11.1 – पोकर का खेल
पिछले दिनों से अपने कुछ दोस्तों के साथ ताश का खेल पोकर खेलने का मौका मिला। मैं 6 साल बाद पोकर खेल रहा था और काफी ज्यादा उत्साहित था। हम सभी दोस्तों ने ₹1000 डाले और खेल शुरू किया। इस खेल को खेलने के लिए आपको भाग्य और कुशलता की दोनों की जरूरत पड़ती है।
तो पत्ते बांटे गए और खेल शुरू हुआ। पहले राउंड में मैंने ₹200 लगाए और वह चले गए। अगले राउंड में मैंने फिर से ₹200 लगाए और फिर से उन्हें गंवा बैठा। अब मैंने अपने आपको समझाया कि मैं तीसरे राउंड में अपने सारे नुकसान की भरपाई कर लूंगा और इसीलिए मैंने अपने दांव को ₹600 कर दिया। मेरे वह पैसे भी चले गए। इस तरह से 10 मिनट में मैं ₹1000 गंवा चुका था। यह एकदम वैसा ही था जैसे आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट के सारे पैसे गंवा दें।
लेकिन मैंने हार नहीं मानी, मैंने सोचा कि मैं तो ट्रेडिंग जानता हूं और पोकर तो काफी हद तक ट्रेडिंग जैसा ही होता है, इसलिए मैं तो हार नहीं सकता। मैंने अपने सारे शुरुआती नुकसान की भरपाई करने का इरादा किया। इसी इरादे के साथ, मैंने फिर ₹1000 लगाए और खेलना शुरू किया। इस बार मैं थोड़ा ज्यादा देर तक खेल में टिका जरूर, 15 मिनट तक। लेकिन नतीजा फिर वही रहा मैंनें सारे पैसे फिर से गंवा दिए।
मुझे जहां तक याद है, मैं कभी भी पोकर में इस तरह से नहीं हारा था। इसलिए मुझे इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा था कि मेरे साथ ऐसा हो रहा है और 25 मिनट में दो बार मेरा अकाउंट खाली हो चुका है।
साफ था कि चीजें मेरे हक में नहीं थी। लेकिन मैंने फिर से यानी तीसरी बार ₹1000 रूपए लगाने का फैसला किया। ट्रेडिंग के हिसाब से देखें तो यह इस तरह की स्थिति है जहां पर आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट के सारे पैसे दो बार गंवा चुके हैं और तीसरी बार फिर से पैसे लगा रहे हो ।
कोई भी ऐसा इंसान जिसने बाजार में दो बार अपने सारे पैसे गंवा दिए हैं आप उसको क्या सलाह देंगे, यही ना कि बाजार से तुरंत निकल जाओ। यही शायद सही सलाह भी होती। लेकिन मैंने अपने मन की बात नहीं मानी और खेलने के लिए ₹1000 और लगा दिए थे। क्योंकि मुझे लग रहा था कि अगली बार ऐसा नहीं होगा, यानी अगली बार मैं नहीं हारूंगा। आर्थिक भाषा में कहें तो इसे गैंबलर्स फैलेसि (Gambler’s fallacy) कहते हैं और उस समय इसी का शिकार था।
आपमें से जो लोग गैंबलर्स फैलेसि के बारे में नहीं जानते हैं, उनको मैं बता दूं कि जब आप किसी एक खास नतीजे की उम्मीद पर बार-बार दांव लगाते हैं और आप लगातार नुकसान सह रहे हों और जब आप छोड़ने की तैयारी कर रहे हों तो आपका दिमाग आपको यह भरोसा दिला देता है कि आपकी हार का सिलसिला रुकने वाला है और अगला दांव आपको जिता कर रहेगा। ऐसे में आप अपने शर्त या दांव की रकम को बढ़ा देते हैं और ज्यादा बड़ा नुकसान कर बैठते हैं। गैंबलर्स फैलेसि की वजह से बहुत सारे लोगों के ट्रेडिंग अकाउंट पूरी तरह से खाली हो जाते हैं।
खैर, तीसरे दौर के शुरू होने के पहले तक मैं ₹2000 का नुकसान कर चुका था और अब ₹1000 और लगाने को तैयार था। मुझे पूरी तरीके से भरोसा था कि मैं अपने नुकसान की कुछ तो भरपाई जरूर कर लूंगा। लेकिन बाकी खिलाड़ी भी तैयार थे और उन्होंने ऐसा खेल खेला कि मैं अगले 7 मिनट में अपने सारे पैसे गंवा चुका था इसके बाद मैंने खेल छोड़ दिया और लेकिन तब तक मैं ₹3000 गंवा चुका था।
खेल के बाद मैंने सोचा कि आखिर मुझसे गलती कहां हुई, जवाब बिल्कुल आसान थे –
