3.1 – ट्रेडिंग करने के पहले
पिछले अध्याय में हमने फ्यूचर्स मार्केट से जुड़े हुए कुछ सिद्धान्तों को समझा था। याद रखिए कि एक ट्रेडर के लिए फ्यूचर्स मार्केट पैसा कमाने का एक रास्ता है। अगर ट्रेडर किसी एसेट की कीमत की दिशा के बारे में एक निश्चित राय रखता है तो वो इसका इस्तेमाल फ्यूचर्स मार्केट में पैसा कमाने के लिए कर सकता है। अब हम कुछ उदाहरणों के रास्ते फ्यूचर ट्रेड को समझने की कोशिश करेंगे। अब सोने की जगह शेयर या स्टॉक्स का उदाहरण लेंगे।
देश की जानी-मानी सॉफ्टवेयर कंपनी TCS ने यानी 15 दिसंबर 2014 को एक इन्वेस्टर मीटिंग की जहां पर कंपनी के मैनेजमेंट ने कहा कि दिसंबर तिमाही के नतीजे में आमदनी बढ़ने को ले कर कंपनी बहुत आश्वस्त नहीं है। बाजार ऐसी खबरों को पसंद नहीं करता है, खासकर जब कंपनी का मैनेजमेंट ऐसी बात कह रहा हो। इसीलिए इस बयान के बाद बाजार में घबराहट फैली और TCS का शेयर 3.6% गिर गया। चित्र में इसे हमने नीले रंग से हाईलाइट किया है
एक ट्रेडर के तौर पर मुझे लगता है कि TCS का शेयर की कुछ ज्यादा ही पिटाई हो गई है, क्योंकि अगर आप ध्यान से देखेंगे तो आईटी सेक्टर की कोई भी कंपनी आमतौर पर दिसंबर क्वार्टर में अच्छा रिजल्ट नहीं पेश करती नहीं दिखेगी। वास्तव में भारतीय आईटी कंपनियों के सबसे बड़े बाजार USA में दिसंबर का महीना साल का अंतिम महीना होता है। साथ ही, इस महीने में वहां बहुत सारी छुट्टियां भी होती है जिसकी वजह से कामकाज कम होता है। यही वजह है कि दिसंबर के महीने में आईटी सेक्टर की कंपनियों की आमदनी थोड़ी कम होती है। बाजार को यह सारी बातें पता है और आईटी कंपनियों के शेयरों की कीमत में इसका असर पहले से शामिल है। इसीलिए मुझे लगता है कि यह 3.6% गिरावट TCS के शेयर को खरीदने का मौका है। थोड़े ही दिनों में यह शेयर फिर से वापस ऊपर जाएगा।
आपको दिख रहा होगा कि TCS के शेयरों की फ्यूचर कीमत के बारे में मेरी एक निश्चित और दिशात्मक राय है और मुझे लगता है कि TCS के शेयरों की कीमत भविष्य में ऊपर जाएगी यानी इसकी मौजूदा कीमत के मुकाबले भविष्य को लेकर मैं बुलिश हूं।
अब मैं TCS के शेयर को स्पॉट बाजार में खरीदने के बजाय फ्यूचर्स बाजार में खरीदने का फैसला करता हूं। (मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं इस पर चर्चा हम अगले अध्याय में करेंगे) फ्यूचर्स खरीदने का फैसला करने के बाद मुझे यह देखना होगा कि TCS फ्यूचर किस भाव पर चल रहा है। इस कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी सारी जानकारी NSE की वेबसाइट पर मौजूद है। वास्तव में, TCS के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की कीमत TCS के स्पॉट बाजार की कीमत के साथ ही दी हुई है। ऊपर के चित्र में मैंने इसको लाल रंग से हाईलाइट किया था।
आपको याद ही होगा कि हर एसेट की फ्यूचर कीमत हमेशा मौजूदा कीमत के हिसाब से चलती है। अगर TCS की मौजूदा कीमत नीचे गई है तो फ्यूचर कीमत भी नीचे गई होगी। NSE की वेबसाइट से लिए गए नीचे के चित्र में भी यह साफ दिख रहा है।
TCS की फ्यूचर की कीमतें भी नीचे 3.77 प्रतिशत नीचे गई है । अब यहां 2 सवाल उठते हैं–
- TCS की स्पॉट कीमत 3.61% नीचे गई है जबकि TCS के फ्यूचर की कीमत 3.77% नीचे गई है। यह अंतर क्यों है?
