5.1 संक्षिप्त विवरण
पिछले अध्याय में हमने देखा कि एक कंपनी कैसे आइडिया के स्तर से बढ़ते हुए धीरे धीरे IPO तक पहुंचती है। एक कहानी के जरिए हमने कंपनी के विकास का सफर देखा। कैसे अलग अलग स्तर पर कंपनी को पैसों की जरूरत पड़ती है और उसके पास पैसे जुटाने के क्या रास्ते होते हैं। IPO लाने से पहले कंपनी को किन हालातों से जूझना पड़ता है।
ये सब जानना और समझना इसलिए जरूरी है क्योंकि IPO मार्केट या प्राइमरी मार्केट में कई बार ऐसी कंपनियां भी आ जाती हैं जिन्होंने पहले कभी कहीं और से पैसा उठाया ही नहीं। IPO के पहले अच्छे VC, PE फंड या और कुछ बड़े निवेशकों से पैसे जुटा चुकी कंपनियों के प्रमोटर और बिजनेस के बारे में ज्यादा जानकारी मिल जाती है इसलिए उन पर कुछ अधिक भरोसा किया जा सकता है।
5.2 कंपनियां पब्लिक से पैसा क्यों जुटाती हैं? (Why do companies go public?)
पिछले अध्याय में हमने कुछ महत्वपूर्ण सवाल उठाए थे। उनमें से एक था कि कंपनियां पैसे जुटाने के लिए पब्लिक के पास क्यों जाती हैं, क्यों IPO का रास्ता चुनती हैं?
जब भी कोई कंपनी IPO लाने का फैसला करती है तो आमतौर पर वो कारोबार बढ़ाने के लिए कैपेक्स जुटाना चाहती है। इस रास्ते में कंपनी को तीन फायदे होते हैं :
- कंपनी को कैपेक्स के लिए पैसे मिल जाते हैं।
- कंपनी कर्ज लेने से बच जाती है, कर्ज पर ब्याज बचने से कंपनी के पास मुनाफे के तौर पर ज्यादा पैसे बचते हैं।
- जब आप कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो कंपनी के प्रमोटर की तरह रिस्क में आप भी हिस्सेदार बन जाते हैं। हालांकि रिस्क इस पर निर्भर करता है कि आपके पास कितने शेयर हैं। लेकिन प्रमोटर अपना रिस्क बहुत सारे लोगों में बाँटने में जरूर कामयाब हो जाता है।
इसके अलावा IPO के जरिए पूंजी जुटाने के कुछ और भी फायदे हैं:
- कंपनी के शुरुआती निवेशकों को अपना निवेश निकालने का मौका मिल जाता है: जब IPO के बाद कंपनी लिस्ट हो जाती है तो उसके शेयर कोई भी खरीद और बेच सकता है। इससे कंपनी के प्रमोटर, ऐंजल इन्वेस्टर, वेंचर कैपिटलिस्ट, PE फंड, जैसे तमाम लोगों को अपने शेयर बेचने का रास्ता मिल जाता है। इस तरह से वो अपना शुरूआती निवेश निकाल पाते हैं।
- कंपनी के कर्मचारियों को पुरस्कार: कंपनी में पहले से काम कर रहे कर्मचारियों को कुछ शेयर एलॉट किए जा सकते हैं। इस तरह से जब कंपनी अपने कर्मचारियों को शेयर देती है तो इस समझौते को एम्पलाइज स्टॉक आप्शन (Employee Stock Option) कहते हैं। कर्मचारियों को ये शेयर डिस्काउंट पर दिए जाते हैं। जब कंपनी के शेयर IPO के बाद लिस्ट होते हैं तो कर्मचारियों को शेयर के भाव बढ़ने से फायदा होता है। गूगल, इन्फोसिस, ट्विटर और फेसबुक जैसी कंपनियों के कर्मचारी इस तरह के स्टॉक आप्शन का फायदा पा चुके हैं।