- मैंने अपने पत्तों पर ध्यान नहीं दिया था और यह नहीं देखा था कि उन पत्तों के आधार पर मेरे जीतने की संभावना कितनी है
- मैंने अपने दांव की पोजीशन साइजिंग नहीं की थी – मैं बिना किसी तर्क के बस ऐसे पैसे ही लगा रहा था
कुछ हफ्तों बाद मुझे फिर से पोकर खेलने का मौका मिला। पिछली बार मैंने बहुत खराब उदाहरण पेश किया था और मैंने काफी पैसे गंवाए थे। इसलिए मैंने इस बार अपने पोजीशन साइजिंग करने का फैसला किया।
मैंने ₹1000 लगाए और खेल शुरू हुआ। हर बार पत्ते बंटने पर मैंने अपनी जीतने की संभावना को ठीक से देखा और उस हिसाब से मैंने पैसे दांव पर लगाए। ये एकदम वैसा ही था जैसे ट्रेडिंग की दुनिया में हम एक ट्रेडिंग सिस्टम के सहारे अपनी पोजीशन साइजिंग करते हैं। मेरे इस तरीके का उपयोग करने से नतीजा इस बार बिल्कुल अलग आया –
- मैंने कुछ दांव जीते
- एक समय मैं करीब ₹4000 जीत चुका था
- जितनी भी देर खेल चला मैं खेल से बाहर नहीं हुआ और मुझे बहुत मजा आया।
- खेल के अंत में मैंने जीते हुए पैसों में से कुछ गंवा भी दिए लेकिन फिर भी मैं इस बात से खुश था कि मैंने अपनी तकनीक का सही इस्तेमाल किया और काफी अच्छे से खेला
इस बार खेल में पोजीशन साइजिंग ने मेरा काफी साथ दिया था। पिछली बार के मुकाबले सबसे बड़ा अंतर यही था। मुझे लगता है कि पोजीशन साइजिंग हमेशा काम ऐती है। ये कहानी बताने का मेरा उद्देश्य भी यही है कि आप बाजार में कभी भी अपने नुकसान या फायदे को पूरी तरह से समझे बिना या पोजीशन साइजिंग किए बगैर पैसे ना लगाएं। अगर आप ऐसा करेंगे तो आप नुकसान उठाएंगे और बेवकूफ बनेंगे।
पोकर तो एक खेल है, लेकिन जब आप ट्रेड करते हैं तो पूंजी सोच समझकर लगानी चाहिए क्योंकि यह आपके भविष्य पर काफी बड़ा असर डाल सकता है। इसलिए अगले कुछ अध्याय में हम जिन विषयों पर चर्चा करेंगे उस पर ध्यान दीजिएगा। मैं उम्मीद करता हूं कि इसके बाद आपके लिए आपका ट्रेडिंग का करियर काफी अच्छा होगा।
मैंने पोजीशन साइजिंग को वैन थार्प (Van Tharp) की किताब से सीखा था। वैन थार्प उन लोगों में से हैं जिन्होंने पोजीशन साइजिंग के सिद्धांत को सबके सामने पेश किया था। आप उनकी किताबों को पढ़कर भी इसके बारे में अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं।
11.2 – गैम्बलर्स फैलेसि
हमने गैंबलर्स फैलेसि के बारे में थोड़ी चर्चा ऊपर की है, लेकिन अब उस को बाजार के हिसाब से विस्तार से समझ लेना बेहतर होगा।
इस चार्ट पर नजर डालिए –
यह निफ्टी का चार्ट है – निफ्टी ने 25 जुलाई 2017 को 10000 का जादुई आंकड़ा छुआ था। एक ट्रेडर के तौर पर इसे कैसे ट्रेड करते –
- निफ़्टी अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर है यानी 10000 पर
- बाजार के कई खिलाड़ी इस समय मुनाफा वसूल करेंगे क्योंकि निफ्टी एक मनोवैज्ञानिक स्तर पर है
- अभी तक के सबसे ऊंचे स्तर पर होने का मतलब है कि बाजार में अब कोई रेजिस्टेंस का स्तर नहीं है
- निफ्टी ने लगातार पिछले कुछ हफ्तों से ऊपर का ही रास्ता देखा है
- हो सकता है कि निफ्टी इस स्तर पर कंसोलिडेट करे
- हो सकता है कि रैली दोबारा शुरू होने के पहले बाजार में 2% से 3% का एक करेक्शन आए
कुछ देर के लिए मान लेते हैं कि ऊपर के बताई हुई सभी बातें सही हैँ। तो इसका मतलब होगा कि इस जगह पर बाजार में शॉर्ट पोजीशन बनानी चाहिए या फिर पुट को खरीदना चाहिए। शॉर्ट करने के इस नतीजे तक पहुंचने के लिए आप चाहे ऊंचे स्तर की एनालसिस करें, बड़े-बड़े डेटा को देखें, कई तरीके की मॉडलिंग का इस्तेमाल करें या या सीधे-सीधे अपने अनुमान से यह कहें कि हां, इस समय शार्ट पोजीशन बनाने का समय है।
