14.1 – लेड- थोड़ा इतिहास थोड़ी जरूरी जानकारी
आपको शायद भरोसा ना हो, लेकिन लेड नाम की इस धातु ने रोम के साम्राज्य को गिराने में एक भूमिका अदा की थी। जरा सोचिए- सोना नहीं, चांदी नहीं कोई हीरे जवाहरात नहीं बल्कि लेड, एक ऐसी धातु जो कि बहुत आसानी से पाई जाती है, उसने इतने बड़े साम्राज्य को गिरा दिया।
मैं यहां इतिहास की बात ज्यादा नहीं करूंगा। लेकिन यह एक बहुत ही रोचक जानकारी है इसलिए इस मौके का फायदा उठाकर मैं यह जानकारी आप तक पहुंचाना चाहता हूं।
पहले लेड नाम की इस धातु के लक्षण या गुणों पर नजर डाल लेते हैं यह एक
- भारी और चमकीली धातु है
- यह काफी लचीली होती है और इससे तार बनाए जा सकते हैं
- इससे बिजली नहीं गुजर सकती मतलब यह बिजली का बैड कंडक्टर है
- इस पर आसानी से जंग नहीं लगता है
- यह काफी सघन होती है
- यह काफी आसानी से मिलती है
लेड की खोज काफी पहले ही हो गयी थी और इसका इस्तेमाल प्रागैतिहासिक काल से हो रहा है। ये सबसे पहले खोजी गयी धातु है इस बात के सबूत के तौर पर मिस्त्र में लेड से बनी मूर्तियां मिली है जो 4000 ईसा पूर्व की हैं। शायद लेड का सबसे ज्यादा इस्तेमाल रोम के साम्राज्य में यानी रोमन साम्राज्य में हुआ था और उस समय इसका उत्पादन भी काफी ज्यादा होने लगा था। रोम के लोग लेड का इस्तेमाल पानी के पाइप, पानी की टंकी, खाने के बर्तनों और यहां तक कि सौंदर्य प्रसाधनों में भी करने लगे थे।
नीचे के चित्र में आप रोमन काल का एक पानी की पाइप देख सकते हैं
स्त्रोत – वेलकम इमेजेस, UK
ऐसा माना जाता है कि रोमन काल में लेड की पाइप से घर में पानी पहुंचना ऐश्वर्य का एक संकेत माना जाता था। पानी के पाइप पर उसके मालिक का नाम लिखा होता था (जैसा कि आप ऊपर के चित्र में देख सकते हैं) जिससे लोगों को उसके मालिक के ऐश्वर्य का पता चल सके।
लेड नाम की इस धातु का इतना ज्यादा इस्तेमाल अंत में रोमन साम्राज्य को महंगा पड़ा। आप शायद जानते हो कि मानव के शरीर में लेड का कोई इस्तेमाल नहीं होता। यह जहरीला होता है और इससे कैंसर तक हो सकता है। लेड का इतना ज्यादा इस्तेमाल अंततः उनको महंगा पड़ा। पाइप के जरिए पानी लाने की वजह से बहुत सारे लोगों की जान गई, खासकर बड़े-बड़े फैसले करने वाले अधिकारियों और नेताओं की जान इसकी वजह से चली गई। ऐसा माना जाता है कि इतने लोगों की मौत की वजह से रोमन साम्राज्य का पतन हो गया।
खैर, रोमन साम्राज्य के खत्म होने के बाद लोगों में जागरूकता आई और उन्होंने लेड का बेहतर इस्तेमाल जान लिया। उसका दूसरा इस्तेमाल होने लगा। अब जिन कामों में लेड का इस्तेमाल होता है वह हैं-
- टांकने के लिए (Solder)
- टैंक (Tanks), चेंबर (Chambers) और सिंक (Sink) जैसी चीजों की इंडस्ट्रियल लाइनिंग करना
- रेडिएशन के विरूद्ध एक रक्षा कवच बनाना
- लेड एसिड स्टोरेज बैटरी बनाना
- केबल को ढंकने के लिए लेड फ्वायल (foil) बनाना
- पिगमेंट और कम्पाउंड बनाना
- पानी के जहाज बनाना