- कंपनी का नाम बढ़ता है: पब्लिक लिस्टिंग के बाद कंपनी का नाम बड़ा हो जाता है क्योंकि उसके शेयरों में पब्लिक की हिस्सेदारी होती है और लोग उसे खरीद-बेच सकते हैं, और लोग उस कंपनी के बारे में ज्यादा जानने लगते हैं।
तो अब पिछले अध्याय की कहानी पर वापस लौटते हैं और उसे आगे बढ़ाते हैं। आपको याद होगा कि कंपनी को कैपेक्स के लिए 200 करोड़ की जरूरत थी और मैनेजमेंट ने अपने खुद के स्त्रोतों और IPO के जरिए इस रकम को जुटाने का फैसला किया था।
याद रखिए कि कंपनी के पास ऑथराइज्ड कैपिटल का 16% हिस्सा यानी 800,000 शेयर अभी भी हैं जो किसी को एलॉट नहीं किए गए हैं। इन शेयरों की कीमत करीब 64 करोड़ आँकी गई थी जब PE फर्म ने निवेश किया था। PE फर्म के निवेश के बाद से कंपनी का करोबार काफी बेहतर रहा है और उम्मीद की जा सकती है कि इन शेयरों की कीमत और ज्यादा बढ़ी होगी। मान लेते हैं कि इन 16% शेयरों की कीमत अब 125 से 150 करोड़ के बीच कहीं है। यानी हर एक शेयर की कीमत 1562 से 1875 के बीच ( 125 करोड़ / 8 लाख)
तो अब अगर कंपनी इन 16% यानी 8 लाख शेयरों को पब्लिक को बेचती है तो उसे 125 से 150 करोड़ के आसपास की कोई रकम मिलेगी। बाकी रकम उसे अपने स्त्रोतों से जुटानी होगी। जाहिर है कि कंपनी चाहेगी कि उसे ज्यादा से ज्यादा पैसे शेयर बेच कर मिलें।
5.3 मर्चेंट बैंकर (Merchant Banker):
IPO लाने का फैसला करने के बाद कंपनी को कई काम करने होते हैं जिससे ज्यादा से ज्यादा पैसे मिल सकें। इनमें सबसे पहला और जरूरी काम है मर्चेंट बैंकर की नियुक्ति। मर्चेंट बैंकर को बुक रनिंग लीड मैनेजर (Book Running Lead Manager) या सिर्फ लीड मैनेजर (Lead Manager) भी कहते हैं। इनका काम है कंपनी को उसके IPO में मदद करना। जैसे:
- कंपनी का ड्यू डिलिजेंस करना और ड्यू डिलिजेंस सर्टिफिकेट देना । इनको ये भी देखना होता कि कंपनी ने कानून के हर नियम का पालन किया है।
- कंपनी के साथ मिल कर ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (Draft Red Herring Prospectus-DRHP) समेत सारे लिस्टिंग डॉक्यूमेंट तैयार करना। इसके बारे में हम बाद में विस्तार से चर्चा करेंगे।
- शेयर अंडरराइट करना। इसका मतलब होता है कि मर्चेंट बैंकर ने IPO के सारे या कुछ शेयर कंपनी से खरीदने और बाद में उसे पब्लिक को बेचने का समझौता कर लिया है।
- IPO में शेयर की प्राइस बैंड तय करने में कंपनी की मदद करना। प्राइस बैंड का मतलब होता है शेयर की नीचे और ऊपर के कीमत की वो सीमा जिसके बीच की किसी कीमत पर शेयर बेचे जाएंगे। हमारी कहानी के उदाहरण में प्राइस बैंड 1562/- से 1875/- है।
- कंपनी को उसके रोड शो में मदद करना। रोड शो कंपनी के IPO के प्रमोशन और मार्केटिंग को कहते हैं। मार्केटिंग का पूरा जिम्मा लीड मैनेजर का ही होता है।
- IPO के लिए दूसरे इन्टरमीडियरीज जैसे रजिस्ट्रार, बैंकर, विज्ञापन एजेंसी आदि की नियुक्ति करना।
