14.1 – शेयर की कीमत
पिछले अध्याय में हमने इक्विटी रिसर्च के पहले दो चरणों को समझा। पहला चरण जहां हमने कंपनी के बिजनेस को और दूसरा चरण जहां हमने कंपनी के वित्तीय परफॉर्मेंस यानी प्रदर्शन को देखा। इक्विटी रिसर्च का तीसरा चरण है, कंपनी के शेयर की वैल्यूएशन पता करना। लेकिन यह तभी किया जाना चाहिए जब आप पहले दो चरणों के बाद कंपनी के बिजनेस के बारे में पूरी तरह आश्वस्त हों।
एक निवेश अच्छा निवेश तभी माना जाता है जब आप उस बिजनेस के लिए सही कीमत अदा करें यानी आपको वह शेयर एक बहुत अच्छी कीमत पर मिले। कई बार एक बहुत अच्छी कंपनी के बजाय एक मध्यम दर्जे की कंपनी भी अगर बहुत अच्छी कीमत पर मिले तो यह माना जाता है कि वह बहुत अच्छा निवेश है। कहने का मतलब यह है कि निवेश के मामले में कीमत बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
अगले दो अध्यायों में हम यही कोशिश करेंगे कि आपको कीमत के बारे में ज्यादा से ज्यादा बताया जा सके। शेयर की कीमत को वैल्यूएशन तकनीक से पता करते हैं। वैल्यूएशन का मतलब यह है पता कि यह पता करना कि कंपनी की वास्तविक कीमत क्या होनी चाहिए? कंपनी के शेयर की वैल्यूएशन पता करने के लिए हम जिस तकनीक का इस्तेमाल करेंगे उसे कहते हैं डिस्काउंटेड कैश फ्लो (DCF) । इस तकनीक में भविष्य के कैश फ्लो के नजरिए से कंपनी के शेयर की सही कीमत का अंदाजा लगाया जाता है।
DCF मॉडल में बहुत सारे सिद्धांत हैं जिनको आपस में एक दूसरे से जोड़ा गया है। हमें इन सारे सिद्धांतों को अलग-अलग समझना पड़ेगा और फिर उसको DCF के नजरिए से देखना होगा। इस अध्याय में हम खास करके DCF के सबसे मूल सिद्धांत यानी नेट प्रेजेंट वैल्यू (NPV) पर नजर डालेंगे। इसके बाद हम दूसरे सिद्धांतों पर जाएंगे और अंत में DCF को समझेंगे।
14.2- फ्यूचर कैश फ्लो
DCF मॉडल का आधार है फ्यूचर कैश फ्लो। इसको हम एक उदाहरण से समझते हैं:
मान लीजिए कि विशाल नाम का एक पिज़्ज़ा बेचने वाला है जो शहर में सबसे अच्छा पिज़्ज़ा बनाता है। पिज़्ज़ा बनाना उसे इतना अच्छा लगता है कि उसने एक नया आविष्कार कर दिया– एक ऑटोमेटिक पिज़्ज़ा मेकर। इस पिज़्ज़ा मेकर में सारी जरूरत की चीजें डाल देने पर अपने आप 5 मिनट में पिज़्ज़ा बनकर बाहर निकल आता है। विशाल को लगता है कि इस पिज्जा मशीन से 1 साल में ₹500000 की आमदनी कर सकता है और मशीन अगले 10 साल तक चल सकती है।
विशाल के दोस्त जॉर्ज को विशाल की मशीन बहुत पसंद आती है और वह उसे खरीदने के लिए विशाल को एक ऑफर देता है।
आपको क्या लगता है जॉर्ज को विशाल को मशीन की क्या कीमत देनी चाहिए? इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए हमें यह समझना होगा कि जॉर्ज को इस मशीन से कितना फायदा हो सकता है। मान लीजिए वो इस मशीन से अगले 10 साल तक हर साल ₹500000 कमाता है।
अब जॉर्ज का कैश फ्लो कैसा दिखेगा:
2015 | 2016 | 2017 | 2018 | 2019 | 2020 | 2021 | 2022 | 2023 | 2024 |
500,000 | 500,000 | 500,000 | 500,000 | 500,000 | 500,000 | 500,000 | 500,000 | 500,000 | 500,000 |
तो हम देख सकते हैं कि 2015 से अगले 10 सालों तक जॉर्ज को मशीन से कैश मिलता रहेगा।
