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राइट्स एंटाइटेलमेंट के बारे में वह सब कुछ जो आपको जानना चाहिए

June 1, 2022

राइट्स – एक मूल विवरण

इससे पहले कि हम समझें की राइट्स एंटाइटेलमेंट क्या होते हैं, आइए जानतें हैं कि राइट्स इश्यू क्या होते है।

राइट्स इश्यू में, एक कंपनी अपने मौजूदा शेयरहोल्डर्स को डिस्काउंटेड प्राइस पर अपने और भी शेयर्स खरीदने का अधिकार देती है। कंपनी द्वारा इशू किया गया राइट्स शेयर या तो fully-paid शेयर्स या फिर partly -paid शेयर्स होता है। Fully-paid शेयर्स के केस में, कंपनी के प्रति आपका कोई ऑब्लिगेशन (दायित्व) नहीं होता है, यानि की, आपको कंपनी को कोई एक्स्ट्रा अमाउंट भरने के लिए नहीं कहा जा सकता है क्योंकि आप लिमिटेड लायबिलिटी वाले शेयरहोल्डर होते हैं।

अगर आपकी कंपनी ने आपको partly-paid राइट्स शेयर इशू किए हैं, तब वह आपको दिए गए समय में इंस्टॉलमेंट्स को भरने के लिए कह सकती है जिससे की वह fully paid शेयर्स बन सकतें हैं। अगर आप मांगें गए अमाउंट को पे नहीं कर पातें हैं, तब आपके partly -paid  शेयर्स के अधिकार को खो सकतें हैं या फिर आपसे मांगी गई अमाउंट या दोनों पर इंटरेस्ट लगाया जा सकता है।

आप इस Varsity अध्याय में राइट्स इशू के बारे में अधिक पढ़ सकते हैं।

राइट्स एंटाइटेलमेंट – एक नया इंस्ट्रूमेंट?

जनवरी 2020 में SEBI ने ये सर्कुलर को इशू करके यह घोषणा की, राइट्स एंटाइटेलमेंट डीमैट फॉर्म में ट्रेड हो सकतें है। यह इंस्ट्रूमेंट पहली बार रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरहोल्डर्स के लिए उपलब्ध कराया गया था जब मई 2020 में इसका राइट्स इश्यू लॉन्च हुआ था।

तब से, कई इन्वेस्टर्स (नए और अनुभवी दोनों) हमसे यह जानने की कोशिश करते हैं कि राइट्स एंटाइटेलमेंट क्या होते हैं और वे कैसे काम करते हैं। हमने अपने सपोर्ट पोर्टल पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों का एक लिस्ट बनाया है, लेकिन इंस्ट्रूमेंट की मूल बातों को लेकर काफ़ी बातें साफ़ नहीं है और इसलिए हमने यह लिखना का सोचा। 

इस पोस्ट में, हम राइट्स एंटाइटेलमेंट्स,राइट्स इश्यू और दूसरे सभी paid-up श्रेणियों (categories) के राइट्स शेयर्स के बारे में बात करेंगें जिसको जानना ज़रूरी है।  

राइट्स एंटाइटेलमेंट = शेयर्स के लिए कूपन कोड?

सबसे पहले, आइए इसे REs कहतें हैं 😅

जी हाँ, REs काफ़ी हद तक शेयर्स के लिए कूपन कोड की तरह होते हैं। अगर आपको कुछ REs मिले है, तब  आपको यह तीन ऑप्शन मिलते हैं –

  1. आप अपने REs का इस्तेमाल शेयर्स को डिस्काउंट प्राइस में ख़रीदने के लिए कर सकतें हैं।
  2. आप अपने REs को किसी और को बेच सकतें है जो डिस्काउंटेड शेयर खरीदना चाहते हो। 
  3. कुछ नहीं कीजिए। 

कूपन कोड की तरह, REs के भी एक्सपायरी डेट होते है। एक्सपायरी डेट से पहले आपको यह पता लगाना होगा कि आप इन REs का इस्तेमाल कैसे करना चाहते हैं।

अगर आप कुछ नहीं करना चुनते हैं, तब आप REs से जुड़े पूरे मूल्य को खो देते हैं।

आप RE कैसे प्राप्त कर सकतें हैं?

