18.1 – फॉरेक्स का किंग
भारत के बाहर, जिस मार्केट में सबसे अधिक ट्रेड होता है वो है – फॉरेक्स फ्यूचर्स मार्केट। रिटेल से लेकर इंस्टिट्यूशनल ट्रेडर तक– हर कोई फॉरेक्स फ्यूचर मार्केट में ट्रेडिंग करता है। अगर आप इस मार्केट को करीब से देखेंगे तो आपको समझ में आएगा कि जिन करेंसी पेयर में सबसे ज्यादा फ्यूचर ट्रेड होता है वो हैं –
- यूरो और डॉलर के बीच – EUR USD
- जीबीपी और यूएस डॉलर के बीच – GBP USD, इसे केबल भी कहते हैं।
- यूएस डॉलर और जापानी येन के बीच – USD JPY
अभी कुछ समय पहले तक, अगर आप भारत से इन इंटरनेशनल करेंसी पेयर में ट्रेड करना चाहते तो आपको विदेश में किसी ब्रोकर के यहां अपना अकाउंट खोलना पड़ता। आमतौर पर ऐसे ब्रोकर आपको साइप्रस पर या आइल ऑफ मैन (Isle of Man) जैसी जगहों पर मिलते, फिर आपको अपने पैसे उस ब्रोकर के अकाउंट में वायर ट्रांसफर करने होते और उसके बाद वह जो रेट बताता उसके आधार पर आप ट्रेड कर पाते। इस पूरी प्रक्रिया को रेगुलेट यानी नियंत्रित करने वाला कोई ढांचा नहीं था। इसलिए इस पूरे ट्रेड को संदेहास्पद माना जाता था।
लेकिन अब इस सबकी जरूरत नहीं है, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने इन इंटरनेशनल करेंसी पेयर के लिए एक ढांचा तैयार कर दिया है और क्रॉस करेंसी फ्यूचर और ऑप्शन की एक्सचेंज पर ट्रेडिंग के लिए अनुमति दे दी है।
ऊपर बताए गए सभी करेंसी फ्यूचर अब NSE पर ट्रेड के लिए उपलब्ध हैं। मैं इस अध्याय में कोशिश करूंगा कि आपको इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दे सकूं और यह बता सकूं कि इनके कॉन्ट्रैक्ट किस तरह से स्ट्रक्चर किए गए/बने होते हैं, जिससे आप इन में आसानी से ट्रेड कर सकें।
यहां एक जानकारी आपको और दे दूं, BIS के एक सर्वे के मुताबिक इंटरनेशनल यानी अंतरराष्ट्रीय फॉरेक्स बाजार में होने वाले 88% ट्रेड में एक तरफ यूएस डॉलर ही होता है। 50 परसेंट ट्रेड EUR USD, GBP USD और USD JPY के बीच होते हैं। तो, अब आपको अंदाज लग गया होगा कि यह कॉन्ट्रैक्ट कितने बड़े होते हैं।
आइए आगे बढ़ने के पहले कुछ जरूरी जानकारी देख लेते हैं।
जब आप किसी करेंसी पेयर को देखते हैं जैसे EUR USD, तो पहली करेंसी को बेस करेंसी कहते हैं और दूसरी करेंसी को क्वोट करेंसी (Quote Currency) कहते हैं। करेंसी के पेयर का क्वोट (Quote) हमेशा क्वोट करेंसी में किया जाता है।
उदाहरण के तौर पर अगर आप EUR USD की कीमत 1.23421 देख रहे हैं, तो इसका मतलब है कि एक यूरो 1.23421 यूएस डॉलर के बराबर है।
इस टेबल पर नजर डालिए
करेंसी पेयर | बेस करेंसी | क्वोट करेंसी |
---|---|---|
EUR USD | EUR | USD |
GBP USD | GBP | USD |
USD JPY | USD | JPY |
अब एक आम ऑर्डर बुक पर नजर डालते हैं, मान लीजिए कि करेंसी पेयर है कि EUR USD –
बिड कीमत (जिस कीमत पर आप खरीदेंगे) | आस्क कीमत (जिस कीमत पर आप बेचेंगे ) |
---|---|
1.2431 | 1.2429 |
1.2429 | 1.2427 |
1.2425 | 1.2222 |
1.2420 | 1.2418 |
1.2418 | 1.2416 |
तो अगर आप EUR USD को खरीदना चाहते हैं तो इसका मतलब है कि आपको एक यूरो के लिए 1.2431 यूएस डॉलर देने होंगे। इसी तरह अगर आप बेचना चाहते हैं तो आपको एक यूरो को 1.2429 यूएस डॉलर पर बेचना होगा।
18.2 – फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट
NSE ने इन सभी अंतर्राष्ट्रीय करेंसी पर फ्यूचर और ऑप्शन दोनों को शुरू किया है। लेकिन मुझे लगता है कि ऑप्शन को जोर पकड़ने में अभी समय लगेगा, लेकिन नियर मंथ फ्यूचर में काफी ट्रेडर्स तुरन्त आकर्षित होंगे।
सबसे अच्छी बात यह है कि इन तीनों करेंसी पेयर के लिए लॉट साइज को बेस करेंसी के 1000 यूनिट ही रखा गया है। लॉट साइज कैसे तय हुए हैं इस पर एक नजर डालिए –
करेंसी पेयर | बेस करेंसी | क्वोट करेंसी | लॉट साइज |
---|---|---|---|
EUR USD | EUR | USD | 1000 EUR |
GBP USD | GBP | USD | 1000 GBP |
USD JPY | USD | JPY | 1000 USD |
यहां लॉट साइज को याद रखना जरूरी है। आप आगे कुछ समय बाद समझ पाएंगे कि क्यों!