- TCS के स्पॉट की कीमत ₹2362.35 है जबकि फ्यूचर की कीमत ₹2374.90 है। यह अंतर क्यों है?
दोनों सवाल का जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि फ्यूचर की कीमत निकालने का फार्मूला क्या है? इस पर हम आगे चर्चा करेंगे। लेकिन यहां सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि फ्यूचर और स्पॉट की कीमतें एक साथ एक दिशा में चलती है और दोनों एक साथ नीचे गिरी हैं। अब आगे बढ़ने के पहले फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियों पर नजर डालते हैं। नीचे दिए गए चित्र को देखिए–
अगर आप इस चित्र में ऊपर की तरफ देखेंगे तो लाल रंग से हाईलाइट किए हुए बॉक्स में तीन महत्वपूर्ण सूचनाएं हैं–
- इंस्ट्रूमेंट टाइप यानी इंस्ट्रूमेंट की किस्म (Instrument Type)- जैसा कि आपको पता है कि यहाँ अंडरलाइंग एसेट कंपनी के स्टॉक्स हैं। हम उस कंपनी की फ्यूचर कीमत पर बोली लगा रहे हैं इसीलिए यहां पर इंस्ट्रूमेंट हुआ स्टॉक फ्यूचर्स।
- सिंबल यानी चिह्न या प्रतीक (Symbol)- यह स्टॉक के नाम को बताता है जैसे यहां पर TCS हाइलाइट किया गया है।
- एक्सपायरी की तारीख (Expiry Date)– यह वह तारीख है जब यह कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो जाएगा। जैसा कि आप देख सकते हैं यहां पर यह कॉन्ट्रैक्ट 24 दिसंबर को खत्म हो रहा है। यहां पर एक और जानकारी आपके लिए जरूरी है, वो यह कि हर महीने के आखिरी बृहस्पतिवार या गुरुवार को सभी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो जाते हैं। आगे हम इस पर चर्चा करेंगे।
नीले रंग के बॉक्स पर हम पहले भी नजर डाल चुके हैं जो फ्यूचर की कीमत को बताता है।
काले रंग से हाईलाइट किए बाक्स से भी हमें कुछ सूचनाएं मिलती हैं–
- अंडरलाइंग वैल्यू (Underlying Value)- यह बताता है कि अंडरलाइंग एसेट इस समय स्पॉट मार्केट में किस कीमत पर बिक रहा है। यह स्क्रीनशॉट मैंने थोड़े समय बाद लिया था इसलिए आपको यहां पर कीमत में थोड़ा अंतर दिखेगा पहले कीमत 2362.35 थी और जब मैंने स्क्रीनशॉट लिया तब यह 2359.95 है।
- मार्केट लॉट या लॉट साइज (Market Lot or Lot Size)- आपको याद होगा कि फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट एक समान स्टैंडर्ड तरीके के होते हैं इसमें सारी चीजें पहले से तय होती हैं। जैसे यह तय है कि कॉन्ट्रैक्ट कम से कम कितने शेयरों का होगा। शेयरो की इस संख्या को लॉट साइज कहते हैं। TCS के लिए लॉट साइज 125 शेयरों का है। आप जितने चाहें उतने लॉट खरीद सकते हैं।
अगर लॉट साइज इसको फ्यूचर की कीमत से गुना कर दे तो हमें कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू पता चल जाएगी आपको याद होगा कि हमने कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू के बारे में पिछले अध्याय में भी बात की थी अब हम TCS फ्यूचर का कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू निकालेंगे।
कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू = लॉट साइज × फ्यूचर की कीमत
= 125 × 2374.90
= 296,862.5 रुपये
आगे बढ़ने से पहले एक बार हम एक और फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट पर नजर डालते हैं ये फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट है स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI का।
इस स्क्रीन शॉट के आधार पर आप शायद कुछ सवालों के जवाब खुद ढूंढ सकते हैं।
- इंस्ट्रूमेंट टाइप क्या है?
- SBI का फ्यूचर प्राइस क्या है?
- SBI की फ्यूचर कीमत और स्पॉट कीमत में कितना अंतर है?
- इस फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी क्या है?
- SBI फ्यूचर का लॉट साइज और कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू क्या है?
