1.1 संक्षिप्त विवरण
किसी भी बिज़नेस को समझने के लिए फ़ंडामेंटल एनालिसिस का इस्तेमाल किया जाता है। अगर कोई निवेशक लम्बे समय के लिए बाज़ार में निवेश करना चाहता है तो उसको उस बिज़नेस को ठीक से समझना चाहिए जिसमें निवेश कर रहा है। फ़ंडामेंटल एनालिसिस बिज़नेस को कई तरफ से देखने और समझने के इसी काम में मदद करती है। निवेशक के लिए ये ज़रूरी है कि वो बाजार के हर दिन के शोरगुल से अलग हट कर बिज़नेस के कामकाज पर नज़र डाले। फ़ंडामेंटल तौर पर मज़बूत कंपनियों के शेयर की क़ीमत समय के साथ बढ़ती है और निवेशक को फ़ायदा होता है।
भारतीय बाज़ार में ऐसे कई उदाहरण हैं जैसे इनफ़ोसिस, TCS, पेज इंडस्ट्री, आयशर मोटर्स, बॉश इंडिया, नेस्ले इंडिया, TTK प्रेस्टीज आदि। इनमें से हर कंपनी ने दस साल से ज़्यादा तक औसतन 20% से ज़्यादा का कम्पाउंड वार्षिक रिटर्न (CAGR) दिया है। आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि इनमें पैसा लगाने वाले हर निवेशक का पैसा 3.5 साल में दोगुना हो रहा था। CAGR रिटर्न जितना ज़्यादा होगा आपकी पूँजी उतनी ही तेज़ी से बढ़ेगी। बॉश इंडिया जैसी कुछ कंपनियों ने तो 30% तक का CAGR दिया है। तो अब आपको समझ आ गया होगा कि फ़ंडामेंटल तौर पर मज़बूत कंपनियों में निवेश करके कितनी तेज़ी से और कितना ज़्यादा पैसा कमाया जा सकता है।
नीचे दिए गए बॉश इंडिया, आयशर मोटर्स और TCS लिमिटेड के चार्ट को देख कर आप अन्दाज़ा लगा सकते हैं कि लम्बे समय में सम्पत्ति कैसे बढ़ती है। याद रहे कि भारतीय बाज़ार के कई उदाहरणों में से ये सिर्फ़ तीन उदाहरण हैं।
आपको लग सकता है कि मैं सिर्फ़ अच्छे-अच्छे चार्ट दिखा रहा हूँ। आप सोच रहे होंगे कि सुज़लॉन एनर्जी, रिलायंस पावर और स्टर्लिंग बॉयोटेक के चार्ट कैसे दिखेंगे। इनको भी देखिए।
पैसे डुबाने वाले बहुत सारे उदाहरणों में से ये सिर्फ़ तीन हैं।
पैसा कमाने के लिए ये ज़रूरी है कि आप कमाई कराने वाली और नुक़सान कराने वाली कंपनियों के फ़र्क़ को पहचानें। कमाई कराने वाली हर कंपनी में कुछ गुण होते हैं जो उनको अलग से दिखाते हैं। इसी तरह पैसा डुबाने वाली कंपनियों की भी कुछ ख़ास पहचान होती है और अच्छा निवेशक उसे पहचान लेता है।
फ़ंडामेंटल एनालिसिस वो तकनीक है जो आपको सही कंपनी को पहचान कर लम्बे समय के निवेश के लिए भरोसा देती है।
1.2- क्या मैं फ़ंडामेंटल एनालिस्ट बन सकता हूँ?
आप बिलकुल बन सकते हैं। ये एक ग़लतफ़हमी है कि सिर्फ़ चार्टर्ड अकाउंटंट या कॉमर्स के बैकग्राउंड वाले लोग ही अच्छे फ़ंडामेंटल एनालिस्ट बन सकते हैं। एक अच्छा फ़ंडामेंटल एनालिस्ट बनने के लिए आपको बस कुछ चीज़ें सीखनी होंगी।:
- वित्तीय स्टेटमेंट को समझना
- हर बिज़नेस को उसकी इंडस्ट्री के परिप्रेक्ष्य के साथ समझना होगा
- ज़रूरी गणित को जानना होगा
इस अध्याय में हम ऊपर की लिस्ट में से पहली दो चीज़ों को सीखेंगे जिससे हमें फ़ंडामेंटल एनालिसिस आ सके।
1.3 – मुझे टेक्निकल एनालिसिस आती है, फंडामेंटल एनालिसिस समझने की क्या जरुरत है?
