3.1 -संक्षिप्त विवरण

अब हम जानते हैं कि बाजार के एक्शन को संक्षेप में देखने का सबसे अच्छा तरीका ओपन (O), हाई (H), लो (L), और कलोज (C) है। अब हमें देखना है कि किस तरीके के चार्ट पर यह सारी सूचनाएं सबसे अच्छे तरीके से देखी जा सकती हैं। अगर चार्ट की तकनीक अच्छी नहीं है तो फिर चार्ट देखना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। किसी भी दिन के ट्रेडिंग में चार सबसे जरूरी सूचनाएं होती है OHLC . अगर हम 10 दिन के चार्ट को देखें तो हमें 40 डाटा प्वाइंट मिलते हैं यानी हर दिन के लिए चार-चार डाटा प्वाइंट। अब आप समझ गए होंगे कि अगर हमें 6 महीने के लिए यह उससे भी ज्यादा 1 साल के लिए चार्ट देखना है तो कितने ज्यादा डाटा प्वाइंट देखने होंगे।

अब तक आप अनुमान लगा चुके होंगे कि आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले चार्ट जैसे कॉलम चार्ट, पाई चार्ट, एरिया चार्ट आदि टेक्निकल एनालिसिस में काम नहीं आते। इस में से केवल एक चार्ट टेक्निकल एनालिसिस में काम आता है और वह है लाइन चार्ट। ऐसा इसलिए होता है कि आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले चार्ट सिर्फ एक डाटा प्वाइंट दिखाते हैं जबकि टेक्निकल एनालिसिस में कम से कम 4 डाटा प्वाइंट को देखना जरूरी होता है।

चार्ट के कुछ प्रकार हैं:

  1. लाइन चार्ट
  2. बार चार्ट
  3. जापानी कैंडलस्टिक 

हम कैंडलस्टिक चार्ट पर ज्यादा जानकारी प्राप्त करेंगे, लेकिन पहले समझ लेते हैं कि लाइन चार्ट और बार चार्ट का इस्तेमाल क्यों नहीं करते।

 

3.2- लाइन और बार चार्ट

लाइन चार्ट सबसे सीधा और आसान चार्ट होता है। इसमें केवल एक डाटा प्वाइंट होता है और उसी पर यह चार्ट तैयार किया जाता है। टेक्निकल एनालिसिस में सिर्फ एक चीज के लिए लाइन चार्ट बनाया जाता है क्लोजिंग प्राइस को लेकर। ये चार्ट शेयर का भी हो सकता है और इंडेक्स का भी। हर दिन के क्लोजिंग प्राइस के लिए एक चार्ट पर एक बिंदु बनाया जाता है और उसके बाद उन सारे बिंदुओं को एक लाइन से जोड़ दिया जाता है जिससे लाइन चार्ट बन जाता है।

अगर आप 60 दिन का डाटा देख रहे हैं तो उन सारे दिनों के क्लोजिंग प्राइस को जोड़कर एक लाइन खींची जाती है और लाइन चार्ट बन जाता है।

लाइन चार्ट अलग अलग समय सीमा के लिए बनाया जा सकता है जैसे महीने का लाइन चार्ट, हफ्ते का लाइन चार्ट, घंटे का लाइन चार्ट आदि। अगर आप सप्ताह का लाइन चार्ट बनाना चाहते हैं तो आप तो सप्ताह के क्लोजिंग प्राइस को एक चार्ट पर डालना होगा और उनको लाइन से जोड़ना होगा।

 लाइन चार्ट की सबसे बड़ी खासियत यह है यह बहुत ही सीधा और सरल होता है। कोई भी ट्रेडर इसको देख कर एक ट्रेंड का पता लगा सकता है। लेकिन इसका सीधा और सरल होना ही इसकी सबसे बड़ी कमजोरी भी है। लाइन चार्ट सिर्फ एक ट्रेंड बता सकता है और कुछ नहीं। इसके अलावा लाइन चार्ट की दूसरी कमजोरी यह है कि यह सिर्फ क्लोजिंग कीमत के आधार पर बनाया जाता है और दूसरे डाटा प्वाइंट जैसे ओपन हाई और लो पर ध्यान नहीं देता। इसलिए ट्रेडर लाइन चार्ट का इस्तेमाल ज्यादा नहीं करते।