बहुत सारे लोग पेंसिल में लिखाई के लिए लगने वाले लेड को लेड धातु के तौर पर समझते हैं लेकिन वह लेड अलग होती है वह ग्रेफाइट से बनती है, वास्तव में लेड से नहीं बनती।
पिछले कुछ सालों से लेड की सप्लाई और डिमांड स्थिर रही है। एक बार इसके डाटा पर नजर डालिए –
स्त्रोत – http://www.ilzsg.org/
वास्तव में पिछले कुछ सालों में लेड की कीमतें एक रेंज में ही रही हैं। लेड के लॉन्ग टर्म चार्ट पर नजर डालिए खासतौर पर अंतिम कुछ सालों पर-
अगर आप MCX पर लेड में फ्यूचर ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको मुख्य तौर पर इसकी कीमतों के आधार पर ही ट्रेडिंग करनी होगी। व्यक्तिगत तौर पर मैं फंडामेंटल के आधार पर या फिर खबरों के आधार पर लेड में ट्रेडिंग नहीं करना चाहूंगा। लेकिन अगर आप ऐसा करना चाहते हैं तो लेड के फंडामेंटल डाटा को देखने के लिए यहां क्लिक करें।
14.2 – कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी जानकारियाँ
इसके कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी जानकारियों पर एक नजर डालते हैं। MCX पर दूसरी कई धातुओं की तरह लेड के भी दो कॉन्ट्रैक्ट होते हैं – लेड (बिग कॉन्ट्रैक्ट) और लेड मिनी। पहले लेड के बिग कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी जानकारियों पर एक नजर डालते हैं।
कीमत-प्राइस कोट (Price Quote) – प्रति किलोग्राम
लॉट साइज – 5 मिट्रिक टन (5000 किलोग्राम)
टिक साइज – ₹0.05
प्रति टिक P&L – ₹0.05 * 5000 = ₹ 250
एक्सपायरी – महीने की अंतिम तारीख
डिलीवरी यूनिट – 10 मिट्रिक टन
जनवरी 2017 में एक्सपायर हो रहे कॉन्ट्रैक्ट के कोट (Quote ) पर नजर डालते हैं
यहां पर कीमत ₹137.05 प्रति किलो दिख रही है। इसलिए कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू होगी –
लॉट साइज * कीमत
= 5000 * 137.05
= Rs.685,250/-
NRML ट्रेड की मार्जिन को नीचे दिखाया गया है –
जैसा कि आप देख सकते हैं कि NRML ट्रेड (ओवरनाइट पोजीशन) के लिए मार्जिन 80,482 रुपये है, और MIS (इंट्रा डे) के लिए मार्जिन 40,241 रुपये है।
इस हिसाब से NRML का मार्जिन करीब 11.7% और MIS का मार्जिन करीब 5.9% होता है। इस तरह से लेड कमोडिटी के बाजार के सबसे अधिक मार्जिन वाली वस्तुओं में से एक बन जाती है।
अब लेड मिनी कॉन्ट्रैक्ट –
कीमत-प्राइस कोट (Price Quote) – प्रति किलोग्राम
लॉट साइज – 1 मिट्रिक टन (1000 किलोग्राम)
टिक साइज – ₹0.05
प्रति टिक P&L – ₹0.05 * 1000 = ₹ 50
एक्सपायरी – महीने की अंतिम तारीख
डिलीवरी यूनिट – 10 मिट्रिक टन
जनवरी 2017 में एक्सपायर हो रहे लेड मिनी के कॉन्ट्रैक्ट के कोट (Quote) पर नजर डालते हैं
यहां पर कीमत ₹ 137.5 प्रति किलो दिख रही है। इसलिए कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू होगी –
लॉट साइज * कीमत
= 1000 * 137.5
= Rs.137,500/-
NRML ट्रेड की मार्जिन को नीचे दिखाया गया है –
जैसा कि आप देख सकते हैं कि NRML ट्रेड (ओवरनाइट पोजीशन) के लिए मार्जिन 16,442 रुपये है, और MIS (इंट्रा डे) के लिए मार्जिन 8,221 रुपये है।