आप चाहे जैसे भी एनालिसिस करें लेकिन बाजार के बारे में कोई भी निश्चित तौर पर कुछ भी नहीं कह सकता। कोई भी तकनीक ऐसी नहीं है जो यह बता सके कि बाजार में आगे क्या होने वाला है। इसका मतलब है कि हम एक ऐसी स्थिति में है जहां पर ज्यादातर लोग अनुमान ही लगा रहे हैं। लेकिन यह भी सच है कि आप जितनी अच्छी एनालिसिस करेंगे, आपका अनुमान सही होने की संभावना उतनी ही ज्यादा अधिक होगी। लेकिन अंत में बाजार में क्या होगा इसे कोई नहीं बता सकता।
तो मान लीजिए कि आपने बहुत अच्छे से एनालसिस की, अच्छे तरीके से सब चीजों को देखा और निफ्टी पर एक दांव लगाया। लेकिन आपको नुकसान हुआ और आपका स्टॉप लॉस ट्रिगर हो गया। लेकिन आपने हौसला नहीं छोड़ा। आपने फिर से एक सौदा किया और इस बार भी आपने पैसे गंवा दिए। मान लीजिए ऐसा आपके साथ 4 बार होता है।
आपको लगता है कि आपकी एनालसिस बिल्कुल सही है लेकिन फिर भी हर बार आप का स्टॉप लॉस ट्रिगर हो रहा है। आपके अकाउंट में अभी भी पैसे हैं इसलिए आप बार-बार सौदे कर रहे हैं। आपको पूरा भरोसा है कि जल्दी ही बाजार आपके पक्ष में घूमेगा और अभी भी आपको रिस्क लेने में डर नहीं लग रहा। तो आप क्या करेंगे –
- क्या आप ट्रेड करना बंद कर देंगे
- क्या आप फिर से उतने ही पैसे लगाएंगे
- अगर आपने 6 बार लगातार पैसे गंवाए हैं तो क्या फिर आप सातवीं बार ये सोच कर ज्यादा पैसे लगाकर ट्रेड करेंगे कि आपके मुनाफा कमाने की संभावना ज्यादा है और इस तरह से आप अब तक हुए नुकसान को वापस पा सकेंगे।
आप इनमे से कौन सा विकल्प लेंगे, थोड़ा सोच कर जवाब दीजिए।
मैं कई बार इस तरह की स्थिति में पड़ा हूं और बहुत सारे ट्रेडर ने भी मुझे यह बताया है कि अधिकतर लोग तीसरा ऑप्शन ही लेते हैं। वो ऐसा करते हैं क्योंकि आमतौर पर बाजार में ट्रेड करने वाले लोग मानते हैं कि जब वह अगला सौदा करेंगे तो बाजार में अब तक चल रहा ट्रेंड बदल जाएगा। जैसे इस उदाहरण में जिस व्यक्ति ने अब तक छह बार नुकसान सहा है उसको यह लगेगा कि सातवीं बार वह जरूर ही फायदे में रहेगा। इसे ही गैंबलर्स फैलेसि कहते हैं।
वास्तव में, बाजार में आप कुछ भी भरोसे के साथ नहीं कह सकते। इस 7वें सौदे में भी नुकसान होने की संभावना उतनी ही है जितनी कि पहले 6 सौदों में थी। सिर्फ इसलिए क्योंकि आपने अब तक 6 बार नुकसान सहा है, 7वीं बार आपके फायदा होने की संभावना बढ़ या घट नहीं जाती। लेकिन फिर भी आमतौर पर बाजार में ट्रेड करने वाले लोग गैंबलर्स फैलेसि का शिकार हो जाते हैं और अपने दांव को या अपने लगाए जाने वाले पैसे को बढ़ाते जाते हैं। यह सोचते-समझते नहीं हैं कि उनके नुकसान या फायदा होने की संभावना कितनी है। इस तरह से गैंबलर्स फैलेसि आप की पोजीशन साइजिंग के सिद्धांत को पूरी तरीके से बर्बाद कर देती है और कई बार लोगों के ट्रेडिंग अकाउंट पूरी तरीके से साफ हो जाते हैं।
लेकिन ऐसा नहीं है कि यह केवल नुकसान की स्थिति में ही होता है यह दूसरी तरफ भी होता है। मान लीजिए आप बहुत भाग्यशाली हैं और आपने 6 या मान लीजिए 10 लगातार बार सही मुनाफे वाले सौदे किए हैं। आप जो भी सौदा डालते हैं वह आपके पक्ष में जाता है। अब आप 11वीं बार सौदा करने जा रहे हैं तो अब आप क्या करेंगे
- क्योंकि आपने काफी पैसे बना लिए हैं तो क्या आप ट्रेडिंग करना बंद कर देंगे?