इसका मतलब है कि जॉर्ज को अगले 10 सालों में मशीन से ₹50,00,000 की कमाई होगी यानी वो मशीन के लिए ₹50,00,000 से ज्यादा ही कीमत नहीं दे सकता। हम किसी भी चीज के लिए वह कीमत नहीं दे सकते हैं जो उससे मिलने वाले फायदे से ज्यादा हो।
अब मान लीजिए कि विशाल ने जॉर्ज से मशीन के लिए ₹X मांगे। अब जॉर्ज के सामने दो विकल्प हैं या तो वह मांगे गए ₹ X दे दे और मशीन खरीद ले या फिर उन रुपयों को एक फिक्स डिपॉजिट स्कीम में डाल दे जहां पर उसे पैसे तो वापस मिलेंगे ही साथ में 8.5% का ब्याज भी मिलेगा। मान लीजिए जॉर्ज ने मशीन खरीदने का फैसला किया तो फिक्स डिपॉजिट में पैसे ना डालना उसकी अवसर कीमत यानी अपॉर्चुनिटी कॉस्ट (Opportunity Cost) हुई।
ऑटोमेटिक पिज़्ज़ा मेकर की कीमत निकालने के इस प्रयास में हमने तीन चीजों को पता किया–
- 10 साल में इस मशीन का कुल कैश फ्लो होगा 50,00,000 रुपये।
- हमें इस मशीन का कुल कैश फ्लो पता है इसलिए मशीन की कीमत कुल कैश फ्लो से कम होनी चाहिए।
- इस मशीन को खरीदने का अपॉर्चुनिटी कॉस्ट एक ऐसा निवेश है जो 8.5% का रिटर्न देता है।
इन तीनों बातों को ध्यान में रखते हुए अब आगे बढ़ते हैं क्योंकि हमें पता है कि अगले 10 सालों तक जार्ज को ₹500,000 प्रति साल इस मशीन से मिलेंगे तो इसका मतलब यह हुआ कि जॉर्ज 2014 में अगले 10 सालों के भविष्य को देखने की कोशिश रहा है–
-
- 2016 में ₹500,000 की क्या कीमत होगी?
- 2018 में ₹500,000 की आज की तुलना में क्या कीमत होगी?
- 2020 में ₹500,000 की आज की तुलना में क्या कीमत होगी?
- कुल मिलाकर जो भी कैश फ्लो मिलेगा उसकी आने वाले समय में क्या कीमत होगी?
इन सवालों का जवाब छुपा है टाइम वैल्यू ऑफ मनी (Time Value of Money) में। इसका मतलब यह है कि अगर मैं कैश फ्लो के भविष्य के पैसों की कीमत को आज आज पता कर सकूं तो मेरे लिए मशीन की कीमत को निकालना आसान होगा।
अभी कुछ देर के लिए हो सकता है कि हम पिज्जा मशीन वाले उदाहरण से दूर जाएं लेकिन अंत में हम इसी उदाहरण पर लौटेंगे।
14.3 – टाइम वैल्यू ऑफ मनी (TMV)
टाइम वैल्यू ऑफ मनी एक बहुत ही महत्वपूर्ण सिद्धांत है इसका उपयोग हर तरीके के वित्तीय सिद्धांतों में होता है फिर चाहे वह डिस्काउंटेड कैश फ्लो एनालिसिस हो फाइनेंशियल डेरिवेटिव्स प्राइसिंग हो प्रोजेक्ट फाइनेंस हो, एनुअटी हो या कुछ और।
टाइम वैल्यू ऑफ मनी का सिद्धांत इस बात पर आधारित है कि पैसे की कीमत समय के साथ बदलती रहती है। इसका मतलब यह है कि आज अगर आपके पास ₹100 है तो 2 साल बाद उस ₹100 की कीमत कुछ और होगी। जैसे-जैसे समय बदलता है वैसे वैसे अवसर कीमत भी बदलती है और उस अवसर कीमत को पैसे की कीमत के साथ जोड़कर देखना पड़ता है।
अगर हमें आज के पैसे की कीमत की तुलना भविष्य की कीमत से करनी है, तो हमें इस पैसे को भविष्य में ले जाकर उसकी कीमत को देखना होगा। इस तरीके को कहते हैं फ्यूचर वैल्यू (future value – FV)। इसी तरीके से भविष्य में मिलने वाले पैसे की कीमत अगर हमें आज देखनी है तो हमें उस पैसे को आज के हिसाब से तौलना होगा और इसको कहते हैं प्रेजेंट वैल्यू (present value – PV).