बार चार्ट में लाइन चार्ट के मुकाबले कुछ ज्यादा डाटा डाला जा सकता है। जैसे OHLC चारों को इसमें दिखा सकते हैं। एक बार चार्ट के तीन हिस्से होते हैं।

  1. सेन्ट्रल लाइन (Central Line)- बार का सबसे ऊँचा हिस्सा सबसे ऊँची कीमत यानी हाई (High) को दिखाता है जबकि बार का नीचे का हिस्सा सबसे निचली कीमत यानी लो (Low) को बताता है।
  2. बाँया मार्क/ टिक (The left mark/Tick)- ये ओपन (O) यानी खुलने के समय वाली कीमत बताता है।
  3. दाहिना मार्क/ टिक (The right mark/Tick)- ये क्लोज (C) यानी बंद कीमत दिखाता है।

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि किसी शेयर का डाटा ये है:

ओपन 65

हाई– 70

लो– 60

क्लोज– 68

इस डाटा का बार चार्ट कुछ ऐसा दिखेगा:

आप देख सकते हैं कि एक अकेले बार पर चार अलगअलग कीमतें दिखाई जा सकती हैं। अब अगर आपको पाँच दिन का चार्ट चाहिए तो आपको पाँच ऐसे बार बनाने पड़ेंगे।

चार्ट के लेफ्ट और राइट मार्क पर ध्यान दीजिए। आपको दिखेगा कि उस दिन मार्केट किस तरीके से ऊपर नीचे हुआ है। लेफ्ट मार्क जो उस दिन की ओपन कीमत को दिखाता है वह नीचे है राइट मार्क से।  इसका मतलब है कि जो क्लोज कीमत है वह ओपन कीमत से ऊपर है यानी यह बाजार के लिए एक अच्छा और तेजी का दिन था। उदाहरण के लिए इस पर ध्यान दीजिए जहां पर O = 46, H =51, L= 45  और C = 49 । इस को दिखाने के लिए बार को नीले रंग में दिखाया गया है।

इसी तरीके से अगर लेफ्ट मार्क, राइट मार्क से ऊपर है तो यह बताता है कि क्लोज नीचे है ओपन से, मतलब बाजार के लिए मंदी का या बुरा दिन। इस उदाहरण पर नजर डालिए: O =74, H = 76, L =70, C =71. ये बताने के लिए कि ये मंदी का दिन था, बार को लाल रंग में दिखाया गया है।

बीच की लाइन यानी सेंट्रल लाइन की लंबाई यह बताती है कि उस दिन बाजार किस दायरे में रहा। दायरे का मतलब है कि बाजार की सबसे ऊंची कीमत और सबसे नीचे की कीमत के बीच का फासला। यह लाइन जितनी बड़ी होगी दायरा उतना बड़ा और यह लाइन जितनी छोटी होगी दायरा उतना छोटा होगा।

हालांकि बार चार्ट चारों डाटा प्वाइंट दिखाता है लेकिन फिर भी यह देखने में बहुत अच्छा नहीं होता। यह बार चार्ट की सबसे बड़ी कमजोरी है। इसको देखकर आसानी से किसी पैटर्न का पता लगाना थोड़ा मुश्किल दिखता है, खासकर तब जब आपको दिन में कई चार्ट देखने हों। इसीलिए ट्रेडर बार चार्ट का इस्तेमाल कम करते हैं। लेकिन अगर आप बाजार में नए हैं तो हमारी सलाह यह होगी कि आप जापानी कैंडलस्टिक का इस्तेमाल करें। बाजार के ज्यादातर ट्रेडर्स कैंडलस्टिक का ही इस्तेमाल करते हैं।

