23.1 – केस स्टडी

अब हम इस मॉड्यूल के अंत में पहुंच चुके हैं और मुझे उम्मीद है कि इस मॉड्यूल से आपको ऑप्शन के बारे में काफी कुछ समझ में आ गया होगा। मैंने इस मॉड्यूल में कई बार यह बात कही है कि ऑप्शंस को समझना थोड़ा मुश्किल है, ये फ्यूचर्स की तरह सीधा साधा इंस्ट्रूमेंट नहीं है। ऑप्शन एक बहुमुखी (Multidimensional) इंस्ट्रूमेंट है, जिसमें बहुत सारी चीजें एक साथ काम कर रही होती है। इसीलिए ऑप्शन को समझना और उसका इस्तेमाल करना थोड़ा मुश्किल होता है। अपने अनुभव से मैं यह कह सकता हूं कि ऑप्शन को समझने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप ऑप्शन की ट्रेडिंग लगातार करें। ऑप्शन थ्योरी पर आधारित ट्रेडिंग का बार- बार इस्तेमाल करने से आपको ऑप्शन ज्यादा अच्छी तरह से समझ में आने लगेगा। 

आप ट्रेडिंग शुरु करें उसके पहले मैं कुछ सीधे और सफल ऑप्शन ट्रेड पर चर्चा करता हूं । ये सारे ट्रेड जीरोधा वैर्सिटी/वार्सिटी के पाठकों ने पिछले 2 महीने में किए हैं। मुझे बताया गया है कि ये ट्रेड उन लोगों ने वैर्सिटी पर पढ़ने के बाद किए हैं। 

मुझे ये इसलिए भी पसंद आए क्योंकि इनमें कई चीजों का ध्यान रखा गया और ये अच्छे तर्कों पर आधारित हैं। इसलिए इस मॉड्यूल को इनसे खत्म कर रहा हूं।

मैं यहां एक बार एक बात और बता दूं कि इन सौदों की जानकारी ट्रेडर्स ने मेरे अनुरोध पर दी है और उन्होंने अपना नाम ना उजागर करने की गुजारिश की है इसीलिए मैं उनका नाम यहां नहीं बता सकता। 

इस अध्याय में हम जिन 4 ट्रेड की बात करेंगे, वो हैं-

  1. सिएट (CEAT) इंडिया – डायरेक्शनल ट्रेड जो कि टेक्निकल एनालिसिस के तर्क पर आधारित है 
  2. निफ़्टी – डेल्टा न्यूट्रल, वेगा की इफ़ेक्ट का फायदा उठाने के लिए किया गया 
  3. इंफोसिस – डेल्टा न्यूट्रल, वेगा के असर का फायदा उठाने के लिए किया गया 
  4. इंफोसिस – डायरेक्शनल ट्रेड, कॉमन सेंस फंडामेंटल एनालिसिस पर आधारित 

इन चारों ट्रेड में क्या मुझे क्या पसंद आया और इनमें क्या और सुधार किया जा सकता था, मैं उस पर चर्चा करूंगा। यहां पर मैंने जो भी स्नैपशॉट या चित्र दिखाएं हैं और ट्रेडर ने खुद लिए हैं। 

तो आइए शुरू करते हैं।

23.2 – सिएट (CEAT) इंडिया 

ये ट्रेड 27 साल के एकदम नए ऑप्शन ट्रेडर ने किया है। यह उसका पहला ऑप्शन ट्रेड था। 

इस ट्रेड के लिए उसका तर्क:  सिएट लिमिटेड 1260 पर ट्रेड कर रहा था। यह स्टॉक लगातार तेजी में था लेकिन उसे लगा कि अब यह रैली आगे नहीं चलेगी क्योंकि इसमें थकावट आ रही है। 

मुझे लगता है कि पिछले कुछ कैंडल्स को देखकर उसे एसा लगा। पिछले 3 दिनों से ट्रेडिंग रेंज लगातार कम होता नजर आ रहा है। 

उसने अपने विचारों पर अमल किया और 1220 (OTM) पुट ऑप्शन खरीदा जिसके लिए उसे ₹45.75 प्रति लॉट का प्रीमियम देना पड़ा। यह सौदा 28 सितंबर को हुआ जबकि कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी 29 अक्टूबर को थी। यह रहा उसका स्नैपशॉट। 

इस ट्रेड को अच्छे से समझने के लिए मैंने उस ट्रेडर से कुछ सवाल पूछे- 

  1. ऑप्शन का ट्रेड करने का फैसला क्यों, फ्यूचर्स में शार्ट क्यों नहीं किया? 