दोनों ही मामले में समय बदलने के साथ साथ हमें पैसे की कीमत में अवसर कीमत या अपॉर्चुनिटी कॉस्ट को जोड़ना होगा। जब इस तरीके से हम पैसे की भविष्य की कीमत निकालते हैं तो उसे कंपाउंडिंग कहते हैं। इसी तरह, जब भविष्य के पैसे की कीमत आज की कीमत में निकालते हैं तो उसे डिस्काउंटिंग कहते हैं।
अब हम इस FV और PV को निकालने का फार्मूला देखते हैं
उदाहरण 1–आज के ₹5000 की कीमत 5 साल बाद कितनी होगी, अगर अवसर कीमत 8.5% है?
इस उदाहरण में फ्यूचर वैल्यू (FV) होगी:
फ्यूचर वैल्यू = कुल रकम*(1+ अपॉर्चुनिटी कास्ट दर)^ कुल साल
Future Value = Amount * (1+ opportunity cost rate) ^ Number of years.
= 5000*(1+8.5%)^5
= 7518.3
इसका मतलब है कि आज के ₹5000 की कीमत 5 साल बाद 7518.3 रुपये होगी अगर अपॉर्चुनिटी कॉस्ट 8.5% है।
उदाहरण 2– आज से 6 साल बाद मिलने वाला ₹10000 आज की कीमत में कितना होगा अगर अपॉर्चुनिटी कॉस्ट 8.5 प्रतिशत है ?
यहाँ पर हम PV की गणना कर रहे हैं।
प्रेजेंट वैल्यू = रकम / (1+ डिस्काउंट रेट)^कुल साल
Present Value = Amount / (1+Discount Rate) ^ Number of years
= 10,000 / (1+8.5%)^6
= 6129.5
इसका मतलब है कि यदि डिस्काउंट रेट 8.5% है तो आज से 6 साल बाद मिलने वाले ₹10000 की कीमत आज 6129.5 रुपये होगी ।
उदाहरण 3– अगर मैं पहले उदाहरण का सवाल बदल दूं और यह पूछूं कि 5 साल मैं मिलने वाले 7518.3 रुपये की कीमत आज कितनी होगी, अगर अपॉर्चुनिटी कॉस्ट 8.5% है तो। हमें पता है कि इसके लिए हमें प्रेजेंट वैल्यू निकालनी होगी। यह भी पता है कि जब पहले उदाहरण में इस गणना को हमने उल्टे तरीके से किया था तो हमें हमारा उत्तर था ₹5000। इसकी गणना करके PV देखते हैं:
= 7518.3/ (1+8.5%)^5
=5000
अब आपको टाइम वैल्यू ऑफ मनी समझ में आ गया होगा इसलिए हम अपने पिज़्ज़ा वाले उदाहरण पर वापस लौटते हैं।
14.4- नेट प्रेजेंट वैल्यू ऑफ कैश फ्लो (The Net Present Value of Cash Flow)
पिज़्ज़ा वाले उदाहरण में एक बार फिर से देखते हैं कि जॉर्ज को मशीन खरीदने के बाद किस तरीके का कैश फ्लो मिलने वाला है।
2015 | 2016 | 2017 | 2018 | 2019 | 2020 | 2021 | 2022 | 2023 | 2024 |
500,000 | 500,000 | 500,000 | 500,000 | 500,000 | 500,000 | 500,000 | 500,000 | 500,000 | 500,000 |
अब सवाल फिर से वही है कि – भविष्य के कैश फ्लो की कीमत आज कितनी मानी जानी चाहिए?
