16.1- DCF एनालिसिस की खामियां

इस अध्याय में हम कुछ ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों की बात करेंगे जो आपके निवेश के फैसलों पर बहुत असर डाल सकते हैं। पिछले अध्याय में हमने देखा था कि कैसे DCF मॉडल से  कंपनी के शेयर की आंतरिक कीमत पता कर सकते हैं। किसी कंपनी की आंतरिक कीमत निकालने के लिए DCF शायद सबसे अच्छा तरीका हैलेकिन इस तरीके की अपनी कमियां भी हैं। आपको इन कमियों के बारे में भी जानना चाहिए। जैसा कि हम पहले भी बात कर चुके हैं कि DCF मॉडल आप के अनुमानों पर आधारित होता है। अगर आपके अनुमान ठीक नहीं है तो यह मॉडल ठीक से काम नहीं करेगा और आपको शेयर की ठीक कीमत पता नहीं चलेगी।

  1. DCF के लिए भविष्यवाणी करनी पड़ती है आप जानते ही हैं कि DCF मॉडल में हमें फ्यूचर कैश फ्लो और बिजनेस साइकिल के बारे में भविष्यवाणी करनी पड़ती है। ना केवल फंडामेंटल एनालिसिस के लिए ऐसा करना एक बड़ी चुनौती होता है बल्कि कंपनी के टॉप मैनेजमेंट के लिए भी एक महत्वपूर्ण चुनौती होता है।  
  2. यह टर्मिनल ग्रोथ रेट से बहुत ज्यादा प्रभावित होता है DCF मॉडल टर्मिनल ग्रोथ रेट से बहुत ही ज्यादा प्रभावित होता है। टर्मिनल ग्रोथ रेट में आने वाले छोटा सा बदलाव भी इस पर बहुत ज्यादा असर डालता है। उदाहरण के तौर पर ARBL के मामले में हमने टर्मिनल ग्रोथ रेट का अनुमान 3.5% का रखा जिसके बाद शेयर की कीमत ₹368 निकली। लेकिन अगर हम टर्मिनल ग्रोथ रेट को 3.5% की जगह 4% कर दें तो शेयर की कीमत बदल कर ₹394 हो जाएगी। 
  3. मॉडल में लगातार बदलाव की जरूरत होती है DCF मॉडल बन जाए तो भी एनालिस्ट को इसमें लगातार सुधार करना पड़ता है। जैसे-जैसे तिमाही और वार्षिक डेटा आता है एनालिस्ट को यह डेटा डालकर इस मॉडल में बदलाव करना पड़ता है और अपने अनुमानों को भी बदलना पड़ता है। 
  4. इसका फोकस लांग टर्म होता है DCF मॉडल पूरी तरीके से लंबी अवधि के निवेश की ओर देखता है कोई भी निवेशक जो एक साल से कम के लिए निवेश करना चाहता है उसके लिए DCF मॉडल से कोई काम की बात नहीं निकलती है।

इसके अलावा DCF मॉडल की वजह से आप कई मौके चूक भी सकते हैं क्योंकि यह मॉडल बहुत ही कठोर मानदंडों का पालन करता है। इन कमजोरियों से बचने के लिए यह जरूरी है कि आप इस इस मॉडल का इस्तेमाल करते समय अपने अनुमान कम से कम रखने की कोशिश करें। अच्छा अनुमान करने के कुछ दिशा निर्देश:

  1. फ्री कैश फ्लो (FCF) की विकास दरफ्री कैश फ्लो विकास दर कभी भी 20% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। कोई भी कंपनी लगातार 20% की दर से फ्री कैश फ्लो को नहीं बढ़ा सकती। अगर कंपनी नई है और तेजी से बढ़ रही है तो आप उसे 20% की विकास दर दे सकते हैं लेकिन 20% के ऊपर की दर किसी कंपनी के लिए भी नहीं।  
  2. कितने वर्ष का अनुमान लगाएं  आप मान सकते हैं कि जितने ज्यादा सालों के लिए आप अनुमान लगाएंगे उतना ही बेहतर है। लेकिन यह भी सच है कि आपका अनुमान जितना लंबा होगा उसमें गलतियों की संभावना उतनी ज्यादा होगी। इसीलिए मैं आमतौर पर 10 साल तक का ही अनुमान लगाता हूं। और उसमें भी DCF दो चरणों में निकालता हूं।
  3. DCF दो चरणों में निकालें DCF एनालिसिस को दो चरणों में बांटना एक अच्छा तरीका है। ARBL के उदाहरण में हमने पिछले अध्याय में इस तरीके का उपयोग किया था। 10 सालों में से पहले एक चरण यानी 5 साल में FCF की एक अलग दर रखी थी और बाद के 5 साल यानी दूसरे चरण में एक दूसरी उससे कम विकास दर रखी थी। 
  4. टर्मिनल ग्रोथ रेट जैसा कि हम पहले भी चर्चा कर चुके हैं कि DCF मॉडल में टर्मिनल ग्रोथ रेट बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है क्योंकि इसमें आया थोड़ा सा भी बदलाव इस मॉडल में बहुत ज्यादा बदलाव ला देता है। इसलिए जरूरी है कि टर्मिनल ग्रोथ रेट को कम से कम रखें। व्यक्तिगत तौर पर मैं कभी भी टर्मिनल ग्रोथ रेट को 4% से ज्यादा नहीं रखता हूं।

16.2 – मार्जिन ऑफ सेफ्टी यानी सुरक्षा दायरा (Margin of Safety)

याद रखिए आप कितना भी संभलकर अनुमान लगाएं लेकिन गलती फिर भी हो सकती है। इस गलती के असर से बचने के लिए मार्जिन आफ सेफ्टी या सुरक्षा दायरे का एक सिद्धांत सामने आता है। इस सिद्धांत को बैंक बेंजामिन ग्राहम नाम के एक व्यक्ति ने अपनी पुस्तक “इंटेलिजेंट इन्वेस्टर” में प्रस्तुत किया था। इस सिद्धांत में कहा गया है कि किसी भी निवेशक को शेयर तभी खरीदने चाहिए जब वह शेयर अपने आंतरिक कीमत से भी सस्ते में मिल रहा हो। वैसे ध्यान रखिए कि सुरक्षा दायरा लगाना आपको सफल निवेशक नहीं बना सकता, लेकिन हां, आप की गलतियों का असर जरूर काम कर सकता है। 

सुरक्षा सीमा या सुरक्षा दायरा का सिद्धांत मैं अपने निवेश में कैसे इस्तेमाल करता हूं इसका एक उदाहरण दिखाता हूं। एक बार फिर से अमारा राजा बैटरीज लिमिटेड का उदाहरण लेते हैं। शेयर की आंतरिक कीमत है ₹368 प्रति शेयर इसमें हमने 10% का मॉडलिंग त्रुटि (Modeling error) लगाया था जिससे कि हमें इंट्रिसिक वैल्यू बैंड यानी आंतरिक कीमत बैंड मिला था। इस बैंड की निचली कीमत है ₹ 331। सुरक्षा दायरे का सिद्धांत हमें कहता है कि हमें आंतरिक कीमत के निचले  बैंड से भी सस्ते में शेयर खरीदना चाहिए। आमतौर पर मैं निचले बैंड की कीमत से भी 30% नीचे मिलने पर ही शेयर खरीदता हूं।

आप पूछ सकते हैं कि इसकी क्या जरूरत है? कहीं हम ज्यादा संभलकर तो काम नहीं कर रहे हैं? शायद हां, लेकिन अपने आप को गलत अनुमानों और उसके परिणामों से बचाने के लिए जरूरी है। इसको इस तरह से देखिए, मान लीजिए कोई शेयर आपको ₹100 पर अच्छा लग रहा है अगर वह ₹70 पर मिले तो यह वाकई बहुत अच्छी बात होगी। अच्छा वैल्यू निवेशक या वैल्यू इनवेस्टर हमेशा ऐसे ही सोचता है। 

