7.1 – शुरूआत

जैसा कि आप जानते हैं कि भारत में दो कमोडिटी एक्सचेंज हैं- मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (NCDEX)। मेटल और एनर्जी से जुड़ी कमोडिटी के लिए MCX को ज्यादा पसंद किया जाता है जबकि एग्री कमोडिटी के लिए NCDEX ज्यादा लोकप्रिय है। लेकिन पिछले कुछ समय में, MCX पर एग्री कमोडिटी का कारोबार भी बढ़ रहा है। मैं अगले कुछ अध्यायों उन कमोडिटी के बारे में बात करूंगा जो एक्सचेंज पर ट्रेड होती हैं और कोशिश करूंगा कि आप कमोडिटी कॉन्ट्रैक्ट के बारे में कुछ जान पाएं। 

हम उन सारी कमोडिटी पर चर्चा करेंगे जो कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेड होती हैं। हमारी कोशिश है कि हम ये जान सकें कि कमोडिटी कॉन्ट्रैक्ट कैसे काम करते हैं, किन कमोडिटी में आपको ट्रेड करना चाहिए और कौन सी ऐसी चीजें है जो कि कमोडिटी पर असर डालती हैं। मैं कमोडिटी के उस हिस्से पर चर्चा नहीं करूंगा जहां कमोडिटी मार्केट के बारे में बताया जाता है, जहां पर उनका इतिहास, फॉरवर्ड मार्केट, अमेरिकी किसान और शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज आदि के बारे में बताया जाता है। इन सब के बारे में आपको हर उस जगह आसानी से जानकारी मिल जाएगी जहां कमोडिटी मार्केट के बारे में कुछ भी बताया जा रहा हो। मैं सीधे कमोडिटी कॉन्ट्रैक्ट के बारे में बात करूंगा और इस कॉन्ट्रैक्ट के बारे में आपको ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने की कोशिश करूंगा। 

नीचे की लिस्ट को देखिए जिसमें उन कमोडिटी को दिखाया गया है जो MCX पर ट्रेड होती हैं – 

हम कोशिश करेंगे कि उन सारी बड़ी कमोडिटी पर चर्चा कर सकें जिन्हें ट्रेड किया जा सकता है। यहां पर आपको यह जानना जरूरी होगा कि डेरिवेटिव फ्यूचर किस तरीके से काम करते हैं तभी आप कमोडिटी को अच्छे से समझ पाएंगे। अगर आप फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में नहीं जानते हैं तो आपको फ्यूचर ट्रेडिंग से जुड़े हमारे मॉड्यूल को जरूर पढ़ना चाहिए। 

अगर आप फ्यूचर के बारे में जानते हैं तो हम आगे बढ़ते हैं और शुरुआत करते हैं सोने के साथ

7.2 – सोने का कॉन्ट्रैक्ट 

MCX पर सोने में सबसे ज्यादा कारोबार होता है। इस कारोबार में काफी ज्यादा लिक्विडिटी है और हर दिन करीब 15,000 कॉन्ट्रैक्ट को ट्रेड किया जाता है, यानी हर दिन करीब 4500 करोड़ रुपए का कारोबार होता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यह संख्या सिर्फ सोने के एक कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी हुई है जिसे बिग गोल्ड कहा जाता है। 

MCX पर सोने की कई तरह की कॉन्ट्रैक्ट उपलब्ध हैं, जिनमें आप ट्रेड कर सकते हैं। नए लोग और कई बार तो पुराने कारोबारी भी सोने के इन अलग-अलग कॉन्ट्रैक्ट में उलझ जाते हैं और उनको समझ नहीं आता कि किस कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेड करना चाहिए और किस में नहीं। इसलिए सबसे पहले हम सोने में उपलब्ध अलग-अलग तरीके के कॉन्ट्रैक्ट पर नजर डालते हैं – 

  1. सोना (बिग गोल्ड) 
  2. गोल्ड मिनी
  3. गोल्ड गिनी
  4. गोल्ड पेटल (petal)

इन सभी कॉन्ट्रैक्ट की अंडरलाइंग एक ही है और वह है सोना। इनके अंतर को समझने के लिए सबसे जरूरी चीज यह है कि इनके कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी जानकारी को देखा और समझा जाए। तो सबसे पहले शुरू करते हैं बिग गोल्ड से। 