मर्चेंट बैंकर के साथ आने के बाद कंपनी IPO का काम शुरू कर देती है।
5.4 IPO से जुड़े कामों का घटनाक्रम ( IPO sequence of events):
IPO में हर कदम सेबी के नियमों के मुताबिक ही उठाना होता है। और ये कदम इस क्रम में उठाए जाते हैं:
- मर्चेंट बैंकर की नियुक्ति. बड़े पब्लिक इश्यू में एक से ज्यादा मर्चेंट बैंकर हो सकते हैं।
- सेबी को एक रजिस्ट्रेशन स्टेटमेंट के साथ एप्लीकेशन देना. रजिस्ट्रेशन स्टेटमेंट में ये बताया जाता है कि कंपनी क्या करती है, उसे IPO लाने की जरूरत क्यों है और कंपनी की वित्तीय स्थिति क्या है।
- सेबी से IPO की मंजूरी लेना. रजिस्ट्रेशन स्टेटमेंट मिलने के बाद सेबी फैसला करती है कि मंजूरी देनी है या नहीं।
- DRHP- इश्यू को शुरूआती मंजूरी मिलने के बाद कंपनी को अपना DRHP यानी ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस तैयार करना होता है। इसे पब्लिक के साथ भी शेयर किया जाता है। DRHP में जो जानकारी होनी जरूरी हैं वो हैं :
- IPO का साइज यानी कितना बड़ा IPO होगा
- कुल कितने शेयर जारी किए जा रहे हैं
- कंपनी इश्यू क्यों ला रही है और उससे जुटाए गए पैसों का क्या इस्तेमाल किया जाएगा।
- कंपनी के बिजनेस का पूरा ब्यौरा, बिजनेस मॉडल, खर्चे आदि
- सभी फाइनेंशियल कागजात
- मैनेजमेंट का नजरिया कि आने वाले समय में कंपनी का करोबार कैसा रहने वाला है।
- बिजनेस से जुड़े सभी रिस्क
- मैनेजमेंट से जुड़े लोगों की पूरी जानकारी।
- IPO की मार्केटिंग (Market the IPO)- कंपनी के IPO से जुड़े विज्ञापन जारी करना जिससे लोगों को आई पी ओ के बारे में पता चल सके। इसी काम को रोड शो भी कहते हैं।
- प्राइस बैंड तय करना- कंपनी बाजार की उम्मीद से बहुत अलग प्राइस बैंड नहीं बना सकती नहीं तो लोग इसको सब्सक्राइब नहीं करेंगे।
- बुक बिल्डिंग (Book Building)- रोड शो पूरा हो जाने के बाद और प्राइस बैंड तय होने के बाद कंपनी को आधिकारिक तौर पर कुछ दिनों के लिए शेयर का सब्सक्रिप्शन खोलना होता है जिससे लोग इश्यू में पैसे लगा सकें। मान लीजिए प्राइस बैंड 100 से 120 का है तो बुक बिल्डिंग से पता चल जाएगा कि लोग किस कीमत पर पैसे लगा रहे हैं और कौन सी कीमत उन्हें सही लग रही है। इस सारी जानकरी को जमा करना ही बुक बिल्डिंग कहा जाता है। इससे सही कीमत का अंदाजा लगाया जाता है।
- क्लोजर (closure)– बुक बिल्डिंग पूरा हो जाने के बाद शेयर की लिस्टिंग कीमत तय की जाती है। ये कीमत आमतौर पर वो कीमत होती है जिस पर सबसे ज्यादा एप्लीकेशन या अर्जी आई हों।
- लिस्टिंग डे (Listing Day)- इस दिन कंपनी का शेयर एक्सचेंज पर लिस्ट होता है। लिस्टिंग कीमत उस दिन शेयर की माँग और सप्लाई के आधार पर तय होती है। इसके बाद शेयर अपने कट ऑफ कीमत से प्रीमियम, पार या डिस्काउंट पर लिस्ट होता है।