अगर आप राइट्स इश्यू स्कीम में बताये गए रिकॉर्ड डेट पर कंपनी के शेयरहोल्डर हैं, तब आपको अपने डीमैट अकाउंट में खुद भ खुद ये RE यूनिट्स प्राप्त होंगी जिनके लिए आप एलिजिबल होंगे।

रिकॉर्ड डेट के साथ, कंपनी उस रेश्यो की भी घोषणा करती है, जिसमें वह अपने शेयरहोल्डर्स को REs बाँटेंगी।

उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि कंपनी ने घोषणा की है कि शेयरहोल्डर, हर एक 15 शेयर्स के लिए 1 RE प्राप्त कर सकतें है। यह उनका अधिकार है। अब, अगर आपके डीमैट अकाउंट में 200 शेयर्स हैं, तब आपको प्राप्त होगा यह-

~ 200/ 15

= 13 (राउंडेड) REs. 

ये 13 REs आपके डीमैट अकाउंट में राइट इश्यू के ओपन होने पर या उससे पहले क्रेडिट हो जाएंगे। ये REs ट्रेड के लिए लिस्ट हो जाएंगे।

ट्रेडिंग REs

हमने ऊपर जो उदाहरण बताया है, उसके अनुसार आपको अपने डीमैट अकाउंट में 13 REs प्राप्त होते हैं। आप इन 13 REs का इस्तेमाल करके 13 राइट्स शेयर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

अगर आप 13 से ज़्यादा राइट शेयर्स खरीदना चाहते हैं, जैसे कि 20, तब आपको मार्केट से 7 और REs खरीदने की जरूरत होगी। अगर आप एक्स्ट्रा REs नहीं खरीदते हैं और 20 राइट्स शेयर्स के लिए अप्लाई करते हैं, तब आपको यह गारंटी दी जाएगी की आप 13 शेयर्स प्राप्त करेंगे और मांग के आधार पर ये 7 एक्स्ट्रा राइट्स शेयर मिल भी सकते हैं और नहीं भी।

यह एक कारण है कि जिसके चलते REs मार्केट में ट्रेड होता है। 

बेहतर समझ के लिए, आइए अतीत में जातें है और समझतें हैं की REs क्यों ट्रेड होने चाहिए। 

ऐतिहासिक संदर्भ

2020 से पहले एक्सचेंज पर REs ट्रेड नहीं किया करते थे। फिज़िकल राइट्स ऍप्लिकेशन्स इन्वेस्टर्स को भेजे जाते थे या रेजिस्ट्रार के पोर्टल से डाउनलोड किए जा सकते थे। इस एप्लिकेशन का इस्तेमाल या तो इन्वेस्टर के बैंक से अप्लाई करने के लिए किया जाता था या एप्लीकेशन फॉर्म को इच्छुक खरीदार को बेचा जा सकता था। यह तभी मुमकिन है, जब ऐसा कोई खरीदार इन्वेस्टर को मिल जाए तब। 

जी हाँ, लोग सचमुच एप्लीकेशन फॉर्म्स बेचते थे। 

इस पर विचार करें – 

अप्रैल 2019 में, वोडाफोन आइडिया ने एक राइट्स इश्यू लॉन्च किया था जिसमें राइट्स शेयर प्रचलित मार्केट प्राइस पर भारी छूट पर इशू किए गए थे। उस समय मार्केट प्राइस लगभग 30 प्रति शेयर था।

हर एक 38 शेयर्स जो शेयरहोल्डर होल्ड करते हैं, उसके लिए एक्स्ट्रा 87 शेयर्स और अप्लाई कर सकते है।

राइट इश्यू का डेटा इस प्रकार है – 

राइट से पहले स्टॉक का प्राइस =30

मान लीजिए कि, एक इन्वेस्टर के पास वोडाफोन के 3000 शेयर्स हैं, तब उसका टोटल इन्वेस्टमेंट वैल्यू होगा यह – 

3000 x 30 = 90,000

अब, 3000 शेयर रखने के आधार पर, इन्वेस्टर 6868 राइट शेयर्स के लिए एलिजिबल होंगे जिसके लिए वो अप्लाई कर सकतें है। मान लीजिए कि शेयर की कीमत 30 रुपये पर रुक जाती है। फिर,