- क्या आप अपने सौदे में उतनी रकम का रिस्क लेंगे जितना अब तक रखते थे?
- क्या आप अपने सौदे की रकम बढ़ा देंगे?
- क्या आप एक सुरक्षित रास्ता चुनेंगे और अपने मुनाफे को बचाते हुए अपने सौदे की रकम को कम कर देंगे?
इस बात की संभावना है कि आप इस में से चौथा विकल्प लेंगे। आप अब तक हुए अपने मुनाफे को बचाना चाहते हैं और यह नहीं चाहते कि आपने जो कुछ बाजार से कमाया है वह वापस दे दें। लेकिन साथ ही आप यह चाहते हैं कि आगे भी ट्रेड करें क्योंकि आप लगातार मुनाफा कमा रहे हैं।
यहां पर फिर से गैंबलर्स फैलेसि अपना काम कर रही है। आपका निर्णय, पिछले 10 सौदों में जो कुछ हुआ है उससे प्रभावित है, आप अपने 11वें सौदे की रकम को घटा रहे हैं। जबकि वास्तव में यह नया सौदा अच्छा होगा या बुरा, इसकी संभावना उतनी ही है जितनी पिछले 10 सौदों में थी, ना उससे कम ना ज्यादा।
शायद यही वजह है कि बहुत सारे ट्रेडर लगातार फायदे वाला सौदा करने के बावजूद बाजार में बहुत कम पैसे कमा पाते हैं। गैंबलर्स फैलेसि से बचने का सिर्फ एक रास्ता है पोजीशन साइजिंग।
11.3 – रिकवरी ट्रॉमा
ट्रेडिंग की दुनिया में, पूंजी वह कच्चा माल है जिसके सहारे हम काम करते हैं। अगर आपके पास लगाने के लिए पूंजी नहीं है तो आप पैसे कैसे कमाएंगे। इसलिए हमें अपने मुनाफे को तो बचाना होता ही है साथ में अपने अपनी पूंजी को भी बचाना होता है।
इसीलिए अगर किसी एक सौदे में आप बहुत ज्यादा पूंजी लगा रहे हैं तो आप यह रिस्क ले रहे हैं कि आप अपनी ज्यादातर पूंजी गंवा बैठें, और हो सकता है कि अगली बार लगाने के लिए आपके पास बहुत ही कम पूंजी बचे। जब आप बहुत कम पूंजी से बाजार में निवेश कर रहे होते हैं तो हर सौदा आपके लिए बहुत रिस्की हो जाता है। नुकसान होने पर वापस अपनी पूरी पूंजी तक पहुंचने का काम काफी मुश्किल हो जाता है
इस बात को समझाने के लिए मैंने एक टेबल बनाया है, मान लीजिए आपके पास बाजार में निवेश करने के लिए ₹100,000 की पूंजी है अब देखते हैं कि हर नुकसान होने के बाद वापस पूंजी को लाने के लिए आपको कितना फायदा कमाना होगा
आप इस एक्सेल शीट को यहां से डाउनलोड कर सकते हैं– here.