जवाब:  फ्यूचर पर शार्ट करने में थोड़ा रिस्क था, खासकर, अगर बाजार पलट जाता तो, मेरा M2M काफी ज्यादा हो जाता

  1. जब एक्सपायरी में इतना समय बचा हुआ था तो तुमने स्लाइटली OTM (slightly OTM) ऑप्शन को ट्रेड क्यों किया तुमने फॉर (far) OTM ऑप्शन को क्यों नहीं चुना? 

जवाब: ऐसा लिक्विडिटी के कारण करना पड़ा, स्टॉक ऑप्शन बहुत ज्यादा लिक्विड नहीं थे और ऐसे में ATM के आसपास की स्ट्राइक को चुनना ही मुझे अच्छा विचार लगा। 

  1. स्टॉप लॉस क्या था?

जवाब:  मेरा विचार था कि अगर सिएट एक नया हाई बना देता है तो मैं इस सौदे को स्क्वायर ऑफ कर लूंगा। क्योंकि एक नए हाई का मतलब है कि सिएट में तेजी का रुख कायम है और मेरा शॉर्ट करने का फैसला गलत साबित हो रहा है।

  1. टारगेट क्या है?

जवाब: क्योंकि स्टॉक में तेजी का रूख है, इसलिए जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी प्रॉफिट बुक कर लेना ही सही तरीका होगा क्योंकि बाजार की दिशा बदलते देर नहीं लगती और जब दिशा बदलती है तो काफी तेजी से बदलती है ऐसे में शार्ट ट्रेड को होल्ड करना अच्छा नहीं है। वास्तव में अगर दिशा बदलती है तो ट्रेड को उलट देना और कॉल ऑप्शन खरीद देना भी एक सही रास्ता हो सकता है। 

  1. होल्ड कब तक करना है?

जवाब: ये ट्रेड प्रीमियम में बढ़ोतरी का फायदा उठाने के लिए किया गया है, इसलिए मैं इसे एक्सपायरी तक होल्ड करने का इरादा नहीं रखता हूं। अभी एक्सपायरी में काफी समय बाकी है ऐसे में स्टॉक की कीमत में मामूली सी गिरावट भी प्रीमियम में एक अच्छी-खासी बढ़ोतरी ला सकती है। 

इन विचारों के साथ उसने सिएट का पुट ऑप्शन खरीदा और फिर अगले दिन यह हुआ-

स्टॉक की कीमत गिरकर 1244 तक पहुंच गई और प्रीमियम बढ़कर ₹52 हो गया। इस ट्रेडर की यह बात सही निकली कि अभी एक्सपायरी में काफी समय है इसलिए स्टॉक की कीमत में एक छोटी सी गिरावट भी ऑप्शन के प्रीमियर में भारी बढ़त ला सकती है। वह मुनाफे के तौर पर प्रति लॉट ₹7 लेकर खुश था और इसलिए उसने इस ट्रेड को यहीं पर बंद कर दिया। 

अब मैं जब पीछे देखता हूं तो मुझे लगता है कि उसका यह फैसला सही था। – 

मैं मानता हूं कि एक रात के लिए किए गए पहले ट्रेड के तौर पर यह बहुत ही अच्छा मुनाफा था। 

इस ट्रेड पर मेरी राय – सबसे पहले तो मुझे इस बात की तारीफ करनी चाहिए कि इस ट्रेडर के विचार काफी सुलझे हुए हैं। वह भी तब, जब वह ऑप्शन ट्रेड पहली बार कर रहा था। लेकिन अगर मुझे ये ट्रेड करना होता तो मैं इसको थोड़ा अलग तरीके से करता। 