MCX पर सोने के कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी सारी जानकारियां यहां दी गई हैं, इनको हम एक-एक करके समझते हैं – 

विवरण मूल्य
कीमत कोटेशन रूपए प्रति 10 ग्राम (सभी टैक्स और ड्यूटी सहित)
लॉट साइज 1 किलोग्राम
टिक साइज 1 रूपया
प्रति टिक P&L  Rs. 100
एक्सपायरी का दिन कॉन्ट्रैक्ट महीने का 5th दिन 
डिलीवरी आवश्यक
डिलीवरी मात्रा 1 किलोग्राम

इन सब को इसी क्रम में समझते हैं। सबसे पहले नजर डालते हैं कि कीमत और कोटेशन पर 

यहां सोने के लिए कीमत 10 ग्राम के लिए दिखाई गई है। इस कीमत में सभी तरह की इंपोर्ट ड्यूटी और टैक्स शामिल हैं। इनके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे लेकिन अभी के लिए यह जान लीजिए कि MCX की कीमत में सब कुछ शामिल है। नीचे के चित्र पर नजर डालिए जिसमें MCX पर गोल्ड फ्यूचर के लास्ट ट्रेडेड कीमत को दिखाया गया है 

जैसा कि आप देख सकते हैं कि सोने का लास्ट ट्रेडेड प्राइस (अंतिम ट्रेडेड कीमत) 31,331 है। ध्यान दीजिए कि सोने की ये कीमत 10 ग्राम के लिए है। यहां पर लॉट साइज 1 किलो (1000 ग्राम) का है इसलिए कॉन्ट्रैक्ट की कुल कीमत हुई – 

(1000 * 31331) / 10

= Rs.31,33,100/-

तो इस ट्रेड के लिए कितने मार्जिन की जरूरत पड़ेगी, हम इसे जीरोधा के मार्जिन कैलकुलेटर पर जाकर निकाल सकते हैं – तो हमें 1,25,868 की जरूरत पड़ेगी जिसका मतलब हुआ कि मार्जिन का प्रतिशत हुआ –

1,25,868 / 31,33,100

4.017%

तो जैसा कि आप देख सकते हैं मार्जिन करीब 4% होगा, तो ये करीब करीब उतना ही है जितना करेंसी के कॉन्ट्रैक्ट में था। लेकिन कुल रकम के हिसाब से यह मार्जिन काफी ज्यादा है और इसलिए रिटेल ट्रेडर का सोने में पोजीशन लेना काफी मुश्किल होता है। यही वजह है कि सोने के दूसरे कॉन्ट्रैक्ट जैसे गोल्ड मिनी और गोल्ड पेटल भी एक्सचेंज पर मौजूद हैं जहां मार्जिन कम है। इन सारे कॉन्ट्रैक्ट के बारे में हम आगे चर्चा करेंगे। 

अभी मान लीजिए कि आपने 1 किलो सोना MCX पर खरीदा है इसका मतलब है कि आप को करीब 1,25,000 मार्जिन के तौर पर जमा करने होंगे और हर टिक पर आप या तो100 कमाएंगे या 100 गंवाएंगे। तो हमें यह 100 का आंकड़ा कहां से मिला – 

प्रति टिक P&L = (लॉट साइज / कोटेशन) * टिक साइज

इसे सोने पर आजमाते हैं 

(1000 ग्राम / 10 ग्राम) * 1 रुपया

= 100 रुपए

वास्तव में, आप इस फार्मूले का इस्तेमाल करके फ्यूचर या ऑप्शन के किसी भी कॉन्ट्रैक्ट का प्रति टिक P&L  निकाल सकते हैं। उदाहरण के तौर पर मान दीजिए JPY INR का कॉन्ट्रैक्ट है, आपको याद होगा कि इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए लॉट साइज 100,000 जापानी येन का है और कोटेशन 100 जापानी येन का है टिक साइज 0.0025 है तो प्रति टिक P&L होगा –