मान लीजिए आपने अपनी पूंजी का 5% यानी ₹5000 का नुकसान कर लिया। अब आपके पास शुरुआती पूंजी बची ₹95000 की। अपने 5000 को वापस लाने के लिए आपको इस 95000 पर 5.3% का मुनाफा कमाना होगा यानी जितना नुकसान हुआ है उससे 0.3% ज्यादा।
अब मान लीजिए 5% की जगह आपने 10% का नुकसान किया है और आपकी पूंजी एक लाख के बजाय 90000 रह गई है। अब आप इस 10 हजार को वापस कमाने के लिए आपको 11.1 प्रतिशत का मुनाफा कमाना होगा। तो जैसा कि आप देख सकते हैं कि जैसे-जैसे आप का नुकसान बढ़ता जाता है आपके पैसे को और ज्यादा कमाई करनी पड़ती है, जिससे कि आप अपनी पूंजी को वापस ला सकें। उदाहरण के तौर पर 60% नुकसान होने पर आपको कम से कम 150% का फायदा कमाना होगा तब जाकर आपकी पूंजी वापस आएगी।
दुर्भाग्यवश यह रिकवरी ट्रॉमा उन ट्रेडर्स पर ज्यादा असर डालती है जिनके पास कम पैसे होते हैं। मान लीजिए आप बाजार में ₹50000 की पूंजी के साथ आए हैं। आपने सुन रखा है कि राकेश झुनझुनवाला ने कैसे ₹10000 से 15000 करोड़ बना लिए। आप अपनी छोटी सी पूंजी से भी वैसा ही फायदा कमाना चाहते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि अगर आप अपने ₹50000 को साल के अंत तक 60000 भी कर लें तो बहुत बढ़िया बात होगी। यह 20% का मुनाफा हुआ। लेकिन 1 साल में ₹10,000 की कमाई आपको ज्यादा बड़ी नहीं लगेगी और खास कर तब अगर आप लगातार ट्रेडिंग कर रहे हैं। आपको लगेगा कि यह सही नहीं है।
तो फिर ऐसे में आप क्या करेंगे? आप बड़े बड़े रिस्क लेने लगेंगे जिससे कि आप बड़ा मुनाफा कमा सकें और अगर आपका एक भी सौदा आपके विरुद्ध चला गया तो फिर आप पूंजी गंवाएंगे और रिकवरी ट्रॉमा के घेरे में आ जाएंगे।
इसीलिए बाजार में हमेशा यह कोशिश करनी चाहिए कि किसी भी एक सौदे पर बहुत ज्यादा रिस्क ना लिया जाए। खासकर तब जब आपके पास पूंजी बहुत कम है। याद रखिए कि बाजार में अच्छे पैसे बनाने के लिए यह जरूरी है कि आप लंबे समय तक बाजार में बने रहें और लंबे समय तक बाजार में बने रहने के लिए आपके पास पूंजी होनी चाहिए। पूंजी होने के लिए यह जरूरी है कि आप अपने रिस्क को समझें और अपने हर सौदे में सही मात्रा में पैसे लगाएं। मतलब बाजार में आपको हमेशा बहुत स्थिरता से काम करना होता है और इसके लिए आपको अपने सौदों की पोजिशन साइजिंग करना जरूरी है।
इस अध्याय के अंत में मैं आपके लिए लैरी हाइट (Larry Hite) का एक क्वोट(quote) दे रहा हूं
अगले कुछ अध्यायों में हम पोजीशन साइजिंग की तकनीक पर बात करेंगे।
इस अध्याय की मुख्य बातें
- किसी भी ट्रेडिंग के लिए पोजीशन साइजिंग एक बहुत ही महत्वपूर्ण चीज होती है
- ट्रेडिंग करने वालों पर गैंबलर्स फैलेसि बहुत बड़ा असर डालती है यह ट्रेडर को यह भरोसा दिला देती है कि अब तक बाजार में उसके साथ जो हो रहा है वो अब बदलने वाला है
- जब हम बाजार में लगातार सौदा करते रहते हैं तो हर सौदे में मुनाफा कमाने या नुकसान उठाने की संभावना उतनी ही होती है जितनी संभावना पहले सौदे में थी
- पूंजी को वापस लाना बहुत ही कठिन काम होता है
- छोटी पूंजी वाले ट्रेडर हमेशा यह कोशिश करते हैं कि वह बड़े-बड़े सौदे करें, जबकि ऐसा करना उनके लिए ठीक नहीं होता है
tqsm
waah maja aa gaya sir, thanku so much,,,,,,,,,,
आपका अभनन्दन है।
बार खेल में पोजीशन साइजिंग ने मेरा काफी साथ दिया था। पिछली बार के मुकाबले सबसे बड़ा अंतर यही था। मुझे लगता है कि पोजीशन साइजिंग हमेशा काम ऐती है।
yhan kaam aati hai aayega
आपका धन्यवाद। हम इसको सही करदेंगे।
bhut shandar ……bhut loss k bad ye pda ab akl aahi
rakesh jhunjhunwala ne fir kyse 10,000 ko 15000 cr kiya kya ye baat sach h ya glt