  1. चार्ट के नजरिए से देखें तो यह विचा ठीक था कि रैली में थकावट आ रही है। इसके आधार पर मैं कॉल ऑप्शन को खरीदने के बजाए कॉल ऑप्शन को बेचना पसंद करता। मैं ऐसा क्यों करता? रैली में थकावट का हमेशा यह मतलब नहीं होता कि कीमतों में गिरावट आएगी। आमतौर पर ऐसी स्थिति में स्टॉक एक जगह पर रुक जाता है और साइड वेज मूवमेंट (sideways movement) करने लगता है। जिससे ऑप्शन बेचने वालों के लिए यह एक मौका बन जाता है और उन्हें पसंद आने लगता है। 
  2. मैं नॉर्मल डिस्ट्रीब्यूशन की गणना के आधार पर इस स्ट्राइक को चुनता जैसे कि इस मॉड्यूल में पहले बताया जा चुका है। (लेकिन यहां स्टॉक की लिक्विडिटी को भी ध्यान में रखना जरूरी है)
  3. मैं इस ट्रेड को (कॉल बेचने) को सीरीज के दूसरे आधे हिस्से में यानी अंतिम 15 दिनों में करता, जिससे मुझे टाइम डीके (time decay) का फायदा मिलता। 

व्यक्तिगत तौर पर मैं नेकेड डायरेक्शनल ट्रेड (naked directional trade) नहीं करता क्योंकि उसमें मुझे रिस्क और रिवॉर्ड साफ-साफ नहीं दिखाई देते। नेकेड लॉन्ग कॉल मैं सिर्फ एक स्थिति में करता हूं जब कि मुझे टेक्निकल एनालिसिस में एक फ्लैग फॉरमेशन (flag formation) चार्ट पर बनता दिखाई दे। 

  1. इसके पहले स्टॉक में 5 से 10% की तेजी आ चुकी हो 
  2. स्टॉक कम वॉल्यूम के साथ करेक्शन (कम से कम 3%) शुरू हो चुका हो यानी कमजोर दिल के लोगों ने मुनाफा या प्रॉफिट बुक करना शुरू कर दिया हो। 

ऐसी स्थिति में मैं कॉल ऑप्शन को खरीदना पसंद करता हूं।

23.3 – RBI के समाचार पर आधारित ट्रेड (निफ्टी ऑप्शन)

यह निफ़्टी इंडेक्स ऑप्शन का ट्रेड है जो RBI की मॉनिटरी यानी मुद्रा नीति पर आधारित है। इस ट्रेड को दिल्ली के हमारे एक पाठक ने किया। मैं इस ट्रेड को अच्छी बनावट वाला सफल ट्रेड मानता हूं। 

इस ट्रेड से जुड़ी जानकारी पर नजर डालते हैं – 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 29 सितंबर को अपनी मॉनिटरी पॉलिसी यानी मुद्रा नीति का ऐलान करने वाला था। इस बात का अनुमान लगाना थोड़ा कठिन है कि RBI किस तरीके का फैसला लेगा, लेकिन बाजार में यह उम्मीद थी कि RBI रेपो रेट में 25 पॉइंट की कटौती करेगा। जो लोग मॉनेटरी पॉलिसी या रेपो रेट के बारे में नहीं जानते हैं वह इसके बारे में यहां पढ़ सकते हैं। 

http://zerodha.com/varsity/chapter/key-events-and-their-impact-on-markets/

आरबीआई (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी बाजार के लोगों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना होती है। इसका बाजार को बेसब्री से इंतजार होता है। 

इस ट्रेडर ने बाजार में अपने अनुभव के आधार पर कुछ चीजों को देखा और पहचाना-  

  1. पॉलिसी की घोषणा के पहले बाजार किसी एक दिशा में नहीं जाता बल्कि इस घोषणा के दो-तीन दिनों पहले से ही बाजार एक ही जगह पर इधर-उधर घूमता रहता है। उसे लगता है कि जब स्टॉक के नतीजे आने वाले होते हैं तो उनके के साथ ऐसे ही होता है। 
  2. घोषणा या घटना के पहले बाजार में वोलैटिलिटी काफी ऊपर चली जाती है 
  3. जब वोलैटिलिटी बढ़ती है तो बाजार में ऑप्शन का प्रीमियम (CE और PE दोनों के लिए) ऊपर चला जाता है 

मैं इस ट्रेडर के पहले अवलोकन से सहमत नहीं हूं, लेकिन दूसरे और तीसरे से पूरी तरह सहमत हूं।

तो आरबीआई (RBI) की पॉलिसी की घोषणा के माहौल में, काफी ज्यादा टाइम वैल्यू और बढ़ी हुई वोलैटिलिटी के साथ (नीचे के चित्र को देखें) उसने यह फैसला किया कि वह 28 सितंबर के ऑप्शन को राइट करेगा।