3.2 – फ्यूचर ट्रेड
एक बार फिर से TCS के फ्यूचर ट्रेड पर लौटते हैं। हमें TCS का फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट खरीदना है क्योंकि मुझे लगता है कि आगे जाते हुए इसकी कीमत बढ़ेगी। मैं TCS के फ्यूचर को 2374.9 रुपये प्रति शेयर के भाव पर खरीदना चाहता हूं। उसके लिए मुझे कम से कम 125 शेयर खरीदने पड़ेंगे जो कि TCS का एक लॉट है।
इसके लिए मैं अपने स्टॉकब्रोकर को फोन करके बता सकता हूं कि मुझे TCS का एक लॉट 2374.9 रुपये प्रति शेयर पर खरीदना है या मैं खुद अपने ब्रोकर के ट्रेडिंग टर्मिनल पर यह काम कर सकता हूं।
वैसे मैं यह काम अपने ट्रेडिंग टर्मिनल पर करना पसंद करूंगा। इसके लिए मुझे अपने मार्केट वॉच में TCS का फ्यूचर लोड करना होगा और F1 बटन दबाना होगा जिससे मैं यह कांट्रैक्ट खरीद सकूं। अगर आप ट्रेडिंग टर्मिनल का उपयोग नहीं जानते हैं तो आप हमारे ट्रेडिंग टर्मिनल के अध्याय को एक बार पढ़ लें।
जैसे ही मैं TCS के फ्यूचर को खरीदने के लिए एक F1 बटन को दबाउंगा तो बैकग्राउंड में कुछ चीजें होंगी।
- मार्जिन वैलिडेशन (Margin Validation)– हम जब फ्यूचर एग्रीमेंट खरीदते हैं तो हमें एक मार्जिन अमाउंट या रकम जमा करनी होती है। यह रकम कांट्रैक्ट वैल्यू या कांट्रैक्ट कीमत का एक निश्चित प्रतिशत होता है। अगर आपके अकाउंट में मार्जिन मनी या मार्जिन अमाउंट पूरा नहीं है तो आप उस एग्रीमेंट को नहीं कर सकते हैं। इसीलिए ब्रोकर का रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम या सॉफ्टवेयर पहले यह चेक करता है कि आपके ट्रेडिंग अकाउंट में पर्याप्त रकम है या नहीं , जिससे आप फ्यूचर एग्रीमेंट कर सकें।
- काउंटरपार्टी सर्च (Counterparty Search)- मार्जिन को चेक करने के बाद सिस्टम एक ऐसी पार्टी की तलाश करता है जो आपके लिए काउंटर पार्टी बन सके यानी आपके साथ समझौता कर सके। क्योंकि मैं TCS फ्यूचर खरीदना चाहता हूं इसलिए सिस्टम TCS फ्यूचर को बेचने वाले को तलाशेगा। स्टॉक एक्सचेंज पर बहुत सारे लोग होते हैं जो किसी एसेट के बारे में अलग-अलग राय रखते हैं। TCS के फ्यूचर को बेचने वाले की राय यह होगी कि आगे जाते हुए फ्यूचर में TCS की कीमत नीचे जाएगी इसलिए वह फ्यूचर को बेचना चाहेगा।
- साइन ऑफ (The Sign off) – जब पहला और दूसरा कदम यानी मार्जिन वैलिडेशन और काउंटर पार्टी सर्च पूरा हो जाता है तो दोनों पार्टी एक फ्यूचर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करती हैं। वास्तव में यह कहीं किया नहीं जाता, बस होता यह है कि दोनों ही पार्टी इस एग्रीमेंट को पूरा करने के लिए अपनी सहमति देती हैं।
- मार्जिन ब्लॉक (Margin Block)- एक बार साइन ऑफ हो जाता है तो दोनों ही पार्टियों से ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन की रकम ब्लॉक हो जाती है। अब आप तब तक इस रकम का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं जब तक कि यह फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट पूरा नहीं हो जाता।