3.3- जापानी कैंडलस्टिक का इतिहास

आगे बढ़ने से पहले जापानी कैंडलस्टिक का इतिहास जान लेना अच्छा होगा। नाम से आपको पता ही चल गया होगा कि कैंडलस्टिक की उत्पत्ति जापान में हुई थी। इसका पहला इस्तेमाल 18वीं सदी में जापान में एक चावल के व्यापारी ने किया था। हालांकि जापान में कीमतों की एनालिसिस करने के लिए इसका इस्तेमाल काफी पहले से हो रहा है, लेकिन पश्चिमी देशों को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं था। यह माना जाता है कि 1980 में एक स्टीव निशन (Steve Nison) नाम के एक ट्रेडर ने इसे पाया और फिर दुनिया को इसका उपयोग और इसके काम का तरीका बताया। उसने इस पर एक किताब भी लिखी जैपनीज कैन्डलस्टिक चार्टिंग टेक्निक्स (Japanese Candlestick Charting Techniques)”।अभी भी ये किताब काफी लोकप्रिय है।

कैंडलस्टिक तकनीक से जुड़े बहुत सारे नाम अभी भी जापानी नाम ही हैं।

3.4- कैंडलस्टिक की संरचना

बार चार्ट में ओपन और क्लोज कीमतें टिक या मार्क के तौर पर दिखाई जाती हैं जो कि बाएं या दाएं ओर होती हैं। जबकि कैंडलस्टिक में ओपन और क्लोज कीमतें एक चौकोर आयत यानी रेक्टैंगल (Rectangle) के तौर पर दिखाई जाती हैं। कैंडलेस्टिक चार्ट में बेयरिश कैंडल यानी मंदी की कैंडल और तेजी की कैंडल यानी बुलिश कैंडल दोनों होती हैं। बुलिश कैंडल नीले हरे या सफेद और बेयरिश कैंडल लाल या काले कैंडल के तौर पर दिखाई जाती हैं। वैसे आप इन रंगों को कभी भी बदल सकते हैं और अपने पसंद के रंग डाल सकते हैं। टेक्निकल एनालिसिस का सॉफ्टवेयर आपको रंग बदलने की सुविधा देता है। इस मॉड्यूल में हमने बुलिश यानी तेजी के लिए नीले और बेयरिश यानी मंदी के लिए लाल रंग के कैंडल चुने हैं। 

सबसे पहले बुलिश कैंडल को देखते हैं। बार चार्ट की तरह ही कैंडल शेप में तीन हिस्से होते हैं।

  1. सेन्ट्रल रीयल बॉडी (The Central real body)मुख्य हिस्सा जो कि आयताकार यानी रेक्टैंगुलर (Rectangular) होता है और ओपन और क्लोज कीमत को जोड़ता है।
  2. अपर शैडो (Upper Shadow) यानी ऊपरी शैडोहाई (सबसे ऊँची कीमत) को क्लोज कीमत से जोड़ता है।
  3. लोअर शैडो (Lower Shadow) यानी नीचे का शैडोलो (सबसे निचली कीमत) को ओपन कीमत से जोड़ता है।

इस चित्र को देख कर समझिए कि बुलिश कैंडलस्टिक (Bullish Candlestick) कैसे बनता है।

अब इसको एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए कि कीमतें हैं

ओपन = 62

हाई = 70

लो = 58

क्लोज = 67

इसी तरह बेयरिश कैंडल (Bearish candle) में भी तीन हिस्से होते हैं। 

  1. सेन्ट्रल बाडी (Central body) – आयताकार मुख्य बॉडी जो ओपन और क्लोज कीमत को जोड़ती है। हालांकि ओपनिंग ऊपर की तरफ और क्लोजिंग रेक्टैंगल के नीचे की तरफ होता है।
  2. अपर शैडो (Upper shadow)यानी ऊपर का शैडोहाई प्वाइंट (high point) को ओपन (open) से जोड़ता है।
  3. लोअर शैडो  (Lower shadow) यानी नीचे का शैडोलो प्वाइंट (low point) को क्लोज (close) यानी बंद से जोड़ता है।