जैसा कि आप देख सकते हैं कि कैश फ्लो एक समान तरीके से सालों तक फैला हुआ है। इस कैश फ्लो को हमें उसकी अपॉर्चुनिटी कॉस्ट या अवसर कीमत के हिसाब से डिस्काउंट करना होगा।
नीचे के टेबल पर नजर डालिए जिसमें हर साल के कैश फ्लो को 8.5% की अवसर कीमत के हिसाब से डिस्काउंट किया गया है:
साल | कैश फ्लो
(रू) |
भुगतान
(साल) |
PV /प्रेजेंट वैल्यू ( रू) |
2015 | 500,000 | 1 | 460,829 |
2016 | 500,000 | 2 | 424808 |
2017 | 500,000 | 3 | 391481 |
2018 | 500,000 | 4 | 360802 |
2019 | 500,000 | 5 | 332535 |
2020 | 500,000 | 6 | 306485 |
2021 | 500,000 | 7 | 282470 |
2022 | 500,000 | 8 | 260,335 |
2023 | 500,000 | 9 | 239,946 |
2024 | 500,000 | 10 | 221151 |
Total | 50,00,000 | 32,80,842 |
हर साल की प्रेजेंट वैल्यू (PV) को जोड़ने पर जो संख्या मिलती है ,उसको नेट प्रेजेंट वैल्यू या NPV कहते हैं। इस उदाहरण में हमारा NPV है ₹32,80,842 इसका मतलब है कि कैश फ्लो की कुल कीमत आज ₹32,80,842 है। इससे साफ है कि जॉर्ज अगर यह मशीन खरीदता है तो उसे ₹32,80,842 या उससे कम कीमत देना चाहिए।
अब इसको किसी कंपनी के नजरिए से देखिए। अगर यह पिज्जा मशीन नहीं होती कोई कंपनी होती तो आप उसका फ्यूचर कैश फ्लो कैसे निकालेंगे और उसके आधार पर कंपनी के शेयर की कीमत कैसे पता करेंगे? वास्तव में डिस्काउंटेड कैश फ्लो मॉडल में हम यही करते हैं।
इस अध्याय की खास बातें
- DCF जैसा वैल्युएशनशन मॉडल हमें कंपनी के शेयर की कीमत पता करने में मदद करता है।
- DCF मॉडल कई तरीके के वित्तीय सिद्धांतों के आधार पर बनता है।
- टाइम वैल्यू ऑफ मनी वित्तीय सिद्धांतों का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है इसका उपयोग DCF जैसी तमाम चीजों में होता है।
- पैसे की कीमत समय के साथ साथ बदलती रहती है। पैसे की आज की कीमत भविष्य में बदल जाती है।
- पैसे की सही कीमत निकालने के लिए हमें पैसे को समय के हिसाब से देखना होता है और उसकी अवसर कीमत को भी ध्यान में रखना होता है।
- फ्यूचर वैल्यू (FV) में हम पैसे की भविष्य की कीमत पता करते हैं।
- प्रेजेंट वैल्यू (PV) में हम भविष्य में मिलने वाले पैसे की कीमत को आज की कीमत में पता करते हैं।
- नेट प्रेजेंट वैल्यू (NPV) में हम भविष्य में मिलने वाले सभी कैशफ्लो के कुल जमा की कीमत आज की कीमत में पता करते हैं।
5000*(1+8.5%)^5
Yeah rule ka breakat tod ke samjayo sir muje math ke formula me thodi takleef h
Hi, यह सूत्र: {फ्यूचर वैल्यू = कुल रकम*(1+ अपॉर्चुनिटी कास्ट दर)^ कुल साल} है। और नीचे इस का ब्रेकअप है।
= 5000*(1+8.5%)^5
=5000*(1+0.085)^5
=5000*(1.085)^5
=7518.3
यदि आपको गणना करने में कठिनाई होती है तो आप इन गणनाओं के लिए एक्सेल का उपयोग कर सकते हैं।
Apka bahut bhaut dhanyavaad……Apke ya versity hume bahut hi saral tarike se samjha rakha hau…………………..aapka bhaut bahut abhinanadan
धन्यवाद। 🙂
^ sign ka kya mtlb hote hai
^ sign ka kya mtlb hote hai
यह मल्टिप्लिकेशन का सिंबल है।
Nhi G , it’s not that. It’s Power script.
Example:-
(5)^2 = Means 5 multiplied by 5 , 2 times
=5*5= 25
Or
(7)^3 = 7*7*7 = 343.
That’s All….
Thank U Kulsum G……