निफ़्टी 7780 के पास था, इसलिए 7800 का ऑप्शन ATM था। 7800 CE  203 पर बिक रहा था और 7800 PE का पुट ऑप्शन 176 पर ट्रेड कर रहा था। उसने इन दोनों ऑप्शन को बेचा और कुल मिलाकर ₹379 का प्रीमियम प्राप्त कर लिया। 

इस ऑप्शन कीमत के लिए नीचे के ऑप्शन चेन को देखिए- 

मैंने उस ट्रेडर के विचारों और उसकी योजना को समझने के लिए उससे बात की। मैं इस बातचीत को यहां नीचे पेश कर रहा हूं- 

1.आप 7800 CE और 7800 PE को शॉर्ट क्यों किया?  

जवाब: एक्सपायरी में काफी समय था और वोलैटिलिटी बढ़ी हुई थी इसलिए मुझे लगा कि ऑप्शन अभी महंगे हैं और प्रीमियम ऊपर हैं, मुझे लगा है कि वोलैटिलिटी नीचे जाएगी। ऐसे में, प्रीमियम भी घटेंगे जिससे मुझे मौका मिलेगा कि बाद में मैं दोनों ऑप्शन को नीचे की कीमत पर खरीद सकूं। 

  1. आपने ATM ऑप्शन को शार्ट करने का फैसला क्यों किया? 

जवाब: इस बात की संभावना काफी ज्यादा है कि मैं इस ट्रेड से बाहर निकलते समय मार्केट ऑर्डर डालूंगा> ऐसे में इंपैक्ट कॉस्ट (इंपैक्ट कीमत) को कम करने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि मैं ATM ऑप्शन को ही शार्ट करूं। 

  1. इस ट्रेड को आप कब तक होल्ड करने वाले हैं? 

जवाब: जब घोषणा का समय आता है तो वोलैटिलिटी आमतौर पर नीचे आ जाती है, इसे अपने अनुभव के आधार पर मैंने देखा है और मैं इस बात को मानता हूं कि इस तरह के ट्रेड को स्क्वेयर ऑफ करने के लिए सबसे अच्छा समय घोषणा के कुछ मिनटों पहले का होता है। RBI यह घोषणा 29 सितंबर को 11:00 बजे दिन में करने वाला है इसलिए मैं इसे उसी दिन 10:50 पर स्क्वेयर ऑफ कर लूंगा। 

  1. आपको इस सौदे से कितने मुनाफे की उम्मीद है?

जवाब: मुझे हर लॉट से 10 से 15 प्वाइंट का मुनाफा होना चाहिए।

  1. इस ट्रेड के लिए आपका स्टॉप लॉस क्या है? 

जवाब: यह ट्रेड वोलैटिलिटी का फायदा उठाने के लिए किया गया है इसलिए स्टॉप लॉस भी वोलैटिलिटी पर आधारित होना चाहिए ना कि ऑप्शन के प्रीमियम पर। यह भी याद रखें कि इस ट्रेड में एक समय आधारित स्टॉपलॉस भी है। मतलब चाहे जो कुछ हो जाए RBI की घोषणा के कुछ मिनटों पहले ही इस ट्रेड से निकलना जरूरी है। 

तो इन विचारों के साथ उसने इस ट्रेड की शुरुआत की। व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि यह ट्रेड पिछले यानी सिएट वाले ट्रेड के मुकाबले ज्यादा सफल होगा। मुझे लगता है कि वहाँ पर भाग्य ने अपनी एक भूमिका अदा की थी,इसलिए वह सफल हुआ। लेकिन यह ट्रेड बहुत ही ज्यादा तर्क आधारित है। 

तो अपने प्लान के हिसाब से उसने इस ट्रेड को आरबीआई (RBI) की घोषणा के कुछ मिनटों पहले बंद कर दिया। 

जरा ऑप्शन चेन पर नजर डालिए-

जैसी की उम्मीद थी वोलैटिलिटी गिरी और दोनों ऑप्शन की कीमतों में कुछ कमी आई। 7800 CE अब 191 पर ट्रेड कर रहा था और 7800 PE अब 178 पर ट्रेड कर रहा था। तो दोनों को मिलाकर कुल प्रीमियम बना 369। इस तरह उसने बहुत ही कम समय में हर लॉट पर 10 पॉइंट का मुनाफा कमा लिया। एक दिन के ट्रेड के हिसाब से यह एक अच्छा मुनाफा है। 