बेयरिश कैंडल (Bearish candle) ऐसा दिखता है

अब एक उदाहरण के साथ देखते हैं। मान लीजिए कीमतें इस प्रकार हैं:

ओपन (open) = 456

हाई (high) = 470

लो (low) = 420

क्लोज (close)= 435

अब कैंडलस्टिक को अच्छे से समझने के लिए आपके लिए अभ्यास। इन आंकड़ों (data-डाटा) के आधार पर एक कैंडलस्टिक बनाइए।

दिन ओपन हाई लो क्लोज
1 430 444 425 438
2 445 455 438 450
3 445 455 430 437

अगर आपको यह अभ्यास करने में कोई दिक्कत आती है तो नीचे के कमेंट बॉक्स में आप हमें अपना सवाल लिख कर भेज सकते हैं।

 एक बार आप को कैंडलस्टिक प्लॉट करना आ जाए तो कैंडलस्टिक को पढ़कर उससे पैटर्न समझना आपके लिए आसान हो जाएगा। अगर आपको एक टाइम सीरीज पर कैंडल स्टिक प्लॉट करना हो तो वो ऐसा दिखेगा। नीले रंग का कैडल बुलिश यानी तेजी का है और लाल कैंडल बेयरिश है। 

जरा ध्यान से देखिए, लंबे कैंडल ज्यादा खरीदारी या ज्यादा बिकवाली को दिखाते हैं जबकि छोटे कैंडल कम ट्रेडिंग को दिखाते हैं। छोटे कैंडल के समय कीमत में उतार-चढ़ाव भी कम होता है। कुल मिलाकर कैंडलस्टिक बार चार्ट की तुलना में ज्यादा आसान है समझने और ट्रेंड को पहचानने के लिए। कैंडलस्टिक के जरिए आप ओपन क्लोज हाई और लो प्वाइंट में संबंध को ज्यादा आसानी से समझ सकते हैं।

 

3.5 समय अवधि (Time frames) से जुड़ी कुछ बातें

समय अवधि/समयावधि या टाइम फ्रेम (Time Frame) उसको कहते हैं जिस समय के लिए आप चार्ट को देखना चाहते हैं। कुछ लोकप्रिय टाइम फ्रेम या समयावधि हैं;

  • मासिक या मंथली चार्ट
  • साप्ताहिक या वीकली चार्ट
  • दिन का या डेली चार्ट
  • इंट्रा डे चार्ट – 30 मिनट, 15 मिनट और 5 मिनट

समय अवधि में अपनी जरूरत के मुताबिक फेर बदल किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर एक ट्रेडर 1 मिनट का चार्ट भी देख सकता है अगर उसे जल्दी-जल्दी सौदे करने हों तो।

अलग अलग समय अवधि पर एक नजर:

समय अवधि ओपन हाई लो क्लोज कैंडल की संख्या
मासिक महीने के पहले दिन की ओपन कीमत महीने की सबसे ऊँची कीमत महीने की सबसे नीची कीमत महीने के अंतिम दिन की क्लोज कीमत साल के लिए12कैंडल
साप्ताहिक सोमवार की ओपन कीमत सप्ताह की सबसे ऊँची कीमत सप्ताह की सबसे नीची कीमत शुक्रवार की क्लोज कीमत साल के लिए 52कैंडल
दिन का यानी डेली ईओडी(Daily EOD) दिन की ओपन कीमत दिन की सबसे ऊची कीमत दिन की सबसे नीची कीमत दिन की क्लोज कीमत हर दिन एक,साल के लिए 252कैंडल
इंट्रा डे 30 मिनट पहले मिनट की ओपन कीमत 30मिनट के बीच सबसे ऊँची कीमत 30मिनट के बीच सबसे नीची कीमत 30वें मिनट की क्लोज कीमत हर दिन करीब 12 कैंडल
इंट्राडे 15 मिनट पहले मिनट की ओपन कीमत 15मिनट के बीच सबसे ऊँची कीमत 15मिनट के बीच सबसे नीची कीमत 15वें मिनट की क्लोज कीमत हर दिन 25 कैंडल
इंट्राडे 5 मिनट पहले मिनट की ओपन कीमत 5मिनट के बीच सबसे ऊँची कीमत 5मिनट के बीच सबसे नीची कीमत 5वें मिनट की क्लोज कीमत हर दिन 75 कैंडल