एक बार फिर से ARBL पर लौटते हैं।

  1. शेयर की आंतरिक कीमत है ₹368 
  2. मॉडलिंग त्रुटि से बचने के लिए 10% का बैंड रखने के बाद निचले बैंड की कीमत आती है ₹331 
  3. इसको 30% और कम करने के बाद यानी मार्जिन आफ सेफ्टी यानी सुरक्षा दायरा लगाने के बाद यह कीमत हो जाती है ₹230 
  4. ₹230 पर यह एक बहुत ही अच्छा निवेश साबित हो सकता है 

याद रखिए जैसे ही कोई अच्छा शेयर अपनी आंतरिक कीमत से नीचे मिलने लगता है वैल्यू इन्वेस्टर उसको खरीदने आ जाते हैं और ऐसे में अगर वह शेयर मार्जिन आफ सेफ्टी के साथ में और भी नीचे मिल रहा हो तो यह मौका हाथ से गंवाना नहीं चाहिए। ऐसा मौका बहुत कम मिलता है। यह भी याद रखें कि ऐसे मौके आमतौर पर बेयर मार्केट यानी मंदी के बाजार में ही मिलते हैं, जब लोग शेयरों से दूर रहना चाहते हैं या बाजार को लेकर उनकी सोच बहुत ही निराशाजनक होती है। इसलिए मंदी के बाजार में अगर आपके पास पैसे हैं तब आपको निवेश का अच्छा मौका मिल सकता है।

16.3 – कब बेचें?

इस पूरे मॉड्यूल में हमने शेयर खरीदने के बारे में बात की है। लेकिन बेचने के बारे में क्या? हमें कब बेचना चाहिए? कब प्रॉफिटबुक करना चाहिए? मान लीजिए आप ने ARBL का शेयर ₹250 पर खरीदा है और अब यह ₹730 प्रति शेयर पर मिल रहा है, इसका मतलब है कि आपने 192% का मुनाफा कमा लिया है, जो कि एक बहुत ही अच्छा रिटर्न माना जाएगा, खासकर तब जब आपने इसको 1 साल में कमाया है। तो क्या इसका मतलब है कि अब आपको यह शेयर बेच देना चाहिए और मुनाफा कमा लेना चाहिए? किसी शेयर को बेचने का समय तब होता है जब उसमें कोई ऐसी खामी आ जाए कि वह निवेश योग्य ना रह जाए।

निवेश लायक ना रह जाना याद रखिए शेयर को खरीदने का फैसला कीमत से नहीं होता। हम ARBL का शेयर सिर्फ इसलिए नहीं खरीद रहे कि वह पर 15% गिर गया है। इसे हम इसलिए खरीद रहे हैं क्योंकि वह शेयर निवेश की सारी शर्तों को पूरा करता है और इस वजह से वह निवेश योग्य शेयर है। लेकिन अगर वह शेयर निवेश योग्य ना रह जाए तो, क्या हम उसे खरीदेंगे? शायद नहीं इसी बात को आगे बढ़ाते हुए हम कह सकते हैं कि शेयर तब तक रखना चाहिए जब तक कि वह निवेश योग्य शेयर है। हो सकता है कि किसी कंपनी के शेयर में वह सारी चीजें  कई सालों तक बनी रहें जिसकी वजह से वह निवेश योग्य शेयर बना रहे। कहने का मतलब यह है कि जब तक वह शेयर निवेश योग्य है तब तक शेयर में बने रहना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से शेयर की कीमत बढ़ती रहती है और आपके लिए कमाई होती रहती है।

16.4 – पोर्टफोलियो में कितने शेयर होने चाहिए?