आपकी जानकारी के लिए यहां बता देता हूं कि घोषणा के तुरंत बाद बाजार में क्या हुआ- 

इस ट्रेड पर मेरे विचार – आमतौर पर मैं वोलैटिलिटी मूवमेंट की थ्योरी को मानता हूं और बाजार की किसी भी बड़ी घटना के पहले ऑप्शन को शार्ट करने में भरोसा रखता हूं। लेकिन मेरी राय में, इस तरह के ट्रेड को घटना से दो-तीन दिनों पहले करना चाहिए, 1 दिन पहले नहीं। 

इस मौके पर मैं खबरों या घोषणाओं पर आधारित ऑप्शन सौदों के बारे में एक गलत धारणा को साफ करना चाहता हूं- मैं बहुत सारे ऐसे ट्रेडर को जानता हूं जो आमतौर पर ऑपोजिट (विपरीत) ट्रेड (opposite trade) करते हैं यानी कॉल और पुट दोनों ऑप्शन खरीद लेते हैं। इस स्ट्रैटेजी को लॉन्ग स्ट्रैडल (Long Straddle) कहते हैं। लॉन्ग स्ट्रैडल (Long Straddle) के पीछे की सोच ये है कि घोषणा के बाद बाजार चलेगा तो बाजार की दिशा के हिसाब से या तो कॉल ऑप्शन या तो पुट ऑप्शन पैसे बनाएंगे। ऐसे में आपका जो ऑप्शन पैसे बना रहा हो आप उसको होल्ड करेंगे और जो ऑप्शन नुकसान कर रहा हो उस ऑप्शन को स्क्वेयर ऑफ कर देंगे। ऊपर से देखने पर यह स्ट्रैटजी अच्छी लगती है, लेकिन इसमें एक चीज लोग भूल जाते हैं वह है – वोलैटिलिटी का असर। 

जब घोषणा होगी तो बाजार निश्चित रूप से चलेगा। अगर घोषणा अच्छी हुई तो कॉल ऑप्शन निश्चित तौर पर ऊपर बढ़ेगा। लेकिन कॉल ऑप्शन के बढ़ने की रफ्तार आमतौर पर उतनी नहीं होगी जितनी रफ्तार से पुट ऑप्शन की कीमत घटेगी। ऐसे में आप कॉल ऑप्शन में बनने वाले पैसे के मुकाबले पुट ऑप्शन पर ज्यादा पैसे गंवाएंगे। इसलिए मुझे लगता है कि किसी भी घटना के पहले ऑप्शन को बेचना ज्यादा अच्छा ट्रेड होता है।

23.4 – इंफोसिस के Q2 नतीजे 

यह ट्रेड आरबीआई (RBI) की घोषणा के पहले वाले ट्रेड की तरह ही है। लेकिन इसे ज्यादा अच्छे तरीके से पूरा किया गया। इस ट्रेड को दिल्ली के एक दूसरे पाठक ने किया है। 

इंफोसिस 12 अक्टूबर को अपने Q2 के नतीजे पेश करने वाला था। यहां पर भी सोच सीधी-सादी थी कि इस खबर की वजह से वोलैटिलिटी ऊपर जाएगी, तो ऑप्शन को शार्ट करना चाहिए। इस उम्मीद के साथ कि आप बाद में जब वोलैटिलिटी नीचे हो जाए आप इसे नीचे भाव पर खरीद सकेंगे। तो पूरी योजना के साथ और इस पोजीशन को 8 अक्टूबर को लिया गया यानी घटना से 4 दिन पहले। 

इंफोसिस 1142 रुपए पर ट्रेड हो रहा था इसलिए इस ट्रेडर ने फैसला किया कि 1140 की स्ट्राइक ATM होगी। ट्रेड शुरू करने के समय का स्नैपशॉट या चित्र नीचे है-

8 अक्टूबर को सुबह 10:35 पर 1140 CE ₹48 पर ट्रेड कर रहा था और इंप्लाइड वोलैटिलिटी 40.26% थी। 1140 PE ₹45 पर ट्रेड कर रहा था, इंप्लाइड वोलैटिलिटी 48% थी। कुल मिलाकर दोनों का प्रीमियम ₹95 प्रति लॉट मिला। 

