कैश- सेटल्ड कमोडिटीज में ट्रेडिंग की पॉलिसी में बदलाव

June 7, 2022

CATEGORY: Commodity Queries, Trading @ Zerodha

अपडेट [21 सितंबर, 2020]: क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट्स की वोलैटिलिटी कम हो गई है, नीचे दिए गए मार्जिन के बदलाव लागू नहीं होंगे। यदि हम वोलैटिलिटी बढ़ते हुए देखते हैं तो आगे कुछ और नियम लेकर आ सकते हैं।  
हमने हाल ही  में एक पोस्ट लिखा था जिसमें हमने क्रूड ऑयल फियास्को और कमोडिटी ब्रोकरेज फर्म्स में होने वाले रिस्क के बारे में बात की थी। अप्रैल 20, 2020 के दिन की जैसी स्तिथि में जहाँ क्रूड ऑइल का सेटलमेंट प्राइस NYMEX पर नेगेटिव था और इसलिए MCX में भी, ब्रोकरेज फर्म के ऊपर अनलिमिटेड लायबिलिटी थी। इस घटना के कारण, भारतीय ब्रोकरेज फर्म में Rs.300 करोड़ (Zerodha में 10 करोड़ रुपये) से अधिक का क्लाइंट्स का डिफ़ॉल्ट हुआ हैं। इंटरनैशनली देखने पर, यह नुकसान सैकड़ों मिलियन डॉलर है। कस्टमर से ली गयी कितनी भी मार्जिन इस रिस्क को कवर नहीं कर सकती थी। अब हमको यह देखना होगा कि क्या MCX में कोई भी कैश-सेटल्ड कमॉडिटी नेगेटिव में बदल सकती है। इसलिए हम कैश-सेटल्ड वाली सभी कमॉडिटी के लिए अपनी रिस्क मैनेजमेंट पॉलिसी में नीचे दिए गए बदलाव कर रहे हैं – कच्चा तेल(Crude Oil), नेचुरल गैस(Natural Gas), और कच्चा पाम तेल (CPO)।

एक्सपायरी के पहले ज्यादा मार्जिन 

CME ग्रुप के CEO के साथ यह इंटरव्यू देखें। उस दिन 154,000 क्रूड के कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेडिंग हुयी, जो 20 अप्रैल को एक्सपायर होने वाले थे। जब क्रूड ने नेगेटिव प्राइस में ट्रेड किया, तो सिर्फ 80 कॉन्ट्रैक्ट ने $0 से नीचे ट्रेड किया और वह भी एक्सपायरी के कुछ घंटों पहले। तो ये $0 से नीचे के ट्रेड बहुत कम वॉल्यूम में थे और कॉन्ट्रैक्ट जो एक्सपायर होने वाले थे उनकी डिलीवरी लेने के दौरान टेक्निकल इशू आ रहे थे। अगले महीने के कॉन्ट्रैक्ट पॉजिटिव थे ।
तो हमारा सोचना यह है कि यदि इनमें से कोई भी कॉन्ट्रैक्ट फिर से नेगेटिव हो जाता है, तो ज्यादातर केस में यह तब होगा जब वह एक्सपायरी के बहुत पास है, फिजिकल डिलीवरी होने ही वाली है और डिलीवरी लेने में, ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज में कुछ इशू है। 
MCX पर फिजिकल डिलीवरी वाले सभी कॉन्ट्रैक्ट में एक्सपायरी से 5 दिन पहले अनिवार्य रूप से ट्रेडिंग बंद हो जाती हैं और केवल वो लोग ही कॉन्ट्रैक्ट को रख सकते हैं जो डिलीवरी लेना या देना चाहते हैं। इसलिए फिजिकल डिलीवरी लेने या देने के इश्यूज के कारण एक्सपायरी के समय किसी कॉन्ट्रैक्ट के नेगेटिव होने का रिस्क से हमें फर्क नहीं  पड़ता है। आज से, कैश-सेटल्ड कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए हम इसी पॉलिसी का पालन करेंगे – क्रूड ऑइल, नेचुरल गैस और क्रूड पाम ऑइल (CPO)

आपके लिए क्या बदलेगा 

1. सभी ओपन कैश-सेटल्ड कमोडिटी कॉन्ट्रैक्ट जो अगले दिन एक्सपायर होने वाले हैं उनके लिए एक एडिशनल मार्जिन जो कि SPAN + Exposure मार्जिन के 2x के बराबर होगी उसकी जरुरत होगी।  यदि पर्याप्त मार्जिन उपलब्ध नहीं है , तो हमारी रिस्क मैनेजमेंट टीम के द्वारा स्क्वायर ऑफ कर दिया जायेगा। 
2. एक्सपायरी के आखिरी दो दिनों में MIS या CO प्रोडक्ट टाइप के कैश-सेटल्ड वाले कमोडिटी कॉन्ट्रैक्ट्स पर ट्रेड करने नहीं दिया जाएगा ।
Spread the word
India's largest broker trusted by 1.3+ crore investors.


Post a comment