(100000/100)*0.0025

= 2.5 Rupees

तो अब आगे बढ़ते हैं और एक्सपायरी पर नजर डालते हैं। अगर आप देखेंगे तो आपको दिखेगा कि गोल्ड में एक्सपायरी की जगह सिर्फ लिखा है- कॉन्ट्रैक्ट महीने का पांचवा दिन। सोने का कॉन्ट्रैक्ट हर दूसरे महीने में नया जारी होता है और हर कॉन्ट्रैक्ट एक 1 साल तक के लिए वैध रहता है। इस तरह से किसी भी समय आपके सामने 6 कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जिनमें से आप अपने पसंद का कॉन्ट्रैक्ट चुन सकते हैं। मान लीजिए हम अगस्त 2016 में हैं तो आपको नीचे के इस टेबल को देखकर समझ में आएगा कि कौन से कॉन्ट्रैक्ट आपके लिए उपलब्ध हैं और यह कैसे काम करता है

अभी उपलब्ध कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी
अक्टूबर 2016 5th Oct 2016
दिसंबर 2016 5th Dec 2016
फऱवरी 2017 5th Feb 2017
अप्रैल 2017 5th April 2017
जून 2017 5th Jun 2017
अगस्त 2017 5th Aug 2017

हमेशा की तरह, सबसे ताजा कॉन्ट्रैक्ट ही सबसे ज्यादा लिक्विड कॉन्ट्रैक्ट होता है। जैसे इस उदाहरण में अक्टूबर 2016 का कॉन्ट्रैक्ट है। अक्टूबर 2016 का कॉन्ट्रैक्ट 5 अक्टूबर 2016 को एक्सपायर हो जाएगा तो सितंबर 2017 का कॉन्ट्रैक्ट जारी होगा और सबसे ज्यादा लिक्विड कॉन्ट्रैक्ट अब दिसंबर 2016 का कॉन्ट्रैक्ट हो जाएगा, जो कि 5 अक्टूबर 2016 के कॉन्ट्रैक्ट की जगह लेगा। 

ध्यान रखिए कि इक्विटी में सेटलमेंट हमेशा कैश में होता है और वहां फिजिकल सेटलमेंट नहीं होता। लेकिन जब कमोडिटी बाजार की बात आती है तो सेटलमेंट फिजिकल होता है और यहां पर डिलीवरी जरूरी होती है. इसका मतलब यह है कि अगर आपके पास सोने के 10 लॉट हैं और आपने डिलीवरी मांगी हुई है तो आपको 10 किलो सोना मिलेगा। डिलीवरी लेने के लिए कमोडिटी बाजार में आपको बताना पड़ता है कि आपको डिलीवरी चाहिए। एक्सपायरी के 4 दिनों पहले तक आप ऐसा कर सकते हैं। अगर एक्सपायरी 5 तारीख को है तो आप डिलीवरी लेने की इच्छा 4 तारीख के पहले किसी भी दिन जाहिर कर सकते हैं। 

ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आप ज़ेरोधा पर ट्रेड कर रहे हैं तो हम आपको इस बात की इजाजत नहीं देते हैं कि आप किसी कमोडिटी की फिजिकल डिलीवरी लें। इसका मतलब यह है कि आपको अपनी पोजीशन को एक्सपायरी महीने की 1 तारीख के पहले क्लोज करना होगा। जहां तक मेरी बात है मैं व्यक्तिगत तौर पर यह पसंद करता हूं कि अपनी पोजीशन को जल्दी से जल्दी क्लोज कर सकूं और कमोडिटी की फिजिकल डिलीवरी के चक्कर में ना पड़ूं। 

तो अब आप ज्यादातर बातें जान चुके हैं जो कि सोने के बिग गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी हुई हैं। अब आगे बढ़ते हैं और सोने के दूसरे कॉन्ट्रैक्ट पर नजर डालते हैं।

7.3 – सोने के दूसरे कॉन्ट्रैक्ट ( गोल्ड मिनी, गोल्ड गिनी, गोल्ड पेटल)

जैसा कि आप समझ चुके हैं कि बिग गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट में मार्जिन की जरूरत बहुत बड़ी होती है मतलब इसके लिए बहुत बड़ी रकम देनी पड़ती है। इस वजह से, बहुत सारे ट्रेडर बिग गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेड नहीं कर पाते हैं। शायद यही वजह है कि एक्सचेंज ने कम मार्जिन वाले कई कॉन्ट्रैक्ट जारी किए हैं। 

आप सोने के जिन दूसरे कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेड कर सकते हैं वह हैं 

  1. गोल्ड मिनी 
  2. गोल्ड गिनी 
  3. गोल्ड पेटल 

इन कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी जानकारियां नीचे के टेबल में दिखाई गई हैं 