मैंने उससे भी ट्रेडर से भी वही सवाल पूछे जो RBI वाले सौदे के ट्रेडर से पूछे थे और इसके जवाब भी लगभग वैसे ही थे। इसलिए मैं सवाल-जवाब को यहां नहीं लिख रहा हूं। 

अब इंफोसिस के नतीजों पर आते हैं, बाजार को उम्मीद थी कि इंफोसिस अच्छे नतीजों का ऐलान करेगा। वास्तव में नतीजे उम्मीद से भी ज्यादा अच्छे थे , देखिए –

जुलाई सितंबर तिमाही के लिए इंफोसिस ने 519 मिलियन डॉलर का नेट प्रॉफिट दिखाया था जबकि पिछले साल इसी अवधि के लिए मुनाफा 511 मिलियन डॉलर का था। कंपनी की आमदनी 8.7% बढ़कर 2.39 बिलियन डॉलर हो गई। सीक्वेंशियल (क्रमबद्ध) बेसिस (sequential basis) पर भी आमदनी 6% बढ़ी जबकि बाजार 4- 4.5 % की ही उम्मीद कर रहा था। 

रुपए में देखे तो नेट प्रॉफिट 9.8% बढ़कर 3398 करोड़ हो गया और आमदनी 15635 करोड़ रुपए जो कि पिछले साल से 17.2% ज्यादा थी। (स्त्रोत- इकोनॉमिक टाइम्स) 

कंपनी ने नतीजों की घोषणा सुबह 9:18 पर की बाजार खोलने के 3 मिनट बाद की और इस ट्रेडर ने अपना सौदा उसी समय काट दिया। 

यह है उस समय का चित्र-

1140 CE अब ₹55 पर ट्रेड कर रहा था और इंप्लाइड वोलैटिलिटी गिरकर 28% रह गई थी 1140 PE अब ₹20 पर ट्रेड कर रहा था और इंप्लाइड वोलैटिलिटी गिरकर 40% रह गई थी। 

यहां ध्यान दीजिए कि कॉल ऑप्शन जिस रफ्तार से ऊपर बढ़ा वो उस रफ्तार से कम था जिस रफ्तार से पुट ऑप्शन नीचे गिरा। अब कुल मिलाकर प्रीमियम था 75 रुपए प्रति लॉट। इस तरह से ट्रेडर ने हर लॉट पर ₹20 बनाए। 

इस ट्रेड पर मेरे विचार–  मुझे लगता है कि इस ट्रेडर को पहले से कुछ अनुभव था क्योंकि उसने इस ट्रेड को जिस तरीके से बनाया था उससे यह दिख रहा था कि उसे अनुभव है। अगर मुझे यह ट्रेड करना होता तो मैं भी इसे शायद इसी तरीके से करता।

23.5 – इंफोसिस Q2 के बाद का ट्रेड (फंडामेंटल्स के आधार पर) 

ये ट्रेड बेंगलुरु के एक ट्रेडर ने किया। मैं उसको व्यक्तिगत तौर पर भी जानता हूं और मैं उसके फंडामेंटल एनालिसिस के तरीके से काफी प्रभावित हूं। उसने पिछले कुछ समय में ऑप्शन को लेकर प्रयोग करने शुरू किए हैं, जहां पर वह अपने फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर ऑप्शन ट्रेडिंग में मौके ढूंढता है। आगे जाकर वह किस तरीके से ट्रेड करेगा यह देखना बहुत ही रोचक होगा। 

इस ट्रेड की पृष्ठभूमि पर नजर डालते हैं –

इंफोसिस ने अभी-अभी बहुत अच्छे नतीजों का ऐलान किया। लेकिन स्टॉक 12 अक्टूबर को 5% नीचे था, 13 अक्टूबर को ये 1% और नीचे गिरा। अपनी रिसर्च से उसको पता चला कि स्टॉक में यह गिरावट इसलिए आ रही है क्योंकि इंफोसिस ने अपनी आमदनी की गाइडेंस कम कर दी है। आमदनी की गाइडेंस को कम करना बिजनेस के बारे में काफी कुछ बताता है। उसका मानना था कि बाजार में इंफोसिस की कीमत में गाइडेंस की इस कमी को पहले ही शामिल कर लिया है और स्टॉक में 6% की गिरावट गाइडेंस में इस कमी के लिए कुछ ज्यादा है। 