राइट्स एडजस्टेड स्टॉक प्राइस = (राइट्स शेयर्स का टोटल वैल्यू +मौजूदा शेयर्स का टोटल वैल्यू)/राइट्स इश्यू के बाद शेयर्स की कुल संख्या

= (87×12.5)+(38×30))/(87+38)

= Rs. 17.82

पोस्ट राइट्स के बाद मूल होल्डिंग्स का वैल्यू  = 3000 x 17.82 

= Rs. 53,460

राइट्स एंटाइटेलमेंट वैल्यू = राइट एडजस्टेड स्टॉक प्राइस – राइट्स शेयर की कीमत

= 17.82 – 12.50

= Rs. 5.32

आपके 6868 REs का वैल्यू = 6868 x 5.32 

= Rs. 36,537.76

अब आप अपने 6868 REs का मूल्य जानते हैं, लेकिन आप इनका इस्तेमाल करके वोडाफोन आइडिया राइट्स शेयर्स के लिए अप्लाई नहीं करना चाहते है। आप अपने REs बेचने का फैसला करते हैं लेकिन अब आपको इसके लिए खरीदार तलाशने होंगे। अगर आप राइट्स इश्यू पीरियड के दौरान कोई खरीदार नहीं ढूंढ पा रहे हैं और राइट्स शेयर्स के लिए अप्लाई नहीं करते हैं, तब आप अपने REs के पूरे मूल्य को खो देते हैं, यानी रु 36,537.76।

SEBI को समझ में आ गया कि छोटे इन्वेस्टर को फिज़िकल राइट्स ऍप्लिकेशन्स फॉर्म बेचने में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है अगर वे खुद राइट्स शेयर्स के लिए अप्लाई नहीं करना चाहते हैं। और इसलिए, REs को ट्रेड के लिए एक नया डीमैट तरीका लाया गया था जिससे इन्वेस्टर्स यह निर्णय ले सकतें थे कि क्या वे  राइट शेयर्स के लिए बिना कोई रुकावट अप्लाई कर सकतें है।

ट्रेड करने से पहले ध्यान में रखने वाले कुछ बातें

जिस दिन राइट्स इश्यू ओपन होता है उस दिन REs स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होते हैं। ये स्थायी रूप से डीलिस्ट होने से पहले लगभग एक सप्ताह तक एक्सचेंज में ट्रेड हो सकतें हैं। 

REs को ट्रेड करते समय, आपको राइट्स के आंतरिक मूल्य यानि की intrinsic value को ध्यान में रखना होगा। RE का मार्केट प्राइस कभी-कभी डिस्काउंट या फिर आंतरिक मूल्य के प्रीमियम से बहुत दूर हो सकता है (यानी (राइट्स अडजस्टेड प्राइस ऑफ़ शेयर्स – राइट्स शेयर्स के लिए जो प्राइस पे करना है)।

आप इसमें इंट्राडे ट्रांसक्शन नहीं कर पाएंगे क्योंकि यह ट्रेड-टू-ट्रेड के आधार पर सेटल होते हैं। अगर आप सोमवार को RE खरीदते हैं, तब यह बुधवार को आपके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट होंगे और गुरुवार के बाद से आप इसे बेच सकेंगे। कहने का मतलब, एक्सचेंज पर खरीदे गए REs को बेचने के लिए आपको तीन ट्रेडिंग दिनों (T+3) तक इंतेज़ार करना होगा। 

इसका मतलब है, अगर आप ट्रेडिंग के अंतिम दो दिनों में REs खरीदते हैं तब आप उन्हें मार्केट में वापस बेच नहीं सकतें है क्योंकि ट्रेडिंग पीरियड समाप्त होने के बाद उन्हें आपके डीमैट अकाउंट में डिलीवर कर दिया जाएगा। इस केस में, आप केवल आपके द्वारा खरीदे गए REs का इस्तेमाल करके ही राइट्स शेयर्स के लिए अप्लाई कर सकतें हैं।

जब आप सीधे मार्केट से REs खरदीतें हैं, तब आपको जो राइट्स शेयर्स इशू किए जा रहे है उसके लिए आप अप्लाई कर सकतें है। आप अपने REs होल्डिंग्स का इस्तेमाल कर सके उसके लिए आपको राइट्स शेयर्स  के लिए अप्लाई करना होगा, नहीं तो ये बेकार हो जाएंगे।