इन चारों कदमों के पूरा होने के बाद अब मेरे पास TCS फ्यूचर का एक लॉट होगा। आमतौर पर यह पूरा काम कुछ सेकेंड में हो जाता है।
TCS फ्यूचर का एक लॉट मेरे पास होने का मतलब यह है कि अब 15 दिसंबर 2014 को एक काउंटर पार्टी से TCS फ्यूचर खरीदने के साथ ही मैंने उस पार्टी के साथ TCS के 125 शेयर फ्यूचर में ₹2374.9 प्रति शेयर पर खरीदने का समझौता कर लिया है और मुझे यह समझौता 24 दिसंबर 2014 को पूरा करना होगा।
3.3 समझौते के बाद की तीन संभावित स्थितियां
ये फ्यूचर्स एग्रीमेंट करने के बाद 24 दिसंबर 2014 को तीन स्थितियां बन सकती हैं। TCS की कीमत ऊपर जा सकती है, TCS की कीमत नीचे आ सकती है और TCS की कीमत में कोई बदलाव नहीं आ सकता है। हम देखते हैं कि इन तीनों स्थितियों का क्या असर होता है:
स्थिति 1 – TCS की कीमत 24 दिसंबर को ऊपर जाती है
यह वह स्थिति है जहां मेरी राय सही साबित होती है। मान लीजिए कि 24 दिसंबर 2014 को TCS की कीमत ₹2374.9 से बढ़कर ₹2450 प्रति शेयर हो जाती है। इस वजह से फ्यूचर कीमत भी बढ़ेगी। इसका मतलब है कि एग्रीमेंट के मुताबिक अभी भी मैं TCS के शेयर ₹2374.9 पर खरीद सकता हूं जो कि बाजार की कीमत से काफी कम है। मुझे हर शेयर पर ₹75.1 का फायदा हो रहा है क्योंकि मेरा आज सौदा 125 शेयरों का है इसलिए मेरा कुल मुनाफा 9387.5 रुपये (2450-2374.9= 75.1) होगा।
उधर बेचने वाले को काफी नुकसान होगा क्योंकि उसे ₹2374.9 के भाव पर शेयर बेचना पड़ेगा जबकि बाजार में कीमत ₹2450 प्रति शेयर है।
स्थिति 2– TCS की कीमत 24 दिसंबर को नीचे चली जाती है
इस स्थिति में मेरी राय गलत साबित होती है, इसलिए मुझे नुकसान होगा। मान लीजिए 24 दिसंबर 2014 को TCS की कीमत ₹2374.9 के बजाए ₹2300 हो जाती है इसका मतलब है कि अब मुझे TCS के शेयर ₹2374.9 पर खरीदने होंगे जो कि बाजार की कीमत यानी ₹2300 से ₹75 ज्यादा है। चूंकि सौदा 125 शेयरों का है इसलिए मुझे इस सौदे में ₹9375 (75×125) का नुकसान होगा।
जबकि शेयर बेचने वाले को फायदा होगा क्योंकि वह बाजार से एक शेयर को ₹2300 का खरीद पर मुझे ₹2374.9 पर बेच सकता है।
स्थिति 3– 24 दिसंबर को TCS के शेयरों की कीमत में कोई बदलाव नहीं होता
इस स्थिति में बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों को कोई फायदा या नुकसान नहीं होता।
3.4- ट्रेडिंग के मौके का फायदा उठाना
अब जरा इस स्थिति को देखिए, 15 दिसंबर 2014 को TCS का फ्यूचर 2374 रुपये पर खरीदने के बाद अगले ही दिन यानी16 दिसंबर 2014 को TCS की कीमत बढ़ जाती है। अब यह ₹2460 पर बिक रहा है। अब मुझे क्या करना चाहिए? कीमत बढ़ने की वजह से मुझे काफी फायदा हो रहा है, हर शेयर पर ₹85.1 यानी कुल ₹10637.5 (85.1×125)।
मान लीजिए मैं इस कमाई से खुश हूं तो क्या मैं अपने एग्रीमेंट से बाहर निकल सकता हूं? क्या ₹2460 पर पहुंच जाने के बाद भी मेरी राय यही रहेगी कि शेयर आगे और बढ़ेगा, हो सकता है कि अब मेरी राय बदल जाए और मुझे लगे कि अब इससे ज्यादा बढ़ोतरी की गुंजाइश नहीं है ऐसे में क्या मुझे इस एग्रीमेंट में बने रहना चाहिए ?
जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि फ्यूचर एग्रीमेंट ट्रेडेबल होता है यानी इस को बेचा और खरीदा जा सकता है। आप इस पूरे एग्रीमेंट को ही किसी और को बेच सकते हैं यानी मैं एग्रीमेंट को बेचकर ₹10637.5 का फायदा उठा सकता हूं।
ऐसे किसी एग्रीमेंट को बेचने को स्क्वेयर ऑफ करना कहते हैं। इसे ओपन पोजीशन को क्लोज यानी बंद करना भी कहते हैं। TCS के उदाहरण में अब मुझे अपना शेयर का एक लॉट बेचना होगा, जिससे मेरी पोजीशन स्क्वेयर ऑफ हो सके। इसे और बेहतर समझने के लिए नीचे के चार्ट पर नजर डालिए।
क्रम सं | प्रारंभिक स्थिति | प्रारंभिक स्थिति के समय राय | स्क्वेयर ऑफ के समय स्थिति |
स्क्वेयर ऑफ के समय राय |
01 |
खरीद / लांग |
कीमत ऊपर जाने की उम्मीद – बुलिश |
बिक्री |
कीमत ऊपर जाने की उम्मीद नहीं, सौदे से बाहर निकलने का इरादा |
02 | बिक्री / शॉर्ट | कीमत नीचे जाने की उम्मीद– बेयरिश | खरीद |
कीमत नीचे जाने की उम्मीद नहीं, सौदे से बाहर निकलने का इरादा |
स्क्वेयर ऑफ करने के लिए मैं फिर से अपने ब्रोकर को फोन कर सकता हूं या फिर अपने ट्रेडिंग टर्मिनल पर खुद ही ये काम कर सकता हूं। स्क्वेयर आफ करने के लिए जैसे ही मैं TCS के फ्यूचर के एक लॉट को बेचने का ऑर्डर डालूंगा तो यह चीजें होंगी–
- ब्रोकर ट्रेडिंग टर्मिनल के जरिए काउंटरपार्टी को ढूंढेगा जोकि फ्यूचर्स के मेरी पोजीशन को खरीदने को तैयार हो यानी कोई ऐसा इंसान जो अभी भी यह मानता हो कि TCS के फ्यूचर की कीमत और ऊपर जाएगी। जब वह एग्रीमेंट खरीदेगा तो इससे जुड़ी हुई सारी रिस्क उसको ट्रांसफर हो जाएगी।
- ध्यान रखिए ये ट्रांसफर TCS के मौजूदा फ्यूचर कीमत यानी ₹2460 प्रति शेयर पर होगी।
- जब यह सौदा हो जाएगा तो मेरी पोजीशन स्क्वेयर ऑफ हो जाएगी।
- सौदा होने के साथ ही मेरी ब्लॉक की गयी मार्जिन की रकम अनब्लॉक हो जाएगी यानी में उसका इस्तेमाल अब कर सकूंगा।
- इस सौदे से हुए फायदा या नुकसान की रकम मेरे ट्रेडिंग अकाउंट में उसी दिन आ जाएगी।
इस तरह से फ्यूचर का एक ट्रेड पूरा होता है।
याद रखिए कि अगर ₹2460 पर भी मुझे लगता है कि TCS की कीमत आगे चलते हुए और बढ़ेगी तो मैं उस एग्रीमेंट में बना रह सकता हूं। मेरे पास 24 दिसंबर 2014 तक उस एग्रीमेंट को होल्ड करने का विकल्प है। वास्तव में 24 दिसंबर की एक्सपायरी के ठीक एक दिन पहले 23 दिसंबर को TCS की कीमत ₹2519 तक पहुंच गई थी यानी मैं अगर उसकी एग्रीमेंट में बना रहता तो मेरा फायदा और ज्यादा होता। आप इसे नीचे की स्क्रीनशॉट में देख सकते हैं:
वास्तव में जब 16 दिसंबर 2014 को जब मैंने ₹2460 पर TCS के शेयर फ्यूचर का एक लॉट बेचा और तो जिस किसी ने भी मुझसे वह लॉट खरीदा और एक रिस्क लिया उसे 23 दिसंबर 2014 को काफी ज्यादा फायदा हुआ। अब यहां दो सवाल उठते हैं–
- अगर मैंने TCS फ्यूचर का शेयर 15 दिसंबर 2014 से (₹2374.9 पर) से 23 दिसंबर 2015 को (₹2519.25) तक रखा होता तो मेरा कुल नफा नुकसान (P&L) कितना होता?