उसको भरोसा था कि बाजार के खिलाड़ियों ने कुछ ज्यादा ही रिएक्शन दिखा दिया है और वह अच्छे नतीजों को नहीं देख रहे हैं। 

उसको विश्वास था कि अगर बाजार को अच्छे और बुरे खबरें एक साथ दी जाए तो बाजार हमेशा बुरी खबर पर प्रतिक्रिया करता है और इंफोसिस में यही हो रहा था। इसलिए उसने कॉल ऑप्शन पर लॉन्ग जाने का फैसला किया। इस उम्मीद के साथ कि बाजार इंफोसिस के अच्छे नतीजों पर प्रतिक्रिया देगा।

उसने इंफोसिस के 1100 CE को ₹ 18.9 पर खरीदने का फैसला किया जो कि स्लाइटली OTM था। उसने इस ट्रेड को तब तक होल्ड करने का फैसला किया जब तक 1100 का स्ट्राइक ITM में ना बदल जाए। वह इस ट्रेड पर ₹ 18.9 रुपए तक का रिस्क लेने को तैयार था। इसका मतलब यह कि अगर प्रीमियम ₹10 गिरता तभी वह इस ट्रेड से नुकसान सह कर बाहर निकलता। 

इस ट्रेड के बाद स्टॉक में उछाल आया और उसे 21 अक्टूबर को अपने सौदा काटने का मौका मिला। 

नीचे के चित्र को देखिए-

उसने इस सौदे में अपने पैसे दोगुने कर लिए। उसके लिए यह ट्रेड बहुत ही अच्छा रहा। 

ध्यान दीजिए कि यह पूरा ट्रेड सा सीधे-साधे तर्कों और फाइनेंसियल स्टेटमेंट बिजनेस फंडामेंटल और ऑप्शन थ्योरी जैसी चीजों की समझ पर आधारित थई। 

इस सौदे पर मेरे विचार – व्यक्तिगत तौर पर मुझे नेकेड ट्रेड शुरू करने में कोई बहुत ज्यादा दिक्कत नहीं होती है। इस सौदे में एंट्री तो तर्कों पर आधारित थी लेकिन एग्जिट और स्टॉपलॉस तर्क पर नहीं आधारित थे। एक्सपायरी में ज्यादा समय बचा हुआ था और इसलिए ट्रेडर थोड़े ज्यादा OTM ऑप्शन का रिस्क ले सकता था। 

तो इसके साथ अब ऑप्शन थ्योरी पर हमारा यह मॉड्यूल खत्म होता है। 

मुझे उम्मीद है कि इस मॉड्यूल से आपको मदद मिली होगी और ये आपके लिए उपयोगी साबित होगा और आप एक अच्छी ऑप्शन ट्रेडिंग तकनीक बना पाएंगे।




44 comments

  1. VINOD RAWAT says:

    आपको और पूरी ज़ेरोधा टीम का बहुत 2 धन्यवाद ।

  2. मंजीत says:

    आपको और पूरी ज़ेरोधा टीम का बहुत 2 धन्यवाद

  3. pavan maheshwari says:

    thank you so much sir..

  4. BINOD KUMAR says:

    Very nice sir,
    Your skill to explain something is very nice.
    Congratulates to all Zerodha team.

  5. Prashast jain says:

    In 23.2 , in last line why it is advised to buy call option of ceat , shouldn’t it be sell call option

  6. Aman says:

    Thanku varsity team for this platform,
    I have learnt a lot about option, so thanks
    And lov u all gyss.💕🙏

  7. pravin b says:

    SIR
    option theory beginner ke liye samjana thoda mushil hai,lekin yaha tak padhne bad bahut … kuch sikha aur samja .

    thank you zarodha team.👏👏👌👌😊

  8. Dk Jangir says:

    Hello Sir,

    I think you have covered all the theoretical knowledge with the example as much as you can, many many thanks to your team.