जैसा कि आप ऊपर की सारणी में देख सकते हैं कि जैसेजैसे समय अवधि कम होती है तो कैंडल की संख्या यानी डाटा प्वाइंट बढ़ जाते हैं। आपको कैसी समय अवधि चाहिए ये इस पर निर्भर करता है कि आप किस तरह के ट्रेडर हैं।

आँकड़े या डाटा आपको काम की जानकारी भी दे सकते हैं और बेवजह की जानकारी भी दे सकते हैं। एक ट्रेडर के तौर पर आपको जानकारी या जरूरत से ज्यादा जानकारी के बीच में चुनाव करना होता है। उदाहरण के तौर पर एक लंबी अवधि के इन्वेस्टर को साप्ताहिक या मासिक चार्ट देखना चाहिए क्योंकि यही उसको उसके काम की जानकारी देगा, जबकि एक इंट्राडे ट्रेडर को डेली चार्ट या 15 मिनट के चार्ट को देखना चाहिए। दिन में बहुत सारे सौदे करने वाले ट्रेडर को 1 मिनट का चार्ट ही उसके काम की जानकारी देगा। तो आप समझ गए होंगे कि आपको समय अवधि का चुनाव अपनी जरूरत की जानकारी के हिसाब से करना चाहिए।


इस अध्याय की खास बातें

  1. आम चार्ट टेक्निकल एनालिसिस में काम नहीं आते हैं क्योंकि उनमें 4 डाटा प्वाइंट एक साथ नहीं दिखाए जा सकते हैं।
  2.  लाइन चार्ट के जरिए ट्रेंड को दिखाया जा सकता है लेकिन इसके अलावा उसका और कोई इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
  3.  बार चार्ट देखने में बहुत आसान नहीं होता है और इसीलिए उसमें से कोई पैटर्न निकालना थोड़ा मुश्किल काम होता है। इसीलिए बार चार्ट बहुत लोकप्रिय नहीं है।
  4.  कैंडलस्टिक दो तरह की होती हैबुलिश कैंडल और बेयरिश कैंडल। हालांकि दोनों तरीके के कैंडल की संरचना एक तरह की ही होती है।
  5.  जब क्लोज प्राइस यानी क्लोज कीमत ओपन कीमत से ऊपर होती है तो यह बुलिश कैंडल होता है और जब क्लोज कीमत ओपन कीमत से कम होती है तो यह बेयरिश कैंडल होता है।
  6.  समय अवधि सौदों की सफलता में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। किसी भी ट्रेडर को इसका इस्तेमाल बहुत सोच समझ कर करना चाहिए।
  7.  जब समय अवधि बढ़ती है तो कैंडल की संख्या बढ़ती जाती है।
  8.  एक ट्रेडर को अपने काम की सूचना या जानकारी निकालना आना चाहिए।

 




94 comments

  1. Ajay says:

    How do I do TA

  2. Ranjeet dey says:

    PLS PROVIDE OPTION TRADING IN HINDI

  3. Shruti says:

    We r waiting for this..