कीमत का क्वोट लॉट साइज टिक साइज P&L/टिक एक्सपायरी डिलीवरी डिलीवरी यूनिट
Gold Mini Rs. per 10 gm 100 gm 1 rupee Rs.10 5th day आवश्यक 100 gm
Gold Guinea Rs. per  8 gm 8 gm 1 Rupee Rs.1 Last day आवश्यक 8 gm
Gold Petal Rs. per  1 gm 1 gm 1 Rupee Rs.1 Last day आवश्यक 8 gm

मुझे लगता है कि यह टेबल समझने में आसान है क्योंकि हम इससे जुड़ी जानकारियों के बारे में ऊपर भी चर्चा कर चुके हैं। इसलिए अब हम सीधे मार्जिन से जुड़ी जानकारी पर चर्चा करेंगे

जैसा कि आप देख सकते हैं कि गोल्ड मिनी (GOLD M) कॉन्ट्रैक्ट में मार्जिन 15,682 का है और प्रतिशत के हिसाब से –

= मार्जिन / कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू

कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू = (कीमत * लॉट साइज)/कीमत का कोटेशन

= (31365 * 100)/10

= Rs.313,650

=15682/313650

5%

अगर आप देखें तो यह करीब करीब उतना ही है जितना कि बिग गोल्ड का प्रतिशत था। अब एक बार हम गोल्ड मिनी के प्रति टिक P&L  पर नजर डाल लेते हैं 

प्रति टिक P&L = (लॉट साइज / कोटेशन) * टिक साइज

= (100/10)*1

= Rs.10/- per tick.

गोल्ड मिनी के अलावा हमारे सामने गोल्ड गिनी और गोल्ड पेटल के कॉन्ट्रैक्ट भी होते हैं। यह बहुत छोटे कॉन्ट्रैक्ट होते हैं और इनमें मार्जिन की जरूरत बहुत कम होती है। करीब करीब 1251 गोल्ड गिनी के लिए और 154 गोल्ड पेटल के लिए। लॉट साइज भी छोटा होता है और इसलिए कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू भी बहुत कम होती है। आपको इनके भी कई प्रकार दिखेंगे जैसे गोल्ड पेटल (दिल्ली), गोल्ड गिनी (अहमदाबाद) आदि। अगर आप सोने में ट्रेड करना चाहते हैं तो आपको इन पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत नहीं है।

मेरी राय यह है कि अगर आप गोल्ड में ट्रेड करना चाहते हैं तो या तो बिग गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट में करें या गोल्ड मिनी कॉन्ट्रैक्ट में करें क्योंकि यहां पर लिक्विडिटी काफी होती है। दूसरे कॉन्ट्रैक्ट में लिक्विडिटी काफी कम होती है। आपको यह बताने के लिए कि कॉन्ट्रैक्ट में लिक्विडिटी कितनी होती है, MCX के हर दिन के ट्रेड के इस आंकड़े पर नजर डालिए – 

  • बिग गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट में करीब 12 से 13 हजार लॉट का ट्रेड होता है 
  • गोल्ड मिनी कॉन्ट्रैक्ट के 14 से 15 हजार लॉट का ट्रेड होता है 
  • गोल्ड गिनी कॉन्ट्रैक्ट में एक से डेढ़ हजार लॉट ट्रेड होते हैं 
  • गोल्ड पेटल कॉन्ट्रैक्ट के 8 से 9 हजार लॉट ट्रेड होते हैं 

यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि आप को यह आंकड़े देखकर लगेगा कि गोल्ड पेटल में भी काफी ज्यादा लिक्विडिटी है। लेकिन याद रखिए कि गोल्ड पेटल लॉट साइज 8 ग्राम का होता है इसलिए 8 से 9 हजार लॉट का मतलब है करीब 2 से ढाई करोड़ रुपए। 

एक जरूरी बात जो कि याद रखनी चाहिए वह यह है कि लिक्विडिटी हमेशा सबसे करीबी मंथ के कॉन्ट्रैक्ट में सबसे ज्यादा होती है इसलिए कोशिश कीजिए कि आप इसी में ट्रेड करें। एक्सपायरी से जितने दूर वाले कॉन्ट्रैक्ट में रहेंगे लिक्विडिटी उतनी कम होगी। 