आपके पोर्टफोलियो में कितने शेयर होने चाहिए? इस पर बहुत बहस होती है, कुछ लोग कहते हैं कि ज्यादा शेयर रखकर आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई (Diversify) कर सकते हैं यानी विविधता ला सकते हैं और कुछ कहते हैं कि अगर शेयर कम हो तो आप ज्यादा कमाई कर सकते हैं। हम नजर डालते हैं कि कुछ जाने-माने निवेशकों का इस बारे में क्या कहना है:

सेट काल्रमैन – 10 से 15 स्टॉक्स

वॉरेन बफेट – 5 से 10 स्टॉक्स 

बेन ग्राहम – 10 से 30 स्टॉक्स

जॉन कींस – 2 से 3 स्टॉक्स 

मेरे अपने पोर्टफोलियो में मेरे पास 13 शेयर हैं और मैं कभी भी 15 शेयर से ज्यादा अपने पास  रखना नहीं चाहता हूं। 20 से ज्यादा शेयर तो शायद किसी के पास भी नहीं होने चाहिए।

 16.5 – अंतिम निष्कर्ष 

पिछले 16 अध्यायों में हमने बहुत सारे मुद्दों पर बातचीत की है जिससे कि बाजार के फंडामेंटल एनालिसिस को समझा जा सके। अब एक बार फिर से नजर डाल लेते हैं उन महत्वपूर्ण बातों को जिनको हमें याद रखना चाहिए

  1. तर्कसंगत बनें बाजार में उठापटक होती रहती है। लेकिन अगर आप में बाजार में बने रहने का धीरज है तो बाजार से आपको फायदा मिलेगा। आपको 15 से 18% तक की कमाई हो सकती है जो कि एक बहुत अच्छी कमाई है। याद रखें कि 50% या 100% कमाने के चक्कर में ना रहे क्योंकि कुछ समय के लिए भले ही आप ऐसी ऐसी कमाई कर लें लेकिन यह लंबे समय तक नहीं हो सकता। 
  2. लंबे समय का नजरिया रखें  हमने अध्याय 2 में इस बारे में बात की थी कि किसी भी निवेशक को लंबे समय का नजरिया क्यों रखना चाहिए। याद रखिए कि आप जितने लंबे समय तक निवेशित रहेंगे बाजार में आपको कंपाउंडिंग का फायदा उतना ही ज्यादा मिलेगा। 
  3. निवेश योग्य शर्तों को देखिए बाजार में हमेशा ऐसे शेयरों या स्टॉक्स की तलाश कीजिए जिसमें निवेश योग्य शर्तें पूरी हो रही हों। जब तक उन शेयर में वो शर्तें पूरी होती है तब तक उन में बने रहें और जब आपको लगे कि यह कंपनी अब निवेश योग्य नहीं रह गई है तो उसमें से निकल जाएं। 
  4. कंपनी की गुणवत्ता को हमेशा महत्व दीजिए गुणवत्ता या चरित्र हमेशा आंकड़ों से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। निवेश करने योग्य कंपनियों को चुनते समय यह देखिए कि प्रमोटर्स का चरित्र कैसा है। 
  5. शोरगुल से बचिए और चेक लिस्ट का इस्तेमाल कीजिए टीवी पर या समाचार पत्रों में जो भी कहा जा रहा हो उसकी चिंता किए बगैर अगर आप अपनी चेक लिस्ट पर नजर डालते रहेंगे और उसका उपयोग करेंगे तो आप निश्चित रूप से एक अच्छी कंपनी में निवेश कर पाएंगे। 
  6. मार्जिन आफ सेफ्टी का का इस्तेमाल याद रखिए यह आपको बुरे भाग्य से बचाएगा 
  7. आईपीओ/IPO- आईपीओ खरीदने से बचें। आईपीओ आमतौर पर महंगे होते हैं। अगर आपको कोई आईपीओ खरीदना भी है तो उसको इन्हीं तीन चरणों की इक्विटी रिसर्च के हिसाब से देखिए।
  8. सीखना जारी रखिए बाजार को समझना आसान नहीं है इसमें पूरी जिंदगी निकल जाती है इसलिए हमेशा कोशिश कीजिए कि आप ज्यादा से ज्यादा जानकारी पा सके और सीख सकें।

अब मैं आपको चार ऐसी किताबों के बारे में बताना चाहता हूं जो आपको निवेश समझने में मदद करेंगी।