इस हिसाब से NRML का मार्जिन करीब 11.7% और MIS का मार्जिन करीब 5.9% होता है। लेड मिनी का मार्जिन (NRML और MIS दोनों के लिए) लेड के बिग कॉन्ट्रैक्ट की तरह ही होता है। लेकिन यहां पर कॉन्ट्रैक्ट का लॉट साइज छोटा है इसलिए मार्जिन के लिए पैसे कम लगते हैं।
14.3 – लेड कॉन्ट्रैक्ट का तर्क
MCX हर महीने एक नया कॉन्ट्रैक्ट जारी करता है और हर नया कॉन्ट्रैक्ट पांचवे महीने के अंतिम कामकाजी दिन को समाप्त होता है। उदाहरण के तौर पर MCX जनवरी 2017 में मई 2017 का कॉन्ट्रैक्ट जारी करेगा और मई 2017 का यह कॉन्ट्रैक्ट मई के अंतिम कामकाजी दिन को खत्म होगा।
ध्यान दें कि जनवरी 2017 का अपना कॉन्ट्रैक्ट जनवरी के अंतिम कामकाजी दिन को खत्म होगा। जैसा की आप नीचे के टेबल में देख सकते हैं कि जनवरी का कॉन्ट्रैक्ट करीब 5 महीने पहले यानी सितंबर 2016 में जारी हुआ है।
कॉन्ट्रैक्ट को इस तरह से इसलिए जारी किया जाता है क्योंकि हर समय मौजूदा महीने यानी करेंट मंथ का एक कॉन्ट्रैक्ट मौजूद रहे।
हालांकि हर कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी से 5 महीने पहले जारी होता है, लेकिन उसमें लिक्विडिटी अंतिम महीने में ही आती है। इसीलिए हमेशा मौजूदा महीने के कॉन्ट्रैक्ट में ही ट्रेडिंग करना फायदेमंद होता है, क्योंकि ज्यादा लिक्विडिटी की वजह से बिड और आस्क का स्प्रेड कम मिलता है, और स्प्रेड कम मिलता तो इंपैक्ट कॉस्ट (Impact Cost) कम होता है, और इंपैक्ट कॉस्ट कम होने से फायदा यह होता है कि जब आप मार्केट ऑर्डर डालते हैं तो आपको नुकसान भी कम होता है।
14.4 – निकल की जरूरी जानकारी
निकल और इससे जुड़े दुसरे मिश्रधातु का हमारे जीवन में बहुत उपयोग होता है। किचन का सामान हो, मोबाइल फोन हो, मेडिकल से जुड़े उपकरण हो, बिल्डिंग हो, बिजली का उत्पादन और यहां तक कि ट्रांसपोर्ट में भी, निकल का इस्तेमाल हर जगह किया जाता है। निकल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल स्टेनलेस स्टील बनाने में होता है। निकेल के कुल उत्पादन का करीब 65% स्टेनलेस स्टील बनाने में जाता है।
निकल के डिमांड और सप्लाई पर एक नजर डालिए
जैसा कि आप देख सकते हैं कि निकल का उत्पादन इसकी मांग से ज्यादा हो गया है। शायद इसी वजह से पिछले कुछ सालों से निकल की कीमत नीचे है
अगर आप MCX पर निकल फ्यूचर में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो मेरी सलाह फिर से वही होगी कि आपको मुख्य तौर पर इसकी कीमतों के आधार पर ही ट्रेडिंग करनी होगी, फंडामेंटल के आधार पर नहीं।
14.5 – निकल के कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी जानकारियाँ
निकल के भी दो कॉन्ट्रैक्ट होते हैं – निकल (बिग कॉन्ट्रैक्ट) और निकल मिनी। पहले निकल के बिग कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी जानकारियों पर एक नजर डालते हैं।
कीमत-प्राइस कोट (Price Quote) – प्रति किलोग्राम
