14.1 – पोजीशन की साइज (आकार)
पेयर ट्रेडिंग की चर्चा को खत्म करें, इससे पहले मुझे आपके साथ ट्रेड की एक खास स्थिति की चर्चा करना जरूरी है।
28 मई को मैं पेयर ट्रेडिंग के एल्गो (Algo) को देख रहा था तो एक बहुत ही रोचक ट्रेड मेरे सामने आया। इसके रिग्रेशन (Regression) से जुड़ी जानकारी यह है
- स्टॉक X = ICICI बैंक
- स्टॉक Y = HDFC बैंक
- ADF = 0.048
- बीटा = 0.79
- इंटरसेप्ट = 1626
- स्टैन्डर्ड एरर = 2.67
आपको क्या लगता है क्या यह एक परफेक्ट ट्रेड है ? ICICI बैंक और HDFC बैंक प्राइवेट सेक्टर के 2 सबसे बड़े बैंक हैं। दोनों एक ही तरह के बिजनेस माहौल में काम करते हैं। दोनों के रेवेन्यू स्ट्रीम एक जैसे है यानी कमाई का जरिया एक ही है। दोनों को RBI नियंत्रित करता है। तो फिर यह पेयर तो पेयर ट्रेडिंग के लिए परफेक्ट होगा ही, है ना ?
इसकी ADF वैल्यू है 0.048 जिसका मतलब है कि यहां पर रेजिडुअल के स्टेशनरी नहीं होने की सिर्फ 4.8% संभावना है यानी 95.4% संभावना इस बात की है कि रेजिडुअल स्टेशनरी होगा। ये एक बहुत ही अच्छी स्थिति है।
यहां पर स्टैन्डर्ड एरर 2.67 है, जो कि एक शॉर्ट ट्रेड शुरू करने के लिए एकदम सही स्थिति है। तो, यहां पर ट्रेड ये है कि HDFC को शॉर्ट करें और ICICI पर लॉन्ग जाएं।
तो हम अब पोजीशन साइजिंग कैसे करें ? कीमत और लॉट साइज का विवरण देखिए –
- HDFC फ्यूचर्स कीमत = 2024. 8
- HDFC लॉट साइज = 500
- ICICI फ्यूचर्स कीमत = 298.8
- ICICI लॉट साइज = 2750
याद कीजिए कि पिछले अध्याय में हमने पोजीशन की साइज के बारे में चर्चा की थी। हमने पेयर के बीटा को देखा था और उसके आधार पर अनुमान लगाया था कि इस ट्रेड में कितने शेयर होंगे।
यहां पर बीटा है 0.79 इसका मतलब है कि Y के हर 1 शेयर के लिए हमें X के 0.79 शेयर की जरूरत पड़ेगी। HDFC (Y) का लॉट साइज है 500 का इसका मतलब है कि इसको ऑफसेट (offset) करने के लिए हमें ICICI (X) के 395 शेयर की जरूरत पड़ेगी।
तो आप देख सकते हैं कि यहां समस्या क्या है, दोनों के लॉट साइज बिल्कुल नहीं मिलते हैं।
हमने जैसा पिछली बार टाटा मोटर्स और टाटा मोटर्स DVR के उदाहरण में किया था कि दोनों के एक–एक लॉट को ट्रेड किया था वो हम यहां नहीं कर सकते। अगर हम ऐसा करेंगे तो वह बीटा न्यूट्रल ट्रेड नहीं होगा।
तो यहां पर पोजीशन साइज ठीक से करने के लिए हमें लॉट साइज से अलग एक रास्ता निकालना होगा।
ICICI का लॉट साइज है 2750, बीटा है 0.79। HDFC का लॉट साइज है 500, अब अगर ICICI का लॉट साइज HDFC से बड़ा है तो HDFC के कितने कम से कम शेयरों की जरूरत पड़ेगी जिससे कि हम ICICI के 2750 शेयरों को बीटा न्यूट्रल बना सकें,
इसके लिए हमें एक साधारण सा विभाजन करना होगा
2750 / 0.79
= 3481.01
चूंकि HDFC का लॉट साइज 500 का है इसलिए हम इस 3481.01 को 3500 कर सकते हैं। तो ICICI के एक लॉट को ऑफसेट करने के लिए HDFC के 7 लॉट की जरूरत पड़ेगी।
14.2 – इंटरसेप्ट
तो अब हमें इस पोजीशन साइज यानी इसका आकार भी पता चल गया है। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या आप इस ट्रेड को करेंगे?
सब कुछ बढ़िया लग रहा है ADF वैल्यू अच्छी दिख रही है, रेजिडुअल 2.67 SD पर है, दोनों स्टॉक अच्छी तरीके से कोरिलेटेड हैं, दोनों के बिजनेस एक जैसे हैं। तो यहां गलत क्या हो सकता है?
सही में, सब कुछ अच्छा लग रहा है। लेकिन अगर आप करीब से देखें तो इंटरसेप्ट एक अलग कहानी बता रहा है।
इसको ठीक ढंग से समझने के लिए हमें जल्दी से एक नजर डालनी होगी रिग्रेशन के समीकरण पर
y = Beta * x + Intercept + Residual
आपको पता है कि इस समीकरण के जरिए हम Y की स्टॉक कीमत को स्टॉक X के संदर्भ में बता रहे हैं और इसके लिए उसे बीटा से गुणा कर रहे हैं। इंटरसेप्ट वास्तव में Y की स्टॉक कीमत का वह हिस्सा है जिसको यह मॉडल ठीक तरीके से नहीं बता पाता और रेजिडुअल स्टॉक Y की वास्तविक कीमत और अनुमानित कीमत के बीच का अंतर है।
तो इसके आधार पर हम समझ सकते हैं कि एक बड़े इंटरसेप्ट का मतलब है कि Y की स्टॉक कीमत का एक बड़ा हिस्सा इस रिग्रेशन मॉडल से हमें नहीं पता चल रहा है। यहां पर इंटरसेप्ट 1626 है। HDFC के स्टॉक की कीमत है 2024, इसका मतलब है कि 2024 में से 1626 को यह रिग्रेशन मॉडल नहीं समझा पा रहा है। इसका मतलब है कि इस रिग्रेशन समीकरण से हमें Y की स्टॉक कीमत के 80% हिस्से (1626/2024) के बारे में कुछ भी नहीं पता है। यानी ये समीकरण हमें केवल 20% कहानी ही बता पा रहा है। इसलिए यह स्थिति मुझे अच्छी नहीं लग रही है।
इसका यह भी मतलब है कि अगर हम इस पेयर में इस समय ट्रेड करते हैं तो हम एक बहुत छोटी सी संभावना के लिए ट्रेड कर रहे हैं, ऐसे में मैं इस ट्रेड को छोड़ दूंगा और किसी बड़े मौके की तलाश करूंगा। हालांकि मैं जानता हूं कि ऐसे बहुत सारे ट्रेडर हैं जो इस मौके का फायदा उठाना चाहेंगे और वो ये ट्रेड करेंगे। लेकिन मेरे जैसा आदमी इसमें दिख रहे रिस्क को नजरअंदाज नहीं कर सकता क्योंकि मैं पहले रिस्क को देखता हूं और फिर रिवार्ड को।
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What if we take this trade, then what will be the Risk to Reward ratio. And what will be the P&L.
We have explained it in the same chapter 🙂