  4. Rahul says:

    Sir YouTube channel h Kya aapka hoto btaiye

  5. JAYANT says:

    I WANT INTRADAY CHART DATA IN EXELE, HOW TO POSIBLE

    • Kulsum Khan says:

      फ़िलहाल हमारे पास यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, अगर भविष्य में इसे उपलब्ध कराया गया तोह हम निश्चित रूप से आपको आघा करेंगे।

  6. Mahendra Prajapati says:

    चार्ट के लेफ्ट और राइट मार्क पर ध्यान दीजिए। आपको दिखेगा कि उस दिन मार्केट किस तरीके से ऊपर नीचे हुआ है। लेफ्ट मार्क जो उस दिन की ओपन कीमत को दिखाता है वह नीचे है राइट मार्क से। इसका मतलब है कि जो क्लोज कीमत है वह ओपन कीमत से ऊपर है यानी यह बाजार के लिए एक अच्छा और तेजी का दिन था। उदाहरण के लिए इस पर ध्यान दीजिए जहां पर O = 46, H =151, L= l45 और C = 49 । इस को दिखाने के लिए बार को नीले रंग में दिखाया गया है।
    isme high 51
    and low 45 hona tha

  7. ajeet singh says:

    ap trading kb se kr rhi h

  8. manish yadav says:

    data is — open 445,high 455, low 438 ,close 450
    yaha close open se jyada he to phir candle me open value kam hone par bhi oopar rahegi and close value jyada hone par neeche rahegi jabki high value jyada he to sabse oopar he

  9. Nilesh says:

    Kiya chat wroung bi data deta he

    • Kulsum Khan says:

      जी नहीं। चार्ट पे कभी रॉंग डाटा नहीं दिखाया जाता।

  10. Rajesh says:

    First time in my life I understand How to plot candle stick chart

  11. Amit KachhawHa says:

    Sir I really love this language ..bcoz itna easy sikhne ko mita h means without TA is noting here …really LIKE IT..🤘🤘🤘

  12. SANJAY MAHADU MASKE says:

    जो रियल बॉडी है उसमें क्या दिखाता है ,जैसे कि ज्यादा लम्बा हो रहा है तो बोहत सारे लोग ट्रेड कर रहे है

    • Kulsum Khan says:

      क्या आप अपना सवाल विस्तार में बता सकते हैं?

  13. Mohd ashfaq says:

    If candle close eod up
    Wts about next day sighn

    • Kulsum Khan says:

      आपका सवाल समझ नहीं आया क्या आप विस्तार में बता सकते हैं?

  14. mayur panchal says:

    varsity

  15. Anita says:

    Maine apni hisab se,candlechart ko set kiyaa hua tha. Aaj subhe se kosish kar rahin hun ,par mere desktop pe koi chart dikhai nehin de rahahai….so mujhe trade karnemain dikkat ho rahi hai .Actually problem meri computer main hai , yaa koi server problem hain ?

    • Kulsum Khan says:

      हमारे सर्वर्स और चार्ट्स में कोई इशू नहीं है, अगर अभी भी आप यह इशू फेस कर रहीं है तोह क्या आप हमें यहाँ लिख सकते हैं https://zerodha.com/contact? हमारी टेक्निकल टीम शायद आपको मदद कर सके?

  16. Vikash says:

    Mam ji namste muje yes candel smjna h plz tell me all inforom 8112270600 plz whtsaap msg

    • Kulsum Khan says:

      हम Whatsapp की सुविधा नहीं उपलब्ध करते आप हमें यहीं पर लिख सकते हैं, हम समझने की कोशिश करेंगे। 🙂

  17. uzair shaikh says:

    Close price open price se pura ya kam hai ye pata kese chalega

    • Kulsum Khan says:

      इस जानकारी के लिए आप हमारे टेक्निकल एनालिसिस वाले मॉड्यूल को पढ़ सकते हैं।

  18. Sudeep Sharma says:

    Please correct statement of line summary line no.7

  19. Mohammad Arsh says:

    Sir/ Ma’am बार चार्ट ke section me बार चार्ट ka Image Lagaiye. कैंडलस्टिक चार्ट ka Picture Laga Hua Hai.
    Thank You!