अब मुझे लगता है कि अब आप गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट और उनसे जुड़ी बातों को काफी हद तक समझ चुके होंगे। इसलिए अगले अध्याय में हम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड की कीमतों के संबंध और अंतरराष्ट्रीय कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी चीजों पर चर्चा करेंगे। यह भी जानेंगे कि गोल्ड पर किन चीजों का असर पड़ता है और गोल्ड और इक्विटी तथा डॉलर में क्या संबंध होता है।

इस अध्याय की मुख्य बातें 

  1. MCX पर ट्रेड होने वाले बुलियन कॉन्ट्रैक्ट में सबसे ज्यादा ट्रेड सोने में होता है। 
  2. सोने के कॉन्ट्रैक्ट के कई अलग-अलग प्रकार होते हैं- बिग गोल्ड, गोल्ड मिनी, गोल्ड गिनी, गोल्ड पेटल।
  3. सबसे ज्यादा लोकप्रिय कॉन्ट्रैक्ट है बिग गोल्ड लेकिन इसमें मार्जिन बहुत ज्यादा लगता है करीब 125000। 
  4. बिग गोल्ड के प्रति टिक P&L  ₹100 का होता है।
  5. प्रति टिक P&L  निकालने का फार्मूला = (लॉट साइज / कोटेशन) * टिक साइज
  6. सोने का दूसरा सबसे लोकप्रिय कॉन्ट्रैक्ट है गोल्ड मिनी जिसमें करीब 15000 का मार्जिन लगता है। 
  7. गोल्ड पेटल और गोल्ड गिनी, सोने के दूसरे ऐसे कॉन्ट्रैक्ट हैं जिनमें मार्जिन कम है लेकिन इन कॉन्ट्रैक्ट में लिक्विडिटी भी काफी कम होती है। 
  8. अपने नियरेस्ट मंथ यानी करीबी महीने के कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेड करना सबसे अच्छा होता है क्योंकि उसमें सबसे ज्यादा लिक्विडिटी होती है।
  9. इन सारे कॉन्ट्रैक्ट में डिलीवरी जरूरी होती है इसलिए यह अच्छा होगा कि आप अपने इन कॉन्ट्रैक्ट को एक्सपायरी के कम से कम 4 दिन पहले क्लोज कर दें।



9 comments

View all comments →
  1. super learner says:

    sir yeah tik kya ota h

    • Kulsum Khan says:

      एक टिक किसी स्टॉक की कीमत में न्यूनतम ऊपर या नीचे का मूवमेंट या प्राइस डिफरेंस है। एक टिक एक सिक्योरिटी का एक ट्रेडिंग दिन से लेकर दूसरे ट्रेडिंग दिन तक की कीमत में बदलाव का उल्लेख कर सकता है।

  2. Prakash says:

    Please explain ki agar hame delivery lena hai to uska kya process hota hai. Please explain even if not offered by zerodha bcs this is very simple language varsity.

  3. Manish says:

    Dear sir/mam.
    Equity options me cash settlement hota hai ya stocks ki digital delivery hoti hai.
    Gold me kya 100 gm. Gold ghar par bhejte hai. Ya phir wo bas hmare demat account me deliver hote hai. Please sir clear kijiye. I m confused.

    • Kulsum Khan says:

      इंडिया में हम फिजिकल डिलीवरी ही फॉलो करते हैं, इससे स्टॉक आपके दमत अकाउंट में भेजे जाते है। और गोल्ड की फिजिकल डिलीवरी नहीं होती कोई भी सेगमेंट फिजिकल गोल्ड से बेक्ड नहीं होता।

  4. UMESH KUMAR says:

    IF I WANT TO PHYSICAL FORM GOLD HOW TO BUY FROM MCX…

  5. Mukesh Chauhan says:

    जैसे इस उदाहरण में अक्टूबर 2016 का कॉन्ट्रैक्ट है। अक्टूबर 2016 का कॉन्ट्रैक्ट 5 अक्टूबर 2016 को एक्सपायर हो जाएगा तो सितंबर 2017 का कॉन्ट्रैक्ट जारी होगा

    Iss me September2017 ki jagha October2017 hoga i guess

    • Kulsum Khan says:

      सूचित करने के लिए धन्यवाद हम इसको सही करदेंगे।

View all comments →
Post a comment