यूनिफार्म (एक समान )स्टाम्प ड्यूटी
इस नोटिफिकेशन के माध्यम से, 1 जुलाई, 2020 से समान रूप से स्टांप ड्यूटी लिया जाएगा। आप कौन से स्टेट में रहतें उस पर ध्यान दिए बिना ये लिया जाएगा। अब तक, आप जिस स्टेट में रहतें है उसके आधार पर अलग-अलग रेट्स पर स्टांप ड्यूटी लिया जाता था। हम (ब्रोकरेज फर्म) आपसे ये कलेक्ट करते थे और संबंधित स्टेट गवर्मन्ट को हर महीने पे करते थे। अब से हम इसे कलेक्ट करेंगे और एक्सचेंजों को पे करेंगे, जो बदले में, इसे केंद्र सरकार (central government) को वापस कर देंगे।
पुराने रेट्स
अब तक आप कितना पे कर रहे थे, उसको जानने के लिए इस लिंक को देखें। ज़्यादातर स्टेट्स इंट्राडे/डेरिवेटिव के लिए 200 रुपये से 300 रुपये प्रति करोड़ और इक्विटी डिलीवरी ट्रेडों के लिए 1000 रुपये प्रति करोड़ के रेंज में चार्ज करते थे। कुछ स्टेट जैसे तेलंगाना, हरियाणा आदि में स्टैंप ड्यूटी पर प्रति कॉन्ट्रैक्ट नोट पर मैक्सिमम कैप था।
नई रेट्स
ट्रेड का प्रकार | नए स्टांप ड्यूटी रेट |
---|---|
डिलीवरी इक्विटी ट्रेड्स | बाय-साइड पर 0.015% या 1500 रुपये प्रति करोड़ |
इंट्राडे इक्विटी ट्रेड्स | बाय-साइड पर 0.003% या 300 रुपये प्रति करोड़ |
फ्यूचर्स (इक्विटी और कमोडिटी) | बाय-साइड पर 0.002% या 200 रुपये प्रति करोड़ |
ऑप्शन (इक्विटी और कमोडिटी) | बाय-साइड पर 0.003% या 300 रुपये प्रति करोड़ |
करेंसी | बाय-साइड पर 0.0001% या 10 रुपये प्रति करोड़ |
म्यूच्यूअल फंड्स | बाय-साइड पर 0.005% या 500 रुपये प्रति करोड़ |
बांड्स | बाय-साइड पर 0.0001% या 10 रुपये प्रति करोड़ |
2019-20 के केंद्रीय बजट में, सभी स्टेट्स में स्टांप ड्यूटी को एक समान कर दिया गया था। फाइनेंस बिल पर पेज 14 को देखें। यहाँ तरह-तरह एक्सचैंजेस के सर्कुलर्स के लिंक दिए गए हैं: इक्विटी, फ्यूचर्स और ऑप्शन, करेंसी, ऑफर फॉर सेल, ऑफर फॉर टेकओवर/डीलिस्टिंग/बाय- बैक, और कमोडिटी।
पुराने रेट्स की तुलना में ये कैसा है
नई रेट्स केवल अब बाय-साइड पर हैं ना कि बाय और सेल्ल दोनों साइड पर। तो आप में से ज़्यादातर लोगों के लिए स्टाम्प ड्यूटी का कॉस्ट 50% से भी ज़्यादा कम हो जाएगा। एक्टिव ट्रेडर्स जो उन स्टेट्स में रह रहे थे, जिनके ऊपर प्रति कॉन्ट्रैक्ट नोट पर हर दिन का मैक्सिमम स्टांप ड्यूटी पर कैप था, वे अब से कैप का फ़ायदा नहीं ले पाएंगे। इसलिए ये उनके लिए काफ़ी बुरा साबित होगा। DIS (डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप) का इस्तेमाल करके शेयर्स या म्यूचुअल फंड के ऑफलाइन ट्रांसफर के लिए पहले कोई स्टांप ड्यूटी नहीं था। अब DIS स्लिप पर एंटर की गई अमाउंट के आधार पर जो डिलीवरी ट्रेड्स के लिए लिया जाता है यानि (बाय साइड पर 0.015% या 1500 रुपये प्रति करोड़) इसके लिए भी वही होगा।
यह म्यूचुअल फंड ट्रांसक्शन को कैसे प्रभावित करता है
आपकी म्यूचुअल फंड खरीद पर 0.005% का स्टाम्प ड्यूटी लिया जाएगा। ऐप्लकबल (लागू) स्टांप ड्यूटी को अलॉटेड यूनिट्स के साथ एडजस्ट किया जाता है और ना की इसे अलग से चार्ज किया जाता है।
मान लें कि आप किसी फंड में 10,000/- रुपये का इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं, तब ऐप्लकबल स्टाम्प ड्यूटी है ये – रु.10,000 * 0.005% = 0.5 (50 पैसे)
इसलिए आपके इन्वेस्टमेंट अमाउंट को स्टांप ड्यूटी से एडजस्ट किया जाता है और यह घटकर 9,999.5/- रुपये हो जाता है।
आपको मिलने वाली यूनिट्स की संख्या है – रु.9,999.5/10 = 999.95।
आप यहाँ म्यूचुअल फंड ट्रांसक्शन के बारे में और ज़्यादा जान सकते हैं।
हैप्पी ट्रेडिंग,