EUR USD/GBP USD के ट्रेड के लिए एक्सचेंज पर टिक/पिप 0.0001 और USD JPY के लिए 0.01 है।
ट्रेड करने के लिए 12 महीने के अलग-अलग मासिक कॉन्ट्रैक्ट होंगे। मौजूदा मंथ यानी नियर मंथ का कॉन्ट्रैक्ट महीने के अंतिम ट्रेडिंग दिन के 2 दिन पहले एक्सपायर होगा।
18.3 – एक फ्यूचर ट्रेड
करेंसी कॉन्ट्रैक्ट का नफा नुकसान यानी प्रॉफिट लॉस हमेशा क्वोट करेंसी में दिखाया जाएगा, भारतीय रूपए यानी INR में नहीं, जैसा कि आमतौर पर इक्विटी, कमोडिटी या भारत में ट्रेड होने वाली करेंसी में होता है। इसको तीनों करेंसी के कॉन्ट्रैक्ट के उदाहरण के जरिए समझते हैं
पोजीशन के प्रॉफिट और लॉस को रेफरेंस रेट (RBI इसे हर दिन 12.30 बजे जारी करता है) के हिसाब से भारतीय रुपए में बदला जाता है। EUR USD और GBP USD के P&L को USD INR के रेट के आधार पर और USD JPY के P&L को JPY INR के रेट के आधार पर भारतीय रूपए में बदला जाता है।
कैरी फॉरवर्ड पोजीशन के लिए जिस मॉर्क टू मार्केट सेटलमेंट का इस्तेमाल किया जाता है, उसमें उस दिन की सेटलमेंट कीमत (दिन के ट्रेड के अंतिम आधे घंटे की औसत वेटेड (Weighted) कीमत) को आधार बनाया जाता है।
18.4 – ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट
इनके ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट USD INR के उस ऑप्शन की तरह ही होते हैं जो एक्सचेंज पर पहले से ट्रेड होते हैं। इनके कॉन्ट्रैक्ट की जानकारी इस तरह से है –
ऑप्शन एक्सपायरी स्टाइल – यूरोपियन
प्रीमियम – प्रीमियम को क्वोट करेंसी में क्वोट किया जाता है। (GBP USD के लिए USD में और USD JPY के लिए JPY में)
कॉन्ट्रैक्ट साइकिल (Cycle) – यहां पर 3 मंथली यानी मासिक और 3 क्वार्टरली यानी तिमाही कॉन्ट्रैक्ट होंगे। 3 महीने तक के लगातार मासिक कॉन्ट्रैक्ट के बाद हर तीसरे महीने एक तिमाही का कॉन्ट्रैक्ट आएगा।
उपलब्ध स्ट्राइक – 12 इन द मनी –In the money, 12 आउट ऑफ द मनी– Out of the money और एक नियर द मनी -Near The Money ऑप्शन होता है। इस तरह से करीब 25 स्ट्राइक मौजूद होती हैं जिनमें से आप अपने लिए सही स्ट्राइक को चुन सकते हैं।
अंडरलाइंग | यूरो यूएस डॉलर | पॉउंड– यूएस डॉलर | यूएस डॉलर – जापानी येन |
---|---|---|---|
स्ट्राइक प्राइस इन्टरवल | 0.005 | 0.005 | 0.50 |
18.5 – एक्सपायरी
मौजूदा यानी नियर मंथ के कॉन्ट्रैक्ट महीने के अंतिम कारोबारी दिन यानी लास्ट ट्रेडिंग दिन के 2 दिन पहले दोपहर में 12:30 बजे एक्सपायर होते हैं। इनका सेटलमेंट हमेशा फाइनल सेटलमेंट कीमत पर किया जाता है।
आइए देखते हैं कि फाइनल सेटलमेंट कीमत कैसे निकाली जाती है। उस पेयर के लिए क्रॉस करेंसी रेट को निकालने के लिए उस करेंसी के INR वाले रेफरेंस रेट का इस्तेमाल किया जाता है।
करेंसी पेयर | USDINR | EURINR | GBPINR | JPYINR |
---|---|---|---|---|
RBI रेफरेंस रेट | 65.2261 | 79.5041 | 89.7055 | 0.6107 |
फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को फाइनल सेटलमेंट कीमत पर मार्क टू मार्केट किया जाएगा और इनको T+2 पर केस में सेटल किया जाएगा।