5.5 IPO के बाद क्या होता है? (What happens after the IPO?)
जब तक IPO या इश्यू खुला रहता है तब तक निवेशक IPO के प्राइस बैंड के भीतर अपनी पसंद की कीमत पर शेयर के लिए बोली लगा सकते हैं या बिड कर सकते हैं, तब तक इसे प्राइमरी मार्केट कहते हैं। लेकिन जैसे ही शेयर एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाता है कोई भी उस शेयर को खरीद बेच सकता है, इसे सेकेंडरी मार्केट कहते हैं। इसके बाद शेयर की खरीद बिक्री रोजाना होने लगती है।
लोग शेयर क्यों खरीदते या बेचते हैं? शेयर की कीमत ऊपर नीचे क्यों होती है? ऐसे हर सवाल का जवाब हम आने वाले अध्याय में देने की कोशिश करेंगे।
5.6 IPO से जुड़े खास शब्द (Few key IPO jargons)
अंडर सब्सक्रिप्शन (Under Subscription): मान लीजिए कंपनी पब्लिक को 100,000 शेयर बेचना चाहती है, लेकिन बुक बिल्डिंग के दौरान पता चलता है कि सिर्फ 90,000 शेयरों के लिए ही बिड आए हैं तो कहा जाता है कि इश्यू अंडर सब्सक्राइब हो गया। ये कंपनी के लिए अच्छी स्थिति नहीं मानी जाती क्योंकि ऐसे में ये माना जाएगा कि पब्लिक को इश्यू पसंद नहीं आया।
ओवर सब्सक्रिप्शन (Over Subscription): अगर 100,000 शेयरों के इश्यू के लिए 200,000 बिड आ गए तो कहा जाता है कि इश्यू दो गुना ओवर सब्सक्राइब हो गया।
ग्रीन शू ऑप्शन (Green Shoe Option): अंडर राइटिंग एग्रीमेंट के तहत इश्यूर को ओवर सब्सक्रिप्शन की स्थिति में अतिरिक्त शेयर एलॉट (आमतौर पर 15%) करने का अधिकार होता है। इसे ओवरएलॉटमेंट ऑप्शन भी कहते हैं।
फिक्स्ड प्राइस IPO (Fixed Price IPO): कई बार कंपनियां प्राइस बैंड की जगह शेयर की कीमत तय करके IPO लाती हैं। इसे फिक्स्ड प्राइस IPO कहते हैं ।
प्राइस बैंड और कट ऑफ प्राइस (Price Band & Cut off Price) : प्राइस बैंड उस दायरे को कहते हैं जिसे अंदर शेयर जारी किए जाते हैं। मान लीजिए प्राइस बैंड 100 से 130 का है और इश्यू बंद होने पर शेयर की कीमत 125 तय होती है तो 125 रूपए को कट ऑफ प्राइस कहा जाता है।
5.7 भारत के पिछले कुछ IPO ( Recent IPO’s in India):
अब तक जो कुछ आपने जाना है वो आपको इस टेबल को समझने में मदद करेगा।
इश्यू का नाम | कीमत | बुक रनिंग लीड मैनेजर- BRLM | तारीख | साइज (लाख शेयर) | प्राइस बैंड | |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | वन्डरलॉ हालीडेज लिमिटेड | 125 | एडेलवाइज फाइनेंशियल सर्विसेज और ICICI सिक्योरिटीज लिमिटेड | 21/04/2014 से 23/04/2014 | 14500000 | 115 से 125 |
2 | पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड | 90 | SBI, सिटी,ICICI, कोटक, UBS | 03/12/2013 से 06/12/2013 | 787053309 | 85 से 90 |
3 | जस्ट डॉयल लिमिटेड | 530 | सिटी, मार्गन स्टैनली | 20/05/2013 से 22/05/2013 | 17493458 | 470 से 543 |
4 | रेपको होम्स फाइनांस लिमिटेड | 172 | SBI, IDFC, JM फाइनेंशियल | 13/03/2013 से 15/03/2013 | 15720262 | 165 से 172 |
5 | वी मार्ट रिटेल लि. | 210 | आनंद राठी | 01/02/2013 से 05/02/2013 | 4496000 | 195 से 215 |
इस अध्याय की ज़रूरी बातें:
- कंपनियां पैसे जुटाने के लिए, शुरूआती निवेशकों को पैसे निकालने का रास्ता देने के लिए, कर्मचारियों को इनाम देने के लिए और कंपनी की पहचान बढ़ाने के लिए पब्लिक इश्यू लाती हैं।
- IPO के लिए मर्चेंट बैंकर किसी भी कंपनी का सबसे जरूरी पार्टनर होता है।
- IPO मार्केट पूरी तरह से सेबी के अधीन है और सेबी ही तय करती है कि किसी कंपनी को IPO लाने की अनुमति दी जाए या नहीं।
- IPO में पैसा लगाने के पहले हर निवेशक को DRHP जरूर पढ़ना चाहिए जिससे कंपनी की पूरी जानकारी मिल जाए।
- भारत में ज्यादा से ज्यादा IPO बुक बिल्डिंग का रास्ता लेते हैं।
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Thank you sir Important jankari dene ke liye
Mujhe nahi pata tha isme itna maja aayega thank you
Agar company ki listing 950 hai aur humane 1350 ki bid lagai hai to 400 rupees kya wapas mil jaega
Agar ipo 50 times subscribe ho gayen ho aur kisi ne 5 lot apply kiye ho to kya 5 mil sakta hai ya zero ya fir 1 to 5 koi bhi number?
