाजार में मौजूद बाकी सारे कॉन्ट्रैक्ट में कुछ कारोबार नहीं होता जब तक वो नियर मंथ के नहीं बनते।

12.3 – क्रूड ऑयल मिनी का कान्ट्रैक्ट 

क्रूड ऑयल मिनी का कॉन्ट्रैक्ट छोटा होने की वजह से ट्रेडर्स में काफी लोकप्रिय है। इसकी वजह ये है कि इसमें 

  1. मार्जिन की जरूरत कम पड़ती है। 
  2. प्रति टिक P&L भी छोटा होता है। क्या आपको पता है कि लोग कम नुकसान देखना चाहते हैं भले ही मुनाफा ज्यादा ना दिखे?

इस कॉन्ट्रैक्ट की जानकारी इस प्रकार है 

कीमत प्राइस कोट (Price Quote) – प्रति बैरल 

लॉट साइज – 10 बैरल 

टिक साइज –

प्रति टिक P&L 10 

एक्सपायरी – हर महीने की 19 या 20 तारीख 

डिलीवरी यूनिट – 50,000 बैरल 

फिजिकल डिलीवरी – मुंबई/JNPT पोर्ट 

अब एक नजर डालते हैं कीमत के कोट (Quote) पर –

क्रूड ऑयल मिनी का दिसंबर फ्यूचर 3210 प्रति बैरल पर है। इसकी कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू होगी 

= 3210 * 10

Rs.32,100/-

इसमें मार्जिन की जरूरत प्रतिशत के हिसाब से थोड़ी ज्यादा होती है। NRML के लिए करीब 9.5% और MIS के लिए 4.8% । 

अगर रुपयों में देखें तो NRML के लिए मार्जिन होगी 3049 और MIS के लिए होगी 1540, तो आप देख सकते हैं कि क्रूड ऑयल के मुख्य कॉन्ट्रैक्ट के मुकाबले यहां मार्जिन काफी कम है। 

लॉट साइज और मार्जिन के अलावा बाकी चीजें दोनों ही कॉन्ट्रैक्ट में एक जैसी होती हैं। 

12.4 – कच्चे तेल में ऑर्बिट्राज 

नीचे का चित्र देखें

ऊपर के चित्र के पहले हिस्से में क्रूड ऑयल दिसंबर फ्यूचर को दिखाया गया है और इसकी मार्केट डेप्थ भी दिखाई गई है जबकि चित्र का दूसरा हिस्सा क्रूड ऑयल मिनी के दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट को उस और उसके मार्केट डेप्थ को दिखाता है। 

अगर सब कुछ एक जैसा रहे तो इन दोनों कॉन्ट्रैक्ट की कीमत करीब-करीब एक जैसी दिखनी चाहिए क्योंकि इन दोनों का अंडरलाइंग एक ही है। और हम देख सकते हैं कि यहां पर दोनों कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 3221 ही है

लेकिन अगर इन दोनों की कीमत एक जैसी नहीं हो तो? 

मान लीजिए किसी वजह से दोनों कॉन्ट्रैक्ट अलग-अलग कीमत पर हैं। अगर क्रूड ऑयल 3221 पर है और क्रूड ऑयल मिनी 3217 पर है, तो क्या यहां एक ट्रेड का मौका है? जी हां बिल्कुल सही पहचाना आपने, यहां पर एक आर्बिट्राज का मौका है और इसको इस तरह से ट्रेड करना चाहिए

क्रूड ऑयल = 3221

क्रूड ऑयल मिनी = 3217

रिस्क फ्री मुनाफे की संभावना (आर्बिट्राज) = 3221-3217 = 4

ट्रेड कैसे होगा

हमें पता है कि किसी भी आर्बिट्राज के ट्रेड में हमेशा सस्ते ऐसेट को खरीदना चाहिए और महंगे ऐसेट को बेचना चाहिए। तो इस मामले में –