सभी इन-द-मनी कॉन्ट्रैक्ट की इंट्रिन्सिक वैल्यू को फाइनल सेटलमेंट कीमत के आधार पर निकाला जाता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं –
GBPUSD की फाइनल सेटलमेंट कीमत | 1.3753 |
पुट स्ट्राइक कीमत | 1.3760 |
प्रति कॉन्ट्रैक्ट एक्सरसाइज की रकम (USD) | 0.7 |
12.30 PM पर USD का RBI रेफरेंस रेट | 65.2261 |
कॉन्ट्रैक्ट के एक्सरसाइज की रकम (INR) | ₹45.65827 |
18.6 – मार्जिन
ट्रेड होने वाले हर कॉन्ट्रैक्ट के लिए शुरूआती (initial) मार्जिन 2% और एक्सट्रीम लॉस मार्जिन 1% का होगा। मार्जिन को भारतीय रुपए में ब्लॉक किया जाएगा लेकिन करेंसी का ट्रेड क्वोट करेंसी (USD या JPY) में होगा। ब्लॉक की गयी मार्जिन को क्वोट करेंसी में बदला जाएगा। दोपहर 2 बजे के पहले किए गए हर ट्रेड के लिए मार्जिन पिछले दिन के रेफरेंस रेट के आधार पर तय होगी और 2 बजे के बाद के ट्रेड पर उस दिन का रेफरेंस रेट इस्तेमाल होगा।
18.7 – कैलेंडर स्प्रेड
एक एक्सपायरी महीने की फ्यूचर्स पोजीशन को हेज करके ऑफसेट करने के लिए बनाई गई किसी दूसरे एक्सपायरी महीने की पोजीशन को कैलेंडर स्प्रेड कहते हैं। इसको हमने इस अध्याय में विस्तार से समझाया है। स्प्रेड के लिए मार्जिन कितनी ब्लॉक होगी इसे एक्सचेंज तय करता है और ये हैं-
स्प्रेड की अवधि | मार्जिन |
---|---|
1 महीना | ₹1500 |
2 महीना | ₹1800 |
3 महीना | ₹2100 |
4 महीना | ₹2400 |
इस अध्याय की मुख्य बातें
- क्रॉस करेंसी पेयर को पहली बार NSE पर ट्रेड करने की इजाजत दी जा रही है।
- EUR/USD के लिए लॉट साइज $1000, GBP/USD के लिए £1000 और USD/JPY के लिए $1,000 होगी।
- सभी पेयर की ट्रेडिंग क्वोट करेंसी में होगी लेकिन सेटलमेंट भारतीय रूपए में होगा।
- डेली और फाइनल M2M सेटलमेंट RBI रेफरेंस रेट के आधार पर होगा।
- नियर मंथ का कॉन्ट्रैक्ट महीने के अंतिम ट्रेडिंग दिन के दो दिन पहले 12.30 बजे एक्सपायर होगा।
yeah currency trading like USD EURO ISKA VOLUME GLOBAL MARKET KE PRTICIPANTE KE SATH HOTA H YEAH INDIAN KO SELL BUY KARTE H UNKE SATH
यह सिर्फ इंडियन मार्किट ट्रेडिंग की वोलैटिलिटी को कंसीडर करता है।
Agar Cross pair me trade suru hua h To kite me search karne par contract nai milti h
Aisa kyu ?
Agar usko activate karne ke liye kuch process h wo bhi bataye ?
(Aur Ha mere ID par already sabi segment activate h even currency bhi fir bhi cross currency pair nahi milte h)
Hi Sagar, if you have general queries about trading & investing at Zerodha, you can post them here: https://discuss.zerodha.com/login.
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Kite app me world index kyo nhi search hote hai jaise Nasdaq, heng seng etc
Kite सिर्फ इंडिया के स्टॉक मार्किट के लिए ही ऑपरेशनल है। इसलिए आप वर्ल्ड इंडेक्स नहीं सर्च कर सकेंगे इसके और एक कारण यह भी है की फोरीन प्रोडक्ट्स और स्टॉक्स इंडिया में ट्रेड नहीं होते।
Kite app me gold, silver ki kimat nahi show hoti hai kyon? BSE Sensex bhi show nahi hota.