लॉट साइज – 250 किलोग्राम
टिक साइज – ₹0.10
प्रति टिक P&L – ₹0.10 * 250 = ₹25
एक्सपायरी – महीने की अंतिम तारीख
डिलीवरी यूनिट – 3 मिट्रिक टन
जनवरी 2017 में एक्सपायर हो रहे निकल के कॉन्ट्रैक्ट के कोट (Quote) पर नजर डालते हैं –
यहां पर कीमत ₹ 685.5 प्रति किलो दिख रही है। इसलिए कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू होगी –
लॉट साइज * कीमत
= 250 * 686.5
= Rs.1,71,625/-
NRML ट्रेड की मार्जिन को नीचे दिखाया गया है –
जैसा कि आप देख सकते हैं कि NRML ट्रेड (ओवरनाइट पोजीशन) के लिए मार्जिन 16,924 रुपये है, और MIS (इंट्रा डे) के लिए मार्जिन 8,462 रुपये है
इस हिसाब से NRML का मार्जिन करीब 10% और MIS का मार्जिन करीब 5% होता है।
अब निकल मिनी का कॉन्ट्रैक्ट देकते हैं –
कीमत-प्राइस कोट (Price Quote) – प्रति किलोग्राम
लॉट साइज – 100 किलोग्राम
टिक साइज – ₹0.10
प्रति टिक P&L – ₹0.10 * 100 = ₹ 10
एक्सपायरी – महीने की अंतिम तारीख
डिलीवरी यूनिट – 3 मिट्रिक टन
जनवरी 2017 में एक्सपायर हो रहे निकल मिनी कॉन्ट्रैक्ट के कोट (Quote) पर नजर डालते हैं –
यहां पर कीमत ₹ 686 प्रति किलो दिख रही है। इसलिए कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू होगी –
लॉट साइज * कीमत
= 100 * 686
= Rs.68,600/-
NRML ट्रेड की मार्जिन को नीचे दिखाया गया है –
जैसा कि आप देख सकते हैं कि NRML ट्रेड (ओवरनाइट पोजीशन) के लिए मार्जिन 6,694 रुपये है, और MIS (इंट्रा डे) के लिए मार्जिन 3,347 रुपये है।
इस हिसाब से NRML का मार्जिन करीब 10% और MIS का मार्जिन करीब 5% होता है।
कॉन्ट्रैक्ट हर महीने जारी होते हैं, ठीक वैसे ही जैसे लेड में होते हैं। मेरी सलाह होगी कि आप करेंट मंथ के कॉन्ट्रैक्ट में ही सौदे करें क्योंकि उसमें लिक्विडिटी होगी।
इस अध्याय की मुख्य बातें
- लेड फ्यूचर में दो कॉन्ट्रैक्ट होते हैं – बिग कॉन्ट्रैक्ट और मिनी कॉन्ट्रैक्ट।
- लेड का लॉट साइज 5000 मिट्रिक टन और लेड मिनी का 1000 मिट्रिक टन होता है।
- लेड का प्रति टिक P&L 250 रुपये और लेड मिनी का 50 रुपये होता है।
- लेड की डिमांड और सप्लाई पिछले कुछ सालों से स्थिर रही है।
- निकल फ्यूचर में दो कॉन्ट्रैक्ट होते हैं – बिग कॉन्ट्रैक्ट और मिनी कॉन्ट्रैक्ट।
- निकल का लॉट साइज 250 किलो और निकल मिनी का 100 किलो होता है।
- निकल का प्रति टिक P&L 25 रुपये और निकल मिनी का 10 रुपये होता है।
- निकल की सप्लाई उसकी मांग से अधिक है।
- लेड और निकल दोनों में ही सलाह ये होगी कि आप करेंट मंथ के कॉन्ट्रैक्ट में ही सौदे करें क्योंकि उसमें लिक्विडिटी होगी।
- लेड और निकल दोनों में ही इनकी कीमतों के आधार पर ही शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग करनी चाहिए, फंडामेंटल के आधार पर नहीं।
tq sir
Welcome 🙂
Kya aap nickel manufacturing he
Kya aap nickel plate manufacturing he
जी नहीं।
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