हम क्रूड ऑयल मिनी को 3217 पर खरीदेंगे और क्रूड ऑयल को 3221 पर बेचेंगे। यह भी याद रखें एक आर्बिट्राज के मौके का अच्छा इस्तेमाल करने के लिए हमें दोनों तरफ बराबर की मात्रा का ट्रेड करना चाहिए। 

क्रूड ऑयल की कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू – 3221 * 100 = Rs.3,22,100/-

क्रूड ऑयल मिनी की कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू-  3217 * 10 = Rs.32,170/-

तो यह देखते हुए हमें क्रूड ऑयल मिनी के 10 लॉट 3217 पर खरीदने होंगे और क्रूड ऑयल का एक लॉट 3221 पर बेचना होगा। इस तरह से दोनों कॉन्ट्रैक्ट साइज एक बराबर हो जायेंगे और आर्बिट्राज सही तरीके से काम करेगा। 

जब हम इस ट्रेड को ठीक तरीके से कर लेंगे तो आर्बिट्राज फायदा मिल जाएगा। याद रखिए कि हर आर्बिट्राज में कीमतें कहीं एक जगह जाकर मिलती हैं। मान लीजिए इस मामले में कीमत 3230 पर मिलती है। 

तो इसका मतलब यह होगा कि हम क्रूड ऑयल मिनी पर 13 प्वाइंट बना रहे होंगे और क्रूड ऑयल पर 9 प्वाइंट का नुकसान सह रहे होंगे। इस तरह से कुल मिलाकर हमें 4 प्वाइंट का मुनाफा होगा। 

वास्तव में कीमत कहीं भी हो आपको 4 प्वाइंट का मुनाफा जरूर मिलेगा। 

याद रखें कि इस तरह के मौके हर दिन नहीं मिलते। अगर ऐसे मौके आते भी हैं तो एल्गोरिदम (Algorithm) उसको आपसे पहले पकड़ लेते हैं। लेकिन कभी-कभी मैंने ऐसे मौकों को कुछ मिनटों तक चलते हुए देखा है। 

तो ट्रेड के ऐसे मौकों के लिए नजर खुली रखिए और अगर ये मिलें तो उसे पकड़ लीजिए। 

इसके साथ ही कच्चे तेल पर हमारी यह बातचीत यहीं खत्म होती है। अगले कुछ अध्यायों में हम मेटल यानी धातुओं के कारोबार पर नजर डालेंगे।

इस अध्याय की मुख्य बातें 

  1. कच्चे तेल के दो कॉन्ट्रैक्ट उपलब्ध होते हैं क्रूड ऑयल और क्रूड ऑयल मिनी।
  2. दोनों कॉन्ट्रैक्ट में लॉट साइज अलगअलग होता है। बड़े क्रूड ऑयल का लॉट साइज 100 बैरल का होता है जबकि क्रूड मिनी का लॉट साइज 10 बैरल का होता है।
  3. दोनों कॉन्ट्रैक्ट में कीमत प्रति बैरल के आधार पर बताई जाती है। 
  4. हर महीने कच्चे तेल का एक नया कॉन्ट्रैक्ट जारी होता है जो 6 महीने बाद एक्सपायर होता है।
  5. एक्सपायरी हर महीने की 19 तारीख के आसपास होती है।
  6. मौजूदा महीने के कॉन्ट्रैक्ट में सबसे ज्यादा लिक्विडिटी होती है।
  7. दोनों कॉन्ट्रैक्ट के बीच में आर्बिट्राज का मौका मिलने पर पैसे कमाए जा सकते हैं लेकिन यह ध्यान देना होता है कि कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू एक बराबर हो।

 




2 comments

  1. Sandip Kale says:

    बहोत सुंदर बताया लेकीन लास्ट मे जो क्रूड ऑयल की कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू – 3221 * 100 = Rs.3,22,100/-

    क्रूड ऑयल मिनी की कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू- 3217 * 10 = Rs.32,170/-
    तो इसमे crude oil mini के भी 100 quantity होना चाहीये तभि तो आरबीटाज हो पायेगा

    • Kulsum Khan says:

      सूचित करने के लिए धन्यवाद हम इसको चेक करेंगे।

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