  9. Sachidanand Jadhav says:

    आपको और पूरी ज़ेरोधा टीम का बहुत 2 धन्यवाद ।

    • Kulsum Khan says:

      आपके कृपालु शब्दों’न के लिए धन्यवाद, ऐसे हे पढ़ते रहिये और हमें सपोर्ट करते रहिये। 🙂

  10. Nathulal Dabi says:

    All over I congratulations for all team for the
    marvoulus job n skills
    Thanks again and again

  11. vaghasiya vishal says:

    8 अक्टूबर को सुबह 10:35 पर 1140 CE ₹48 पर ट्रेड कर रहा था और इंप्लाइड वोलैटिलिटी 40.26% थी। 1140 PE ₹45 पर ट्रेड कर रहा था, इंप्लाइड वोलैटिलिटी 8% थी। कुल मिलाकर दोनों का प्रीमियम ₹95 प्रति लॉट मिला।

    aya pe 8% ki jagah 48% hona sahia

    • Kulsum Khan says:

      सूचित करने के लिए धन्यवाद हम इसको सही करदेंगे।

  12. RAHUL says:

    how can i download hindi pdf for module 5 and 6.
    is it available like english version.

  13. VK JAISWAL says:

    आप सभी का जितना भी धन्यवाद किया जाए शायद कम होगा।
    सच्चाई यह कि जब मैने वार्सिटी का प्रयोग करना शुरू किया था तो लगता था कि आप लोग थोड़ा सा पढ़ा कर फीस मांगेेंगे लेकिन जब ऐसा कुछ भी नहीं दिखा तो मैने अच्छे से पढ़ना शुरू किया और अब यह समझ में आ गया है कि आप सभी के रहते किसी के पास जाने की जरूरत नहीं हैं। क्योेंकि वार्सिटी इन सबका एक उत्तर है।

    इस टीम के अलावा मै मिस रुदिरा जी (जीरोधा की सदस्या) का भी बहुत बहुत धन्यवाद करना चाहूंगा जिन्होने मुझे वार्सिटी के बारें में बताया था।

    • Kulsum Khan says:

      आपके कृपालु शांदों के लिए धन्यवाद, पढ़ते रहिये और हमें सपोर्ट करते रहिये 🙂

  14. yuvraj says:

    sir ty maine pura pd chuka h

  15. LALIT SOMANI says:

    VARSITY ,
    ITS REALLY VERY VERY GOOD FOR ALL NEW USERS WHO WANT TO UNDERSTAND F & O .
    THANKS ENTIRE TEAM FOR THEIR EFFERTS.
    THANKS

  16. S kumar says:

    Your varsity app is no where in Zerodha . Today I opened so only small case app is showing . No where All other apps.

  17. Shankar Gambhire says:

    Thank You Team Zerodha for this powerful pack of option trading….

  18. Tushar Sharma says:

    Sir aap ne itna kuch kha se sikha

  19. Rajendra patidar says:

    इतनी अच्छी और विस्तृत जानकारी देने के लिए ज़ेरोधा की पूरी टीम को बहुत बहुत धन्यवाद, इस लेख को पढ़ने के बाद बहुत कुछ सीखने को मिला,वरना इस लेख को पढ़ने से पहले तीर में तुक्का लगा रहे थे हम। 1 बार फिर से धन्यवाद आपका🙏🙏🙏

  20. Zubair says:

    Bank nifty me strike price select karte time kya dekhte hain..mean delta ya aur kuch kitna hona chahiye.

    • Kulsum Khan says:

      हमने इसको इसी अध्याय में समझाया है कृपया इसको पूरा पढ़ें।

  21. HARESH PATEL says:

    IN 23.2 > इस ट्रेड पर मेरी राय –
    1. चार्ट के नजरिए से देखें तो यह विचा ठीक था कि रैली में थकावट आ रही है। इसके आधार पर मैं कॉल ऑप्शन को खरीदने के बजाए कॉल ऑप्शन को बेचना पसंद करता।

    YHA PE कॉल ऑप्शन को खरीदने KI JAGAH PE PUT OPTION को खरीदने AAE GA ?????
    HERE INSTEAD OF CALL OPTION PURCHASE IT SHOULD BE PUT OPTION PURCHASE ????

    • Kulsum Khan says:

      सूचित करने के लिए धन्यवाद हमने इसको सही करदिया है।

  22. Sandeep Rathva says:

    Thnx for zerodha teem

  23. Saurabh Singh says:

    8% should be 48% in infosys q2 result example

  24. santosh singh says:

    Thanks a lot to you and zeroda family for providing such an excellent content for becoming successful option trader.

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