    • Kulsum Khan says:

      सूचित करने के लिए धन्यवाद हम इसको सही करदेंगे।

  20. ARIF SHEIKH says:

    जब समय अवधि बढ़ती है तो कैंडल की संख्या बढ़ती जाती है।
    इसकी जगह
    जब समय अवधि घटती है तो कैंडल की संख्या बढ़ती जाती है।
    होना चाहिए

  21. Shobhnath yadav says:

    Data chart Banane Nahin a Raha kripya help

    • Kulsum Khan says:

      आप टेक्निकल एनालिसिस मॉड्यूल को पूरा पढ़ें आशा है आपको आपको समझ आजायेग।

  22. Randhir Suryavanshi says:

    Hi! Can you please provide download pdf option for Hindi data.

  23. K.prabhakar says:

    Given very super knowledge….thank you

  24. Rakesh says:

    hindi me jankari ke liye dhanyavad

  25. Sandeep Singh says:

    इस अध्याय की खास बातें 7
    जब समय अवधि बढ़ती है तो कैंडल की संख्या बढ़ती हैं
    या कम होती है?

  26. Mahender singh says:

    You have entered the image of the bar chart wrong. please correct it. Thanks

  27. Bhargav says:

    Mam aap ye sabhi topics par pdf format me
    Hindi me Available kariye ji…

    Thank you…🙏

  28. Pavan musale says:

    Sir in my account don’t show chart
    What i do for seeing chart

  29. Ramkumar dwivedi says:

    sir in sabhi content ka pdf hindi me kaise download kar sakte hain , kripya batayen

    • Kulsum Khan says:

      आप मॉड्यूल पेज के अंत में जाकर डाउनलोड कर सकते हैं।

  30. Sarveshkumar Vishwakarma says:

    इस अध्याय की खास बातें में एक चीज मुझे गलत लगा। या फिर गलती से प्रिंट हो गया होगा।
    7. जब समय अवधि बढ़ती है तो कैंडल की संख्या बढ़ती जाती है।
    I think…
    जब समय अवधि बढ़ती है तो केंडल की संख्या (कम) होती जाती है।

    • Kulsum Khan says:

      Hi Sarvesh, समय अवधि बढ़ने पर कैंडल की संख्या भी बढ़ती है।

  31. Sarveshkumar Vishwakarma says:

    Sorry maim but main abhi bhi confuse hu….Is hisab se..
    जैसा कि आप ऊपर की सारणी में देख सकते हैं कि जैसे–जैसे समय अवधि कम होती है तो कैंडल की संख्या यानी डाटा प्वाइंट बढ़ जाते हैं।

    But yaha par aisa likha hai…

    7. जब समय अवधि बढ़ती है तो कैंडल की संख्या बढ़ती जाती है।

    Shyad main smjh nhi pa rha hu… Pls explain me….

    • Kulsum Khan says:

      संख्या और डाटा पॉइंट दोनों का मतलब इस सन्दर्भ में एक ही है।

  32. krishna says:

    What is the best way to see a chart in laptop which is easy to analysis and track.

  33. SATISH KADAM says:

    I am a beginner,and I really good learning about candle stick pattern, thank you very much

  34. Gyanesh says:

    We need a pdf in hindi or english and need video in hindi which includes all those content which is given in all those chapters , so make a videos of all chapters and upload each chapters in each modules , in videos elaborate each and everything like written in modules

  35. Ashokanand Yadav says:

    Sir ! I think data of third row will not make Bullish candlestick.It may be wrong.

    Namaste !!

  36. C. P. Yadav says:

    सर जैसा की दोनों कैंडल में किसी में अपर/लोअर सैडो या तो बड़ा है या तो छोटा या तो है ही नहीं…
    कृपया इसका लॉजिक भीसमझा दें..
    🙏🙏🙏🙏

    • Kulsum Khan says:

      हमने इसको इसी अध्याय में समझाया है कृपया इसको पूरा पढ़ें।

  37. Sageer Ki Tech says:

    सर आपकी यह पोस्ट बहुत अच्छी है और हमें आपकी सारी पोस्ट पढ़ कर बहुत कुछ सीखने को मिलता है और मैं चाहता हूं कि आप ऐसी और भी अच्छी अच्छी पोस्ट लाते रहे जिससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता रहे धन्यवाद सर और मै चहता हु की जो लोग भी सर की पोस्ट पढ़ रहे है प्लीज आप लोग सर को जरूर फोलो करो “Data Visualization क्या है” इसके बारे मे और भी अधिक जानने के लिये “Data Visualization क्या है” इस पर क्लिक करे

  38. Smita says:

    Sir,
    Point no. 7 – me galti lag rahi hai. Jab samay ki avdhi kam hoti hai tab candle ki sankhya badhti jati hai.