  1. एसेज ऑफ वारेन बफेट: लेशंस फॉर इन्वेस्टर्स एंड मैनेजर्स (The Essays of Warren Buffet : Lessons for Investors & Managers)
  2. द लिटिल बुक दैट बीट्स द मार्केटजोएल ग्रीनब्लैट (The Little Book that Beats the Market – By Joel Greenblatt)
  3. द लिटिल बुक ऑफ वैल्यूएशंस  अश्वथ दामोदरन (The Little Book of Valuations – By Aswath Damodaran)
  4. द लिटिल बुक दैट बिल्डस वेल्थ पैट डोरसी(The Little Book that Builds Wealth – By Pat Dorsey)



67 comments

  1. Roshan says:

    Thank you so much

  2. Rahul vishwakarama says:

    हेलो सर नमस्ते कंपनी के क्वार्टरली रिजल्ट रियल टाइम हम कहां देख सकते हैं सर इसके बारे में एक कोई आर्टिकल लिखिए सर फ्यूचर ट्रेडिंग को भी हिंदी में करिए

    • Kulsum Khan says:

      Hi Rahul, अन्य मॉड्यूल भी जल्द ही उपलब्ध कराए जाएंगे।

  3. Bhavesh sharma says:

    Sir Yeah P/B ratio kitna important h invest me
    Aur ideal P/B ratio kya u

    • Kulsum Khan says:

      Hi Bhavesh, P/B ratio, price-to-book ratio है, इस ratio को एक शेयर के पुस्तक मूल्य (book value) से एक शेयर के current closing price को विभाजित करके निकाला जाता है। इसका उपयोग किसी शेयर के बाजार मूल्य (market value) की उसके पुस्तक मूल्य से तुलना करने के लिए किया जाता है।

  4. ASHOK BINDRA says:

    hi
    how r u
    ye char books kya hindi main available hai ?

  5. Rakesh says:

    Good information..thanks to zerodha for given valuable knowledge

  6. Ritesh kumar says:

    Thanks
    can u provide downloadable material in Hindi
    pdf format

  7. SANJAY MAHADU MASKE says:

    Thank you very good hindi virgin🙏

  8. SANJAY MAHADU MASKE says:

    Sir hindi me 4 book bataye

    • Kulsum Khan says:

      हमको उसका आईडिया नहीं है लेकिन यहाँ पर सारे मॉडल्स में हमने सब चीज़ो को कवर किया है, आशा है आपको इससे समझ आजाये।

  9. bhupendra Kumar agrrawal says:

    सर Varsity ” सागर में गागर” इस कहावत को पूरी तरह चरितार्थ करती है । मैं जितनी भी तारीफ करूं वो कम है।out standing.
    सर मेरे कुछ उलझन हैं कृपया उन्हें सुलझाने का कष्ट करें-
    (1) सर जो बड़े निवेशक होते हैं जैसे वारेन बफेट वे अपने पसंदीदा शेयर का चयन कर सामान्यतः एक बार में बहुत बड़ी राशि निवेश करते हैं लेकिन हम जैसे छोटे निवेशक एक बार में इतनी राशि का निवेश नहीं कर सकते अगर हम किसी शेयर का चयन करते हैं तो फिर उसमें accumulation कैसे करें? किसी शेयर का चयन करके अपनी क्षमता के अनुसार एक बार में हम राशि निवेश करते हैं। फिर भविष्य में वह शेयर अगर उचित valuation अगर नहीं मिलेगा तो फिर उसमें हम अपना निवेश कैसे बढ़ाएंगे? Please give the suggestion

  10. bhupendra Kumar agrrawal says:

    Sorry
    गागर में सागर

  11. Hitesh says:

    @Bhupendra, what a thought ,” Sagar me gagar”, im just kidding …….

  12. Jitendra Prasad says:

    Thank You So much sir for explaining so comlecated course ‘Fundamental Analysis’ in a so simple way. Thank You Very Much!