Let us know one example of fix price ipo. It\’s only for my knowledge.
Regards
Please do check the IPO related videos here – https://www.youtube.com/@varsitybyzerodha
Thank u so much
agar IPO ka bid 102 se 110 he or mein use 105 mein khaidta hu par IPO 109 mein khule to kya IPO muje milaga ya nhi
आप अगर IPO price band के किसी भी कीमत पर बिड प्लेस करते हैं तो आप IPO के लिए एलिजिबल होंगे।
Me apni eye ko sell karna chata hu pls help me
मान लिया किसी IPO की किमत 100 rs है तो क्या ये घट भी सकता है?
इस प्राइस को कम्पनीज सेट करती है।
कंपनी कर्मचारियों को फ्री में शेयर देती है या नहीं
ये कंपनी पर निर्भर करता है।
01-01 ko agar maine kisi company k IPO me 14000 rupye invest kiye 140 rupye per share k hisab se to mujhe lgvg 100 share mila, aur company 05-01 ko share market me trade k liye ready hai aur us time 140 rupye share k price 300 ho chuka hai to ky mujhe per share 160 rupyes ka benefit hoga clearly ya aur koi formula apply hota hai. jo mujhe smjh nahi aa rha
हमने विस्तार में सब इसी अध्याय में समझाया है कृपया इसको पूरा पढ़ें आपको समझ आजायेगा।
apki jankari bahot achi lagi. maine abhi public limited company registration karvaya hai BSE main mujhe IPO laane ke liye merchant banker contact list milegi kya.jo bharose layak Ho. invedika4u@ gmail.com is mail id pe bejiye ya consultant ka contact number de dijiye.
सर इ तना सारा मटेरियल आपने हमे दिया इसलिये आपका मन से धन्यवाद
Sir are their sebi rules for fixing the ipo price. Because any one can fix high price for 1 share= 1000 or 100 .
We have explained everything in this chapter, please read the full module to understand.
Bahot hi acchi jankari di hee aapane new company me ipo lane me bare me or jada se jada jankari dene ka krupa kare thank you
आपका धन्यवाद।
कट ऑफ प्राइस क्या होता है प्लीज इसको आसानी से समझाएं
कट ऑफ प्राइस ऑफर प्राइस है जिस पर शेयर्स इन्वेस्टरों के लिए इशू किये जाते हैं। और जानकारी के लिए आप इस मॉड्यूल को पूरा पढ़ें।
Sir namaskar .mohfast company Ka shear kasa by Kara.company 2022 ma sebi ma listed hai ha.sir buy/sell me koi trade nahi hua ha .
क्या आप अपना सवाल विस्तार में बता सकते हैं ?
Thanks Zerodha Team for sharing this priceless content. I covered Stock Market Basic and Technical Analysis Modules, do i need to cover more modules before starting swing trading or those two modules are sufficient?
We suggest you read all the modules to have a theoretical understanding of how markets function, this will help you in making better trading decisions 🙂
Ek bar IPO milne ke bad, hum un shares ko kitne din bad sale kar sakte hain?
सेटलमेंट के बाद आप कभी भी शेयर्स को बेच सकते हैं।
Muza apni company ka ipo lana hai
आप हमें सपोर्ट पर कांटेक्ट कर सकते हैं।
Aadani ipo me aaplai kiya pesaa bhi nhi aaya Sher bhi nhi mila
अकाउंट सहित जानकारी के लिए आप हमें सपोर्ट पर संपर्क कर सकते हैं।
West
Nice
Thanks sir.
Sukriya
बहुत ही सरल भाषा में बताया। धन्यवाद 🙏🙏☺️☺️
आपका धन्यवाद।
5.6 शीर्षक दो बार हो गया है। अंतिम वाला 5.7 होगा।
सूचित करने के लिए धन्यवाद हम इसको सही करदेंगे।
Thank you so much for clearing concept with easy explanation.