टेक्निकल एनालिसिस आपको छोटे फ़ायदे दिलाती है। ये आपको बाज़ार में एंट्री और एग्ज़िट का सही समय बताती है। लेकिन ये सम्पत्ति बढ़ाने का सही तरीका नहीं है। आप अमीर तभी बन सकते हैं जब आप अच्छा लांग टर्म निवेश करें। वैसे अच्छा ये होगा कि आप टेक्निकल ऐनालिसिस और फ़ंडामेंटल ऐनालिसिस दोनों को इस्तेमाल करें। इसे समझने के लिए एक बार फिर से आयशर मोटर्स के चार्ट पर नज़र डालते हैं।
मान लीजिए एक निवेशक आयशर मोटर्स को फंडामेंटल तौर पर मजबूत शेयर मानकर उस में निवेश करता है। उसने 2006 में कंपनी के शेयर में पैसे लगाए, जैसा कि आप चार्ट में देख सकते हैं कि 2006 से 2010 के बीच में स्टॉक ने कोई खास पैसे नहीं बनाए। शेयर में तेजी 2010 के बाद ही शुरू हुई। इसका यह भी मतलब हुआ कि फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर किए गए इस निवेश में आयशर मोटर्स ने निवेशक को अच्छा रिटर्न नहीं दिया। 2006 से 2010 के बीच इस निवेशक ने अगर छोटे-छोटे ट्रेड किए होते तो उसको ज्यादा फायदा हो सकता था। टेक्निकल एनालिसिस इस तरह के छोटे सौदों के लिए फायदेमंद होता है । इसीलिए आपको टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस का इस्तेमाल साथ–साथ करना चाहिए। इसी पर आधारित है पैसे निवेश करने की एक महत्वपूर्ण रणनीति जिसको कोर सैटेलाइट स्ट्रैटेजी (The Core Satellite Strategy) कहते हैं।
मान लीजिए एक निवेशक के पास ₹500,000 हैं वह इसको दो हिस्सों में बांटता है उदाहरण के तौर पर 60% और 40% के अनुपात में। इस राशि का 60% यानी ₹300,000 वह निवेश करता है लंबी अवधि के लिए और इसके लिए वह फंडामेंटल तौर पर मजबूत कंपनी ढूंढता है। ₹300,000 का यह निवेश उसका कोर पोर्टफोलियो बनता है। आप उम्मीद कर सकते हैं कि कोर पोर्टफोलियो कम से कम 12 से 15% CAGR के आधार पर हर साल बढ़ेगा। बाकी बचा हुआ 40% पैसा यानी ₹200,000 छोटी अवधि के ट्रेड में इस्तेमाल किए जा सकते हैं और इसके लिए टेक्निकल एनालिसिस तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे सैटेलाइट पोर्टफोलियो कहते हैं और इसमें भी 10 से 12% के रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है।
1.4 फंडामेंटल एनालिसिस के टूल्स यानी उपकरण
फंडामेंटल एनालिसिस के लिए इस्तेमाल की जाने वाले टूल्स बहुत ही साधारण होते हैं जो कि सबके लिए मुफ्त में उपलब्ध हैं। इसके लिए आपको चाहिए:
- कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट – फंडामेंटल एनालिसिस के लिए आपको जो भी सूचनाएं चाहिए वह कंपनी की एनुअल रिपोर्ट यानी वार्षिक रिपोर्ट में होती हैं आप इसे कंपनी के वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
- इंडस्ट्री से जुड़ा डेटा– यह जानने के लिए कि कंपनी कैसा काम कर रही है आपको इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ डेटा भी चाहिए। यह डेटा भी मुफ्त उपलब्ध होता है। इसके लिए आपको उस इंडस्ट्री एसोसिएशन यानी संगठन की वेबसाइट पर जाना होता है।
- समाचार या खबरों पर नज़र– हर दिन की खबर आपको कंपनी के बारे में, इंडस्ट्री के बारे में और अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी देती रहती है। एक अच्छा समाचार पत्र या न्यूज़ चैनल आपके लिए काम आ सकता है।
- माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल (MS Excel) – हालांकि ये मुफ्त नहीं है लेकिन यह आपके फंडामेंटल एनालिसिस की गणनाओं के लिए काफी जरूरी है।
इन चार टूल्स यानी उपकरण की मदद से आप फंडामेंटल एनालिसिस कर सकते हैं और यह किसी भी दूसरे फंडामेंटल एनालिस्ट की एनालिसिस के मुकाबले कम नहीं होगा। बड़ी-बड़ी कंपनियों के रिसर्च डिपार्टमेंट भी ऐसे ही काम करते हैं और उनकी भी कोशिश होती है कि उनकी रिसर्च सीधी सरल और तर्कसंगत हो।
इस अध्याय की खास बातें
- फंडामेंटल एनालिसिस का इस्तेमाल लंबे समय के निवेश के लिए किया जाता है।
- अच्छे फंडामेंटल वाली कंपनी में किया गया निवेश आपकी पूंजी या संपत्ति को बढ़ाता है।
- फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए आप एक अच्छी कंपनी यानी निवेश योग्य कंपनी और एक खराब कंपनी के बीच का अंतर जान सकते हैं।
- निवेश योग्य हर कंपनी में एक जैसे ही कुछ गुण होते हैं जो सभी अच्छी कंपनियों में दिखाई देते हैं इसी तरीके से हर खराब कंपनी के कुछ गुण होते हैं जो हर खराब कंपनी में दिखाई देते हैं।
- फंडामेंटल एनालिसिस इन गुणों को पहचानने में आपकी मदद करता है।
- बाजार में एक अच्छी रणनीति के लिए टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस दोनों का इस्तेमाल करना चाहिए।
- फंडामेंटल एनालिस्ट बनने के लिए आपको किसी खास कौशल की जरूरत नहीं होती है बस कॉमन सेंस यानी व्यवहारिक बुद्धि होनी चाहिए, थोड़ा गणित आना चाहिए और कोराबार कैसे चलता है, इसका पता होना चाहिए।
- पैसे निवेश करने के लिए कोर सैटेलाइट अप्रोच एक अच्छी रणनीति है।
- फंडामेंटल एनालिसिस के लिए जरूरी उपकरण बहुत ही साधारण होते हैं और सब को मुफ्त में उपलब्ध हैं।
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Happy to note that, Anupama. Keep going 🙂
surprised, after see good company chart with CAGR return. i always doing trading but not get good return better is long term.
समाचार या खबरों पर नज़र– हर दिन की खबर आपको कंपनी के बारे में, इंडस्ट्री के बारे में और अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी देती रहती है। एक अच्छा समाचार पत्र या न्यूज़ चैनल आपके लिए काम आ सकता है।
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आप ऐसा कोई भी न्यूज़ चैनल देख सकते हैं जहाँ आपको सही खभर मिल रही हो। सी.ऐन.बी.सी आवाज़ एक अच्छा हिंदी बिज़नेस न्यूज़ चैनल है।
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