  13. Balram lambardaar says:

    Mam! Kya aap fundamentals analysis pr Kuch or bhi pdf Baba skte hain kya please ?

  14. Lambardaar Balram says:

    Okk mam

  15. Lambardaar Balram says:

    Hindi main

  16. VANRAJSINH JADEJA says:

    Bahot achchhe se sikhaya gaya he aap San Zerodha team ko khub Dhanyavad

  17. gagan says:

    sir, agar kisi company ka qutqrly ja yearly result ata hai aur company ko profit hua toh agar log uspe koi reaction na kare to kya share price par koi real effect padega us result ka. mera matlab j hai k agar company ka yearly result bohat acha aaea hai aur logo ne uspe kuch b sell buy nhi kia toh kia only yearly result k karan us share price me frk aaega

  18. Vikash kumar says:

    यही सब मुझे पुस्तक में चाहिए। कृपया ऐसे कोई पुस्तक बताएं जिसमें पुरा सेम मेटेरियल हो

    • Kulsum Khan says:

      यह ओरिजिनल कंटेंट है जो सिर्फ यहीं पर उपलब्ध है, आप इसको मोबाइल ऐप्प पर भी पढ़ सकते हैं।

  19. Bikash kumar says:

    कृपया हिंदी में भी पीडीएफ उपलब्ध करने का कष्ट करें…

    • Kulsum Khan says:

      हम उस पर काम कर रहे हैं जल्द ही उपलब्ध कराया जायेगा।

  20. Ashok says:

    Ye char book ka hindi title and author btaiye pls

  21. Arvind says:

    The Real Stock Man, all things are real
    Thanks sir

  22. PRUTHIBI says:

    DEAR ZERODHA TEAM MODULE 6 TAK HINDI ME LODE KARE

  23. Pramod says:

    Mam Mujhe books download karna hai
    Plz send link

    • Kulsum Khan says:

      बुक्स तो नाह हैं लेकिन हम पीडीऍफ़ बना रहे है, जल्द ही उपलब्ध कराया जायेगा।

  24. Prabhakar says:

    Y sari book Hindi m kaha milegi.

    • Kulsum Khan says:

      बुक्स उपलब्ध नहीं हैं लेकिन हम सारे मॉड्यूल्स के पीडीऍफ़ ज़रूर ऐड करेंगे आप उसको डाउनलोड करके प्रिंट कर सकते हैं।

  25. ANKIT RAJPUT says:

    Plz provide its PDF plz

  26. ANKIT RAJPUT says:

    Plz provide the pdf of this module 🙏

  27. PRUTHIBI says:

    Dear, plz module 3 to 6 publish pdf file

  28. PRUTHIBI says:

    Plz provide the upto3 to 6 module in pdf mode

  29. vicky says:

    SIR ISKA HINDI MAI PDF KAB AYEGA

  30. Pankaj kumar says:

    free me itni value ki chij provide kar rahe hai aap logon ki dil se dhanyabaad

  31. PRUTHIBI says:

    plese send pdf module3 to upto 6 inhindi

  32. PRUTHIBI says:

    add pdf

  33. Harshad says:

    Hii
    Koy aasan tarika bataye jis se hum company ko yaa company ke share ko samaj paye

  34. Sandeep says:

    Pls make available all modules in PDF file as like 1st and 2nd module. So we refer it any time, anywhere as per our convenience.

  35. prashant baviskar says:

    can i get pdf copy of module 3 including all chapters?

  36. Mohit Malvi says:

    Hi Sir/Mam,

    I am unable to download Hindi Translation of your chapters apart from Module-2.

    Please help ASAP.

    Thanks

  37. ABHISHEK PRAJAPATI says:

    thoda thoda kam samaj mai aa raha hai
    toh btao mai kya kru

  38. NAYAN says:

    THANKS FOR SHARING THIS VALUABLE KNOWLEDGE

  39. Nilesh S Deshmukh says:

    thank for imformetion

  40. Anand says:

    Multibagger share kaise pehchane

  41. Mamta says:

    Mam can provide you matarial in pdf format.

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