Happy learning 🙂
Bhut achvhe se bataya dhanyvad
आपका धन्यवाद।
Ipo ke last day ke kitne time tak fund block kar sakte hai?
इतनी सरल भाषा में अपने समझाया thanks
आपका धन्यवाद।
employees IPo kaise book kar sakta hai kaha se book Kare
Uski kya condition hai
हमने इसकी सारी जानकारी इसी अध्याय में समझाया है कृपया इसको पूरा पढ़ें।
Kya koi ek ipo liya he liken allottment me ham nahi aye he to kya ham ipo ki listing ke bad ek hi din me vo sher kharid kar bech shakate he?
Sir kya esa bhi hota he kya ki koi company ipo na layi ho aur share market me uska share trade kar raha ho ya share ko trade karne k lie ipo ka lana jaruri he aur sir ipo na layi ho koi company to usse pehle kisi company me hissedari lena ho to kese le sakte he angel investors banne k lie individual kese kya karna padhta he
शेयर्स को मार्किट में ट्रांसकट करने के लिए IPO का होना ज़रूरी है।
Kitane day bad allot jari hota hai sir ipo ka jaise clear science ka ipo 9 July ko band hua to allot kab hoga pls reply kare
हमने साड़ी जानकारी इस मॉड्यूल में प्राप्त की है कृपया इसको पूरा पढ़ें।
I am interested in ipo
But I don\’t know purchase ipo
Plz help me purchase ipo
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Happy reading, It clears basic concept.Really helpful.
Ab maine kuch sikha hai
Thanks varsity by zerodha
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Sir
IPO सबमिट करने के बाद वह अगर allotment होता है या नही होता है क्या इसकी जानकारी आधिकारिक तौर पर दी जाती
क्या IPO allotment होने पर वह हमारे डीमैट अकॉउंट में पहुँच जाता है
धन्यवाद !
इस से मुज जैसे नये और छोटे ट्रेडरो को बहुत बडी राहत रहेगी ! और भी आगामी नये ट्रेडर इस लाइन पर आर्कशित होंगे।
अगर जल्द ही ये राहत न मिल पायेगी तो सायद मुज जैसे बहुत से ट्रेडर मजबुरन इस लाइन से अलविदा हो सकते है ।
अगर\”ZERODHA\” मंथली प्लान रेट पर इंट्राडे ट्रेडिग की सुविधा दे तो कितना अच्छा हो ? आज मैंने दिन मे 22 बार ट्रेडिंग की और 440/रू का चार्ज हुआ ! ट्रेडर के लीये पीछे कुछ भी नहिं रहता ज्यादा तर ब्रोकरेज ही फायदे में रहते है।इतने पर भी अगर MIS पर लौस होता है तो ट्रेडर को दोहरी मार पडती है।
ZERODHA मेरी इस बात पर जरूर सोचे।
धन्यवाद
हम आपके फीडबैक पर ज़रूर नज़र डालेंगे।
बहुत सही जानकारी है आपको बहुत बहुत धन्यवाद आभार
Sir
Pura chapter hindi me download nahi ho raha h use hum kaise download kare
यह भी बताये की बैंक को online शिकायत किस प्रकार और कहां पर करे ? धन्यवाद।
मैं फोन पर बात\’चीत करने में असमर्थ हुं।और मेसेज व्यवहार ज्यादातर अंग्रेजी में होता है मैं अंग्रेजी नहिं जानता। कृपया बताए मुजे क्या करना चाहिये ?
आप हमारे सपोर्ट पर कॉल कर सकते हैं, वो आपको हिंदी में ही समझा सकते हैं, अकाउंट रिलेटेड जानकारी हम यहाँ पर नहीं दे सकते।
मैंने zerodha kite से railtel के ipo के लीये 1 लौट का आवेदन किया था ! मगर मुजे शेयर न मिले ! मैंने BHIM ऐप के जरीये आवेदन का भुगतान किया था। BHIM पर मुजे ipo आवेदन की रसीद प्राप्त तो हुइ मगर मेरे भुगतान करने पर भी रसीद आज के दिन तक भी पेंडिग ही दिखती है मेरे बैंक अकाउंट से ipo लौट प्राइस की रकम कट हो गई है और आज मेरा ipo आवेदन मंजुर न होने के बावजुद भी मेरे अकाउंट में ब्लोक हुई रकम नहि दिख रही है। कंपनी से मुजे मैल भी मिला हे की मेरा रिफंड लौटा दिया गया है मगर रिफंड की राशी मेरे अकाउंट बेलेंस मे नहि दिखती। मैंने ipo का आवेदन, बोली लगने के पहले ही दिन और सुबह ही कर दिया था फिर भी मुजे शेयर अलौट न हुए। क्या इसके लीये मेरा बैंक जिम्मेदार हो सकता है ?