- जिसने 16 दिसंबर 2014 को मुझसे ₹2460 पर TCS का शेयर खरीदा और 23 दिसंबर 2014 तक उसको रखा उसका नफा नुकसान या प्रॉफिट एंड लॉस कितना होगा?
अगर आपको यह इन सवालों का जवाब नहीं समझ में आ रहा है तो आप नीचे के कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं अगले अध्याय में हम इनके बारे में बात करेंगे।
इस अध्याय की मुख्य बातें
- यदि आप किसी एसेट की कीमत की दिशा पर कोई राय रखते हैं तो आप फ्यूचर एग्रीमेंट में करके उससे फायदा कमा सकते हैं।
- फ्यूचर एग्रीमेंट करने के लिए आपको एक टोकन रकम देनी पड़ती है जिसे मार्जिन कहते हैं।
- जब हम फ्यूचर का सौदा करते हैं तो हमें एक एग्रीमेंट साइन करना होता है जिसमें हम इस एग्रीमेंट को पूरा करने का वचन देते हैं।
- एसेट की फ्यूचर कीमत और स्पॉट कीमत अलग-अलग होती है और फ्यूचर कीमत को निकालने का एक फार्मूला होता है।
- इस सौदे को करने के लिए कम से कम जितने शेयर खरीदने होते हैं उसे एक लॉट कहते हैं।
- इस एग्रीमेंट को करने के बाद भी यह जरूरी नहीं है कि आप उस एग्रीमेंट में एक्सपायरी तक बने रहे।
- जैसे ही आप सौदा करते हैं वैसे ही आपकी मार्जिन की रकम ब्लॉक कर दी जाती है।
- आप इस एग्रीमेंट से कभी भी निकल सकते हैं।
- एग्रीमेंट से निकलने या स्क्वेयर ऑफ करने पर आप अपना यह रिस्क किसी और को ट्रांसफर कर देते हैं।
- जब आप अपनी पोजीशन स्क्वेयर ऑफ कर देते हैं तो आपकी मार्जिन अनब्लॉक हो जाती है।
- स्क्वेयर आफ करने के बाद आपको जो फायदा या नुकसान होता है वह रकम आपके ट्रेडिंग अकाउंट में उसी दिन आ जाती है।
- इस सौदे में बेचने या खरीदने वाले में से किसी एक को फायदा और दूसरे को नुकसान होता है।
समझ मे आ गया सर आगे के सभी अधयाय भी हिंदी में करने का जल्दी प्रयास कीजिये सर
अन्य मॉड्यूल भी जल्द ही उपलब्ध होंगे धन्यवाद।
Sir margin kitna lagta h ?
मार्जिन आपके द्वारा ली गई पोजीशन पर निर्भर करता है। कृपया मार्जिन के बारे में अधिक समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक को देखें:
https://support.zerodha.com/category/trading-and-markets/margin-leverage-and-product-and-order-types/articles/where-can-i-find-and-calculate-the-margins-required-to-make-a-trade
Futures.me ternd krne ke liye account me kitna pesa hona chaye….yesbank ka lot 2800 he price 27 bta ri to me 1 lot kyu ni kharid para 27 me aayega ya or pesi chaye plz smjaye kite pese hone chaye….smj ni aara 27 he to bhi ni kharidne aara 27 rupe to he
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फ्यूचर्स खरीदने के लिए ज़्यादा मार्जिन की ज़रूरत होती है आप इस अध्याय को ह्यां से पढ़ें आपको समझ आजाएग।
अगर मैंने TCS फ्यूचर का शेयर 15 दिसंबर 2014 से (₹2374.9 पर) से 23 दिसंबर 2015 को (₹2519.25) तक रखा होता तो मेरा कुल नफा नुकसान (P&L) कितना होता? .
Soln:- (2519.25 – 2374.9)=144.35 ;
so, 144.35 x 125 = +₹18043.75 Ans.
जिसने 16 दिसंबर 2014 को मुझसे ₹2460 पर TCS का शेयर खरीदा और 23 दिसंबर 2014 तक उसको रखा उसका नफा नुकसान या प्रॉफिट एंड लॉस कितना होगा?
Soln:- (2519.25 – 2460)=59.25 ;
so, 59.25 x 125 = +₹7406.25 Ans.
Please check my solution , it’s right or not ?
आपका कैलकुलेशन यही हैः।
Osm sir, learned a lot of things from you thank you.
Happy learning 🙂