एप्लिकेशन विंडो

एप्लिकेशन विंडो तब ओपन होती है जब RE ट्रेडिंग शुरू होती है और RE ट्रेडिंग से डीलिस्ट होने के बाद कम से कम 4 दिनों तक ओपन रहती है। एप्लिकेशन विंडो जब क्लोज़ हो जाता है, तब जो भी REs आपके डीमैट अकाउंट में है और जिनका इस्तेमाल नहीं हुआ है उसका पूरा मूल्य आप खो देंगे। 

आप इशू पीरियड के दौरान किसी भी समय राइट्स शेयर्स के लिए रजिस्ट्रार की वेबसाइट से सीधे पेमेंट करके या फिर नेट बैंकिंग ASBA का इस्तेमाल करके राइट्स इश्यू के लिए अपने बैंक अकाउंट में फंड्स को ब्लॉक करने के लिए अप्लाई कर सकते हैं। यह तभी कर सकतें हैं जब आपका बैंक इसको सपोर्ट करता हो।

एप्लीकेशन कैसे प्रोसेस होता है, उसकी जानकारी आप कंपनी के रजिस्ट्रार की वेबसाइट पर देख सकतें हैं। कंपनी या उसका रजिस्ट्रार आपके रेजिस्टर्ड ईमेल ID पर भी आपको डिटेल्स भेजेगा।

TLDR

राइट्स एंटाइटेलमेंट के बारे में जो ज़रूरी जानकारी है उसे यहाँ लिस्ट (महत्व के हिसाब से तैयार किया गया है) किया गया है :

  1. एप्लिकेशन विंडो जब क्लोज़ हो जाता है तब जो भी REs आपके डीमैट अकाउंट में है और जिनका इस्तेमाल नहीं हुआ है उसका पूरा मूल्य आप खो देंगे। 
  2. एक्सपायरी डेट से पहले आप या तो राइट्स शेयर्स के लिए अप्लाई करने के लिए REs को बेच सकते हैं या फिर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। दो तारीख़ जिन्हें आपको ध्यान में रखने की ज़रूरत है – पहला RE ट्रेडिंग की अंतिम तारीख़ है, और दूसरा राइट्स शेयर्स के लिए अप्लाई करने की अंतिम तारीख़ है। राइट्स के लिए अप्लाई करने की अंतिम तारीख़ के बाद REs एक्सपायर हो जाते हैं या नष्ट हो जाते हैं।
  3. एक्सचेंज पर खरीदे गए REs को बेचने के लिए आपको तीन ट्रेडिंग दिनों (T+3) तक इंतेज़ार करना होगा। ट्रेडिंग के अंतिम दो दिनों में खरीदे गए REs का इस्तेमाल केवल राइट्स अप्लाई करने के लिए किया जा सकता है क्योंकि यह आपके डीमैट अकाउंट में समय पर क्रेडिट नहीं होंगे और इसलिए आप इन्हें वापस बेच नहीं पाएंगे। 
  4. REs जैसा इंस्ट्रूमेंट अपने आंतरिक मूल्य पर प्रीमियम या डिस्काउंट पर ट्रेड कर सकता है (राइट्स अडजस्टेड प्राइस ऑफ़ शेयर्स – राइट्स शेयर्स के लिए जो प्राइस पे करना है)। ट्रेड में एंटर करने से पहले आपको इसे ध्यान में रखना होगा। 
  5. अगर आपकी कंपनी ने आपको partly-paid राइट्स शेयर इशू किए हैं, तब वह आपको दिए गए समय में इंस्टॉलमेंट्स को भरने के लिए कह सकती है जिससे की वह fully paid शेयर्स बन सकतें हैं। अगर आप मांगें गए अमाउंट को पे नहीं कर पातें हैं, तब आपके partly -paid  शेयर्स के अधिकार को खो सकतें हैं या फिर आपसे मांगी गई अमाउंट या दोनों पर इंटरेस्ट लगाया जा सकता है।

हैप्पी इन्वेस्टिंग,

 

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Content writer at Zerodha


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