Sir नमस्कार
IPO को cutoff price पर ख़रीदना चाहिए या नहीं।
जी हाँ।
बहुत सही जानकारी दिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद आभार
आपका धन्यवाद। 🙂
Thanks
Nice information.keep it up
Happy reading, Jatin 🙂
मैंम
यदि 16% ऑथोरिसेड शेयर हैं
तो 15% ग्रीन शू ऑप्शन कैसे होता हैं
ये 15% शेयर 16% शेयर्स में से होते है या प्रोमर्ट्स AI VC PE के होते है??
Plz मैंम clear this consepet
यह Underwriters करते है।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद।ये सब जानकारी हमारे जैसे लोगों को बहुत सारा ग्नान दे रही है।
पढ़ते रहिये और हमें सपोर्ट करते रहिये।
Thank you mam for all information,
i have a query about green shoe option, i want to know that if company have only 16% shares, so how company issue 15% more allotment?
Hi, you have to look up for this information online, we wouldn\’t be able to comment on this 🙂
Thx Zeroda…to clear all doubts related abt IPO\’s.
Sir Mai ye janana hai,ki company ke pas 200000 share hai ye decide kaise hota hai and share ki price kaise decide karenge ki 1 share ka price kitana hoga.
यह कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स डिसाइड करते हैं।
Bohat achhi jankari sahi kiya appne hindi me es sari jankari uplabhad kiya thanks.
आपका अभिनन्दन है 🙂
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Thank u saral bhasha me samjha ne ke liye
आपका धन्यवाद। 🙂
Thank you sir
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Nicely described the things ever read before.
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मजा आ गया इस तरह शेयर बाज़ार को जानने के बाद, Thanks a lot sir Zerodha
धन्यवाद।
Nice read. Helpful in clearing concept of IPOs. How can one check the DRHP before investing in IPOs?
जब भी IPO की घोषणा की जाती है, DHRP, SEBI की वेबसाइट पर देखने के लिए उपलब्ध है। इसके अलावा, आप हमारे IPO पृष्ठ पर जा सकते हैं, जिसमें हाल ही में निरस्त IPO का DHRP उपलब्ध है, लिंक नीचे है। https://zerodha.com/ipo/
सर,
सर्वप्रथम आपका बहुत-2 धन्यवाद, इतनी सरल ,अच्छी और सक्षिप्त शब्दो मे जानकारी प्रदान करने के लिए एक बार पुनः धन्यवाद। अन्यथा हमारे कॉन्सेप्ट कभी क्लियर ही नहीं हो पाते।
Thanks again
हम सहायक होने के लिए आभारी हैं।
CSB IPO: Issue subscribed 2.26 times so far on Day 2 what that\’s mean it is over subscribed ???
Tqsm for explaining
लिस्टिंग कीमत उस दिन शेयर की माँग और सप्लाई के आधार पर तय होती है। इसके बाद शेयर अपने कट ऑफ कीमत से प्रीमियम, पार या डिस्काउंट पर लिस्ट होता है।
Sir isme kat ऑफ कीमत से प्रीमियम
Premium matlab kya hota h over subscribe?
मान लीजिये शेयर की कट-ऑफ कीमत ₹100 है | अगर लिस्टिंग के दिन इसका भाव ₹102 खुलता है तोह कहा जायेगा की शेयर ₹2 प्रीमियम पर लिस्ट हुआ है | अगर भाव ₹100 है तोह कहा जायेगा की शेयर पार पर लिस्ट हुआ है | और अगर लिस्टिंग के दिन भाव ₹99 खुलता है तोह इसे हम ₹1 डिस्काउंट लिस्टिंग कहेंगे |
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Glad you liked reading the content, Pooja. Happy reading!