  39. SANJEEV SHARMA says:

    Sir
    This my humble request to you that in the pdf of the technical analysis where you use blue and red colour for candle sticks is looking same ie. Black in the print out .
    It so difficult to differantiat the both bullish v/s bearish candle while reading the pdf with print out.
    So I request you to update the pdf by using white colour for bullish candle so that one can see the difference between bullish and bearish candle in print out.
    I think you will be look into the matter and give weightage to my precious advice.

    Thank you sir

  40. prabhat kushwah says:

    aapne jo candle stick banane ke liye diye the usme se mene 02 candle to bana liye hain lekin 03 stick banane me mujhe bahut pareshani aa rahi hai kya aap mujhe bata paayenge ki wo kaise banegi

    • Kulsum Khan says:

      क्या आप अपना सवाल विस्तार में बता सकते हैं।

  41. jitenkumar says:

    hiसर जी नमस्ते मेरा मानना की बुलूस और बेरीस तो समझते हैं लेकिन खींचने पेटन होता है खींचने नाम है

  42. विजय गायकवाड says:

    बँक निफ्टी चार्ट पुराणा डेटा शो कर रहा है।क्यो।क्या इसे ठिक कीया जा सकता है। प्लिज.

    • Kulsum Khan says:

      सूचित करने के लिए धन्यवाद हम इसको चेक करेंगे।

  43. Sheshapal singh says:

    Sir iski vedio bhi bnayi ho to plz btana Or monthly /weekly chart kese set kre or kese analysis kre

    • Kulsum Khan says:

      धन्यवाद, हम आपके फीडबैक पर ज़रूर नज़र डालेंगे।

  44. Mujeebur rahman says:

    Good

  45. Mahesh says:

    Please see 7
    Jab samay avadhi badati hai candle stick ki sankhya Kam honi chahiye ya badana chahiye?.

  46. ram gupta says:

    candle k throuh buying kb karna hai stoploss kitna rkhna hai breakout ya fake brakeout ko kaise smjhe

    • Kulsum Khan says:

      हमने इसको इसी अध्याय में समझाया है कृपया इसको पूरा पढ़ें।

  47. Ram sakal says:

    Very nice post

  48. Firoz Alam says:

    Madam aap ki koi online class bhi hai to please btaye

  49. Rajeev kushwaha says:

    Nice bro ❤️🥰

  50. Mitesh suresh joshi says:

    Nice bro

  51. JITENDRA says:

    unique information sir

  52. Rakesh says:

    Do you have any video about candlestick reading

  53. Dheeraj Kumar says:

    Mem aadha karenge matalab
    Kahi AAP sajha ki baat to nhi kar rhi

  54. Ravi Kumar says:

    Sir 30 minutes ki baat ho Rahi hai
    9:15 par market open hota hai 09:45 tak ka hi data ready karna chahiye ya fir 09:15 after 09:45 after 10:15 after 10:45 is tarah se ready karna chahiye
    Intra day 30 minutes ke liye Janna chahta hu please

  55. Arvind says:

    How to download complete hindi module.
    Or please provide book name of above all module. Because it’s so useful.

  56. Astik Soni says:

    sir mai request kar raha hu ki jo lecture english me hai hindi me bhi available karawadijiye please please please please please pllease please please

  57. Astik Soni says:

    aur rahi baat content hindi me hai read karne bahut jyda achha lag rha hai bus ek request hai aap se lecture ko hindi me bhi provide karadijiye please please please please please please please pleasse………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

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